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प्रधानमंत्री ने शिक्षक दिवस की पूर्व-संध्या पर स्कूली बच्चों से बातचीत की

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प्रधानमंत्री ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर स्मारक सिक्का जारी किया और कला उत्सव नामक वेबसाइट का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज शिक्षक दिवस की पूर्व-संध्या पर देशभर के स्कूली बच्चों के साथ बातचीत की। खुद स्कूली बच्चों द्वारा पूर्णरुप से इस बेजोड़ आयोजन में प्रधानमंत्री ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के अवसर पर 125 रुपए और 10 रुपए मूल्य के स्मारक सिक्के जारी किए। प्रधानमंत्री ने कला उत्सव नामक एक वेबसाइट का भी शुभारंभ किया, जो देश के माध्यमिक स्तर पर स्कूली छात्रों की कलात्मक प्रतिभा के पोषण और प्रदर्शन द्वारा शिक्षा में कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक पहल है।

इस अवसर पर अपनी शुरूआती टिप्पणियों में प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षक दिवस की पूर्व-संध्या पर स्कूली बच्चों के साथ बातचीत करने का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक को उनके छात्रों की उपलब्धियों द्वारा जाना जाता है। उन्होंने कहा कि मां तो जन्म देती हैं, किन्तु शिक्षक ही वास्तविक जीवन प्रदान करते हैं।

प्रधानमंत्री ने बताया कि शिक्षक और छात्र दोनों का एक-दूसरे के लिए अद्वितीय महत्व है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को भी अनेक बच्चों के साथ अपने अनुभवों के बारे में लिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षक सभी छात्रों को महत्वपूर्ण मानें और उन सभी को याद रखें- ना कि केवल शैक्षिक तौर पर विशिष्टता दर्शाने वाले को ही।

प्रधानमंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम को याद करते हुए कहा कि डॉ. कलाम एक शिक्षक के रूप में याद किया जाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम को अध्यापन का शौक था और अपने जीवन के अंतिम क्षणों तक भी उन्होंने छात्रों के साथ बातचीत की थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में आज के समय भी महान शिक्षक हैं, जो अभियंताओं, चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को तैयार करने में मदद कर रहे हैं, जो विश्व भर में अपना स्थान बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक का लक्ष्य रोबोट बनाने के बदले एक पूरी पीढ़ी का पोषण करना चाहिए।

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी और केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री उपेन्द्र कुशवाहा, श्री राम शंकर कठेरिया और श्री जयंत सिन्हा इस अवसर पर उपस्थित थे।