600 प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों का शुभारंभ किया
प्रधानमंत्री ने भारतीय जन उर्वरक परियोजना- ‘एक राष्ट्र एक उर्वरक’ का शुभारंभ किया
भारत यूरिया बैग को लॉन्च किया
पीएम-किसान निधि से 16,000 करोड़ रुपये जारी किए
किसानों की विभिन्न प्रकार की जरूरतों को पूरा करने के लिए उर्वरक की 3.5 लाख खुदरा दुकानों को चरणबद्ध तरीके से प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों में परिवर्तित किया जाएगा
“प्रौद्योगिकी आधारित आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाना समय की मांग है”
“पिछले 7-8 वर्षों में 70 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि सूक्ष्म सिंचाई के तहत लाई गई है”
“1.75 करोड़ से अधिक किसानों और 2.5 लाख व्यापारियों को ई-नाम से जोड़ा गया है। ई-नाम के माध्यम से लेन-देन 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है”
“कृषि क्षेत्र में अधिक से अधिक स्टार्टअप का होना इस क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत हैं”
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में पीएम किसान सम्मान सम्मेलन 2022 का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत 600 प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों (पीएमकेएसके) का भी शुभारंभ किया। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना- एक राष्ट्र एक उर्वरक का भी शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत 16,000 करोड़ रुपये की 12वीं किस्त भी जारी की। प्रधानमंत्री ने कृषि स्टार्टअप कॉन्क्लेव और प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने उर्वरक पर एक ई-पत्रिका ‘इंडियन एज‘ का भी विमोचन किया। श्री मोदी ने स्टार्टअप प्रदर्शनी की थीम पवेलियन का भ्रमण किया और वहां प्रदर्शित उत्पादों का अवलोकन किया।
सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने एक परिसर में जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान की उपस्थिति को स्वीकार करते हुए कहा कि हम आज यहां इस मंत्र को जीवंत रूप में देख सकते हैं। उन्होंने विस्तारपूर्वक बताया कि किसान सम्मेलन किसानों के जीवन को आसान बनाने, उनकी क्षमता को बढ़ाने और उन्नत कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने का एक माध्यम है।
श्री मोदी ने कहा, “आज 600 से अधिक प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों की शुरुआत हो रही है।” उन्होंने कहा कि ये केंद्र न केवल उर्वरक के लिए बिक्री केंद्र हैं बल्कि देश के किसानों के साथ एक घनिष्ठ नाता जोड़ने वाला एक तंत्र हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की नई किस्त के संबंध में प्रधानमंत्री ने कहा कि बिना किसी बिचौलिए को शामिल किए पैसा सीधे किसानों के खातों में पहुंचता है। श्री मोदी ने दिवाली से ठीक पहले किसानों तक धनराशि पहुंचने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में करोड़ों किसान परिवारों को 16,000 करोड़ रुपये की एक और किस्त भी जारी की गई है।” प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज, एक राष्ट्र एक उर्वरक के रूप में किसानों को सस्ती और क्वालिटी खाद भारत ब्रांड के तहत उपलब्ध कराने की योजना भी शुरू की गई है।
2014 से पहले के उस समय को याद करते हुए जब किसानों को संकटग्रस्त कृषि क्षेत्र और यूरिया की कालाबाजारी से जूझना पड़ता था, प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि किसानों को अपना उचित हक जताने के लिए भी डंडों का आघात सहना पड़ता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने यूरिया पर 100 प्रतिशत नीम का लेप लगाकर उसकी कालाबाजारी को रोका है। उन्होंने कहा कि हमने देश की उन 6 सबसे बड़ी यूरिया फैक्ट्रियों को फिर से शुरू करने के लिए कड़ी मेहनत की, जो वर्षों से बंद पड़ी थीं।
मेहनती किसानों को अत्यधिक लाभान्वित करने वाले कदमों के बारे में प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत तरल नैनो यूरिया उत्पादन में तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहा है। श्री मोदी ने कहा कि नैनो यूरिया कम लागत में अधिक उत्पादन करने का माध्यम है। इसके लाभ बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यूरिया से भरी एक बोरी का स्थान अब नैनो यूरिया की एक बोतल ले सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि इससे यूरिया की परिवहन लागत में भी काफी कमी आएगी।
प्रधानमंत्री ने भारत की उर्वरक सुधार की कहानी में दो नए उपायों का उल्लेख किया। सबसे पहले देश भर में 3.25 लाख से अधिक उर्वरक दुकानों को ‘प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों’ के रूप में विकसित करने का एक अभियान आज शुरू किया जा रहा है। ये ऐसे केंद्र होंगे जहां किसान न केवल उर्वरक और बीज खरीद सकते हैं बल्कि मिट्टी परीक्षण भी करा सकते हैं और कृषि तकनीकों के बारे में उपयोगी जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। दूसरे, ‘एक राष्ट्र, एक उर्वरक’ से किसान को खाद की गुणवत्ता और उसकी उपलब्धता को लेकर फैली हर तरह की भ्रांति से मुक्ति मिलने वाली है। श्री मोदी ने कहा कि अब देश में बिकने वाला यूरिया एक ही नाम, एक ही ब्रांड और एक ही गुणवत्ता का होगा और यह ब्रांड ‘भारत’ है! अब यूरिया पूरे देश में केवल ‘भारत‘ ब्रांड नाम के तहत ही उपलब्ध होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इससे उर्वरकों की लागत कम होगी और उनकी उपलब्धता भी बढ़ेगी।
प्रौद्योगिकी आधारित आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने की समय की जरूरत पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें कृषि में नई प्रणालियां सृजित करनी होंगी, खुले दिमाग से अधिक वैज्ञानिक और तकनीकी विधियों को भी अपनाना होगा। इसी सोच के साथ हमने कृषि में वैज्ञानिक विधियों को बढ़ावा देने और प्रौद्योगिकी के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि अभी तक 22 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जा चुके हैं और सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने के लिए भी वैज्ञानिक प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 7-8 वर्षों के दौरान किसानों को बदली हुई जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल लगभग 1700 नई किस्मों के बीज उपलब्ध कराए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने वैश्विक स्तर पर बाजरे के बारे में बढ़ती जिज्ञासा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “हमारे यहां जो पारंपरिक मोटा अनाज-बाजरा होता है, उनके बीजों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भी आज देश में अनेक हब बनाए जा रहे हैं।” पूरे विश्व में भारत के मोटे अनाज को प्रोत्साहित करने के सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि अगले वर्ष को मोटे अनाज का अंतरराष्ट्रीय वर्ष भी घोषित किया गया है।
प्रधानमंत्री ने सिंचाई के लिए अंधाधुंध मात्रा में पानी का उपयोग करने के बारे में सचेत किया और ‘प्रति बूंद, अधिक फसल’, सूक्ष्म सिंचाई और ड्रिप सिंचाई की दिशा में सरकार के प्रयासों को दोहराया। उन्होंने बताया कि पिछले 7-8 वर्षों में देश की लगभग 70 लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन को सूक्ष्म सिंचाई के दायरे में लाया जा चुका है।
प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने की जरूरत पर बल देते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि यह भविष्य की चुनौतियों का समाधान करने का एक अहम रास्ता प्रदान करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए भी पूरे देशभर में आज हम काफी जागरूकता का अनुभव कर रहे हैं। प्राकृतिक खेती को लेकर गुजरात, हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश के साथ-साथ यूपी, उत्तराखंड में बड़े स्तर पर किसान काम कर रहे हैं। गुजरात में तो जिला और ग्राम पंचायत स्तर पर भी इसको लेकर योजनाएं बनाई जा रही हैं।
पीएम-किसान जैसी परिवर्तनकारी पहल पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि आधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग से छोटे किसानों को कैसे लाभ होता है, इसका एक उदाहरण पीएम किसान सम्मान निधि है। उन्होंने कहा, “इस योजना के शुरू होने के बाद से दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रान्सफर किए गए हैं। छोटे किसानों के लिए, जो देश की किसानों की कुल आबादी का 85 प्रतिशत से ज्यादा हैं, यह एक बहुत बड़ा समर्थन है।”
हमारे किसानों के लिए ‘ईज ऑफ लिविंग‘ सुनिश्चित करने वाले विभिन्न कदमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “आज बेहतर और आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए हम खेत और बाजार के बीच की दूरी को भी कम कर रहे हैं।” इसका भी सबसे बड़ा लाभार्थी छोटा किसान ही है, जो फल, सब्जियां, दूध और मछली जैसे जल्दी खराब होने वाले उत्पादों से जुड़ा है। किसान रेल और कृषि उड़ान हवाई सेवा इसमें बहुत काम आ रही है। ये आधुनिक सुविधाएं आज किसानों के खेतों को देश भर के बड़े शहरों और विदेश के बाजारों से जोड़ रही हैं। उन्होंने बताया कि भारत कृषि निर्यात के मामले में शीर्ष 10 देशों में शामिल है। विश्वव्यापी महामारी की समस्याओं के बावजूद कृषि निर्यात में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। क्षेत्र विशेष के निर्यात का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसी पहल को ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना के तहत समर्थन दिया जा रहा है और जिला स्तर पर निर्यात हब स्थापित किए जा रहे हैं। इसी तरह, प्रोसेस्ड फूड से किसानों को ज्यादा आमदनी हो रही है। बड़े फूड पार्कों की संख्या दो से बढ़कर 23 हो गई है। साथ ही, एफपीओ और एसएचजी को इन पार्कों से जोड़ा जा रहा है। ई-नाम ने किसानों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। ई-नाम टेक्नोलॉजी के माध्यम से किसानों को देश के किसी भी मंडी में अपनी उपज बेच सकने में सक्षम बनाता है। उन्होंने बताया, “कुल 1.75 करोड़ से ज्यादा किसानों और 2.5 लाख व्यावसायियों को ई-नाम से जोड़ा गया है। ई-नाम के माध्यम से दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन किया गया है।”
देश में कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप्स की बढ़ती संख्या पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह इस क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक शुभ संकेत है। श्री मोदी ने कहा, “स्टार्टअप्स और इनोवेटिव युवा ही भारतीय कृषि और भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का भविष्य हैं। लागत से लेकर परिवहन तक, हमारे स्टार्टअप्स के पास हर समस्या का समाधान है।”
आत्मनिर्भर भारत पर अपने लगातार आग्रह की वजहें बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि खाद्य तेल, उर्वरक और कच्चे तेल जैसे प्रमुख उत्पाद भारी वित्तीय व्यय और वैश्विक स्थितियों के लिए जिम्मेदार हैं जिनसे आपूर्ति भी प्रभावित होती है। उन्होंने डीएपी और अन्य उर्वरकों का उदाहरण दिया, जिनकी कीमतों में अत्यधिक बढ़ोतरी हुई और भारत को 75-80 रुपये प्रति किलो की दर से यूरिया खरीदना पड़ा, हालांकि इसकी आपूर्ति किसानों को 5-6 रुपये प्रति किलो की दर से की गई। श्री मोदी ने कहा कि सरकार इस साल भी किसानों को किफायती खाद सुनिश्चित करने के लिए 2.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। उन्होंने कच्चे तेल और गैस के संबंध में विदेशी निर्भरता को कम करने के लिए जैव-ईंधन और इथेनॉल जैसे उपायों का जिक्र किया।
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने भारत के किसानों से मिशन ऑयल पाम का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आग्रह किया, जो खाद्य तेल क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने आगे कहा कि तिलहन का उत्पादन बढ़ाकर भारत खाद्य तेलों की खपत को कम कर सकता है। श्री मोदी ने कहा, “हमारे किसान इस क्षेत्र में बहुत सक्षम हैं।” दलहन उत्पादन के संबंध में 2015 में अपने आह्वान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने दलहन उत्पादन में 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर प्रसन्नता व्यक्त की और किसानों को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि “आजादी का अमृत महोत्सव में हम कृषि को बेहद आकर्षक और समृद्ध बनाएंगे” और उन्होंने सभी किसानों एवं स्टार्टअप्स को शुभकामनाएं देते हुए अपने संबोधन का समापन किया।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री मनसुख मांडविया, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे और श्री कैलाश चौधरी और केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा भी अन्य लोगों के साथ इस अवसर पर उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
यह आयोजन देश भर के 13,500 से ज्यादा किसानों और तकरीबन 1500 कृषि स्टार्टअप्स को एक साथ लाया है। इस कार्यक्रम में विभिन्न संस्थानों के 1 करोड़ से ज्यादा किसानों के वर्चुअल रूप से हिस्सा लेने की उम्मीद है। इस सम्मेलन में शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और अन्य हितधारकों की भागीदारी भी देखने को मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत 600 प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों (पीएमकेएसके) का उद्घाटन किया। इस योजना के तहत देश में खुदरा खाद की दुकानों को चरणबद्ध तरीके से पीएमकेएसके में बदला जाएगा। पीएमकेएसके किसानों की विभिन्न प्रकार की जरूरतों को पूरा करेंगे और कृषि सामग्री (उर्वरक, बीज, उपकरण), मिट्टी, बीज और उर्वरकों के लिए परीक्षण सुविधाएं प्रदान करेंगे; किसानों के बीच जागरूकता पैदा करेंगे; विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे और ब्लॉक/जिला स्तर के आउटलेट पर खुदरा विक्रेताओं का नियमित क्षमता निर्माण सुनिश्चित करेंगे। 3.3 लाख से ज्यादा खुदरा उर्वरक दुकानों को पीएमकेएसके में बदलने की योजना है।
प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना- एक राष्ट्र, एक उर्वरक‘ को भी लॉन्च किया। इस योजना के तहत प्रधानमंत्री, भारत यूरिया बैग लॉन्च करेंगे जो कंपनियों को सिंगल ब्रांड नेम ‘भारत‘ के तहत उर्वरकों की मार्केटिंग में मदद करेंगे।
इस कार्यक्रम के दौरान किसानों के कल्याण के प्रति प्रधानमंत्री की निरंतर प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए प्रधानमंत्री ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत 16,000 करोड़ रुपये की 12वीं किश्त राशि भी जारी की। इस योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को 6000 रुपये का लाभ प्रति वर्ष, 2000 रुपये की तीन समान किस्तों में प्रदान किया जाता है। अब तक पात्र किसान परिवारों को पीएम-किसान के अंतर्गत 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के लाभ मिल चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने इसके अलावा कृषि स्टार्टअप कॉन्क्लेव और प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। लगभग 300 स्टार्टअप यहां पर प्रीसिजन फार्मिंग, पोस्ट-हार्वेस्ट एंड वैल्यू एड सॉल्यूशंस, संबंद्ध खेती, वेस्ट टू वेल्थ, छोटे किसानों के लिए मशीनीकरण, सप्लाई चेन मैनेजमेंट और एग्री-लॉजिस्टिक से संबंधित अपने इनोवेशन का प्रदर्शन करेंगे। यह मंच स्टार्टअप्स को किसानों, एफपीओ, कृषि-विशेषज्ञों, कॉरपोरेट्स आदि के साथ बातचीत करने की सुविधा प्रदान करेगा। स्टार्टअप भी अपने अनुभव साझा करेंगे और तकनीकी सत्रों में अन्य हितधारकों के साथ बातचीत करेंगे।
इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने उर्वरक पर एक ई-पत्रिका ‘इंडियन एज‘ का भी शुभारंभ किया। ये घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उर्वरक स्थितियों के बारे में जानकारी प्रदान करेगी जिसमें हालिया घटनाक्रमों, मूल्य रुझानों के विश्लेषण, उपलब्धता और खपत और किसानों की सफलता की कहानियां शामिल होंगी।
Historic day for farmer welfare. Launching initiatives for fulfilling the aspirations of our ‘Annadatas’. https://t.co/XSfZ1okHUW
— Narendra Modi (@narendramodi) October 17, 2022
One Nation, One Fertilizer. pic.twitter.com/cmthSNOWo3
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
Steps that have immensely benefitted our hardworking farmers. pic.twitter.com/aTVafM0OUy
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
Big reforms for the fertilizer sector. pic.twitter.com/5W5AEINrkl
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
The need of the hour is to adopt technology-based modern farming techniques. pic.twitter.com/JEieu54728
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
The curiosity about millets is on the rise globally. pic.twitter.com/S3NAX42g3K
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
Per drop, more crop. pic.twitter.com/0U0rlbmycc
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
Natural farming needs to be encouraged. pic.twitter.com/NhpplLTidV
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
PM-KISAN is a transformational initiative for the farmers. pic.twitter.com/wQMqZdqTjt
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
Steps that ensure ‘Ease of Living’ for our farmers. pic.twitter.com/7G7NPVv29O
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
e-NAM has ushered in a positive impact on the lives of farmers. pic.twitter.com/q6Wl3jfAwM
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
More and more Start-Ups in agriculture sector augurs well for the sector and rural economy. pic.twitter.com/1yChaGAIZn
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
Steps which will strengthen our farmers and make India self-reliant. pic.twitter.com/8Ui0e8UxZH
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
***
एमजी/एएम/एसकेएस/आईपीएस/आर/ जीबी/एसएस /एसके
Historic day for farmer welfare. Launching initiatives for fulfilling the aspirations of our 'Annadatas'. https://t.co/XSfZ1okHUW
— Narendra Modi (@narendramodi) October 17, 2022
One Nation, One Fertilizer. pic.twitter.com/cmthSNOWo3
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
Steps that have immensely benefitted our hardworking farmers. pic.twitter.com/aTVafM0OUy
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
Big reforms for the fertilizer sector. pic.twitter.com/5W5AEINrkl
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
Big reforms for the fertilizer sector. pic.twitter.com/5W5AEINrkl
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
The need of the hour is to adopt technology-based modern farming techniques. pic.twitter.com/JEieu54728
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
The need of the hour is to adopt technology-based modern farming techniques. pic.twitter.com/JEieu54728
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
The curiosity about millets is on the rise globally. pic.twitter.com/S3NAX42g3K
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
Per drop, more crop. pic.twitter.com/0U0rlbmycc
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
Natural farming needs to be encouraged. pic.twitter.com/NhpplLTidV
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
PM-KISAN is a transformational initiative for the farmers. pic.twitter.com/wQMqZdqTjt
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
Steps that ensure 'Ease of Living' for our farmers. pic.twitter.com/7G7NPVv29O
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
e-NAM has ushered in a positive impact on the lives of farmers. pic.twitter.com/q6Wl3jfAwM
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
More and more Start-Ups in agriculture sector augurs well for the sector and rural economy. pic.twitter.com/1yChaGAIZn
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022
Steps which will strengthen our farmers and make India self-reliant. pic.twitter.com/8Ui0e8UxZH
— PMO India (@PMOIndia) October 17, 2022