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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बावलियाली धाम कार्यक्रम को संबोधित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बावलियाली धाम कार्यक्रम को संबोधित किया


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो संदेश के माध्यम से गुजरात के भरवाड़ समाज से संबंधित बावलियाली धाम के कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किए। सभा को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने महंत श्री राम बापू जी, समुदाय के अग्रणी व्यक्तियों और उपस्थित हजारों भक्तों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने भरवाड़ समुदाय की परंपराओं और इन परंपराओं को कायम रखने के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले पूज्य संतों और महंतों को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की। ऐतिहासिक महाकुंभ से जुड़ी अपार खुशी और गौरव का उल्लेख करते हुए, श्री मोदी ने इस पवित्र आयोजन के दौरान महंत श्री राम बापू जी को महामंडलेश्वर की उपाधि दिए जाने के महत्वपूर्ण अवसर पर अपने विचार रखे तथा इसे सभी के लिए एक बड़ी उपलब्धि और अपार खुशी का स्रोत बताया। उन्होंने महंत श्री राम बापू जी और समुदाय के परिवारों को उनके योगदान और उपलब्धियों पर ख़ुशी व्यक्त करते हुए अपनी शुभकामनाएं दीं।

श्री मोदी ने कहा कि पिछले सप्ताह के दौरान, भावनगर की धरती भगवान कृष्ण के वृंदावन में बदल गई थी। उन्होंने समुदाय द्वारा आयोजित भागवत कथा पर प्रकाश डालते हुए, माहौल को भक्ति से भरा हुआ बताया, जहां लोग कृष्ण के सार में डूब गए थे। उन्होंने कहा, “बावलियाली केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि भरवाड़ समुदाय और कई अन्य लोगों के लिए आस्था, संस्कृति और एकता का प्रतीक है।”

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, नागा लाखा ठाकुर के आशीर्वाद से, बावलियाली का पवित्र स्थान हमेशा भरवाड़ समुदाय को सच्ची दिशा और असीम प्रेरणा प्रदान करता है। उन्होंने श्री नागा लाखा ठाकुर मंदिर के पुनः अभिषेक के स्वर्णिम अवसर पर प्रकाश डाला और इसे एक महत्वपूर्ण अवसर बताया। उन्होंने पिछले सप्ताह के दौरान आयोजित किए गए जीवंत समारोहों का उल्लेख किया तथा समुदाय के उत्साह और ऊर्जा की प्रशंसा की। उन्होंने हजारों महिलाओं द्वारा किए गए रास पर टिप्पणी की और इसे वृंदावन का जीवंत अवतार और आस्था, संस्कृति और परंपरा का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण बताया। उन्होंने इसे अपार आनंद और संतुष्टि का स्रोत बताया। उन्होंने कार्यक्रमों में भाग लेने वाले कलाकारों के योगदान पर प्रकाश डाला, जिन्होंने कार्यक्रमों को जीवंत बनाया और समाज को समय पर संदेश दिया। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि समुदाय को भागवत कथा के माध्यम से मूल्यवान संदेश मिलते रहेंगे। उन्होंने इसमें शामिल सभी लोगों की हार्दिक सराहना की और कहा कि उनके प्रयास अनंत प्रशंसा के पात्र हैं।

इस पावन अवसर पर आमंत्रित करने के लिए महंत श्री राम बापू जी और बावलियाली धाम कार्यक्रम के आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने संसदीय प्रतिबद्धताओं के कारण व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने में अपनी असमर्थता व्यक्त की। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे भविष्य में श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए वहाँ आएंगे।

श्री मोदी ने भरवाड़ समुदाय और बावलियाली धाम के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों पर प्रकाश डाला तथा समुदाय के सेवा के प्रति समर्पण, प्रकृति के प्रति उनके प्रेम और गौ रक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना करते हुए इन मूल्यों को शब्दों से परे बताया। उन्होंने समुदाय के भीतर गहराई से गूंजने वाली साझा भावना पर टिप्पणी की।

नागा लाखा ठाकुर की विरासत को रेखांकित करते हुए श्री मोदी ने उनके योगदान को सेवा और प्रेरणा का प्रतीक बताया। उन्होंने ठाकुर के प्रयासों के स्थायी प्रभाव पर प्रकाश डाला, जिन्हें सदियों बाद भी याद किया जाता है और मनाया जाता है। उन्होंने गुजरात में चुनौतीपूर्ण समय, विशेष रूप से गंभीर सूखे की अवधि के दौरान पूज्य ईसु बापू द्वारा की गई उल्लेखनीय सेवाओं के बारे में अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा किया। उन्होंने धंधुका और रामपुर जैसे क्षेत्रों में होने वाली भारी कठिनाइयों का उल्लेख किया, जहाँ पानी की कमी लंबे समय से चली आ रही समस्या थी। उन्होंने पीड़ितों के लिए पूज्य ईसु बापू की निस्वार्थ सेवा की प्रशंसा की, इसे गुजरात भर में मान्यता दी जाने वाली और पूजनीय दैवीय कार्य बताया। प्रधानमंत्री ने विस्थापित समुदायों के कल्याण, उनके बच्चों की शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण और गिर गायों के संरक्षण के लिए ईसु बापू के समर्पण पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ईसु बापू के काम का हर पहलू सेवा और करुणा की गहरी परंपरा को दर्शाता है।

कड़ी मेहनत और त्याग के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए भरवाड़ समुदाय की सराहना करते हुए तथा उनकी निरंतर प्रगति और सहनशीलता पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने समुदाय के साथ अपने पिछले संवादों को याद किया, जहाँ उन्होंने उन्हें लाठी चलाने के बदले कलम पकड़ने के लिए प्रोत्साहित किया, जो शिक्षा के महत्व का प्रतीक है। उन्होंने इस दृष्टिकोण को अपनाने के लिए भरवाड़ समुदाय की नई पीढ़ी पर गर्व व्यक्त किया, जिसमें बच्चे शिक्षा के माध्यम से आगे बढ़ रहे हैं। श्री मोदी ने आगे की प्रगति पर प्रकाश डाला और कहा कि अब समुदाय की बेटियों को भी अपने हाथों में कंप्यूटर पकड़ना चाहिए। उन्होंने प्रकृति और संस्कृति के रक्षक के रूप में समुदाय की भूमिका पर जोर दिया, और उनकी “अतिथि देवो भव” परंपरा के साक्षात स्वरुप की सराहना की। उन्होंने भरवाड़ समुदाय के अनूठे मूल्यों का उल्लेख किया, जहाँ संयुक्त परिवारों में बुजुर्गों की देखभाल की जाती है, जो ईश्वर की सेवा के समान सेवा की भावना को दर्शाता है। आधुनिकता को अपनाते हुए परंपराओं को संरक्षित करने में समुदाय के प्रयासों को स्वीकार करते हुए, श्री मोदी ने विस्थापित परिवारों के बच्चों के लिए छात्रावास की सुविधा प्रदान करने और समुदाय को वैश्विक स्तर पर नए अवसरों से जोड़ने जैसी पहलों की सराहना की। उन्होंने समुदाय की लड़कियों के खेलों में आगे बढ़ने की इच्छा व्यक्त की और गुजरात के खेल महाकुंभ के दौरान सामने आयी उनकी क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने मवेशी पालन के प्रति समुदाय के समर्पण पर भी जोर दिया, विशेष रूप से गिर गाय की नस्ल को संरक्षित करने में उनके प्रयासों पर की सराहना की, जिसने देश को गौरव दिलाया है। उन्होंने गिर गायों की वैश्विक मान्यता पर टिप्पणी की और समुदाय से अपने बच्चों के प्रति वैसी ही देखभाल और चिंता दिखाने का आग्रह किया, जैसा वे अपने पशुओं के प्रति दिखाते हैं।

श्री मोदी ने भरवाड़ समुदाय के साथ अपने गहरे संबंधों पर जोर देते हुए उन्हें अपना परिवार और भागीदार बताया। उन्होंने बावलियाली धाम में एकत्रित लोगों के बारे में विश्वास व्यक्त किया कि समुदाय अगले 25 वर्षों में उनके विकसित भारत के सपने का समर्थन करेगा। उन्होंने सामूहिक प्रयासों के महत्व पर प्रकाश डाला और लाल किले से अपने व्यक्तव को दोहराते हुए कहा कि “सबका प्रयास” देश की सबसे बड़ी ताकत है। प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के निर्माण की दिशा में पहले कदम के रूप में गांवों को विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने खुरपका और मुंहपका रोग से निपटने हेतु पशुओं के लिए सरकार के मुफ्त टीकाकरण कार्यक्रम पर प्रकाश डाला और समुदाय से अपने मवेशियों के लिए नियमित टीकाकरण सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने इस पहल को करुणा का कार्य और ईश्वरीय आशीर्वाद प्राप्त करने का एक तरीका बताया। श्री मोदी ने पशुपालकों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की शुरुआत का भी उल्लेख किया, जिससे उन्हें अपने व्यवसाय के विस्तार के लिए कम ब्याज वाले ऋण प्राप्त करने में मदद मिलेगी। उन्होंने देशी मवेशियों की नस्लों के संरक्षण के महत्व पर जोर दिया तथा उनके संरक्षण और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में राष्ट्रीय गोकुल मिशन पर प्रकाश डाला। उन्होंने समुदाय से इन कार्यक्रमों का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने वृक्षारोपण के महत्व को दोहराया और समुदाय को अपनी माताओं के सम्मान में वृक्ष लगाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इसे धरती माता के स्वास्थ्य को बहाल करने का एक तरीका बताया, जो अत्यधिक उपयोग और रासायनिक इस्तेमाल के कारण पीड़ित है। उन्होंने प्राकृतिक खेती के महत्व पर जोर दिया और समुदाय से भूमि को फिर से जीवंत करने के लिए इस प्रथा को अपनाने का आग्रह किया। श्री मोदी ने भरवाड़ समुदाय के सेवा के प्रति समर्पण की प्रशंसा की और मिट्टी को मजबूत करने के लिए मवेशियों के गोबर की क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत के प्रयासों की सराहना की और समुदाय से इस उद्देश्य में योगदान देने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने भरवाड़ समुदाय को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दीं और सभी पर नागा लाखा ठाकुर का आशीर्वाद बने रहने की प्रार्थना की। उन्होंने बावलियाली धाम से जुड़े सभी व्यक्तियों की भलाई और प्रगति की आशा व्यक्त की। श्री मोदी ने शिक्षा के महत्व पर जोर दिया और समुदाय के बच्चों, विशेषकर बेटियों से शैक्षणिक रूप से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने और एक मजबूत समाज में योगदान देने का आग्रह किया। उन्होंने टिप्पणी की कि आधुनिकता और ताकत के माध्यम से समुदाय को सशक्त बनाना ही आगे का रास्ता है। उन्होंने इस शुभ अवसर का हिस्सा बनने के लिए खुशी और आभार व्यक्त करते हुए अपने भाषण का समापन किया तथा स्वीकार किया कि व्यक्तिगत रूप से उनकी उपस्थिति से उन्हें और भी अधिक खुशी मिलती।

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