प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 जनवरी, 2019 को दिल्ली के लाल किले में सुभाष चन्द्र बोस संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे।
प्रधानमंत्री नेताजी सुभाष चन्द्र बोस तथा आजाद हिंद फौज संग्रहालय का उद्घाटन करने के लिए पट्टिका का अनावरण करेंगे। प्रधानमंत्री संग्रहालय भी देखेंगे।
प्रधानमंत्री यादे जालियान संग्रहालय (जालियानवाला बाग और प्रथम विश्व युद्ध पर संग्रहालय) जाएंगे। प्रधानमंत्री 1857 में भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम पर बने संग्रहालय और भारतीय कला पर बने संग्रहालय दृश्य संग्रहालय भी देखेंगे। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और आजाद हिन्द फौज संग्रहालय सुभाष चन्द्र बोस और आजाद हिन्द फौज के इतिहास की विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। संग्रहालय में सुभाष चन्द्र बोस और आजाद हिन्द फौज से संबंधित विभिन्न वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं इनमें लकड़ी की कुर्सी और नेताजी द्वारा इस्तेमाल की गई तलवार, पदक, बैच, वर्दी तथा आजाद हिन्द फौज से संबंधित समाग्री है।
इस संग्रहालय की आधारशिला प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रखी गई थी। उन्होंने 21 अक्तूबर, 2018 को संग्रहालय की आधारशिला रखी थी। यह नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वारा गठित आजाद हिन्द सरकार की 75वीं वर्षगांठ का अवसर था। इस अवसर पर स्वतंत्रता के मूल्यों को ऊपर रखते हुए प्रधानमंत्री ने लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।
आपदा अनुक्रिया संचालनों में शामिल लोगों के सम्मान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के नाम पर पुरस्कार की घोषणा की गई थी। यह 21 अक्तूबर, 2018 को राष्ट्रीय पुलिस स्मारक राष्ट्र को समर्पित करने के मौके पर किया गया था।
प्रधानमंत्री ने 30 दिसम्बर, 2018 को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और आजाद हिन्द फौज के मूल्यों को आगे बढ़ाया गया। उन्होंने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वारा भारत की धरती पर तिरंगा फहराने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर डाक टिकट, सिक्का और फर्स्ट डे कवर जारी किया था। उन्होंने बताया कि किस तरह नेताजी के आह्वान पर अंडमान के अनेक युवाओं ने भारत की स्वतंत्रता के प्रति अपने आप को समर्पित किया था। 150 फीट ऊंचा यह ध्वज 1943 के उस दिन की स्मृति को संरक्षित करता है जब नेताजी ने तिरंगा फहराया था। नेताजी के सम्मान में रॉस द्वीप को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वीप नाम दिया गया है।
इससे पहले अक्तूबर, 2015 में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के परिजनों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी और भारत सरकार के पास उपलब्ध नेताजी से जुड़ी फाइलों को गैर-वर्गीकृत करने का अनुरोध किया था। राष्ट्रीय अभिलेखागार में प्रधानमंत्री ने जनवरी, 2018 में नेताजी की फाइलों की 100 डिजिटल प्रतियों को सार्वजनिक किया था।
यादे जालियान संग्रहालय 13 अप्रैल, 1919 को जालियानवाला बाग की नृशंस हत्याकांड का प्रमाणिक लेखा प्रस्तुत करता है। इस संग्रहालय में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों की वीरता, शौर्य और बलिदान को भी दिखाया जाएगा।
भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 पर बने संग्रहालय में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम और इसमें भारतीयों के शौर्य और बलिदान को दिखाया जाएगा।
सोलहवीं शताब्दी से लेकर भारत की स्वतंत्रता तक की कलाओं को भारतीय कला प्रदर्शनी- दृश्यकला में दिखाया जाएगा।
गणतंत्र दिवस से पहले प्रधानमंत्री द्वारा इन संग्रहालयों को देखना उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
Tomorrow, Prime Minister @narendramodi will inaugurate the Museum on Netaji Subhas Chandra Bose and Indian National Army. He will also visit the museum.
— PMO India (@PMOIndia) January 22, 2019
Prime Minister will also visit the Yaad-e-Jallian museum (Museum on Jallianwala Bagh and World War 1), Museum on 1857- India’s First War of Independence and Drishyakala- Museum on Indian Art at Red Fort, New Delhi.
— PMO India (@PMOIndia) January 22, 2019