स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025 में भाग लिया। उन्होंने देश भर के 3,000 उत्साही युवा नेताओं के साथ संवाद किया। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए, उन्होंने भारत के युवाओं की उस जीवंत ऊर्जा पर प्रकाश डाला, जिसने भारत मंडपम में जीवंतता और ऊर्जा ला दी। उन्होंने कहा कि पूरा देश स्वामी विवेकानन्द, जिनका देश के युवाओं में असीम विश्वास था, को याद कर रहा है और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द का मानना था कि उनके शिष्य युवा पीढ़ी से होंगे, जो शेरों की तरह हर समस्या का समाधान करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें स्वामीजी एवं उनकी मान्यताओं पर ठीक वैसे ही पूरा विश्वास है, जैसे कि स्वामीजी को युवाओं पर विश्वास था। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें स्वामीजी पर पूरा भरोसा है, खासकर युवाओं के बारे में उनके दृष्टिकोण को लेकर। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अगर स्वामी विवेकानंद आज हमारे बीच होते, तो 21वीं सदी के युवाओं की जागृत शक्ति और सक्रिय प्रयासों को देखकर नए आत्मविश्वास से भर जाते।
भारत मंडपम में आयोजित जी-20 के कार्यक्रम को याद करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि विश्व के नेता जहां दुनिया के भविष्य पर चर्चा करने के लिए इस स्थान पर एकत्रित हुए थे, वहीं आज यहां भारत के युवा भारत के अगले 25 वर्षों के लिए रोडमैप तैयार कर रहे हैं। कुछ महीने पहले अपने आवास पर युवा एथलीटों से मुलाकात का एक किस्सा साझा करते हुए उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एक एथलीट ने कहा, “दुनिया के लिए, आप भले ही प्रधानमंत्री हैं, लेकिन हमारे लिए, आप परम मित्र हैं।” प्रधानमंत्री ने भारत के युवाओं के साथ अपनी दोस्ती के बंधन पर जोर देते हुए कहा कि दोस्ती में सबसे मजबूत कड़ी विश्वास है। उन्होंने युवाओं पर अपना असीम भरोसा व्यक्त किया, जिसने माई भारत के गठन और विकसित भारत युवा नेता संवाद की नींव रखने को प्रेरित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के युवाओं का सामर्थ्य जल्द ही भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाएगा। नकारात्मक लोगों के विचारों को खारिज करते हुए, उन्होंने स्वीकार किया कि हालांकि लक्ष्य महत्वपूर्ण है, लेकिन यह असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रगति के पहिये को चलाने वाले लाखों युवाओं के सामूहिक प्रयासों से राष्ट्र निस्संदेह अपने लक्ष्य तक पहुंचेगा।
श्री मोदी ने कहा, “इतिहास हमें सिखाता है और प्रेरित करता है” और ऐसे कई वैश्विक उदाहरणों पर प्रकाश डाला जहां राष्ट्रों एवं समूहों ने बड़े सपनों व संकल्पों के साथ अपने लक्ष्य हासिल किए। उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में 1930 के दशक के आर्थिक संकट का उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिकियों ने न्यू डील को चुना और न केवल संकट पर काबू पाया बल्कि अपने विकास को भी गति दी। उन्होंने सिंगापुर का भी उल्लेख किया, जिसने जीवन से जुड़े बुनियादी संकटों का सामना किया लेकिन अनुशासन और सामूहिक प्रयास के जरिए एक वैश्विक वित्तीय और व्यापार केन्द्र के रूप में उभरा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में भी स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता के बाद खाद्य संकट पर काबू पाने जैसे उदाहरण मौजूद हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बड़े लक्ष्य निर्धारित करना और उन्हें समय सीमा के भीतर हासिल करना असंभव नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्पष्ट लक्ष्य के बिना कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता और आज का भारत इसी मानसिकता के साथ काम कर रहा है।
पिछले दशक में दृढ़ संकल्प के माध्यम से लक्ष्यों को प्राप्त करने के कई उदाहरणों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने खुले में शौच से मुक्त होने का संकल्प लिया और 60 महीनों के भीतर ही, 60 करोड़ नागरिकों ने इस लक्ष्य को हासिल कर लिया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में लगभग हर परिवार को अब बैंकिंग सेवाएं सुलभ हैं और महिलाओं की रसोई को धुएं से मुक्त करने के लिए 100 मिलियन से अधिक गैस कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इस तथ्य को रेखांकित हुए कि भारत विभिन्न क्षेत्रों में अपने लक्ष्यों को तय समय से पहले ही हासिल कर रहा है, श्री मोदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान, जब दुनिया टीकों के लिए जूझ रही थी, तब भारतीय वैज्ञानिकों ने समय से पहले एक टीका विकसित कर लिया। उन्होंने कहा कि इस भविष्यवाणी के बावजूद कि भारत में सभी को टीका लगाने में 3-4 वर्ष लग जायेंगे, देश ने रिकॉर्ड समय में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया। प्रधानमंत्री ने यह कहते हुए हरित ऊर्जा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला कि भारत पेरिस समझौते की प्रतिबद्धताओं को निर्धारित समय से नौ वर्ष पहले पूरा करने वाला पहला देश है। उन्होंने 2030 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य का भी उल्लेख किया, जिसे भारत समय सीमा से पहले ही हासिल करने वाला है। उन्होंने कहा कि इनमें से प्रत्येक सफलता एक प्रेरणा के रूप में काम करती है और भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य के करीब लाती है।
श्री मोदी ने कहा, “बड़े लक्ष्यों की प्राप्ति केवल सरकारी मशीनरी की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसके लिए प्रत्येक नागरिक का सामूहिक प्रयास आवश्यक है।” उन्होंने राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करने में विचार-विमर्श, दिशा और स्वामित्व के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत युवा नेता संवाद इस प्रक्रिया का उदाहरण है, जिसका नेतृत्व उन युवाओं ने किया जिन्होंने क्विज, निबंध प्रतियोगिताओं और प्रस्तुतियों में भाग लिया। उन्होंने विकसित भारत के लक्ष्य का स्वामित्व लेने के लिए युवाओं की सराहना की, जैसा कि जारी की गई निबंध की पुस्तक और उनके द्वारा समीक्षा की गई दस प्रस्तुतियों में परिलक्षित होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं द्वारा सुझाये गए समाधान वास्तविकता और अनुभव पर आधारित हैं, जो देश के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में उनकी व्यापक समझ को प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने युवाओं की व्यापक सोच और विशेषज्ञों, मंत्रियों एवं नीति निर्माताओं के साथ चर्चा में सक्रिय भागीदारी के लिए उनकी सराहना की। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि युवा नेता संवाद में प्रस्तुत विचार एवं सुझाव अब देश के विकास का मार्गदर्शन करने वाली राष्ट्रीय नीतियों का हिस्सा बनेंगे। उन्होंने युवाओं को बधाई दी और एक लाख नए युवाओं को राजनीति में लाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन्हें अपने सुझावों को लागू करने में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
विकसित भारत के अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुए और इसकी आर्थिक, सामरिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक शक्ति पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत में, अर्थव्यवस्था और इकोलॉजी दोनों ही विकसित होंगी, जिससे अच्छी शिक्षा और आय के कई अवसर मिलेंगे। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी एवं कुशल युवा श्रमशक्ति उपलब्ध होगी, जो उनके सपनों के लिए खुला आसमान प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रत्येक निर्णय, कदम और नीति को विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप होने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह भारत के लिए लंबी छलांग लगाने का क्षण है, क्योंकि देश आने वाले कई दशकों तक सबसे युवा राष्ट्र बना रहेगा। श्री मोदी ने कहा, “वैश्विक एजेंसियां भारत की जीडीपी को उल्लेखनीय रूप से बढ़ावा देने की युवाओं की क्षमता को पहचानती हैं।” युवाओं की शक्ति में विश्वास करने वाले महर्षि अरबिंदो, गुरुदेव टैगोर और होमी जे भाभा जैसे महान विचारकों का हवाला देते हुए, श्री मोदी ने कहा कि भारतीय युवा प्रमुख वैश्विक कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं और दुनिया भर में अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अगले 25 वर्ष, ‘अमृत काल’ महत्वपूर्ण हैं, और उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि युवा विकसित भारत के सपने को साकार करेंगे। उन्होंने स्टार्टअप जगत में भारत को शीर्ष तीन में लाने, मैन्यूफैक्चरिंग को आगे बढ़ाने, डिजिटल इंडिया को वैश्विक स्तर पर ऊपर उठाने और खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में युवाओं की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जब भारतीय युवा असंभव को संभव बनाते हैं, तो एक विकसित भारत का लक्ष्य निस्संदेह हासिल किया जा सकता है।
आज के युवाओं को सशक्त बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए, श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में जहां हर सप्ताह एक नया विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है, वहीं हर दिन एक नया आईटीआई स्थापित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि हर तीसरे दिन एक अटल टिंकरिंग लैब खोली गई और प्रतिदिन दो नए कॉलेज स्थापित किए गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में अब 23 आईआईटी हैं और पिछले दशक में आईआईआईटी की संख्या 9 से बढ़कर 25 हो गई है, और आईआईएम की संख्या 13 से 21 हो गई है। उन्होंने एम्स की संख्या में तीन गुना वृद्धि का भी उल्लेख किया और पिछले दस वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के शैक्षणिक संस्थान मात्रा और गुणवत्ता, दोनों ही मामले में उत्कृष्ट परिणाम दिखा रहे हैं और क्यूएस रैंकिंग में उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या 2014 में नौ से बढ़कर आज छियालीस हो गई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के शैक्षणिक संस्थानों का बढ़ता सामर्थ्य विकसित भारत का एक महत्वपूर्ण आधार है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए दैनिक लक्ष्यों और निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है।” उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। श्री मोदी ने कहा कि पिछले एक दशक में 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है और उनका मानना है कि जल्द ही पूरा देश गरीबी से मुक्त हो जाएगा। उन्होंने इस दशक के अंत तक 500 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने और 2030 तक रेलवे द्वारा शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन को संभव बनाने के भारत के लक्ष्य पर प्रकाश डाला।
अगले दशक में ओलंपिक की मेजबानी के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए और इसे हासिल करने के प्रति देश के समर्पण पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में तेजी से प्रगति कर रहा है, 2035 तक एक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना है। उन्होंने चंद्रयान की सफलता और गगनयान की चल रही तैयारी का उल्लेख किया, जिसका अंतिम लक्ष्य किसी भारतीय को चंद्रमा पर उतारना है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे लक्ष्यों को हासिल करने से 2047 तक विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त होगा।
प्रधानमंत्री ने दैनिक जीवन पर आर्थिक विकास के प्रभाव को रेखांकित करते हुए कहा कि जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था बढ़ती है, यह जीवन के सभी पहलुओं पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। उन्होंने याद दिलाया कि इस सदी के पहले दशक में, भारत एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गया था, लेकिन छोटे आर्थिक आकार के साथ कृषि बजट केवल कुछ हजार करोड़ का ही था और बुनियादी ढांचे का बजट एक लाख करोड़ से भी कम था। उन्होंने कहा कि उस समय अधिकांश गांवों में उपयुक्त सड़कों का अभाव था, राष्ट्रीय राजमार्गों और रेलवे की स्थिति खराब थी और देश के एक बड़े हिस्से में बिजली एवं पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं। श्री मोदी ने कहा कि दो ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के बाद, भारत का बुनियादी ढांचा बजट दो लाख करोड़ रुपये से भी कम था। हालांकि, देश में सड़कों, रेलवे, हवाई अड्डों, नहरों, गरीबों के लिए आवास, स्कूलों और अस्पतालों के मामले में महत्वपूर्ण सुधार हुए। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत तेजी से तीन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनता गया, हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी हो गई, वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें शुरू की गईं और बुलेट ट्रेन का सपना साकार होने लगा। उन्होंने कहा कि भारत ने विश्व स्तर पर 5जी की सबसे तेज शुरुआत के लक्ष्य को भी हासिल किया, हजारों ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड इंटरनेट का विस्तार किया गया और 300,000 से अधिक गांवों में सड़कें बनाई गईं। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं को 23 लाख करोड़ रुपये के गिरवी-मुक्त मुद्रा ऋण प्रदान किए गए और दुनिया की सबसे बड़ी मुफ्त स्वास्थ्य सेवा योजना, आयुष्मान भारत शुरू की गई। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि किसानों के बैंक खातों में हर वर्ष हजारों करोड़ रुपये सीधे जमा करने की योजना शुरू की गई और गरीबों के लिए चार करोड़ पक्के घर बनाए गए। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था बढ़ी, विकास गतिविधियों में तेजी आई, अधिक अवसर पैदा हुए और हर क्षेत्र एवं सामाजिक वर्ग पर खर्च करने की देश की क्षमता में वृद्धि हुई।
इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि भारत अब लगभग चार ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है और अपनी क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि कर रहा है, प्रधानमंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे का वर्तमान बजट 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक का है, जो एक दशक पहले की तुलना में लगभग छह गुना अधिक है और अकेले रेलवे पर 2014 के पूरे बुनियादी ढांचे के बजट की तुलना में अधिक खर्च किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह बढ़ा हुआ बजट भारत के बदलते परिदृश्य में स्पष्ट है, जिसका भारत मंडपम एक सुंदर उदाहरण है।
श्री मोदी ने कहा, “भारत तेजी से पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, जिससे विकास और सुविधाओं में काफी विस्तार होगा।” उन्होंने विश्वास जताया और अनुमान व्यक्त किया कि अगले दशक के अंत तक भारत दस ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा। उन्होंने यह कहते हुए युवाओं को अर्थव्यवस्था के बढ़ने के साथ पैदा होने वाले अनगिनत अवसरों के बारे में प्रोत्साहित किया कि उनकी पीढ़ी न केवल देश के इतिहास में सबसे बड़ा परिवर्तन लाएगी, बल्कि इसकी सबसे बड़ी लाभार्थी भी होगी। प्रधानमंत्री ने युवाओं को आरामपसंद होने से बचने, जोखिम लेने और अपने आराम वाले क्षेत्र से बाहर निकलने की सलाह दी, जैसा कि युवा नेता संवाद के प्रतिभागियों ने प्रदर्शित किया। उन्होंने कहा कि जीवन का यह मंत्र उन्हें सफलता की नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
भारत के भविष्य के रोडमैप को आकार देने में विकसित भारत युवा नेता संवाद की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए, श्री मोदी ने उस ऊर्जा, उत्साह और समर्पण की सराहना की जिसके साथ युवाओं ने इस संकल्प को अपनाया है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के विचार अमूल्य, उत्कृष्ट और सर्वोत्तम हैं। उन्होंने युवाओं से इन विचारों को देश के हर कोने में ले जाने और हर जिले, गांव और पड़ोस के अन्य युवाओं को विकसित भारत की भावना से जोड़ने का आग्रह किया। अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई और सभी को इस संकल्प के लिए जीने एवं खुद को समर्पित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने एक बार फिर देश के सभी युवाओं को राष्ट्रीय युवा दिवस की हार्दिक बधाई दी।
इस कार्यक्रम में केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री जयंत चौधरी एवं श्रीमती रक्षा खडसे सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
विकसित भारत युवा नेता संवाद का उद्देश्य राष्ट्रीय युवा महोत्सव को पारंपरिक तरीके से आयोजित करने की 25 वर्ष पुरानी परंपरा को तोड़ना है। यह प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस के उस आह्वान के अनुरूप है, जिसमें राजनीतिक संबद्धता के बिना एक लाख युवाओं को राजनीति में लाने और उन्हें विकसित भारत के अपने विचारों को साकार करने हेतु एक राष्ट्रीय मंच प्रदान करने की बात कही गई है। इसके अनुरूप, इस राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने देश के भावी नेताओं को प्रेरित, प्रोत्साहित और सशक्त बनाने के उद्देश्य डिजाइन की गई कई गतिविधियों में भाग लिया। नवोन्वेषी युवा नेताओं ने प्रधानमंत्री के समक्ष भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण दस विषयगत क्षेत्रों से संबंधित दस पावरपॉइंट प्रस्तुतियां दीं। ये प्रस्तुतियां भारत की कुछ सबसे गंभीर चुनौतियों से निपटने हेतु युवा नेताओं द्वारा प्रस्तावित नवीन विचारों एवं समाधानों को दर्शाती हैं।
प्रधानमंत्री ने दस विषयों पर प्रतिभागियों द्वारा लिखे गए सर्वश्रेष्ठ निबंधों का एक संकलन भी जारी किया। इन विषयों में प्रौद्योगिकी, स्थिरता, महिला सशक्तिकरण, मैन्यूफैक्चरिंग और कृषि जैसे विविध क्षेत्र शामिल हैं।
एक अनूठे माहौल में, युवा नेताओं को अपने विचारों, अनुभवों और आकांक्षाओं को सीधे साझा करने का अवसर प्रदान करते हुए प्रधानमंत्री उनके साथ दोपहर के भोजन पर शामिल हुए। यह व्यक्तिगत बातचीत शासन और युवाओं के आकांक्षाओं के बीच की खाई को पाटेगी, जिससे प्रतिभागियों के बीच स्वामित्व और जिम्मेदारी की गहरी भावना को बढ़ावा मिलेगा।
11 जनवरी से शुरू होने वाले इस संवाद के दौरान, युवा नेताओं ने विभिन्न प्रतियोगिताओं, गतिविधियों और सांस्कृतिक और विषयगत प्रस्तुतियों में भाग लिया। इसमें सलाहकारों और संबद्ध क्षेत्र के विशेषज्ञों के नेतृत्व में विषयों पर विचार-विमर्श भी शामिल है। भारत की आधुनिक प्रगति का प्रतीक होने के साथ-साथ भारत की कलात्मक विरासत को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।
विकसित भारत चैलेंज, जो देश भर से बेहद प्रेरित एवं उत्साही युवा प्रतिभाओं की पहचान व प्रदर्शित करने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार की गई, योग्यता-आधारित एक बहु-स्तरीय चयन प्रक्रिया है, के माध्यम से 3,000 उत्साही और प्रेरित युवाओं को विकसित भारत युवा नेता संवाद में भाग लेने के लिए चुना गया है। इसमें 15 से 29 वर्ष तक के प्रतिभागियों के तीन चरण शामिल थे। पहला चरण, विकसित भारत क्विज, भाग लेने हेतु सभी राज्यों के युवाओं के लिए 12 भाषाओं में आयोजित किया गया था और इसमें लगभग 30 लाख युवा प्रतिभाओं की भागीदारी हुई। क्विज के योग्य प्रतिभागी ने दूसरे चरण, निबंध दौर में पहुंचे, जहां उन्होंने “विकसित भारत” के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण दस महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए, जिसमें दो लाख से अधिक निबंध प्रस्तुत किए गए। तीसरे चरण, स्टेट राउंड में, प्रति विषय 25 उम्मीदवार कठिन व्यक्तिगत प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए पहुंचे। प्रत्येक राज्य ने प्रत्येक ट्रैक से अपने शीर्ष तीन प्रतिभागियों की पहचान की और दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ऊर्जावान टीमें बनायीं।
राज्य चैंपियनशिप की शीर्ष 500 टीमों का प्रतिनिधित्व करने वाले विकसित भारत चैलेंज ट्रैक के 1,500 प्रतिभागियों, राज्य-स्तरीय युवा उत्सवों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में नवाचार से संबंधित प्रदर्शनियों के माध्यम से चुने गए पारंपरिक ट्रैक के 1,000 प्रतिभागियों; और विभिन्न क्षेत्रों में अपने अभूतपूर्व योगदान के लिए आमंत्रित 500 पाथब्रेकर्स ने इस संवाद में भाग लिया।
India’s Yuva Shakti is driving remarkable transformations. The Viksit Bharat Young Leaders Dialogue serves as an inspiring platform, uniting the energy and innovative spirit of our youth to shape a developed India. #VBYLD2025 https://t.co/gjIqBbyuFU
— Narendra Modi (@narendramodi) January 12, 2025
The strength of India’s Yuva Shakti will make India a developed nation. pic.twitter.com/GoF0uLZK0g
— PMO India (@PMOIndia) January 12, 2025
India is accomplishing its goals in numerous sectors well ahead of time. pic.twitter.com/idaPkm6u83
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Achieving ambitious goals requires the active participation and collective effort of every citizen of the nation. pic.twitter.com/Edxnx84TSc
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भारत के युवा की सोच का विस्तार आसमान से भी ऊंचा है। pic.twitter.com/uHkgt8ZYEU
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A developed India will be one that is empowered economically, strategically, socially and culturally. pic.twitter.com/ieYuPmauIn
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भारत की युवाशक्ति विकसित भारत का सपना जरूर साकार करेगी। pic.twitter.com/oPHpGh7F6S
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एमजी/केसी/आर
India's Yuva Shakti is driving remarkable transformations. The Viksit Bharat Young Leaders Dialogue serves as an inspiring platform, uniting the energy and innovative spirit of our youth to shape a developed India. #VBYLD2025 https://t.co/gjIqBbyuFU
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Witnessing a series of insightful presentations on women empowerment, sports, culture, StartUps, infrastructure development and more at the Viksit Bharat Young Leaders Dialogue 2025! India is truly blessed to have such a talented Yuva Shakti. #VBYLD2025 pic.twitter.com/los1xTP20D
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आज देश तेजी से अपने लक्ष्यों को हासिल कर रहा है। बीते 10 वर्षों में देशवासियों ने संकल्प से सिद्धि के ऐसे कई बड़े उदाहरण देखे हैं… pic.twitter.com/UKEfo9kump
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विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग में हमारे युवा साथियों ने जो आइडियाज दिए हैं, उनमें हमारे देश की मिट्टी की महक है। pic.twitter.com/7PFiiP9DKf
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आज देश का युवा असंभव को संभव बना रहा है। इसलिए मैं पूरे आत्मविश्वास के साथ कह सकता हूं कि हमारी युवाशक्ति विकसित भारत का सपना जरूर साकार करेगी। pic.twitter.com/bmYKpR0PQY
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बीते 10 वर्षों में हमारे प्रयासों से 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं और वो दिन दूर नहीं है, जब पूरा भारत गरीबी से मुक्त होगा। pic.twitter.com/pKMSpoG0VW
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मैं आज पूरे विश्वास से कह रहा हूं कि हमारी युवा पीढ़ी ना सिर्फ देश के इतिहास का सबसे बड़ा परिवर्तन करेगी, बल्कि उसकी सबसे बड़ी लाभार्थी भी बनेगी। pic.twitter.com/O03icdLWZz
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विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग के मौके पर आयोजित प्रदर्शनी में अपने युवा साथियों के इनोवेटिव प्रयासों और अद्भुत प्रतिभा का साक्षी बना। pic.twitter.com/UErtAb1hqp
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The enthusiasm and optimism I saw also highlight the immense potential of our youth as changemakers driving the nation forward.
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I also told my young friends that the ownership of this Viksit Bharat movement is with them and the success of today’s programme further cements it! pic.twitter.com/ZavG1UihYj
India’s youth are the harbingers of a Viksit Bharat, brimming with innovation, passion and a deep commitment to the nation’s progress.
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The Viksit Bharat Young Leaders Dialogue illustrated this spirit. Today’s programme was one of the most memorable, where we collectively… pic.twitter.com/TToLIeIkKq