यह गर्व का क्षण है कि परम पावन पोप फ्रांसिस ने महामहिम जॉर्ज कूवाकड को पवित्र रोमन कैथोलिक चर्च का कार्डिनल बनाया है: प्रधानमंत्री
कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे कहां हैं या वे किस संकट का सामना कर रहे हैं, आज का भारत अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालना अपना कर्तव्य समझता है: प्रधानमंत्री
भारत अपनी विदेश नीति में राष्ट्रीय हित और मानव हित दोनों को प्राथमिकता देता है: प्रधानमंत्री
हमारे युवाओं ने हमें विश्वास दिलाया है कि विकसित भारत का सपना अवश्य पूरा होगा: प्रधानमंत्री
देश के भविष्य में हममें से प्रत्येक को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित सीबीसीआई सेंटर परिसर में कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में भाग लिया। पहली बार कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में शामिल हुआ है। प्रधानमंत्री ने कार्डिनल, बिशप और चर्च के प्रमुख नेताओं सहित ईसाई समुदाय के प्रमुख दिग्गजों से भी बातचीत की।
देश के नागरिकों और दुनिया भर के ईसाई समुदाय को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले वे केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के आवास पर क्रिसमस समारोह में शामिल हुए थे और आज कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल होकर उन्हें बहुत गर्व महसूस हो रहा है। यह अवसर विशेष रूप से खास है क्योंकि यह सीबीसीआई की 80वीं वर्षगांठ है। श्री मोदी ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर सीबीसीआई और इससे जुड़े सभी लोगों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने याद दिलाते हुए कहा कि पिछली बार उन्होंने प्रधानमंत्री आवास पर सीबीसीआई के साथ क्रिसमस मनाया था और आज सभी सीबीसीआई परिसर में एकत्र हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “मैंने ईस्टर के दौरान सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल चर्च का भी दौरा किया है और मैं आप सभी से मिले गर्मजोशी के लिए आभारी हूं। मैं परम पावन पोप फ्रांसिस से भी यही स्नेह महसूस करता हूं, जिनसे मैं इस वर्ष की शुरुआत में इटली में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान मिला था। तीन वर्ष में यह हमारी दूसरी मुलाकात थी। मैंने उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया।” प्रधानमंत्री ने कहा कि सितंबर में न्यूयॉर्क की अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन से मुलाकात की थी। ये आध्यात्मिक मुलाकातें सेवा के प्रति संकल्प को प्रेरित और मजबूत करती हैं।
प्रधानमंत्री ने महामहिम कार्डिनल जॉर्ज कूवाकाड के साथ अपनी हाल की मुलाकात को याद किया, जिन्हें हाल ही में परम पावन पोप फ्रांसिस द्वारा कार्डिनल की उपाधि से सम्मानित किया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के नेतृत्व में भारत सरकार ने इस कार्यक्रम में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजा था। श्री मोदी ने कहा, “जब कोई भारतीय ऐसी सफलता प्राप्त करता है, तो पूरा देश गौरवान्वित होता है। मैं एक बार फिर कार्डिनल जॉर्ज कूवाकाड को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं।”
प्रधानमंत्री ने कई यादें भी ताजा कीं, खास तौर पर एक दशक पहले जब फादर एलेक्सिस प्रेम कुमार को युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से बचाया गया था। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि फादर एलेक्सिस प्रेम कुमार को आठ महीने तक बंधक बनाकर रखा गया था और कठिन परिस्थिति के बावजूद सरकार ने उन्हें सुरक्षित घर वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “जब हम सफल हुए तो उनके परिवार की आवाज में जो खुशी थी, उसे मैं कभी नहीं भूल सकता। इसी तरह, जब फादर टॉम को यमन में बंधक बना लिया गया था, तो हमने उन्हें वापस लाने के लिए भी अथक प्रयास किए और मुझे उन्हें अपने घर आमंत्रित करने का सम्मान मिला। खाड़ी में संकट में फंसी नर्स बहनों को बचाने के हमारे प्रयास भी उतने ही अथक और सफल रहे।” श्री मोदी ने दोहराते हुए कहा कि ये प्रयास सिर्फ राजनयिक मिशन नहीं थे, बल्कि परिवार के सदस्यों को वापस लाने की भावनात्मक प्रतिबद्धता थी। आज का भारत, चाहे कोई भी भारतीय कहीं भी हो, संकट के समय उन्हें बचाना अपना कर्तव्य समझता है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की विदेश नीति राष्ट्रीय हितों के साथ-साथ मानवीय हितों को भी प्राथमिकता देती है, जैसा कि कोविड-19 महामारी के दौरान प्रदर्शित हुआ। जहां कई देशों ने अपने हितों पर ध्यान केंद्रित किया, वहीं भारत ने निस्वार्थ भाव से 150 से अधिक देशों की मदद की, दवाइयां और टीके भेजे। इसका वैश्विक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा, गुयाना जैसे देशों ने गहरा आभार व्यक्त किया। कई द्वीप राष्ट्र, प्रशांत राष्ट्र और कैरेबियाई देश भी भारत के मानवीय प्रयासों की प्रशंसा करते हैं। भारत का मानव-केंद्रित विजन 21वीं सदी में विश्व को ऊपर उठाने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि प्रभु ईसा मसीह की शिक्षाएं प्रेम, सद्भाव और भाईचारे पर जोर देती हैं और जब समाज में हिंसा और अशांति फैलती है तो उन्हें दुख होता है, जैसा कि हाल ही में जर्मनी के क्रिसमस बाजार में और श्रीलंका में वर्ष 2019 के ईस्टर बम विस्फोटों के दौरान देखा गया, जहां उन्होंने पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी।
श्री मोदी ने कहा कि यह क्रिसमस इसलिए भी खास है क्योंकि यह जुबली वर्ष की शुरुआत है, जो उम्मीद पर केंद्रित है। श्री मोदी ने कहा, “पवित्र बाइबल आशा को शक्ति और शांति, मानवता के लिए आशा, बेहतर दुनिया के लिए आशा और शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए आशा का स्रोत मानती है। हम भी आशा और सकारात्मकता से ही निर्देशित होते हैं।”
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले 10 वर्षों में भारत में 250 मिलियन लोगों ने गरीबी पर विजय प्राप्त की है, जो इस उम्मीद से प्रेरित है कि गरीबी पर विजय संभव है। भारत 10वीं से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तक पहुंच गया है, जो हमारे आत्मविश्वास और दृढ़ता का प्रमाण है। विकास का यह दौर युवाओं के लिए स्टार्ट-अप, विज्ञान, खेल और उद्यमिता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अवसरों के साथ भविष्य के लिए नई उम्मीद लेकर आया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत के आत्मविश्वासी युवा देश को प्रगति की ओर ले जा रहे हैं, जिससे हमें उम्मीद है कि विकसित भारत का सपना साकार होगा।”
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पिछले 10 वर्षों में भारत में महिलाओं ने उद्यमिता, ड्रोन, विमानन और सशस्त्र बलों जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय सशक्तिकरण हासिल किया है। उनकी प्रगति इस बात पर प्रकाश डालती है कि महिलाओं को सशक्त किए बिना कोई भी देश आगे नहीं बढ़ सकता। श्री मोदी ने कहा कि जैसे-जैसे अधिक महिलाएं कार्यबल और पेशेवर श्रम शक्ति में शामिल होती हैं, यह भारत के भविष्य के लिए नई उम्मीद लेकर आता है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने मोबाइल और सेमीकंडक्टर विनिर्माण जैसे नवीन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इससे देश में खुद को वैश्विक तकनीकी केंद्र के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि देश प्रौद्योगिकी और फिनटेक के माध्यम से गरीबों को सशक्त बना रहा है, जबकि नए एक्सप्रेसवे, ग्रामीण सड़क कनेक्शन और मेट्रो मार्गों के साथ अभूतपूर्व गति से इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहा है। ये उपलब्धियां भारत के भविष्य के लिए आशा और आशावाद को प्रेरित करती हैं और विश्व अब भारत को उसके तेज़ विकास और क्षमता में उसी विश्वास के साथ देख रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बाइबल हमें एक-दूसरे का बोझ उठाना सिखाती है, हमें एक-दूसरे की देखभाल करने और एक-दूसरे की भलाई के लिए ज़िम्मेदारी लेने के लिए प्रोत्साहित करती है। इस मानसिकता के साथ, संस्थाएं और संगठन समाज सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, चाहे नए स्कूल स्थापित करना हो, शिक्षा के माध्यम से समुदायों का उत्थान करना हो या जनता की सेवा के लिए स्वास्थ्य संबंधी पहल लागू करना हो। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों को सामूहिक जिम्मेदारियों के रूप में देखा जाता है।
प्रधानमंत्री ने दोहराते हुए कहा कि ईसा मसीह ने विश्व को करुणा और निस्वार्थ सेवा का मार्ग दिखाया। हम क्रिसमस मनाते हैं और ईसा मसीह को याद करते हैं ताकि हम इन मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात कर सकें और हमेशा अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता दें। यह न केवल हमारी व्यक्तिगत जिम्मेदारी है, बल्कि एक सामाजिक कर्तव्य भी है। श्री मोदी ने कहा, “आज देश इसी भावना के साथ ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। ऐसे कई विषय थे, जिनके बारे में पहले कभी नहीं सोचा गया था, लेकिन वे मानवीय दृष्टिकोण से सबसे आवश्यक थे। हमने उन्हें अपनी प्राथमिकता बनाया। हमने सरकार को कठोर नियमों और औपचारिकताओं से बाहर निकाला। हमने संवेदनशीलता को एक मानक के रूप में स्थापित किया। यह सुनिश्चित करना कि हर गरीब को पक्का घर मिले, हर गांव में बिजली पहुंचे, लोगों के जीवन से अंधेरा दूर हो, स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित करना कि पैसे की कमी के कारण कोई भी इलाज से वंचित न रहे। हमने एक संवेदनशील प्रणाली बनाई जो ऐसी सेवाओं और ऐसे शासन की गारंटी दे सकती है।”
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार की पहलों ने विभिन्न समुदायों का काफी उत्थान किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जब महिलाओं के नाम पर घर बनाए जाते हैं, तो इससे उनका सशक्तिकरण होता है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम ने संसद में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई है। श्री मोदी ने कहा कि दिव्यांग समुदाय, जो कभी हाशिए पर था, अब सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर रोजगार तक हर क्षेत्र में प्राथमिकता पर है। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास के लिए शासन में संवेदनशीलता महत्वपूर्ण है, जैसा कि एक अलग मत्स्य मंत्रालय के गठन और किसान क्रेडिट कार्ड और मत्स्य संपदा योजना जैसे कार्यक्रमों से पता चलता है, जिससे लाखों मछुआरों के जीवन में सुधार हुआ है और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “लाल किले की प्राचीर से मैंने ‘सबका प्रयास’ या सामूहिक प्रयास की बात की, जिसमें राष्ट्र के भविष्य को आकार देने में प्रत्येक व्यक्ति की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डाला गया। सामाजिक रूप से जागरूक भारतीय स्वच्छ भारत जैसे महत्वपूर्ण आंदोलनों को आगे बढ़ा रहे हैं, जिससे महिलाओं और बच्चों के लिए स्वच्छता और स्वास्थ्य परिणामों में सुधार हुआ है।” उन्होंने कहा कि बाजरा (श्री अन्न) को बढ़ावा देना, स्थानीय कारीगरों का समर्थन करना और ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान जैसी पहल गति पकड़ रही है, जो मां प्रकृति और हमारी माताओं दोनों का सम्मान करती है। ईसाई समुदाय के कई लोग भी इन प्रयासों में सक्रिय हैं। विकसित भारत के निर्माण के लिए ये सामूहिक कार्य आवश्यक हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि सामूहिक प्रयास देश को आगे ले जाएंगे। उन्होंने कहा, “एक विकसित भारत हमारा साझा लक्ष्य है और हम मिलकर इसे हासिल करेंगे। यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल भारत छोड़ कर जाएं। एक बार फिर, मैं आप सभी को क्रिसमस और जुबली वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।”
Delighted to join a Christmas programme hosted by the Catholic Bishops Conference of India. https://t.co/oA71XIkxYw
— Narendra Modi (@narendramodi) December 23, 2024
It is a moment of pride that His Holiness Pope Francis has made His Eminence George Koovakad a Cardinal of the Holy Roman Catholic Church. pic.twitter.com/9GdqxlKZnw
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No matter where they are or what crisis they face, today's India sees it as its duty to bring its citizens to safety. pic.twitter.com/KKxhtIK4VW
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India prioritizes both national interest and human interest in its foreign policy. pic.twitter.com/OjNkMGZC6z
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Our youth have given us the confidence that the dream of a Viksit Bharat will surely be fulfilled. pic.twitter.com/OgBdrUEQDl
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Each one of us has an important role to play in the nation's future. pic.twitter.com/oJN5rlluAO
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Attended the Christmas celebrations hosted by the Catholic Bishops Conference of India. Here are some glimpses… pic.twitter.com/H3SD8zGRSR
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The CBCI Christmas celebrations brought together Christians from all walks of life. There were also soulful renditions of spiritual hymns and songs. pic.twitter.com/0u6UJG4szT
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Interacted with the Cardinals during the CBCI Christmas programme. India is proud of their service to society. pic.twitter.com/0KCjGEBVBu
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Interacted with Archbishops, Bishops and CBCI members. Also wished His Eminence, Oswald Cardinal Gracias for his 80th birthday. pic.twitter.com/8aoJndwLOt
— Narendra Modi (@narendramodi) December 23, 2024
When the COVID-19 pandemic struck, India went beyond its own capabilities to help numerous countries. We provided medicines to several countries across the world and sent vaccines to many nations. pic.twitter.com/Ok9yio7ieD
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The teachings of Jesus Christ celebrate love, harmony and brotherhood. We must unite to uphold harmony and confront challenges like violence and disruptions in society. pic.twitter.com/nS10yeShiX
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Over the past decade, India has achieved transformative progress in poverty alleviation and economic growth. We are now empowering the Yuva and Nari Shakti, paving the way for a brighter and more confident future. pic.twitter.com/24ldkYb2aL
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Prioritising social welfare and empowerment, India has implemented transformative policies in various sectors. Our initiatives, such as the PM Awas Yojana and Matsya Sampada Yojana, have significantly improved the lives of countless people. pic.twitter.com/KN2WH5evXF
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