प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में भारत टेक्स 2025 को संबोधित किया। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी भी देखी। उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत टेक्स 2025 में सभी का स्वागत किया और कहा कि आज भारत मंडपम भारत टेक्स के दूसरे संस्करण का साक्षी बन रहा है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन हमारी विरासत के साथ-साथ विकसित भारत की संभावनाओं की झलक भी दिखा रहा है, जो भारत के लिए गर्व का विषय है। श्री मोदी ने कहा, “भारत टेक्स अब एक जबरदस्त वैश्विक टेक्सटाइल कार्यक्रम बन गया है।” उन्होंने कहा कि इस बार मूल्य श्रृंखला के स्पेक्ट्रम से संबंधित सभी बारह समुदाय इस आयोजन का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि एक्सेसरीज, गारमेंट्स, मशीनरी, केमिकल्स और रंगों की भी प्रदर्शनी लगाई गई थी। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत टेक्स दुनिया भर के नीति निर्माताओं, सीईओ और उद्योग जगत के नेताओं के लिए व्यवसाय, सहयोग और साझेदारी का एक मजबूत मंच बन रहा है। उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन में शामिल सभी हितधारकों के प्रयासों की सराहना की।
श्री मोदी ने कहा, “आज भारत टेक्स में 120 से अधिक देश भाग ले रहे हैं।” उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि प्रत्येक प्रदर्शक को 120 से अधिक देशों के सामने प्रदर्शित करने का मौका मिला, जिससे उन्हें स्थानीय से वैश्विक स्तर पर अपने व्यवसाय का विस्तार करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि नए बाजारों की तलाश करने वाले उद्यमियों को विभिन्न वैश्विक बाजारों की सांस्कृतिक आवश्यकताओं का अच्छा अनुभव मिल रहा है। कार्यक्रम में आयोजित प्रदर्शनी में अपनी यात्रा को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने कई स्टॉल देखे और उद्यमियों से बातचीत की। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि अनेक प्रतिभागियों ने पिछले साल भारत टेक्स में शामिल होने के अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बड़े पैमाने पर नए खरीदार पाने और अपने व्यवसाय का विस्तार करने की सूचना दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आयोजन कपड़ा क्षेत्र में निवेश, निर्यात और समग्र विकास को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा दे रहा है। श्री मोदी ने बैंकिंग क्षेत्र से कपड़ा क्षेत्र के उद्यमियों की जरूरतों को पूरा करने का आग्रह किया ताकि उनके व्यवसाय का विस्तार करने में मदद मिल सके तथा रोजगार और अवसर पैदा हो सकें।
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत टेक्स हमारे पारंपरिक परिधानों के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करता है।” उन्होंने कहा कि पूर्व से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण तक, भारत में पारंपरिक परिधानों की एक विस्तृत श्रृंखला है। उन्होंने विभिन्न प्रकार के परिधानों पर प्रकाश डाला, जैसे लखनवी चिकनकारी, राजस्थान और गुजरात से बांधनी, गुजरात से पटोला, वाराणसी से बनारसी सिल्क, दक्षिण से कांजीवरम सिल्क और जम्मू-कश्मीर से पश्मीना। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि हमारे कपड़ा उद्योग की विविधता और विशिष्टता को बढ़ावा देने और इसके विकास को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के आयोजनों का यह सही समय है।
पिछले साल उन्होंने कपड़ा उद्योग के लिए पाँच कारकों पर चर्चा की थी: खेत, फाइबर, कपड़ा, फैशन और विदेशी, इस पर प्रकाश डालते हुए श्री मोदी ने कहा कि यह विज़न भारत के लिए एक मिशन बन रहा है, जो किसानों, बुनकरों, डिजाइनरों और व्यापारियों के लिए विकास के नए रास्ते खोल रहा है। उन्होंने बताया, “पिछले साल भारत ने कपड़ा और परिधान निर्यात में 7 प्रतिशत की वृद्धि देखी, और अब यह दुनिया में कपड़ा और परिधानों का छठा सबसे बड़ा निर्यातक है।” उन्होंने कहा कि भारत का कपड़ा निर्यात ₹3 लाख करोड़ तक पहुँच गया है, जिसे 2030 तक ₹9 लाख करोड़ तक बढ़ाने का लक्ष्य है।
इस बात पर जोर देते हुए कि कपड़ा क्षेत्र में सफलता एक दशक के लगातार प्रयासों और नीतियों का परिणाम है, प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले एक दशक में कपड़ा क्षेत्र में विदेशी निवेश दोगुना हो गया है। उन्होंने कहा, “कपड़ा उद्योग देश में रोजगार के सबसे बड़े अवसरों में से एक है, जो भारत के विनिर्माण क्षेत्र में 11 प्रतिशत का योगदान देता है।” उन्होंने इस बजट में घोषित मिशन मैन्युफैक्चरिंग का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में निवेश और विकास से करोड़ों कपड़ा श्रमिकों को लाभ मिल रहा है।
श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि चुनौतियों का समाधान करना और भारत के कपड़ा क्षेत्र की क्षमता को साकार करना उनकी प्रतिबद्धता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले दशक के प्रयास और नीतियां इस वर्ष के बजट में परिलक्षित होती हैं। उन्होंने कहा कि एक विश्वसनीय कपास आपूर्ति सुनिश्चित करने और भारतीय कपास को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाने और मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने के लिए, कपास उत्पादकता मिशन की घोषणा की गई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि तकनीकी वस्त्र जैसे उभरते उद्योगों और स्वदेशी कार्बन फाइबर और इसके उत्पादों को बढ़ावा देने पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। उन्होंने टिप्पणी की कि भारत उच्च श्रेणी के कार्बन फाइबर के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि कपड़ा क्षेत्र के लिए आवश्यक नीतिगत निर्णय लिए जा रहे हैं। उन्होंने इस वर्ष के बजट में एमएसएमई के वर्गीकरण मानदंडों के विस्तार और ऋण उपलब्धता में वृद्धि पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी जोर दिया कि एमएसएमई से 80 प्रतिशत योगदान वाले कपड़ा क्षेत्र को इन उपायों से बहुत लाभ होगा।
श्री मोदी ने कहा, “कोई भी क्षेत्र उत्कृष्टता तभी हासिल करता है जब उसके पास कुशल कार्यबल हो और कपड़ा उद्योग में कौशल की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।” उन्होंने कहा कि कुशल प्रतिभाओं का एक समूह बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, उन्होंने कौशल के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केन्द्रों की भूमिका पर प्रकाश डाला और उल्लेख किया कि समर्थ योजना मूल्य श्रृंखला के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने में सहायता कर रही है। प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी के युग में हथकरघा शिल्प कौशल की प्रामाणिकता बनाए रखने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने हथकरघा कारीगरों के कौशल और अवसरों को बढ़ाने के प्रयासों पर प्रकाश डाला, ताकि उनके उत्पाद वैश्विक बाजारों तक पहुँच सकें। उन्होंने कहा, “पिछले 10 वर्षों में, हथकरघा को बढ़ावा देने के लिए 2400 से अधिक बड़े विपणन कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।” उन्होंने हथकरघा उत्पादों के ऑनलाइन विपणन को बढ़ावा देने के लिए भारत-हस्तनिर्मित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के निर्माण का भी उल्लेख किया, जिसने हजारों हथकरघा ब्रांडों को पंजीकृत किया है। प्रधानमंत्री ने हथकरघा उत्पादों के लिए जीआई टैगिंग के महत्वपूर्ण लाभों की ओर इशारा किया।
पिछले साल भारत टेक्स कार्यक्रम के दौरान टेक्सटाइल स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज की शुरुआत की गई थी, जिसमें कपड़ा क्षेत्र के लिए युवाओं से अभिनव टिकाऊ समाधान आमंत्रित किए गए थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश भर से युवा प्रतिभागियों ने इस चैलेंज में सक्रिय रूप से भाग लिया और विजेताओं को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि इन युवा इनोवेटर्स का सहयोग करने के इच्छुक स्टार्टअप को भी आमंत्रित किया गया है। उन्होंने पिच फेस्ट के लिए आईआईटी मद्रास, अटल इनोवेशन मिशन और कई प्रमुख निजी कपड़ा संगठनों के समर्थन को स्वीकार किया, जो देश में स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देगा। श्री मोदी ने युवाओं को नए तकनीकी-वस्त्र स्टार्टअप लाने और नए विचारों पर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने सुझाव दिया कि कपड़ा उद्योग नए उपकरण विकसित करने के लिए आईआईटी जैसे संस्थानों के साथ सहयोग कर सकता है। उन्होंने देखा कि नई पीढ़ी आधुनिक फैशन के रुझानों के साथ-साथ पारंपरिक परिधानों की भी सराहना कर रही है। इसलिए, उन्होंने परंपरा को नवाचार के साथ जोड़ने और वैश्विक स्तर पर नई पीढ़ी को आकर्षित करने के लिए पारंपरिक परिधानों से प्रेरित उत्पादों को लॉन्च करने के महत्व पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने नए प्रचलनों की खोज और नई शैलियों को बनाने में प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका का भी जिक्र किया, जिसमें एआई एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक खादी को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं एआई का उपयोग करके फैशन के रुझानों का भी विश्लेषण किया जा रहा है। उन्होंने गुजरात के पोरबंदर में खादी उत्पादों के एक फैशन शो के आयोजन को याद किया, जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। श्री मोदी ने खादी को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ‘खादी राष्ट्र के लिए’ थी, लेकिन अब इसे ‘खादी फैशन के लिए’ होना चाहिए।
श्री मोदी ने दुनिया की फैशन राजधानी के रूप में मशहूर, पेरिस की अपनी हाल की यात्रा के बारे में बताया, जहाँ विभिन्न मुद्दों पर दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण साझेदारियाँ बनीं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि चर्चाओं में पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन जैसे विषय शामिल थे, जिसमें एक स्थायी जीवन शैली के महत्व की वैश्विक समझ पर जोर दिया गया, जिसका फैशन की दुनिया पर भी प्रभाव पड़ता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “दुनिया पर्यावरण और सशक्तिकरण के लिए फैशन की दूरदर्शिता को अपना रही है, और भारत इस संबंध में नेतृत्व कर सकता है”। उन्होंने खादी, आदिवासी वस्त्र और प्राकृतिक रंगों के उपयोग जैसे उदाहरणों का हवाला देते हुए बताया कि स्थिरता हमेशा से भारतीय वस्त्र परंपरा का एक अभिन्न अंग रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की पारंपरिक टिकाऊ तकनीकों को अब अत्याधुनिक तकनीकों के साथ बढ़ाया जा रहा है, जिससे कारीगरों, बुनकरों और उद्योग से जुड़ी लाखों महिलाओं को लाभ मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कपड़ा उद्योग में संसाधनों के अधिकतम उपयोग और बचे हुए रद्दी कपड़े के उत्पादन को न्यूनतम करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने “फास्ट फैशन वेस्ट” के मुद्दे पर प्रकाश डाला, जहां बदलते रुझानों के कारण हर महीने लाखों कपड़े फेंक दिए जाते हैं, जिससे पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर खतरा पैदा होता है। उन्होंने कहा कि 2030 तक फैशन वेस्ट 148 मिलियन टन तक पहुंच सकता है, जिसमें आज एक चौथाई से भी कम रद्दी कपड़े का पुनर्चक्रण किया जाता है। श्री मोदी ने कहा कि भारत का कपड़ा उद्योग इस चिंता को अवसर में बदल सकता है, कपड़ा पुनर्चक्रण और अप-साइक्लिंग में देश के विविध पारंपरिक कौशल का लाभ उठा सकता है। उन्होंने पुराने या बचे हुए कपड़ों से चटाई, गलीचे और कवर बनाने और महाराष्ट्र में फटे कपड़ों से भी बढ़िया रजाई बनाने जैसे उदाहरणों की ओर इशारा किया। उन्होंने जोर दिया कि इन पारंपरिक कलाओं में नवाचार से वैश्विक बाजार के अवसर पैदा हो सकते हैं। उन्होंने घोषणा की कि कपड़ा मंत्रालय ने अप-साइक्लिंग को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक उद्यमों और ई-मार्केटप्लेस के स्थायी सम्मेलन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें कई अप-साइक्लर पहले ही पंजीकृत हो चुके हैं। नवी मुंबई और बैंगलोर जैसे शहरों में घर-घर जाकर रद्दी कपड़े इकट्ठा करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप्स को इन प्रयासों में शामिल होने, अवसरों का पता लगाने और वैश्विक बाजार में अग्रणी बनने के लिए शुरुआती कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने अनुमान लगाया कि भारत का कपड़ा रीसाइक्लिंग बाजार अगले कुछ वर्षों में 400 मिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है, जबकि वैश्विक पुनर्नवीनीकरण कपड़ा बाजार 7.5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सही दिशा के साथ, भारत इस बाजार में बड़ी हिस्सेदारी हासिल कर सकता है।
श्री मोदी ने कहा कि सदियों पहले जब भारत समृद्धि के शिखर पर था, तब कपड़ा उद्योग ने उस समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जैसे-जैसे भारत विकसित भारत बनने के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ेगा, कपड़ा क्षेत्र एक बार फिर प्रमुख भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत टेक्स जैसे आयोजन इस क्षेत्र में भारत की स्थिति को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए अपने संबोधन का समापन किया कि यह आयोजन सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करता रहेगा और हर साल नई ऊंचाइयों को छुएगा।
इस अवसर पर केन्द्रीय कपड़ा मंत्री श्री गिरिराज सिंह और कपड़ा राज्य मंत्री श्री पबित्रा मार्गेरिटा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
भारत टेक्स 2025, एक जबरदस्त वैश्विक आयोजन है, जो 14-17 फरवरी तक भारत मंडपम में आयोजित किया जा रहा है। यह अनूठा है क्योंकि यह कच्चे माल से लेकर तैयार उत्पादों तक की संपूर्ण कपड़ा मूल्य श्रृंखला को एक ही स्थान पर ले आया है।
भारत टेक्स प्लेटफॉर्म कपड़ा उद्योग का सबसे बड़ा और सबसे व्यापक आयोजन है, जिसमें दो स्थानों पर फैला एक मेगा एक्सपो शामिल है और पूरे कपड़ा इकोसिस्टम को प्रदर्शित करता है। इसमें 70 से अधिक सम्मेलन सत्र, गोलमेज, पैनल चर्चा और मास्टर क्लासेस वाले वैश्विक स्तर के सम्मेलन भी शामिल हैं। इसमें प्रदर्शनियाँ शामिल हैं जिनमें विशेष नवाचार और स्टार्टअप मंडप शामिल होंगे। इसमें हैकाथन आधारित स्टार्टअप पिच फेस्ट और इनोवेशन फेस्ट, टेक टैंक और डिज़ाइन चैलेंज भी शामिल हैं जो प्रमुख निवेशकों के माध्यम से स्टार्टअप के लिए फंडिंग के अवसर प्रदान करते हैं।
भारत टेक्स 2025 में नीति निर्माताओं और वैश्विक सीईओ, 5000 से अधिक प्रदर्शकों, 120 से अधिक देशों के 6000 अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और अन्य आगंतुकों के आने की उम्मीद है। अंतर्राष्ट्रीय वस्त्र निर्माता संघ (आईटीएमएफ), अंतर्राष्ट्रीय कपास सलाहकार समिति (आईसीएसी), यूराटेक्स, टेक्सटाइल एक्सचेंज, यूएस फैशन इंडस्ट्री एसोसिएशन (यूएसएफआईए) सहित दुनिया भर के 25 से अधिक प्रमुख वैश्विक कपड़ा निकाय और संघ भी भाग लेंगे।
***
एमजी/केसी/केपी
Earlier today, attended #BharatTex2025, which showcases India’s textile diversity. I talked about the strong potential of the textiles sector and highlighted our Government’s efforts to support the sector. pic.twitter.com/ah0ANZMCN1
— Narendra Modi (@narendramodi) February 16, 2025