‘कोविड-19’ एक जीवन पर्यन्त चुनौती है, जिससे नए और अभिनव तरीकों से निपटने की आवश्यकता है: प्रधानमंत्री
पत्रकारों, कैमरामैनों और टेक्निशियनों की अथक मेहनत राष्ट्र की महान सेवा है: प्रधानमंत्री
मीडिया को सकारात्मक संवाद के जरिए निराशावाद एवं घबराहट को समाप्त करना चाहिए: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘कोविड-19’ के फैलने से उत्पन्न विकट चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनलों के प्रमुख हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया।
प्रधानमंत्री ने पहले ही दिन से इस महामारी के खतरे की गंभीरता को व्यापक रूप में समझने के लिए मीडिया का धन्यवाद किया और इस बारे में जागरूकता बढ़ाने में चैनलों द्वारा निभाई गई अहम भूमिका की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने पत्रकारों, कैमरामैनो और टेक्निशियनों के समर्पण भाव एवं प्रतिबद्धता की सराहना की, जो देश भर में विभिन्न क्षेत्रों में जाकर और न्यूजरूम में डटकर अथक परिश्रम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने उनकी इस कड़ी मेहनत को राष्ट्र सेवा की संज्ञा दी है। उन्होंने कुछ चैनलों के अभिनव आइडिया जैसे कि घर से ही एंकरिंग की व्यवस्था करने की भी प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री ने ‘कोविड-19’ को एक जीवन पर्यन्त चुनौती करार देते हुए कहा कि इससे नए और अभिनव तरीकों से निपटने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एक लंबी लड़ाई हमारे सामने है, अत: ‘सामाजिक दूरी या एक-दूसरे से दूरी रखने’ के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना अत्यंत जरूरी है और इसके साथ ही चैनलों के लिए यह भी आवश्यक है कि वे नवीनतम घटनाक्रमों एवं प्रमुख सरकारी फैसलों से आम जनता को बड़ी तेजी से एवं प्रोफेशनल तौर पर आसानी से समझ में आने वाली भाषा में अवगत कराएं।
उन्होंने कहा कि चैनलों को एक ओर तो यह सुनिश्चित करना है कि लोग सदैव सतर्क रहें एवं लापरवाही न बरतें और दूसरी ओर सकारात्मक संचार या संवाद के जरिए लोगों में फैले निराशावाद एवं घबराहट को समाप्त करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सदैव प्रेरित रखना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि वे ही इस लड़ाई में नेतृत्व कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि समाचार चैनल दरअसल आवश्यक जानकारियों या फीडबैक का एक महत्वपूर्ण साधन हैं, और सरकार निरंतर इस फीडबैक पर काम कर रही है। उन्होंने चैनलों को ये सुझाव भी दिए कि फील्ड–वर्क कर रहे संवाददाताओं या पत्रकारों को विशेष बूम माइक प्रदान करें और साक्षात्कार लेते समय कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखने जैसी सावधानियां बरतें।
उन्होंने चैनलों को विज्ञान संबंधी रिपोर्टों या सूचनाओं से अधिक से अधिक लोगों को अवगत कराने, बिल्कुल सटीक जानकारी रखने वाले लोगों को अपनी चर्चाओं में शामिल करने और गलत सूचनाओं के प्रसार की समस्या से निपटने को भी कहा। उन्होंने वायरस को फैलने से रोकने के लिए नागरिकों के अनुशासन और सामाजिक दूरी बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया।
मीडिया जगत के प्रतिनिधियों ने इस गंभीर चुनौती से निपटने में प्रधानमंत्री के नेतृत्व और कड़ी मेहनत के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को इस महामारी का सामना करने में उनके साथ मिलकर काम करने का आश्वासन दिया।
आम जनता के साथ प्रधानमंत्री के भावनात्मक जुड़ाव का उल्लेख करते हुए इन प्रतिनिधियों ने उनसे राष्ट्र को और भी अधिक बार संबोधित करने और सकारात्मक गाथाओं, विशेषकर कोविड-19 को मात देने वाले लोगों के अनुभवों को अपने संबोधन में शामिल करने का अनुरोध किया। इन प्रतिनिधियों ने कहा कि पत्रकारों की जांच करने के लिए एक ऐसा विशेष विभाग स्थापित किया जा सकता है जिसमें डॉक्टर चाबीसों घंटे उपलब्ध रहें। इससे महामारी से जुड़ी अफवाहों से भी निपटने में मदद मिलेगी। यह सुझाव भी दिया गया कि प्रसार भारती को हर दिन दो बार प्रामाणिक जानकारी देनी चाहिए जिसका उपयोग अन्य टीवी चैनल कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने महत्वपूर्ण सुझाव और बहुमूल्य जानकारियां देने के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने चैनलों से अनुरोध किया कि वे डिजिटल भुगतान के तरीकों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाएं, ताकि करेंसी नोटों के माध्यम से वायरस के फैलने से बचा जा सके। उन्होंने चैनलों को विज्ञान संबंधी रिपोर्टों या सूचनाओं का व्यापक उपयोग कर भी अंधविश्वास फैलने की समस्या का सामना करने को कहा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव ने आवश्यक सूचनाएं सक्रियतापूर्वक साझा करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को कवर करने वाले पत्रकारों का धन्यवाद किया। उन्होंने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए सरकार की श्रेणीबद्ध उपाय प्रणाली (ग्रेडेड रेस्पांस सिस्टम) और चुनौतियों का सामना करने हेतु क्षमता निर्माण के लिए निरंतर किए जा रहे प्रयासों का एक अवलोकन प्रस्तुत किया।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक ने कहा कि परीक्षण (टेस्टिंग) रणनीति के तहत श्रेणीबद्ध या क्रमिक कदमों पर अमल किया गया है, और इसके साथ ही परीक्षण किटों के लिए अनुमोदन में तेजी लाई गई है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री; सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव और प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संगठनों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों तथा संपादकों ने इस अत्यंत महत्वपूर्ण विचार-विमर्श में भाग लिया।
I have been having a series of video conference interactions with various stakeholders on tackling the COVID-19 menace. Today, I interacted with those associated with the electronic media and heard their insightful views. #IndiaFightsCoronahttps://t.co/IJUnkeZmhX
— Narendra Modi (@narendramodi) March 23, 2020
The media world has played a great role in spreading awareness on subjects related to COVID-19. I salute all those media persons who have been reporting from the ground as well as in the newsroom. Happy to see channels facilitating 'work from home arrangements' for their teams.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 23, 2020
Even greater caution, zero carelessness.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 23, 2020
Urged electronic media to counter misinformation related to COVID-19, which is creating panic. Also urged them to take relevant precautions in their own organisations especially when their team members do on ground reporting.
One thing I specially requested all media houses to do is to keep reiterating the importance of social distancing and being indoors.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 23, 2020
I urge them to keep stating- #StayHome.