“100 करोड़ टीकाकरण सिर्फ एक आंकड़ा भर नहीं है, बल्कि देश की शक्ति का प्रतिबिंब है”
“भारत की सफलता और प्रत्येक देशवासी की सफलता है”
“यदि बीमारी कोई भेदभाव नहीं करती है, तो टीकाकरण में भी कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए; इसलिए यह सुनिश्चित किया गया कि पात्रता को लेकर वीआईपी संस्कृति, टीकाकरण अभियान पर हावी न हो सके”
“भारत को फार्मा हब के रूप में दुनिया में जो मान्यता प्राप्त है, उसे और मजबूत किया जाएगा”
“सरकार ने इस महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में जनभागीदारी को रक्षा की पहली पंक्ति के रूप में रखा”
“भारत का संपूर्ण टीकाकरण कार्यक्रम विज्ञान निर्मित, विज्ञान संचालित और विज्ञान आधारित रहा है”
“आज भारतीय कंपनियों में न केवल रिकॉर्ड निवेश आ रहा है, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं; स्टार्ट-अप में रिकॉर्ड निवेश के साथ, यूनिकॉर्न कंपनियां भी उभर रही हैं”
“जैसे स्वच्छ भारत अभियान एक जन आंदोलन है, उसी तरह भारत में निर्मित चीजें खरीदना, भारतीयों द्वारा बनाई गई चीजें खरीदना, स्थानीय उत्पादों पर जोर देना (वोकल फॉर लोकल) को भी व्यवहार में शामिल किया जाना चाहिए”
“कवच कितना भी अच्छा क्यों न हो, कवच कितना भी आधुनिक क्यों न हो, भले ही कवच सुरक्षा की पूरी गारंटी देता हो, तो भी जब तक युद्ध चल रहा है, हथियार नहीं डाले जा सकते; लापरवाह होने का कोई कारण मौजूद नहीं है; अपने त्योहारों को पूरी सतर्कता के साथ ही मनाएं”
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 100 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने पर राष्ट्र को संबोधित किया।
राष्ट्र को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने 100 करोड़ वैक्सीन खुराक की कठिन लेकिन उल्लेखनीय उपलब्धि की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि, 130 करोड़ देशवासियों के समर्पण का परिणाम है और यह सफलता; भारत की सफलता है तथा प्रत्येक देशवासी की सफलता है। उन्होंने कहा कि 100 करोड़ टीकाकरण सिर्फ एक आंकड़ा भर नहीं है, बल्कि देश की शक्ति का प्रतिबिंब है, यह इतिहास के एक नए अध्याय का निर्माण है। यह न्यू इंडिया की एक तस्वीर है। न्यू इंडिया, जो कठिन लक्ष्य निर्धारित करता है और उसे प्राप्त करना भी जानता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कई लोग भारत के टीकाकरण कार्यक्रम की तुलना दुनिया के अन्य देशों से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने जिस गति से 100 करोड़, 1 अरब, के आंकड़े को पार किया है, उसकी भी प्रशंसा हो रही है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि इस किस्म के विश्लेषण में हालांकि भारत द्वारा की गई शुरुआत की बात को अक्सर छोड़ दिया जाता है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों के पास टीकों के शोध एवं विकास के मामले में दशकों की विशेषज्ञता थी। भारत ज्यादातर इन देशों द्वारा बनाए गए टीकों पर निर्भर रहता था। उन्होंने कहा कि इसी वजह से जब सदी की सबसे बड़ी महामारी आई, तो इस वैश्विक महामारी से लड़ने की भारत की क्षमता को लेकर कई सवाल उठाए गए। टीके की 100 करोड़ खुराक की यह उपलब्धि हासिल कर कई सवालों जैसे कि दूसरे देशों से इतने टीके खरीदने के लिए भारत को पैसा कहां से मिलेगा? भारत को टीका कब मिलेगा? भारत के लोगों को टीका मिलेगा भी या नहीं? क्या भारत इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए पर्याप्त संख्या में लोगों का टीकाकरण कर पाएगा? का जवाब दिया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत ने अपने नागरिकों को न सिर्फ टीके की 100 करोड़ खुराकें दी हैं, बल्कि यह काम निःशुल्क भी किया है। उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया में फार्मा हब के रूप में जो स्वीकृति मिली है, उसे और मजबूत किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत में लोग इस बात को लेकर चिंतित थे कि भारत जैसे लोकतंत्र में इस महामारी से लड़ना बहुत मुश्किल होगा। इस किस्म के सवाल भी उठाए गए कि क्या इतना संयम और अनुशासन यहां संभव होगा? उन्होंने कहा कि हमारे लिए लोकतंत्र का अर्थ है, सबको साथ लेकर चलना-सबका साथ। इस देश ने ‘मुफ्त टीका और सबके लिए टीका’ अभियान की शुरुआत की। गरीब-अमीर, ग्रामीण-शहरी लोगों को समान रूप से टीके की खुराकें दी गईं। उन्होंने कहा कि इस देश का एक ही मंत्र है कि अगर रोग कोई भेदभाव नहीं करता, तो टीकाकरण में भी कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी वजह से यह सुनिश्चित किया गया कि टीकाकरण अभियान में कोई वीआईपी संस्कृति हावी न हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बात को लेकर भी सवाल उठाए गए थे कि भारत में ज्यादातर लोग टीका लेने के लिए टीकाकरण केंद्र नहीं जायेंगे। दुनिया के कई बड़े विकसित देशों में आज भी टीके को लेकर होने वाली हिचकिचाहट एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। लेकिन भारत की जनता ने टीके की 100 करोड़ खुराकें लेकर इसका जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि एक अभियान ‘सबका प्रयास’होता है और अगर सभी के प्रयासों को समन्वित किया जाए, तो परिणाम आश्चर्यजनक होते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में जनभागीदारी को रक्षा की पहली पंक्ति के रूप में रखा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का पूरा टीकाकरण कार्यक्रम विज्ञान की कोख में जन्मा है, वैज्ञानिक आधारों पर पनपा है और वैज्ञानिक तरीकों से चारो दिशाओं में पहुंचा है। उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिये गर्व करने की बात है कि भारत का पूरा वैक्सीन कार्यक्रम विज्ञान से पैदा हुआ, विज्ञान से आगे बढ़ा और वह विज्ञान पर आधारित है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के बनने से पहले और वैक्सीन लगाने तक का पूरा अभियान वैज्ञानिक समझ पर आधारित था। उत्पादन को बढ़ाने की चुनौती भी थी। इसके बाद विभिन्न राज्यों और दूर-दराज के इलाकों में समय पर वैक्सीन पहुंचाने की चुनौती थी। लेकिन वैज्ञानिक तरीके और नये प्रयोगों से, देश ने इन चुनौतियों का समाधान निकाल लिया। संसाधनों को असाधरण तेजी से बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि भारत में बने कोविन प्लेटफार्म से न केवल आम जन को सुविधा मिली, बल्कि हमारे मेडिकल स्टाफ के काम में भी आसानी पैदा हुई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश और विदेश के विशेषज्ञ और कई एजेंसियां भारत की अर्थव्यवस्था के प्रति बहुत सकारात्मक हैं। आज भारतीय कंपनियों में न सिर्फ रिकॉर्ड निवेश आ रहा है, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप में रिकॉर्ड निवेश के साथ ही यूनिकॉर्न बन रहे हैं। आवासीय सेक्टर में भी नई ऊर्जा देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में कई सुधार और पहलें की गई हैं, जो भारत की अर्थव्यवस्था को तेजी से विकसित करने में बड़ी भूमिका निभायेंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान कृषि सेक्टर ने हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाये रखा। आज खाद्यान्न की सरकारी खरीद रिकॉर्ड स्तर पर हो रही है। धनराशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जा रही है।
प्रधानमंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि वे हर छोटी से छोटी चीज जो भारत में बनी हो, जिसे बनाने में किसी भारतवासी का पसीना बहा हो, उसे खरीदने पर जोर देना चाहिये। उन्होंने कहा कि यह सबके प्रयास से ही संभव होगा। जैसे स्वच्छ भारत अभियान एक जन-आंदोलन है, वैसे ही भारत में बनी चीज खरीदना, भारतीयों द्वारा बनाई चीज खरीदना, वोकल फॉर लोकल होना, यह हमें व्यवहार में उतारना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश बड़े लक्ष्य तय करना और उन्हें हासिल करना जानता है। लेकिन, इसके लिये हमें निरंतर सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने जोर देते हुये कहा कि कवच कितना ही उत्तम हो, कवच कितना ही आधुनिक हो, कवच से सुरक्षा की पूरी गारंटी हो, तो भी, जब तक युद्ध चल रहा है, हथियार नहीं डाले जाते। उन्होंने कहा कि हमें लापरवाह नहीं होना है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि त्योहारों को पूरी सतर्कता के साथ ही मनाया जाये।
कल 21 अक्टूबर को भारत ने 1 बिलियन, 100 करोड़ वैक्सीन डोज़ का कठिन लेकिन असाधारण लक्ष्य प्राप्त किया है।
इस उपलब्धि के पीछे 130 करोड़ देशवासियों की कर्तव्यशक्ति लगी है, इसलिए ये सफलता भारत की सफलता है, हर देशवासी की सफलता है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
आज कई लोग भारत के वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तुलना दुनिया के दूसरे देशों से कर रहे हैं।
भारत ने जिस तेजी से 100 करोड़ का, 1 बिलियन का आंकड़ा पार किया, उसकी सराहना भी हो रही है।
लेकिन, इस विश्लेषण में एक बात अक्सर छूट जाती है कि हमने ये शुरुआत कहाँ से की है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
दुनिया के दूसरे बड़े देशों के लिए वैक्सीन पर रिसर्च करना, वैक्सीन खोजना, इसमें दशकों से उनकी expertise थी।
भारत, अधिकतर इन देशों की बनाई वैक्सीन्स पर ही निर्भर रहता था: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
जब 100 साल की सबसे बड़ी महामारी आई, तो भारत पर सवाल उठने लगे।
क्या भारत इस वैश्विक महामारी से लड़ पाएगा?
भारत दूसरे देशों से इतनी वैक्सीन खरीदने का पैसा कहां से लाएगा?
भारत को वैक्सीन कब मिलेगी? – PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
भारत के लोगों को वैक्सीन मिलेगी भी या नहीं?
क्या भारत इतने लोगों को टीका लगा पाएगा कि महामारी को फैलने से रोक सके?
भांति-भांति के सवाल थे, लेकिन आज ये 100 करोड़ वैक्सीन डोज, हर सवाल का जवाब दे रही है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
कोरोना महामारी की शुरुआत में ये भी आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं कि भारत जैसे लोकतंत्र में इस महामारी से लड़ना बहुत मुश्किल होगा।
भारत के लिए, भारत के लोगों के लिए ये भी कहा जा रहा था कि इतना संयम, इतना अनुशासन यहाँ कैसे चलेगा?
लेकिन हमारे लिए लोकतन्त्र का मतलब है-‘सबका साथ’: PM
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
सबको साथ लेकर देश ने ‘सबको वैक्सीन-मुफ़्त वैक्सीन’ का अभियान शुरू किया।
गरीब-अमीर, गाँव-शहर, दूर-सुदूर, देश का एक ही मंत्र रहा कि अगर बीमारी भेदभाव नहीं नहीं करती, तो वैक्सीन में भी भेदभाव नहीं हो सकता!
इसलिए ये सुनिश्चित किया गया कि वैक्सीनेशन अभियान पर VIP कल्चर हावी न हो: PM
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
भारत का पूरा वैक्सीनेशन प्रोग्राम विज्ञान की कोख में जन्मा है, वैज्ञानिक आधारों पर पनपा है और वैज्ञानिक तरीकों से चारों दिशाओं में पहुंचा है।
हम सभी के लिए गर्व करने की बात है कि भारत का पूरा वैक्सीनेशन प्रोग्राम, Science Born, Science Driven और Science Based रहा है: PM
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
Experts और देश-विदेश की अनेक agencies भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बहुत सकारात्मक है।
आज भारतीय कंपनियों में ना सिर्फ record investment आ रहा है बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बन रहे है।
Start-ups में record investment के साथ ही record Start-ups, Unicorn बन रहे है: PM
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
मैं आपसे फिर ये कहूंगा कि हमें हर छोटी से छोटी चीज, जो Made in India हो, जिसे बनाने में किसी भारतवासी का पसीना बहा हो, उसे खरीदने पर जोर देना चाहिए।
और ये सबके प्रयास से ही संभव होगा: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
जैसे स्वच्छ भारत अभियान, एक जनआंदोलन है, वैसे ही भारत में बनी चीज खरीदना, भारतीयों द्वारा बनाई चीज खरीदना, Vocal for Local होना, ये हमें व्यवहार में लाना ही होगा: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
देश बड़े लक्ष्य तय करना और उन्हें हासिल करना जानता है।
लेकिन, इसके लिए हमें सतत सावधान रहने की जरूरत है।
हमें लापरवाह नहीं होना है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
कवच कितना ही उत्तम हो,
कवच कितना ही आधुनिक हो,
कवच से सुरक्षा की पूरी गारंटी हो, तो भी, जब तक युद्ध चल रहा है, हथियार नहीं डाले जाते।
मेरा आग्रह है, कि हमें अपने त्योहारों को पूरी सतर्कता के साथ ही मनाना है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
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एमजी/एएम/जेके/आर/एकेपी/एसके
Addressing the nation. Watch LIVE. https://t.co/eFdmyTnQZi
— Narendra Modi (@narendramodi) October 22, 2021
कल 21 अक्टूबर को भारत ने 1 बिलियन, 100 करोड़ वैक्सीन डोज़ का कठिन लेकिन असाधारण लक्ष्य प्राप्त किया है।
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इस उपलब्धि के पीछे 130 करोड़ देशवासियों की कर्तव्यशक्ति लगी है, इसलिए ये सफलता भारत की सफलता है, हर देशवासी की सफलता है: PM @narendramodi
आज कई लोग भारत के वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तुलना दुनिया के दूसरे देशों से कर रहे हैं।
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भारत ने जिस तेजी से 100 करोड़ का, 1 बिलियन का आंकड़ा पार किया, उसकी सराहना भी हो रही है।
लेकिन, इस विश्लेषण में एक बात अक्सर छूट जाती है कि हमने ये शुरुआत कहाँ से की है: PM @narendramodi
दुनिया के दूसरे बड़े देशों के लिए वैक्सीन पर रिसर्च करना, वैक्सीन खोजना, इसमें दशकों से उनकी expertise थी।
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
भारत, अधिकतर इन देशों की बनाई वैक्सीन्स पर ही निर्भर रहता था: PM @narendramodi
जब 100 साल की सबसे बड़ी महामारी आई, तो भारत पर सवाल उठने लगे।
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
क्या भारत इस वैश्विक महामारी से लड़ पाएगा?
भारत दूसरे देशों से इतनी वैक्सीन खरीदने का पैसा कहां से लाएगा?
भारत को वैक्सीन कब मिलेगी? - PM @narendramodi
भारत के लोगों को वैक्सीन मिलेगी भी या नहीं?
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
क्या भारत इतने लोगों को टीका लगा पाएगा कि महामारी को फैलने से रोक सके?
भांति-भांति के सवाल थे, लेकिन आज ये 100 करोड़ वैक्सीन डोज, हर सवाल का जवाब दे रही है: PM @narendramodi
भारत के लोगों को वैक्सीन मिलेगी भी या नहीं?
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
क्या भारत इतने लोगों को टीका लगा पाएगा कि महामारी को फैलने से रोक सके?
भांति-भांति के सवाल थे, लेकिन आज ये 100 करोड़ वैक्सीन डोज, हर सवाल का जवाब दे रही है: PM @narendramodi
कोरोना महामारी की शुरुआत में ये भी आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं कि भारत जैसे लोकतंत्र में इस महामारी से लड़ना बहुत मुश्किल होगा।
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
भारत के लिए, भारत के लोगों के लिए ये भी कहा जा रहा था कि इतना संयम, इतना अनुशासन यहाँ कैसे चलेगा?
लेकिन हमारे लिए लोकतन्त्र का मतलब है-‘सबका साथ’: PM
सबको साथ लेकर देश ने ‘सबको वैक्सीन-मुफ़्त वैक्सीन’ का अभियान शुरू किया।
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गरीब-अमीर, गाँव-शहर, दूर-सुदूर, देश का एक ही मंत्र रहा कि अगर बीमारी भेदभाव नहीं नहीं करती, तो वैक्सीन में भी भेदभाव नहीं हो सकता!
इसलिए ये सुनिश्चित किया गया कि वैक्सीनेशन अभियान पर VIP कल्चर हावी न हो: PM
भारत का पूरा वैक्सीनेशन प्रोग्राम विज्ञान की कोख में जन्मा है, वैज्ञानिक आधारों पर पनपा है और वैज्ञानिक तरीकों से चारों दिशाओं में पहुंचा है।
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हम सभी के लिए गर्व करने की बात है कि भारत का पूरा वैक्सीनेशन प्रोग्राम, Science Born, Science Driven और Science Based रहा है: PM
Experts और देश-विदेश की अनेक agencies भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बहुत सकारात्मक है।
— PMO India (@PMOIndia) October 22, 2021
आज भारतीय कंपनियों में ना सिर्फ record investment आ रहा है बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बन रहे है।
Start-ups में record investment के साथ ही record Start-ups, Unicorn बन रहे है: PM
मैं आपसे फिर ये कहूंगा कि हमें हर छोटी से छोटी चीज, जो Made in India हो, जिसे बनाने में किसी भारतवासी का पसीना बहा हो, उसे खरीदने पर जोर देना चाहिए।
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और ये सबके प्रयास से ही संभव होगा: PM @narendramodi
जैसे स्वच्छ भारत अभियान, एक जनआंदोलन है, वैसे ही भारत में बनी चीज खरीदना, भारतीयों द्वारा बनाई चीज खरीदना, Vocal for Local होना, ये हमें व्यवहार में लाना ही होगा: PM @narendramodi
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देश बड़े लक्ष्य तय करना और उन्हें हासिल करना जानता है।
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लेकिन, इसके लिए हमें सतत सावधान रहने की जरूरत है।
हमें लापरवाह नहीं होना है: PM @narendramodi
कवच कितना ही उत्तम हो,
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कवच कितना ही आधुनिक हो,
कवच से सुरक्षा की पूरी गारंटी हो, तो भी, जब तक युद्ध चल रहा है, हथियार नहीं डाले जाते।
मेरा आग्रह है, कि हमें अपने त्योहारों को पूरी सतर्कता के साथ ही मनाना है: PM @narendramodi