प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज असम के गुवाहाटी में मेगा झुमोर कार्यक्रम झुमोर बिनंदिनी 2025 में भाग लिया। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में ऊर्जा, उत्साह और उमंग से भरा माहौल था। उन्होंने झुमोर के सभी कलाकारों द्वारा की गई शानदार तैयारियों का उल्लेख किया, जिसमें चाय के बागानों की खुशबू और सुंदरता झलक देखने को मिली थी। उन्होंने कहा कि जिस तरह लोगों का झूमर और चाय बागानों की संस्कृति से विशेष जुड़ाव है, उसी तरह उनका भी झुमोर से जुड़ाव है। उन्होंने कहा कि आज इतनी बड़ी संख्या में कलाकारों द्वारा झूमर नृत्य प्रस्तुत करने से एक रिकॉर्ड बनेगा। 2023 में असम की अपनी यात्रा को याद किया जब 11,000 कलाकारों द्वारा बिहू नृत्य प्रस्तुत करने का रिकॉर्ड बनाया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उनके लिए एक अविस्मरणीय स्मृति है और उन्होंने कहा कि वे इसी तरह के आकर्षक प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने एक शानदार सांस्कृतिक प्रदर्शन के आयोजन के लिए असम सरकार और राज्य के मुख्यमंत्री को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज असम के लिए गर्व का दिन है, जिसमें चाय से जुड़े समुदाय और आदिवासी लोग समारोह में भाग ले रहे हैं। उन्होंने इस विशेष दिन पर सभी को शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह के भव्य आयोजन न केवल असम के गौरव का प्रमाण हैं, बल्कि भारत की महान विविधता को भी दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि एक समय था जब असम और पूर्वोत्तर को विकास और संस्कृति के मामले में नजरअंदाज किया जाता था। उन्होंने यह भी कहा कि अब वे खुद पूर्वोत्तर संस्कृति के ब्रांड एंबेसडर बन गए हैं। उन्होंने कहा कि वह असम के काजीरंगा में रहने वाले और दुनिया के सामने इसकी जैव विविधता को बढ़ावा देने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ महीने पहले असमिया भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया था, जो एक ऐसी पहचान है जिसका असम के लोग दशकों से इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, चराई देउ मोइदम को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है, जो उनकी सरकार के प्रयासों की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
श्री मोदी ने असम के गौरव और बहादुर योद्धा लाचित बोरफुकन के बारे में बात की, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ असम की संस्कृति और पहचान की रक्षा की। उन्होंने लाचित बोरफुकन की 400वीं जयंती के भव्य समारोह पर प्रकाश डाला और उल्लेख किया कि उनकी झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में भी शामिल किया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि असम में लाचित बोरफुकन की 125 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा स्थापित की गई है। उन्होंने आदिवासी समाज की विरासत का जश्न मनाने के लिए जनजातीय गौरव दिवस की शुरुआत का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी वीरों के योगदान को अमर बनाने के लिए देश भर में आदिवासी संग्रहालय स्थापित किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने असम के विकास और ‘चाय जनजाति‘ समुदाय की सेवा करने की बात कहते हुए असम चाय निगम के कर्मचारियों की आय बढ़ाने के लिए बोनस की घोषणा के बारे में बताया। उन्होंने चाय बागानों में काम करने वाली लगभग 1.5 लाख महिलाओं को दी जा रही सहायता पर जोर दिया, जिन्हें गर्भावस्था के दौरान वित्तीय चिंताओं को दूर करने के लिए 15,000 रुपये मिलते हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, असम सरकार परिवारों के स्वास्थ्य के लिए चाय बागानों में 350 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर खोल रही है। श्री मोदी ने कहा कि चाय जनजाति के बच्चों के लिए 100 से अधिक आदर्श चाय बागान स्कूल खोले गए हैं और 100 और स्कूल खोलने की योजना है। उन्होंने चाय जनजाति के युवाओं के लिए ओबीसी कोटे में 3% आरक्षण के प्रावधान तथा असम सरकार द्वारा स्वरोजगार के लिए 25,000 रुपये की सहायता का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि चाय उद्योग और इसके श्रमिकों के विकास से असम के समग्र विकास को गति मिलेगी तथा पूर्वोत्तर को नई ऊंचाइयां हासिल होंगी। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को उनके आगामी प्रदर्शन के लिए अग्रिम धन्यवाद दिया तथा उन्हें शुभकामनाएं दीं।
इस कार्यक्रम में असम के राज्यपाल श्री लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, असम के मुख्यमंत्री श्री हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय मंत्री डॉ. एस जयशंकर, श्री सर्बानंद सोनोवाल, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री पबित्र मार्गेरिटा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
झुमोर बिनंदिनी (मेगा झुमोर) 2025 एक शानदार सांस्कृतिक उत्सव है जिसमें 8,000 कलाकार असम चाय जनजाति और असम के आदिवासी समुदायों का एक लोक नृत्य कहे जाने वाले झुमोर नृत्य में भाग लेते हैं, जो समावेशिता, एकता और सांस्कृतिक गौरव की भावना को दर्शाता है और असम के समन्वित सांस्कृतिक मिश्रण का प्रतीक है। मेगा झुमोर कार्यक्रम चाय उद्योग के 200 वर्षों और असम में औद्योगीकरण के 200 वर्षों का प्रतीक है।
Delighted to be amongst the wonderful people of Assam at the vibrant Jhumoir Binandini programme. Grateful for the warmth and affection. https://t.co/fER1Jfg2cf
— Narendra Modi (@narendramodi) February 24, 2025
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एमजी/आरपीएम/केसी/एमपी
Delighted to be amongst the wonderful people of Assam at the vibrant Jhumoir Binandini programme. Grateful for the warmth and affection. https://t.co/fER1Jfg2cf
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PM @narendramodi participated in the Jhumoir Binandini programme in Guwahati, Assam. Here are a few glimpses. pic.twitter.com/e4ffqf5EJm
— PMO India (@PMOIndia) February 24, 2025
Every moment of Jhumoir Binandini was pure magic! This was an experience that touched the soul.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 24, 2025
As we celebrate 200 years of Assam Tea, this programme beautifully merges history, culture and emotion.
The culture of the tea tribes, their spirit and their deep connection to the… pic.twitter.com/7BxtdNyCqB
I call upon people across India to know more about Jhumoir and the exceptional culture of the tea tribes. Today’s programme will be remembered as a monumental effort in this direction. pic.twitter.com/2DXEfYFRcB
— Narendra Modi (@narendramodi) February 24, 2025
ঝুমইৰ বিনন্দিনীৰ প্ৰতিটো মুহূৰ্ত যাদুৰ দৰে লাগিল! এয়া এক অন্তৰস্পৰ্শী অভিজ্ঞতা আছিল।
— Narendra Modi (@narendramodi) February 24, 2025
আমি অসমৰ চাহৰ ২০০ বছৰ উদযাপন কৰাৰ সময়ত এই অনুষ্ঠানত ইতিহাস, সংস্কৃতি আৰু আৱেগৰ সুন্দৰ মিশ্ৰণ ঘটিছে।
চাহ জনগোষ্ঠীৰ সংস্কৃতি, তেওঁলোকৰ উদ্যম আৰু এই ভূমিৰ সৈতে তেওঁলোকৰ গভীৰ সংযোগ সকলো আজি… pic.twitter.com/0j44v8vgi5
ভাৰতবৰ্ষৰ সকলো জনসাধাৰণক ঝুমইৰ আৰু চাহ জনজাতিসকলৰ ব্যতিক্ৰমী সংস্কৃতিৰ বিষয়ে অধিক জানিবলৈ আহ্বান জনাইছো। আজিৰ অনুষ্ঠানটো এই দিশত এক মহত্বপূৰ্ণ প্ৰচেষ্টা হিচাপে স্মৰণীয় হৈ থাকিব। pic.twitter.com/knn8Em1dq7
— Narendra Modi (@narendramodi) February 24, 2025