संयुक्त राष्ट्र में तत्काल सुधार और पुनरुद्धार की आवश्यकता पर बल ;
वैश्विक आतंकवाद पर व्यापक संधि को जल्दी स्वीकार करने का आहवान ;
कहा पाकिस्तान को द्विपक्षीय वार्ता के लिए सतत माहौल बनाना चाहिए ;
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का सुझाव
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में तत्काल सुधारों और पुनरुद्धार की आवश्यकता पर बल दिया है क्योंकि यह संगठन अपने अस्तित्व के 70वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।
न्यूयार्क में 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में प्रधानमंत्री ने सभी सदस्य देशों से संयुक्त राष्ट्र सुधारों की प्रतिबद्धता को पूरा करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह ऐसा संस्थान है जिससे बीसवीं सदी के जोखिम अप्रासंगिक होने की विवशता झलकती है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति सेना को पुनः व्यवस्थिति करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि शांति सेना में योगदान करने के लिए अपने सैनिक भेजने वाले देशों को निर्णय लेने में अधिक भूमिका दी जानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का 70 वां वर्ष इस बात का अवसर होना चाहिए कि सब कुछ हासिल कर लिया गया है और भविष्य के लिए खाका तैयार होना चाहिए। उन्होंने शामिल विश्वविद्यालयों और युवाओं से बदलाव की इस प्रक्रिया में शामिल होने को कहा। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की अपनी चुनौतियां हैं तथा संयुक्त राष्ट्र से समकालीन वास्तविकताओं की झलक मिलनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने जी समूह के देशों के अनेक समूहों में उभरने का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें जी-आल की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए तथा देखना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र को कैसे ज्यादा प्रभावशाली बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अरबों लोग बुनियादी सुविधाओं, पेय जल और बिजली से वंचित हैं। इसलिए यह विचार करना चाहिए कि वैश्विक स्तर पर संगठित रूप से कितना काम करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद का मुद्दा मजबूती से उठाया। उन्होंने कहा कि दुनिया का कोई भी देश आज इससे सुरक्षित नहीं है। उन्होंने अच्छे आतंकवाद और बुरे आतंकवाद जैसे शब्दों के इस्तेमाल की निंदा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ देश अब भी आतंकवाद को पाल-पोस रहे हैं तथा आतंकवाद को स्टेट पॉलिसी के औजार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने वैश्विक आतंकवाद पर व्यापक संधि तुरंत अपनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यह मुद्दा बहुत समय लंबित है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पड़ोसियों के साथ दोस्ती और सहयोग को प्राथमिकता दी है तथा पाकिस्तान के लिए भी वैसी ही नीति है। उन्होंने कहा कि वह आतंकवाद की छाया के बिना शांति के माहौल में पूरी गंभीरता के साथ आपसी संबंधों पर वार्ता चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वार्ता के लिए समुचित माहौल तैयार करना पाकिस्तान पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि अभी कश्मीर के बाढ़ प्रभावित लोगों को की सहायता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए तथा इसके लिए उन्होंने पाकिस्तान को भी सहायता का प्रस्ताव दिया है।
प्रधानमंत्री ने भारत को ऐसे देश के रूप में रेखांकित किया जो सबको न्याय, प्रतिष्ठा, अवसर और समृद्धि के लिए खड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ बातचीत भारत के दर्शन में निहित है। उन्होंने सुझाव दिया कि संयुक्त राष्ट्र को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने पर कार्य करना चाहिए।
श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समझौते के लिए प्रत्येक पक्ष की चिंताओं और हितों को ध्यान में रखना चाहिए।
इस पहले प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय देखा और संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के साथ बैठक की।
Our future is linked very closely with our neighbours. That is why from first day we extended hand of friendship to our neighbours: PM
— PMO India (@PMOIndia) September 27, 2014
We have to give full strength to UN Peacekeeping: PM @narendramodi at @UN
— PMO India (@PMOIndia) September 27, 2014