प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज जम्मू-कश्मीर में 2290 करोड़ रुपये की लागत वाली राष्ट्रीय पनबिजली निगम (एनएचपीसी) द्वारा तैयार 240 मेगावाट क्षमता की उरी-2 पनबिजली परियोजना राष्ट्र को समर्पित की।
परियोजना स्थल पर लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री महोदय ने कहा कि उनकी सरकार देश से अंधेरे को हटाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान शुरू किया गया था और हमने उस सपने को साकार किया है।
उन्होंने कहा कि देश में 1.5 लाख मेगावाट पनबिजली उत्पादन की संभावना है, किंतु अब तक हम इसके बड़े हिस्से से लाभ प्राप्त करने में समर्थ नहीं हो पाये हैं। आज जबकि वैश्विक तपन एक ऐसा मुद्दा है जो पूरी मानव जाति को प्रभावित करता है, हम अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर अधिकतम जोर देंगे। प्रधानमंत्री महोदय ने कहा कि हमारा लक्ष्य अधिकतम पनबिजली संभावना का लाभ प्राप्त करना है। उन्होंने कहा कि विकास और आर्थिक वृद्धि के लिए बिजली एक अनिवार्य आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की पूरी अर्थव्यवस्था को पनबिजली परियोजनाओं से ताकत मिलेगी। भूटान का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि उस देश की अर्थव्यवस्था अब पनबिजली के इर्द-गिर्द तैयार हो रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिजली पारेषण (ट्रांसमिशन) लाइनों के नेटवर्क की ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है और उनकी सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी प्रारूप के माध्यम से इस कार्य को आगे ले जाएगी।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल श्री एन एन वोहरा, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री श्री उमर अब्दुल्ला और बिजली राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल इस अवसर पर उपस्थित थे।