प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज बेंगलुरु के येलहंका स्थित वायु सेना स्टेशन में 14वें एयरो इंडिया 2023 का उद्घाटन किया। एयरो इंडिया 2023 की विषयवस्तु “दी रन-वे टू अ बिलियन अपॉरट्यूनिटीज़” है। इसमें 80 से अधिक देश हिस्सा लेंगे। उनके साथ 800 रक्षा कंपनियां भी शामिल होंगी, जिनमें लगभग 100 विदेशी और 700 भारतीय कंपनियां हैं। प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर दी वर्ल्ड’ की परिकल्पना के अनुरूप इस कार्यक्रम में स्वदेशी उपकरणों/प्रौद्योगिकियों को प्रस्तुत किया जायेगा तथा विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी की जायेगी।
उपस्थितजनों के सम्बोधित करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि बेंगलुरु का आसमान आज नए भारत के सामर्थ्य का साक्षी बन रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह नई ऊंचाई नये भारत की सच्चाई है। आज भारत नई ऊंचाइयों को छू भी रहा है और उन्हें पार भी कर रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि एयरो इंडिया 2023 भारत के बढ़ते हुए सामर्थ्य का उदाहरण है। इसमें दुनिया के करीब 100 देशों की मौजूदगी होना दिखाता है कि भारत पर पूरे विश्व का विश्वास कितना बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि इसमें 700 से अधिक प्रस्तुकर्ता भाग ले रहे हैं, जिनमें भारतीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम भी हैं और स्टार्ट-अप भी। ये सभी दुनिया की प्रसिद्ध कंपनियों के साथ हिस्सा ले रहे हैं। एयरो इंडिया 2023 की विषयवस्तु ‘दी रन-वे टू अ बिलियन अपॉरट्यूनिटीज़’ पर प्रकाश डालते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की शक्ति हर गुजरते दिन के साथ बढ़ती रहेगी।
एयरो इंडिया के साथ रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन और सीईओ गोलमेज के आयोजन का उल्लेख करते हुये श्री मोदी ने कहा कि रक्षा सेक्टर में सक्रिय भागीदारी से एयरो इंडिया की क्षमता बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री ने कर्नाटक में एयरो इंडिया के आयोजन के महत्त्व का उल्लेख किया, क्योंकि कर्नाटक भारत की प्रौद्योगिकीय प्रगति का केंद्र है। उन्होंने कहा कि इससे विमानन सेक्टर में युवाओं के लिये नई संभावनायें खुलेंगी। प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के युवाओं का आह्वान किया कि वे देश को मजबूत बनाने के लिये अपनी प्रौद्योगिकीय विशेषज्ञता को रक्षा क्षेत्र में लगाएं।
एयरो इंडिया 2023 को नये भारत की बदलती सोच का प्रतीक बताते हुये प्रधानमंत्री ने कहा, “जब कोई देश, नई सोच, नये अप्रोच के साथ आगे बढ़ता है, तो उसकी व्यवस्थाएं भी नई सोच के हिसाब से ढलने लगती हैं।” प्रधानमंत्री ने उस समय को याद किया जब एयरो इंडिया ‘केवल एक प्रदर्शनी’ और ‘भारत के लिये एक बाजार’ हुआ करता था, लेकिन अब यह अवधारणा बदल चुकी है। उन्होंने कहा, “आज, एयरो इंडिया केवल प्रदर्शनी मात्र नहीं है, बल्कि वह भारत की ताकत दर्शाता है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा वह इसलिये कहते हैं कि यह केवल रक्षा उद्योग की संभावनाओं को परिलक्षित नहीं करता है, बल्कि भारत के आत्म-विश्वास को भी प्रकट करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सफलताओं को उसकी क्षमताओं में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि तेजस, आईएनएस विक्रांत, सूरत और टुमकुर में उन्नत निर्माण सुविधाओं की मौजूदगी आत्मनिर्भर भारत की क्षमता प्रकट करती हैं, जिनसे विश्व के नये विकल्प व अवसर जुड़े हैं।
प्रधानमंत्री ने सुधारों की मदद से हर सेक्टर में आने वाले क्रांतिकारी बदलावों के आलोक में कहा, “21वीं सदी का भारत, अब न कोई मौका खोयेगा और न ही अपनी मेहनत में कोई कमी रखेगा।” उन्होंने कहा कि जो देश दशकों से सबसे बड़ा रक्षा आयातक था, उसने अब दुनिया के 75 देशों को रक्षा उपकरण निर्यात करने शुरू कर दिए हैं।
विगत आठ-नौ वर्षों में रक्षा सेक्टर में आने वाले बदलाव का उल्लेख करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि लक्ष्य यह है कि वर्ष 2024-25 तक रक्षा निर्यात को 1.5 अरब से बढ़ाकर पांच अरब कर दिया जाये। प्रधानमंत्री ने कहा, “सबसे बड़े रक्षा उत्पादक देशों में शामिल होने के लिये भारत तेज कदमों से आगे बढ़ेगा तथा हमारा निजी क्षेत्र और निवेशक इसमें बड़ी भूमिका निभायेंगे।” प्रधानमंत्री ने निजी सेक्टर का आह्वान किया कि वह रक्षा सेक्टर में निवेश करे, जिससे भारत और कई अन्य देशों में उनके लिये नये अवसर पैदा होंगे।
श्री मोदी ने अमृत काल के भारत को लड़ाकू विमान चालक की उपमा देते हुये कहा, “आज का भारत तेज सोचता है, दूर की सोचता है और तुरंत फैसले लेता है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जिसे नई ऊंचाइयां छूने में डर नहीं लगता, बल्कि वह इसके लिए उत्साहित है। उन्होंने कहा कि भारत की रफ्तार चाहे जितनी तेज हो, लेकिन वह अपनी जड़ों से जुड़ा रहता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “एयरो इंडिया की गगनभेदी गर्जना में भारत के सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के संदेश की गूंज है।” उन्होंने उल्लेख किया पूरी दुनिया भारत में ‘व्यापार सुगमता’ के लिये किये जाने वाले सुधारों का संज्ञान ले रही है और वैश्विक निवेश तथा भारतीय नवाचार के पक्ष में वातावरण बनाने के लिये उठाये जाने वाले कदमों पर भी गौर किया है। प्रधानमंत्री ने रक्षा व अन्य सेक्टरों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में किये जाने वाले सुधारों तथा उद्योगों को जारी किये जाने वाले लाइसेंस की प्रक्रिया को सरल बनाये जाने का उल्लेख किया; साथ ही उनकी वैधानिकता बढ़ाने की भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के बजट में निर्माण इकाइयों के लिये कर लाभों में बढ़ोतरी की गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा जहां मांग, विशेषज्ञता और अनुभव मौजूद होता है, वहां उद्योगों का विकास स्वाभाविक रूप से होता है। उन्होंने उपस्थितजनों को आश्वस्त किया कि सेक्टर को मजबूत बनाने के प्रयास होते रहेंगे और पूरे दम-खम के साथ चलते रहेंगे।
इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत, कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बासवराज बोम्मई, केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री श्री अजय भट्ट और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
पृष्ठभूमिः
प्रधानमंत्री की परिकल्पना ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर दी वर्ल्ड’ के अनुरूप एयरो इंडिया 2023 में स्वेदशी उपकरणों/प्रौद्योगिकियों को दर्शाया जायेग तथा विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी की जायेगी। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर प्रधानमंत्री के जोर देने के क्रम में इन गतिविधियों को दो दर्शाया जायेगा, जिनमें डिजाइन तैयार करने में देश की अग्रणी भूमिका, यूएवी सेक्टर, रक्षा क्षेत्र और भावी प्रौद्योगिकियों को पेश करने वाले कार्यक्रम होंगे। इनके अलावा कार्यक्रम में स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान – तेजस, एचटीटी-40, डॉर्नियर लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर को आयात के लिये प्रस्तुत किया जायेगा। कार्यक्रम के जरिये स्वदेशी एमएसएमई और स्टार्ट-अप का एकीकरण भी संभव होगा, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से सम्बंधित है। इसके जरिये विदेशी निवेश सहित सह-विकास और सह-उत्पादन के लिये साझेदारी भी आमंत्रित की जायेगी।
एयरो इंडिया 2023 में 80 से अधिक देश भाग लेंगे। लगभग 30 देशों के मंत्री और वैश्विक व भारतीय ओईएम के 65 सीईओ के भी एयरो इंडिया 2023 में हिस्सा लेने की संभावना है।
एयरो इंडिया 2023 प्रदर्शनी में लगभग 100 विदेशी और 700 भारतीय कंपनियों सहित 800 से अधिक रक्षा कंपनियां भाग लेंगी। प्रदर्शनी में भाग लेने वाली भारतीय कंपनियों में एमएसएमई और स्टार्ट-अप शामिल हैं, जो देश में विशिष्ट प्रौद्योगिकियों की उन्नति, एयरोस्पेस में वृद्धि और रक्षा क्षमताओं को पेश करेंगे। एयरो इंडिया 2023 में प्रमुख प्रदर्शकों में एयरबस, बोइंग, डसॉल्ट एविएशन, लॉकहीड मार्टिन, इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्री, ब्रह्मोस एयरोस्पेस, आर्मी एविएशन, एचसी रोबोटिक्स, एसएएबी, सफ्रान, रॉल्स रॉयस, लार्सन एंड टुब्रो, भारत फोर्ज लि. भारत फोर्ज लि, एचएएल, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और बीईएमएल लिमिटेड शामिल हैं।
Aero India is a wonderful platform to showcase the unlimited potential our country has in defence and aerospace sectors. https://t.co/ABqdK29rek
— Narendra Modi (@narendramodi) February 13, 2023
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भारत आज एक पोटेंशियल डिफेंस पार्टनर भी है। pic.twitter.com/h3UBxBZkyo
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21वीं सदी का नया भारत, अब ना कोई मौका खोएगा और ना ही अपनी मेहनत में कोई कमी रखेगा। pic.twitter.com/6avB98wVY4
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