प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मुंबई में 141वें अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) सत्र का उद्घाटन किया। यह सत्र खेल से संबंधित विभिन्न हितधारकों के बीच वार्तालाप और ज्ञान साझा करने का अवसर प्रदान करता है।
इस अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने 40 वर्षों के बाद भारत में हो रहे इस सत्र के महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने अहमदाबाद में विश्व के सबसे बड़े स्टेडियम में दर्शकों के उत्साहपूर्ण जयघोष के बीच क्रिकेट विश्व कप में भारत की जीत पर भी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “मैं भारतीय टीम और प्रत्येक भारतीय को इस ऐतिहासिक जीत पर बधाई देता हूं।”
प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि खेल भारत की संस्कृति और जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण अंग रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम भारत के गांवों की यात्रा करते हैं तो देखते हैं कि कोई भी त्योहार खेल के बिना अधूरा रहता है। श्री मोदी ने कहा कि भारतीय न सिर्फ खेल प्रेमी हैं, बल्कि इसे आत्मसात भी करते हैं। उन्होंने कहा कि खेल संस्कृति भारत के हजारों वर्ष पुराने इतिहास में परिलक्षित होती है। चाहे सिंधु घाटी सभ्यता हो, वैदिक काल हो या उसके बाद का युग, प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि भारत की खेल विरासत बहुत समृद्ध रही है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि हजारों वर्ष पहले लिखे गए ग्रंथों में घुड़सवारी, तैराकी, तीरंदाजी कुश्ती आदि खेलों सहित 64 विधाओं में पारंगत होने का उल्लेख किया गया है और उनमें पारंगत होने पर बल भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि तीरंदाजी के खेल को सीखने के लिए एक ‘धनुर वेद संहिता’ यानी तीरंदाजी के लिए एक संहिता प्रकाशित की गई थी, जिसमें धनुषवाण, चक्र, भाला, तलवारबाजी, खंजर, गदा और कुश्ती जैसे 7 अनिवार्य कौशलों का उल्लेख किया गया है।
प्रधानमंत्री ने भारत की इस प्राचीन खेल विरासत का वैज्ञानिक प्रमाण प्रस्तुत किया। उन्होंने धोलावीरा यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का उल्लेख किया और 5000 वर्ष पुराने इस नगर की शहरी योजना में खेल के बुनियादी ढांचे के संदर्भ में भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि खुदाई में दो स्टेडियम मिले हैं, उनमें से एक उस समय का दुनिया का सबसे पुराना और बड़ा स्टेडियम था। इसी तरह राखीगढ़ी में खेल-कूद से जुड़ी संरचनाएं मिली हैं। श्री मोदी ने कहा कि भारत की यह खेल विरासत संपूर्ण दुनिया की है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि खेल में किसी की हार नहीं होती है, केवल विजेता और सीखने वाले होते हैं। खेल की भाषा और भावना सार्वभौमिक है। खेल महज प्रतिस्पर्धा नहीं है। खेल मानवता को विस्तार करने का अवसर प्रदान करता है। यही कारण है कि रिकॉर्ड विश्व स्तर पर बनाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि खेल ‘वसुधैव कुटुंबकम्’- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की भावना को भी मजबूत करता है। प्रधानमंत्री ने भारत में खेलों के विकास के लिए हाल के उपायों को भी सूचीबद्ध किया। उन्होंने खेलो इंडिया गेम्स, खेलो इंडिया यूथ गेम्स, खेलो इंडिया विंटर गेम्स, संसद सदस्य खेल प्रतियोगिताओं और आगामी खेलो इंडिया पैरा गेम्स का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि हम भारत में खेलों में समावेशिता और विविधता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने खेल की दुनिया में भारत के शानदार प्रदर्शन के लिए सरकार के प्रयासों को इसका श्रेय दिया। उन्होंने ओलंपिक के पिछले संस्करण में कई एथलीटों के शानदार प्रदर्शन का भी स्मरण किया और हाल ही में संपन्न एशियाई खेलों में भारत के अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और विश्व विश्वविद्यालय खेलों में भारत के युवा एथलीटों द्वारा बनाए गए नए रिकॉर्ड का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सकारात्मक बदलाव भारत में खेलों के तेजी से बदलते परिदृश्य का संकेत हैं।
श्री मोदी ने कहा कि भारत ने वैश्विक खेल टूर्नामेंट आयोजित करने में अपनी क्षमता को सफलतापूर्वक सिद्ध किया है। उन्होंने हाल ही में आयोजित शतरंज ओलंपियाड टूर्नामेंट जो 186 देशों का साक्षी बना, फुटबॉल अंडर-17 महिला विश्व कप, हॉकी विश्व कप, महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप, शूटिंग विश्व कप और वर्तमान क्रिकेट विश्व कप जैसे वैश्विक टूर्नामेंटों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि देश हर वर्ष दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग का आयोजन करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आईओसी कार्यकारी बोर्ड ने ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल करने की सिफारिश की है और विश्वास जताया कि इन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया जाएगा।
वैश्विक कार्यक्रम को भारत के लिए दुनिया के स्वागत करने का एक अवसर बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और बेहतर तरीके से विकसित बुनियादी ढांचे के कारण वैश्विक कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए तैयार हैं। उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन का उदाहरण देते हुए कहा कि इसके अंतर्गत देश के 60 से अधिक शहरों में कार्यक्रम आयोजित किये गये और यह हर क्षेत्र में भारत की आयोजन क्षमता का प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के 140 करोड़ नागरिकों का विश्वास ही इनका आधार बना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत देश में ओलंपिक की मेजबानी करने के प्रति आशान्वित है। भारत 2036 में ओलंपिक के सफल आयोजन की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ेगा और यह 140 करोड़ भारतीयों का सपना है। उन्होंने कहा कि देश सभी हितधारकों के सहयोग से इस सपने को पूरा करना चाहता है। श्री मोदी ने कहा कि भारत वर्ष 2029 में होने वाले युवा ओलंपिक की मेजबानी के लिए भी उत्सुक है और उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आईओसी भारत को अपना समर्थन देना जारी रखेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘खेल सिर्फ मेडल जीतने का ही नहीं, बल्कि दिल जीतने का माध्यम है। खेल सभी के लिए है। यह न केवल चैंपियन तैयार करता है बल्कि शांति, प्रगति और कल्याण को भी बढ़ावा देता है। इसलिए, खेल दुनिया को एकजुट करने का एक और माध्यम है। प्रधानमंत्री ने एक बार फिर प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए सत्र के शुभारंभ की घोषणा की।
इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष श्री थॉमस बाख और अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की सदस्य श्रीमती नीता अंबानी उपस्थित थीं।
पृष्ठभूमि
आईओसी सत्र अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के सदस्यों की एक महत्वपूर्ण बैठक के रूप में कार्य करता है। ओलंपिक खेलों के भविष्य के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय आईओसी सत्र में लिए जाते हैं। भारत लगभग 40 वर्षों के अंतराल के बाद दूसरी बार आईओसी सत्र की मेजबानी कर रहा है। आईओसी का 86वाँ सत्र 1983 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था।
भारत में आयोजित होने वाला 141वां आईओसी सत्र वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने, खेल उत्कृष्टता का उत्सव मनाने और मित्रता, सम्मान और उत्कृष्टता के ओलंपिक आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए देश के समर्पण का प्रतीक है। यह खेल से संबंधित विभिन्न हितधारकों के बीच वार्तालाप और ज्ञान साझा करने का अवसर प्रदान करता है।
सत्र में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष श्री थॉमस बाख और आईओसी के अन्य सदस्यों के साथ-साथ प्रमुख भारतीय खेल हस्तियों और भारतीय ओलंपिक संघ सहित विभिन्न खेल महासंघों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
Addressing the 141st International Olympic Committee Session in Mumbai. https://t.co/qmO6WLh10a
— Narendra Modi (@narendramodi) October 14, 2023
Sports is an important aspect of Indian culture and lifestyle. pic.twitter.com/3L7zswdgDZ
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In sports there are no losers, there are only winners and learners. pic.twitter.com/6dabjDqLcl
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With special focus on sports, today India is performing brilliantly in international events. pic.twitter.com/9KJZjW6QW0
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India eagerly anticipates hosting the Olympics. pic.twitter.com/NOAIcau7SK
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140 करोड़ देशवासियों का सपना है कि 2036 में भारत की धरती पर ओलंपिक का सफल और शानदार आयोजन हो। इसके लिए हम अपने प्रयासों में कोई कोर-कसर नहीं रखेंगे। pic.twitter.com/bUBlVp4tvP
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