प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान, रायपुर का नवनिर्मित परिसर राष्ट्र को समर्पित किया
प्रधानमंत्री ने कृषि विश्वविद्यालयों को ग्रीन कैंपस अवार्ड भी वितरित किये
“जब भी किसानों और कृषि को सुरक्षा कवच मिलता है, उनका तेजी से विकास होता है”
“जब विज्ञान, सरकार और समाज एक साथ काम करते हैं, तो परिणाम बेहतर होते हैं; किसानों और वैज्ञानिकों का यह गठबंधन नई चुनौतियों का मुकाबला करने में देश को मजबूती प्रदान करेगा”
“किसानों को फसल आधारित आय प्रणाली से बाहर निकालने और उन्हें मूल्यवर्धन तथा अन्य कृषि विकल्पों के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयास किये जा रहे हैं”
“हमारी प्राचीन कृषि परंपराओं के साथ-साथ भविष्य की ओर आगे बढ़ना भी समान रूप से महत्वपूर्ण है”
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विशेष गुणों वाली फसलों की 35 किस्में राष्ट्र को समर्पित कीं। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान, रायपुर का नवनिर्मित परिसर भी राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कृषि विश्वविद्यालयों को ग्रीन कैंपस अवार्ड भी वितरित किये। उन्होंने उन किसानों के साथ बातचीत की, जो नवोन्मेषी तरीकों का उपयोग करते हैं तथा सभा को भी संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने जम्मू और कश्मीर के गांदरबल की श्रीमती जैतून बेगम से उनके द्वारा उपयोग की जा रही नयी कृषि पद्धतियों को सीखने की यात्रा, उनके द्वारा दूसरे किसानों को दिया गया प्रशिक्षण और घाटी में बालिका-शिक्षा के लिए काम करने के प्रति उनके समर्पण के बारे में बातचीत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि खेलों में भी जम्मू-कश्मीर की लड़कियां अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि छोटी जोत वाले किसानों की जरूरतें सरकार की प्राथमिकता में हैं और उन्हें सभी लाभ, सीधे प्राप्त होते हैं।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के एक किसान और बीज उत्पादक श्री कुलवंत सिंह के साथ बातचीत करते हुए, प्रधानमंत्री ने पूछा कि वह कैसे विभिन्न प्रकार के बीजों का उत्पादन करते हैं। प्रधानमंत्री ने पूछा कि पूसा के कृषि संस्थान में वैज्ञानिकों के साथ बातचीत से उन्हें क्या फायदा हुआ और ऐसे संस्थानों के साथ संपर्क में रहने को लेकर किसानों में क्या रुझान है। प्रधानमंत्री ने अपनी फसलों के प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन करने के लिए किसान की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार बाजार तक पहुंच, अच्छी गुणवत्ता वाले बीज, मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसी कई पहल के माध्यम से किसानों को अच्छी कीमत दिलाने के लिए प्रयास कर रही है।
प्रधानमंत्री ने बारदेज, गोवा की रहने वाली श्रीमती दर्शना पेडनेकर से पूछा कि वह किस प्रकार विविध फसलों की खेती और विभिन्न पशुओं का पालन-पोषण कर रही हैं। उन्होंने श्रीमती दर्शना से उनके द्वारा नारियल के फसल में किए गए मूल्यवर्धन के बारे में पूछा। उन्होंने इस बात को लेकर खुशी व्यक्त की कि कैसे एक महिला किसान एक उद्यमी के रूप में नई ऊंचाइंया हासिल कर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने मणिपुर के श्री थोइबा सिंह के साथ बातचीत करते हुए, सशस्त्र बलों में सेवा देने के बाद खेती का काम संभालने के लिए उनकी सराहना की। श्री थोइबा की विविध गतिविधियों जैसे कृषि, मत्स्य पालन और अन्य संबद्ध गतिविधियों ने प्रधानमंत्री को प्रभावित किया। प्रधानमंत्री ने उन्हें जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान का उदाहरण बताते हुए उनकी प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री ने उधम सिंह नगर, उत्तराखंड के निवासी श्री सुरेश राणा से पूछा कि उन्होंने मक्के की खेती कैसे शुरू की। प्रधानमंत्री ने कृषक उत्पादन संगठनों (एफपीओ) का कुशलतापूर्वक उपयोग करने के लिए उत्तराखंड के किसानों की सराहना की और कहा कि जब किसान मिलकर काम करते हैं तो उन्हें बहुत लाभ होता है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को हर संसाधन और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि पिछले छह-सात वर्षों में कृषि से संबंधित चुनौतियों के समाधान के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का प्राथमिकता के आधार पर उपयोग किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारा सबसे ज्यादा ध्यान अधिक पौष्टिक बीजों पर है, जो खासकर बदलते मौसम में, नई परिस्थितियों के अनुकूल हैं।”
प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी के बीच पिछले साल विभिन्न राज्यों में बड़े पैमाने पर हुए टिड्डियों के हमले को याद किया। उन्होंने कहा कि भारत ने इस हमले से निपटने के लिए काफी प्रयास किए और किसानों को बहुत अधिक नुकसान होने से बचाया।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि जब भी किसानों और कृषि को सुरक्षा कवच मिलता है तो उनका विकास तेजी से होता है। उन्होंने बताया कि भूमि के संरक्षण के लिए 11 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने सरकार की किसान-हितैषी पहलों के बारे में बताया, जैसे – किसानों को जल सुरक्षा प्रदान करने के लिए लगभग 100 लंबित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अभियान, फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए किसानों को नई किस्मों के बीज उपलब्ध कराना और इस प्रकार अधिक उपज प्राप्त करना। उन्होंने कहा कि एमएसपी बढ़ाने के साथ-साथ खरीद प्रक्रिया में भी सुधार किया गया ताकि अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। रबी सीजन में 430 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद की गई है और किसानों को 85 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है। महामारी के दौरान गेहूं खरीद केंद्रों की संख्या को तीन गुना से अधिक बढ़ाया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को तकनीक से जोड़कर हमने उनके लिए बैंकों से मदद लेना आसान बना दिया है। आज किसानों को मौसम की जानकारी बेहतर तरीके से मिल रही है। हाल ही में 2 करोड़ से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण जो नए प्रकार के कीट, नई बीमारियां, महामारियां आ रही हैं, इससे इंसान और पशुधन के स्वास्थ्य पर भी बहुत बड़ा संकट आ रहा है और फसलें भी प्रभावित हो रही है। इन पहलुओं पर गहन रिसर्च निरंतर जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब साइंस, सरकार और सोसायटी मिलकर काम करेंगे तो उसके नतीजे और बेहतर आएंगे। किसानों और वैज्ञानिकों का ऐसा गठजोड़, नई चुनौतियों से निपटने में देश की ताकत बढ़ाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान को सिर्फ फसल आधारित इनकम सिस्टम से बाहर निकालकर, उन्हें वैल्यू एडिशन और खेती के अन्य विकल्पों के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि साइंस और रिसर्च के समाधानों से अब मोटे अनाजों सहित अन्य अनाजों को और विकसित करना ज़रूरी है। उन्होंने कहा इसका मकसद ये कि देश के अलग-अलग हिस्सों में, अलग-अलग ज़रूरतों के हिसाब से इन्हें उगाया जा सके। उन्होंने लोगों से कहा कि वे संयुक्त राष्ट्र द्वारा आगामी वर्ष को मिलेट वर्ष घोषित किए जाने के फलस्वरूप उपलब्ध होने वाले अवसरों का उपयोग करने के लिए तैयार रहें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी प्राचीन कृषि परंपराओं के साथ-साथ भविष्य की ओर बढ़ना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकी और खेती के नए उपकरण भविष्य की खेती के मूल में हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक कृषि मशीनों और उपकरणों को बढ़ावा देने के प्रयासों के आज सार्थक परिणाम दिखाई दे रहे हैं।
बीते 6-7 सालों में साइंस और टेक्नॉलॉजी को खेती से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए प्राथमिकता के आधार पर उपयोग किया जा रहा है।
विशेष रूप से बदलते हुए मौसम में, नई परिस्थितियों के अनुकूल, अधिक पोषण युक्त बीजों पर हमारा फोकस बहुत अधिक है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) September 28, 2021
पिछले वर्ष ही कोरोना से लड़ाई के बीच में हमने देखा है कि कैसे टिड्डी दल ने भी अनेक राज्यों में बड़ा हमला कर दिया था।
भारत ने बहुत प्रयास करके तब इस हमले को रोका था, किसानों का ज्यादा नुकसान होने से बचाया था: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) September 28, 2021
किसानों को पानी की सुरक्षा देने के लिए, हमने सिंचाई परियोजनाएं शुरू कीं, दशकों से लटकी करीब-करीब 100 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का अभियान चलाया।
फसलों को रोगों से बचाने के लिए, ज्यादा उपज के लिए किसानों को नई वैरायटी के बीज दिए गए: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) September 28, 2021
MSP में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ हमने खरीद प्रक्रिया में भी सुधार किया ताकि अधिक-से-अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके।
रबी सीजन में 430 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेंहूं खरीदा गया है।
इसके लिए किसानों को 85 हजार से अधिक का भुगतान किया गया है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) September 28, 2021
किसानों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने के लिए हमने उन्हें बैंकों से मदद को और आसान बनाया गया है।
आज किसानों को और बेहतर तरीके से मौसम की जानकारी मिल रही है।
हाल ही में अभियान चलाकर 2 करोड़ से ज्यादा किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं: PM @narendramodi
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जलवायु परिवर्तन के कारण जो नए प्रकार के कीट, नई बीमारियां, महामारियां आ रही हैं, इससे इंसान और पशुधन के स्वास्थ्य पर भी बहुत बड़ा संकट आ रहा है और फसलें भी प्रभावित हो रही है।
इन पहलुओं पर गहन रिसर्च निरंतर ज़रूरी है: PM @narendramodi
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जब साइंस, सरकार और सोसायटी मिलकर काम करेंगे तो उसके नतीजे और बेहतर आएंगे।
किसानों और वैज्ञानिकों का ऐसा गठजोड़, नई चुनौतियों से निपटने में देश की ताकत बढ़ाएगा: PM @narendramodi
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किसान को सिर्फ फसल आधारित इनकम सिस्टम से बाहर निकालकर, उन्हें वैल्यू एडिशन और खेती के अन्य विकल्पों के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है: PM @narendramodi
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साइंस और रिसर्च के समाधानों से अब मिलेट्स और अन्य अनाजों को और विकसित करना ज़रूरी है।
मकसद ये कि देश के अलग-अलग हिस्सों में, अलग-अलग ज़रूरतों के हिसाब से इन्हें उगाया जा सके: PM @narendramodi
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एमजी/एएम/जे/पी/एस
35 crop varieties with special traits are being dedicated to the nation. Watch. https://t.co/uVEZATpBZ2
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बीते 6-7 सालों में साइंस और टेक्नॉलॉजी को खेती से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए प्राथमिकता के आधार पर उपयोग किया जा रहा है।
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विशेष रूप से बदलते हुए मौसम में, नई परिस्थितियों के अनुकूल, अधिक पोषण युक्त बीजों पर हमारा फोकस बहुत अधिक है: PM @narendramodi
पिछले वर्ष ही कोरोना से लड़ाई के बीच में हमने देखा है कि कैसे टिड्डी दल ने भी अनेक राज्यों में बड़ा हमला कर दिया था।
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भारत ने बहुत प्रयास करके तब इस हमले को रोका था, किसानों का ज्यादा नुकसान होने से बचाया था: PM @narendramodi
खेती-किसानी को जब संरक्षण मिलता है, सुरक्षा कवच मिलता है, तो उसका और तेजी से विकास होता है।
— PMO India (@PMOIndia) September 28, 2021
किसानों की जमीन को सुरक्षा देने के लिए, उन्हें अलग-अलग चरणों में 11 करोड़ सॉयल हेल्थ कार्ड दिए गए हैं: PM @narendramodi
किसानों को पानी की सुरक्षा देने के लिए, हमने सिंचाई परियोजनाएं शुरू कीं, दशकों से लटकी करीब-करीब 100 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का अभियान चलाया।
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फसलों को रोगों से बचाने के लिए, ज्यादा उपज के लिए किसानों को नई वैरायटी के बीज दिए गए: PM @narendramodi
MSP में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ हमने खरीद प्रक्रिया में भी सुधार किया ताकि अधिक-से-अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके।
— PMO India (@PMOIndia) September 28, 2021
रबी सीजन में 430 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेंहूं खरीदा गया है।
इसके लिए किसानों को 85 हजार से अधिक का भुगतान किया गया है: PM @narendramodi
किसानों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने के लिए हमने उन्हें बैंकों से मदद को और आसान बनाया गया है।
— PMO India (@PMOIndia) September 28, 2021
आज किसानों को और बेहतर तरीके से मौसम की जानकारी मिल रही है।
हाल ही में अभियान चलाकर 2 करोड़ से ज्यादा किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं: PM @narendramodi
जलवायु परिवर्तन के कारण जो नए प्रकार के कीट, नई बीमारियां, महामारियां आ रही हैं, इससे इंसान और पशुधन के स्वास्थ्य पर भी बहुत बड़ा संकट आ रहा है और फसलें भी प्रभावित हो रही है।
— PMO India (@PMOIndia) September 28, 2021
इन पहलुओं पर गहन रिसर्च निरंतर ज़रूरी है: PM @narendramodi
जब साइंस, सरकार और सोसायटी मिलकर काम करेंगे तो उसके नतीजे और बेहतर आएंगे।
— PMO India (@PMOIndia) September 28, 2021
किसानों और वैज्ञानिकों का ऐसा गठजोड़, नई चुनौतियों से निपटने में देश की ताकत बढ़ाएगा: PM @narendramodi
किसान को सिर्फ फसल आधारित इनकम सिस्टम से बाहर निकालकर, उन्हें वैल्यू एडिशन और खेती के अन्य विकल्पों के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है: PM @narendramodi
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साइंस और रिसर्च के समाधानों से अब मिलेट्स और अन्य अनाजों को और विकसित करना ज़रूरी है।
— PMO India (@PMOIndia) September 28, 2021
मकसद ये कि देश के अलग-अलग हिस्सों में, अलग-अलग ज़रूरतों के हिसाब से इन्हें उगाया जा सके: PM @narendramodi
खेती की जो हमारी पुरातन परंपरा है उसके साथ-साथ मार्च टू फ्यूचर भी उतना ही आवश्यक है।
— PMO India (@PMOIndia) September 28, 2021
फ्यूचर की जब हम बात करते हैं तो उसके मूल में आधुनिक टेक्नॉलॉजी है, खेती के नए औज़ार हैं।
आधुनिक कृषि मशीनों और उपकरणों को बढ़ावा देने के प्रयासों का परिणाम आज दिख रहा है: PM @narendramodi
सॉयल हेल्थ कार्ड से लेकर नीम कोटेड यूरिया तक,
— Narendra Modi (@narendramodi) September 28, 2021
MSP में रिकॉर्ड बढ़ोतरी से लेकर e-Nam तक,
सिंचाई परियोजनाओं से लेकर सौर ऊर्जा तक,
हमें अपने अन्नदाताओं की सेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। pic.twitter.com/VvfZ3pEYQ8
Agriculture is a state subject and that is why, I will cherish my administrative experience in Gujarat that helped me get understand the nuances of the sector better.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 28, 2021
Our collective efforts yielded great results. pic.twitter.com/AXNqwmLb9Z
Need of the hour is:
— Narendra Modi (@narendramodi) September 28, 2021
'Back to basics' and ‘march to the future.’
Let us carry forward best practices of the past and work towards a glorious future. pic.twitter.com/mzDgaTlxgm
साइंस एंड रिसर्च के समाधानों से अब मिलेट्स एवं अन्य अनाजों को और विकसित करना जरूरी है। मकसद ये कि देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग जरूरतों के हिसाब से इन्हें उगाया जा सके... pic.twitter.com/NoBe2H7At4
— Narendra Modi (@narendramodi) September 28, 2021
सभी शिक्षाविदों, कृषि वैज्ञानिकों और संस्थानों से मेरा एक आग्रह है… pic.twitter.com/IXc613ii91
— Narendra Modi (@narendramodi) September 28, 2021