“राष्ट्रीय चरित्र निर्माण का एक अवसर”
•कई कदमों की घोषणा की गई
•गरीब परिवार के लिए एक बैंक खाता, एक डेबिट कार्ड, और एक लाख रुपये तक के बीमा के लिए प्रधानमंत्री जन-धन योजना
•भारतीयों के सशक्तिकरण के लिए डिजिटल इंफ्रास्टक्चर को प्राथमिकता
•दो अक्टूबर को स्वच्छ भारत अभियान का शुभारंभ किया जाएगा
•एक वर्ष के भीतर सभी विद्यालयों में शौचालय
•संसद आदर्श ग्राम योजना शुरू की जाएगी
•योजना आयोग के स्थान पर नया संस्थान होगा
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि सभी नागरिक राष्ट्रीय चरित्र निर्माण में सहभागी बनें। 68वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से पहली बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सभी लोगों के लिए ये आत्म–मंथन का अवसर है कि राष्ट्रीय हित में उनके कार्यों को कैसे आंका जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे सभी कार्य राष्ट्र के हित में होने चाहिए और राष्ट्र निर्माण में भागीदार के रूप में दिखाई देने चाहिए।
स्वतंत्रता दिवस पर लोगों को बधाई देते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वे प्रधानमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि प्रधान सेवक के रूप में उनके बीच उपस्थित हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आम लोगों के सशक्तिकरण और देश के युवाओं की क्षमता का अधिकाधिक उपयोग करने के उद्देश्य से कई कदमों की घोषणा की। बैंक तक पहुंच को सार्वभौमिक बनाने और वित्तीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री ने नई जन-धन योजना की घोषणा की। इस योजना के तहत गरीब परिवारों के लिए एक बैंक खाता, एक डेबिट कार्ड और एक लाख रुपए तक का बीमा की सुविधा प्रदान की जाएगी।
कौशल को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्र स्तर पर ‘स्किल इंडिया’ अभियान शुरू किया जाएगा ताकि रोजगार सुनिश्चित हो सके।
विश्व को भारत के निर्माण क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘आओ और भारत में निर्माण करो’ के विजन की भी घोषणा की ताकि देश के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने में मदद मिले। उन्होंने देश के युवाओं से अपील की कि वे अपनी उद्यमशीलता की भावना को बढ़ाएं और निर्माण के क्षेत्र में कार्य करें। उन्होंने कहा कि ‘मेड इन इंडिया’ बेहतरीन उत्पाद का पर्यायवाची बन जाना चाहिए।
नागरिकों के सशक्तिकरण के लिए डिजिटल इंफ्रास्टक्चर को प्राथमिकता देते हुए श्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि उनकी सरकार डिजिटल इंडिया के लिए कार्य करने के प्रति कटिबद्ध है जिससे लोगों को सूचनाएं और सेवाएं समय पर और प्रभावी तरीके से मिल सकेंगी।
सफाई की जरूरत पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने ‘स्वच्छ भारत’ के लिए अपनी सरकार के संकल्प की घोषणा की। ‘स्वच्छ भारत’ एक विजन है, जिसकी शुरुआत इस वर्ष 2 अक्टूबर को की जाएगी और इसे महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर पूरा कर लिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘स्वच्छ भारत’ की दिशा में पहला कदम, एक साल के भीतर लड़कियों के लिए अलग शौचालय समेत सभी स्कूलों में शौचालयों के निर्माण कराकर उठाया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने ‘संसद आदर्श ग्राम योजना’ की शुरूआत करने की घोषणा की, जिसके तहत संसद के सभी सदस्यों को 2016 तक उनके संसदीय क्षेत्र में एक मॉडल ग्राम बनाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना का एक पूरा खाका 11 अक्टूबर को श्री जय प्रकाश नारायण की जयंती पर घोषित किया जाएगा।
श्री नरेंद्र मोदी ने योजना आयोग की जगह एक नए संस्थान के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि नया संस्थान देश के संघीय ढांचे का सम्मान करेगा।
उन्होंने संसद के परिणामोन्मुखी सत्र के लिए विपक्षी दलों समेत संसद के सभी सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी सरकार सबकी सहमति से आगे बढ़ने की इच्छुक है।
प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद से केंद्र सरकार की कार्य संस्कृति में सकारात्मक बदलाव की खबरों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे ऐसी खबरों से चकित हो गए क्योंकि नियमानुसार काम करना तो प्रत्येक कर्मचारी का धर्म होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि चूंकि यह एक खबर बनी इससे प्रतीत होता है कि दायित्व और जिम्मेदारियों का हमारा मानक कितना नीचे गिर गया है। प्रधानमंत्री ने समाज से ‘मेरा क्या, मुझे क्या’ जैसे स्वार्थी रवैये को छोड़ने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जब उन्होंने पदभार संभाला तो वह विभिन्न सरकारी विभागों के बीच मनमुटाव और समन्वय की कमी को देखकर चकित रह गए। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि वह इन मुद्दों का समाधान करेंगे जिससे भारत सरकार एक एकल इकाई की तरह काम करे। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास और सुशासन ही ऐसे रास्ते हैं जो देश को आगे ले जा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने देश में दुष्कर्म की घटनाओं पर निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि किसी परिवार में लड़कियों से काफी सवाल पूछे जाते हैं। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बेटों से भी सवाल पूछें और उनकी गतिविधियों पर भी अंकुश लगाएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हर दुष्कर्म करने वाला किसी न किसी का बेटा होता है। इसी प्रकार, उन्होंने आतंकवादी या माओवादी बन चुके भ्रमित युवकों से हिंसा छोड़ने और राष्ट्र की मुख्यधारा में लौटने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने श्री अरविंदो और स्वामी विवेकानंद को उद्धृत करते हुए कहा कि वे भारत को एक बार फिर जगत गुरू बनते देखना चाहते थे और यह सभी भारतवासियों का कर्तव्य है कि वे उनके उस विजन को वास्तविकता में तब्दील करने में मदद करें।