प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज स्वामी चिन्मयानन्द की जन्म शताब्दी के अवसर पर एक स्मृति सिक्का जारी किया। इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने स्वामी चिन्मयानन्द द्वारा शिक्षा और समाज सुधार के क्षेत्र में किये गये अग्रणी कार्य का स्मरण किया।
उन्होंने स्वामी चिन्मयानन्द को एक दूरदर्शी व्यक्ति बताया जिन्होंने कुलीन वर्ग के उन लोगों को अंग्रेजी माध्यम से भारत की महान संस्कृति और आध्यात्मिक परम्पराओं के बारे में समझाने की जरूरत महसूस की जो इस विरासत से दूर हो गए थे।
स्वामी चिन्मयानन्द के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब स्वामीजी गीता के बारे में बात करते थे तो वे एक ज्ञान-मार्गी (ज्ञान के पथ का अनुसरण करने वाले) बन जाते थे और जब वे अपने स्कूलों तथा अस्पतालों में कार्य करते थे तो वे एक कर्म-मार्गी (कार्य के मार्ग का अनुसरण करने वाले) बन जाते थे। उन्होंने कहा कि इस तरह से स्वामी चिन्मयानन्द का जीवन दूसरों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है।
प्रधानमंत्री ने स्वामी चिन्मयानन्द के साथ अपनी मुलाकातों का स्मरण करते हुए कहा कि यह एक बहुत गर्व की बात है कि उनकी जन्म शताब्दी के अवसर पर एक स्मृति सिक्का जारी किया जा रहा है।
केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली, वित्त राज्य मंत्री श्री जयंत सिन्हा, चिन्मया मिशन के वैश्विक प्रमुख स्वामी तेजोमायानन्द, चिन्मया युवा केन्द्र के राष्ट्रीय निदेशक स्वामी मित्रानन्द भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
While releasing a commemorative coin to mark the birth centenary of Swami Chinmayananda, my mind went back to my interactions with Swami ji.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 8, 2015
We remember Swami Chinmayananda as an embodiment of Gyaan, Karma & Bhakti. http://t.co/kLZ4DujszN pic.twitter.com/3VYd2IG1QK
— Narendra Modi (@narendramodi) May 8, 2015