प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में ‘भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025’ का उद्घाटन किया। यह भारत का सबसे बड़ा मोबिलिटी एक्सपो है। प्रधानमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए लगातार तीसरी बार उनकी सरकार को चुनने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस साल के एक्सपो का दायरा काफी बड़ा हो गया है क्योंकि यह आयोजन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दो अन्य स्थानों पर भी हो रहा है। पिछले वर्ष इस आयोजन में आठ सौ से अधिक प्रदर्शक और डेढ लाख से अधिक लोग आए थे। श्री मोदी ने कहा कि अगले 5 दिनों में कई नए वाहन लॉन्च किए जाएंगे और कार्यक्रम में कई प्रतिनिधि शामिल होंगे जिससे पता चलता है कि भारत में मोबिलिटी के भविष्य को लेकर काफी सकारात्मकता है। आयोजन स्थल पर प्रदर्शनी देखने का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत का ऑटोमोटिव उद्योग शानदार है और भविष्य के लिए तैयार है। उन्होंने सभी को अपनी शुभकामनाएं भी दीं।
प्रधानमंत्री ने इस भव्य आयोजन के दौरान श्री रतन टाटा और श्री ओसामु सुजुकी को याद किया। उन्होंने कहा कि भारतीय ऑटो सेक्टर के विकास के साथ-साथ भारत के मध्यम वर्गीय परिवारों के सपनों को पूरा करने में इन दोनों दिग्गजों का योगदान बहुत बड़ा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उनकी विरासत भारत के पूरे मोबिलिटी सेक्टर को प्रेरित करती रहेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं और युवाओं की ऊर्जा से प्रेरित होकर भारत का ऑटोमोबाइल क्षेत्र अभूतपूर्व परिवर्तन देख रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में भारतीय ऑटो उद्योग में लगभग 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने आगे कहा कि “मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड” के मंत्र के चलते निर्यात बढ़ रहा है। श्री मोदी ने कहा कि भारत में सालाना बिकने वाली कारों की संख्या कई देशों की आबादी से भी ज़्यादा है। उन्होंने कहा कि एक साल में लगभग 2.5 करोड़ कारों की बिक्री भारत में लगातार बढ़ती मांग को दर्शाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह वृद्धि दर्शाती है कि जब मोबिलिटी के भविष्य की बात आती है तो भारत को इतनी अधिक उम्मीदों के साथ क्यों देखा जाता है।
श्री मोदी ने कहा कि भारत वर्तमान में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और तीसरा सबसे बड़ा यात्री वाहन बाजार है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत वैश्विक स्तर पर शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने की ओर अग्रसर होगा, देश के ऑटो बाजार में अभूतपूर्व परिवर्तन और विस्तार देखने को मिलेगा। प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि भारत में मोबिलिटी के भविष्य को कई कारक संचालित करते हैं जिनमें देश की बड़ी युवा आबादी, बढ़ता मध्यम वर्ग, तेजी से शहरीकरण, आधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास और मेक इन इंडिया पहल के माध्यम से किफायती वाहन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये कारक सामूहिक रूप से भारत में ऑटो क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देते हैं।
ऑटो उद्योग के विकास के लिए आवश्यकता के साथ-साथ आकांक्षाओं के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में ये दोनों ही मौजूद हैं और इस बात पर बल दिया कि भारत कई दशकों तक दुनिया का सबसे युवा देश बना रहेगा जहां युवा सबसे बड़ा ग्राहक आधार होगा। उन्होंने कहा कि यह बड़ी युवा जनसांख्यिकी, उल्लेखनीय मांग पैदा करेगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि एक अन्य प्रमुख ग्राहक आधार भारत का मध्यम वर्ग है और पिछले एक दशक में 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकले हैं जिससे एक नव-मध्यम वर्ग का निर्माण हुआ है जो अपना पहला वाहन खरीद रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे प्रगति जारी रहेगी, यह समूह नए वाहन खरीदेगा जिससे ऑटो सेक्टर को लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अच्छी और चौड़ी सड़कों की कमी, कभी भारत में कार न खरीदने का एक कारण हुआ करती थी लेकिन अब स्थिति बदल रही है। उन्होंने कहा कि यात्रा-सुगमता अब भारत के लिए एक बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पिछले साल के बजट में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 11 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि आवंटित की गई थी। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि पूरे भारत में मल्टी-लेन हाईवे और एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान ने मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को गति दी है और लॉजिस्टिक्स लागत को कम किया है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति भारत को वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी लॉजिस्टिक्स लागत वाला देश बनाएगी। उन्होंने कहा कि ये प्रयास ऑटो उद्योग के लिए कई नए अवसर खोल रहे हैं और देश में वाहनों की बढ़ती मांग का एक महत्वपूर्ण कारण हैं।
श्री मोदी ने कहा कि अच्छे बुनियादी ढांचे के साथ-साथ नई तकनीक को भी अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फास्टैग ने भारत में ड्राइविंग के अनुभव को बहुत आसान बना दिया है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड भारत में निर्बाध यात्रा के प्रयासों को और मजबूत कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अब कनेक्टेड वाहनों और स्वचालित ड्राइविंग में तेजी से प्रगति के साथ स्मार्ट मोबिलिटी की ओर बढ़ रहा है।
भारत के ऑटो उद्योग की विकास क्षमता में मेक इन इंडिया पहल की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएलआई योजनाओं ने मेक इन इंडिया अभियान को नई गति दी है जिससे 2.25 लाख करोड़ रुपए से अधिक की बिक्री में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि इस योजना ने इस क्षेत्र में 1.5 लाख से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित किए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑटो क्षेत्र में रोजगार सृजन का अन्य क्षेत्रों पर भी कई गुना प्रभाव पड़ा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एमएसएमई क्षेत्र द्वारा बड़ी संख्या में ऑटो पार्ट्स का निर्माण किया जाता है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे ऑटो क्षेत्र का विस्तार होता है, एमएसएमई, लॉजिस्टिक्स, पर्यटन और परिवहन क्षेत्रों में भी नए रोजगार सृजित होते हैं।
श्री मोदी ने हर स्तर पर ऑटो सेक्टर को सरकार द्वारा दी गई सहायता का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले एक दशक में इस उद्योग में एफडीआई, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और वैश्विक भागीदारी के नए रास्ते स्थापित किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों में ही इस क्षेत्र ने 36 बिलियन डॉलर से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा कई गुना बढ़ने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री ने भारत में ऑटो विनिर्माण के लिए एक पूर्ण तंत्र विकसित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
“मोबिलिटी सॉल्यूशन के लिए सात सी” यानि कॉमन, कनेक्टेड, कन्वेनिएंट, कंजेशन-फ्री, चार्ज्ड, क्लीन और कटिंग-एज के अपने विजन को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इसी दृष्टिकोण के अंतर्गत ग्रीन मोबिलिटी पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसी मोबिलिटी प्रणाली का निर्माण कर रहा है जो अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी-दोनों का समर्थन करती है जिससे जीवाश्म ईंधन के आयात की लागत में कमी आती है। उन्होंने कहा कि हरित प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रिक वाहन, हाइड्रोजन ईंधन और जैव ईंधन के विकास पर महत्वपूर्ण ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन जैसी पहल इसी विजन को ध्यान में रखकर शुरू की गई हैं।
भारत में पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के तेजी से हुए विकास का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि पिछले एक दशक में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 640 गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि दस साल पहले जहां सालाना केवल 2,600 इलेक्ट्रिक वाहन ही बेचे जाते थे, वहीं 2024 में 16.80 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि आज एक दिन में बिकने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या एक दशक पहले पूरे साल में बिकने वाले वाहनों की संख्या से दोगुनी है। प्रधानमंत्री ने अनुमान व्यक्त किया है कि इस दशक के अंत तक भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या आठ गुना बढ़ सकती है, जो इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री ने देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के विस्तार के लिए सरकार द्वारा निरंतर रूप से लिए गए नीतिगत निर्णयों और दिए गए सहायता पर बल देते हुए कहा कि पांच साल पहले शुरू की गई फेम-2 योजना के अंतर्गत 8,000 करोड़ रुपए से अधिक के प्रोत्साहन प्रदान किए थे। उन्होंने कहा कि इस राशि का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए सब्सिडी देने और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए किया गया था। इसके तहत 5,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों सहित 16 लाख से अधिक ईवी की खरीद के लिए सहायता दी गई थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई 1,200 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली में चल रही हैं। प्रधानमंत्री ने तीसरे कार्यकाल में पीएम ई-ड्राइव योजना की शुरुआत पर प्रकाश डाला जिसके अंतर्गत दोपहिया, तिपहिया, ई-एम्बुलेंस और ई-ट्रकों सहित लगभग 28 लाख ईवी की खरीद में सहायता देगी। उन्होंने यह भी कहा कि लगभग 14,000 इलेक्ट्रिक बसें भी खरीदी जाएंगी और विभिन्न वाहनों के लिए देश भर में 70,000 से अधिक फास्ट चार्जर लगाए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि देशभर के छोटे शहरों में लगभग 38,000 ई-बसों के संचालन के लिए तीसरे कार्यकाल में पीएम ई-बस सेवा शुरू की गई है। इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए सरकार द्वारा प्रदान किए गए निरंतर सहायता का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक कारों के विनिर्माण में रुचि रखने वाले वैश्विक निवेशकों के लिए द्वार खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि ये उपाय गुणवत्तापूर्ण इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण तंत्र का विस्तार करने और भारत में मूल्य श्रृंखला बनाने में मदद करेंगे।
ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए सौर ऊर्जा और वैकल्पिक ईंधन को लगातार बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान, हरित भविष्य पर बहुत जोर दिया गया था। उन्होंने कहा कि भारत में ईवी और सौर ऊर्जा, दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण काम किया जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएम सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना, छतों पर सोलर पैनल लगाए जाने के लिए एक प्रमुख मिशन है। प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में बैटरी और भंडारण प्रणालियों की बढ़ती मांग पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार ने उन्नत रसायन सेल बैटरी भंडारण को बढ़ावा देने के लिए 18,000 करोड़ रुपए की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना शुरू की है। श्री मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश के लिए यह सही समय है। उन्होंने देश के युवाओं से ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने उन नवाचारों पर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया जो भारत में उपलब्ध सामग्रियों का उपयोग करके बैटरी और भंडारण प्रणाली बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पहले से ही काफी काम किया जा रहा है लेकिन इसे मिशन मोड में आगे बढ़ाना आवश्यक है।
इस संबंध में केंद्र सरकार की स्पष्ट मंशा और प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए श्री मोदी ने कहा कि चाहें नई नीतियां बनाना हो या सुधारों को लागू करना हो, सरकार के प्रयास जारी हैं। वाहन निर्माताओं से वाहन स्क्रैपिंग नीति का लाभ उठाने का आग्रह करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि कंपनियां अधिक से अधिक लोगों को अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए स्वयं की प्रोत्साहन योजनाएं शुरू कर सकती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्रेरणा महत्वपूर्ण है और यह देश के पर्यावरण के लिए एक महत्वपूर्ण सेवा होगी।
प्रधानमंत्री ने इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया कि ऑटोमोटिव उद्योग, नवाचार और प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित है। उन्होंने कहा कि आने वाला समय पूर्वी देशों, एशिया और भारत का है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हर उस निवेशक के लिए एक बेहतरीन गंतव्य है जो मोबिलिटी के क्षेत्र में अपना भविष्य देखना चाहता है। अपना संबोधन समाप्त करते हुए श्री मोदी ने सभी को आश्वस्त किया कि सरकार पूरी तरह से सहयोग कर रही है। उन्होंने सभी को “मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” के मंत्र के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस कार्यक्रम में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी, केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री श्री मनोहर लाल, केन्द्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री श्री एच.डी. कुमारस्वामी, केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल, केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री जीतन राम मांझी, केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 का आयोजन 17 से 22 जनवरी, 2025 तक तीन अलग-अलग स्थानों – नई दिल्ली में भारत मंडपम और यशोभूमि तथा ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट पर किया जा रहा है। इसमें 9 से अधिक शो, 20 से अधिक सम्मेलन और पवेलियन आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा, एक्सपो में मोबिलिटी क्षेत्र में नीतियों और पहलों को प्रदर्शित करने के लिए राज्य सत्र भी आयोजित किए जाएंगे ताकि उद्योग और क्षेत्रीय स्तरों के बीच सहयोग को संभव बनाया जा सके।
भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 का उद्देश्य संपूर्ण मोबिलिटी मूल्य श्रृंखला को एक छतरी के नीचे लाना है। इस वर्ष के एक्सपो में वैश्विक महत्व पर विशेष जोर दिया गया है जिसमें दुनिया भर से प्रदर्शक और आगंतुक भाग ले रहे हैं। यह एक उद्योग-नेतृत्व वाली और सरकार द्वारा समर्थित पहल है और इसका समन्वय इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा विभिन्न उद्योग निकायों और साझेदार संगठनों के संयुक्त मदद से किया जा रहा है।
Speaking at the Bharat Mobility Global Expo 2025. Driven by the aspirations of the people, India’s automobile sector is witnessing an unprecedented transformation. @bharat_mobility
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The journey of Viksit Bharat is set to be one of unprecedented transformation and exponential growth in the mobility sector. pic.twitter.com/Z1T5KR5nUJ
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The strength of the Make in India initiative fuels the growth prospects of the country’s auto industry. pic.twitter.com/T1aVhDO1nM
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Today, India is focusing on the development of Green Technology, EVs, Hydrogen Fuel and Biofuels. pic.twitter.com/yWmey6vjlk
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India stands as an outstanding destination for every investor looking to shape their future in the mobility sector. pic.twitter.com/V57UcW0Oem
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