प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि इससे अच्छी राजनीति के द्वार खुलेंगे।
प्रधानमंत्री: ग्रामीण विकास मांग और भागीदारी पर आधारित होना चाहिए।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरूआत करते हुए कहा कि इससे अच्छी राजनीति के द्वार खुलेंगे। उन्होंने सभी सांसदों से विकास के लिए एक-एक गांव का चयन करने का आग्रह किया और कहा कि ये विकास आपूर्ति पर आधारित मॉडल के बजाय मांग और जरूरत तथा जनता की भागीदारी पर आधारित होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अक्सर गांवों में विकास आपूर्ति की उपलब्धता के अनुरूप किया जाता है। उन्होंने कहा कि सांसद आदर्श योजना की तीन अनूठी विशेषताएं होनी चाहिएं। यह मांग पर आधारित हो, समाज द्वारा प्रेरित हो और इसमें जनता की भागीदारी होनी चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि लोकतंत्र और राजनीति को अलग नहीं किया जा सकता लेकिन बुरी राजनीति से अक्सर नुकसान होता है। यह योजना अच्छी राजनीति की ओर बढ़ने की प्रेरणा देगी और सांसद मददगार और उत्प्रेरक के रूप में भूमिका निभाएंगे।
योजना के दिशा निर्देश जारी करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से अब तक सभी सरकारों ने ग्रामीण विकास के लिए काम किया है। इन प्रयासों में समय के साथ संशोधन किया जाना चाहिए ताकि विश्व में आ रहे परिवर्तनों के अनुरूप आगे बढ़ा जा सके। उन्होंने कहा हालांकि देश भर में सरकारी स्कीमों पर काम किया जा रहा है लेकिन प्रत्येक राज्य में कुछ ही ऐसे गांव हैं जिनपर गर्व किया जा सकता है। ऐसा लगता है कि इन गांवों में नेतृत्व और जनता ने सरकारी स्कीमों के अलावा कुछ अतिरिक्त प्रयास किये हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के पीछे भी कुछ अतिरिक्त प्रयास किये जाने की भावना है।
प्रधानमंत्री ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयन्ती पर उनसे प्रेरणा लेते हुए कहा कि आदर्श ग्राम बनाने के लिए विकास में जनता की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने नानाजी देशमुख को याद करते हुए कहा कि उन्होंने गांव की आत्मनिर्भरता की आवधारणा के लिए काम किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना सांसदों के नेतृत्व में काम करेगी। श्री मोदी ने कहा कि 2016 तक प्रत्येक सांसद एक-एक गांव को विकसित बनाएंगे और बाद में 2019 तक दो और गांवों का विकास होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर राज्य सरकारें भी विधायकों को इस योजना के लिए काम करने को प्रोत्साहित करें तो इसी समय सीमा में 5 से 6 और गांवों को विकसित बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर प्रत्येक ब्लॉक में एक गांव विकसित किया जाता है तो इसका ब्लॉक के अन्य गांवों पर अनुकूल असर पड़ेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न सरकारी स्कीमें अक्सर अलग-थलग संचालित की जाती है, मगर सांसद आदर्श ग्राम योजना सांसदों को इन स्कीमों की बाधाओं को उजागर करने का अवसर देगी, जिससे परिणामन्मुख दृष्टिकोण विकसित किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सांसद अपने क्षेत्र में कोई भी गांव चुनने में स्वतंत्र होंगे मगर वे अपना गांव या अपने ससुराल के गांव का चयन नहीं कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना विकास के प्रति लचीला दृष्टिकोण प्रदान करेगी और उन्होंने आशा व्यक्त की कि आदर्श ग्राम, ग्रामीण विकास के बारे में सीखने के इच्छुक लोगों के लिए तीर्थ स्थान बन जाएंगे।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री नितिन गडकरी और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री उपेन्द्र कुशवाहा ने भी इस अवसर पर विचार व्यक्त किये।
Let us take interest and create an atmosphere where every person is proud of his or her village: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 11, 2014
The aspirations of the people living in villages are no less than aspirations of those living in cities: PM @narendramodi — PMO India (@PMOIndia) October 11, 2014
This is not a scheme about money. It is people driven and guided by people’s participation, guided by the MPs: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 11, 2014