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प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से जैन आचार्य द्वारा लिखित पुस्‍तक का विमोचन किया

प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से जैन आचार्य द्वारा लिखित पुस्‍तक का विमोचन किया


प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से जैन आचार्य रत्‍नसुंदरसुरीस्‍वरजी महाराज द्वारा लिखित “मारू भारत सारू भारत” (मेरा भारत श्रेष्‍ठ भारत) शीर्षक की पुस्‍तक का विमोचन किया।

रत्‍नात्रेय ट्रस्‍ट के साहित्‍य सत्‍कार समिति द्वारा मुंबई में आयोजित पुस्‍तक विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने आचार्य रत्‍नसुंदरसुरीस्‍वरजी महाराज की सराहना करते हुए कहा की 300 किताबें कोई छोटा कार्य नहीं है। जीवन के कई पहलुओं में महाराज साहेब के कार्यों की परछाई देखी जा सकती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन पुस्‍तकों में उनकी ‘दिव्‍यवाणी’ गूंजती है। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्र धर्म, हर धर्म से बड़ा होता है। प्रधानमंत्री ने संतों की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह हमारी विरासत है कि भारत में कई संत और मुनि रहे हैं, जिन्‍होंने राष्‍ट्र निर्माण के प्रति एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्‍होंने लोगों से गरीबी उन्मूलन के प्रयासों, स्‍वच्‍छ भारत और लाखों युवाओं की ऊर्जा के माध्‍यम से एक मजबूत राष्‍ट्र का निर्माण करने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने कभी सांप्रदायिकता के बारे में बात नहीं की, बल्‍कि हमेशा मानवजाति के लाभ के लिए अध्‍यात्‍म का प्रचार किया। उन्‍होंने कहा ‘हम इस बात में विश्‍वास करते हैं कि हर समस्‍या का समाधान अध्‍यात्‍मिकता के माध्‍यम से किया जा सकता है।’

आचार्य रत्‍नसुंदरसुरीस्‍वरजी महाराज नई दिल्‍ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्‍यम से पुस्‍तक का विमोचन किये जाने के लिए प्रधानमंत्री का धन्‍यवाद अदा किया और कहा ‘परिवार के पास मूल्‍य होते हैं और देशों के पास संस्‍कृति’।