10 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि अंतरित
प्रधानमंत्री ने लगभग 351 एफपीओ 14 करोड़ रुपये से अधिक का इक्विटी अनुदान भी जारी किया; इससे 1.24 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे
“देश के छोटे किसानों के बढ़ते हुए सामर्थ्य को संगठित रूप देने में हमारे किसान उत्पाद संगठनों- एफपीओ की बड़ी भूमिका है”
“देश के किसान का आत्मविश्वास देश का सबसे बड़ा सामर्थ्य है”
“बीते साल के अपने प्रयासों से प्रेरणा लेकर हमें नए संकल्पों की तरफ बढ़ना है”
“राष्ट्र के लिए निरंतर प्रयास ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ, आज हर भारतीय का मनोभाव बन रहा है और इसलिए ही, आज हमारे प्रयासों में एकजुटता है, हमारे संकल्पों में सिद्धि की अधीरता है। आज हमारी नीतियों में निरंतरता है, हमारे निर्णयों में दूरदर्शिता है”
“पीएम किसान सम्मान निधि भारत के किसानों के लिए एक बड़ा समर्थन है। आज जारी किस्त को भी शामिल कर लें तो 1.80 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर किए जा चुके हैं”
जमीनी स्तर के किसानों को सशक्त बनाने की निरंतर प्रतिबद्धता और संकल्प के अनुरूप, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत वित्तीय लाभ की 10वीं किस्त जारी की। इससे 10 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि अंतरित की गई। कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने लगभग 351 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को 14 करोड़ रुपये से अधिक का इक्विटी अनुदान भी जारी किया। इससे 1.24 लाख से अधिक किसानों को लाभ होगा। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने एफपीओ से बातचीत की। केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर तथा कई राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, कृषि मंत्री एवं किसान इस कार्यक्रम से जुड़े हुए थे।
उत्तराखंड के एफपीओ के साथ बातचीत करते हुए, प्रधानमंत्री ने उनके द्वारा जैविक खेती को अपनाए जाने तथा जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण के तरीकों के बारे में पूछताछ की। उन्होंने एफपीओ के जैविक उत्पादों के विपणन के बारे में भी बात की। एफपीओ ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि वे जैविक खाद की व्यवस्था किस प्रकार करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास रहा है कि प्राकृतिक और जैविक खेती को व्यापक रूप से बढ़ावा दिया जाए क्योंकि इससे रासायनिक उर्वरक पर निर्भरता कम होती है और किसानों की आय में वृद्धि होती है।
पंजाब के एफपीओ ने प्रधानमंत्री को पराली को बिना जलाए निपटाने के तरीकों के बारे में बताया। उन्होंने सुपरसीडर और सरकारी एजेंसियों से मदद के बारे में भी बात की। प्रधानमंत्री की इच्छा थी कि पराली प्रबंधन के उनके अनुभव का हर जगह अनुकरण किया जाए।
राजस्थान के एफपीओ ने शहद उत्पादन के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि नैफेड की मदद से एफपीओ की अवधारणा उनके लिए बहुत उपयोगी रही है।
उत्तर प्रदेश के एफपीओ ने किसानों की समृद्धि की नींव के रूप में एफपीओ बनाने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने सदस्यों को बीज, जैविक खाद, विभिन्न प्रकार के बागवानी उत्पादों में मदद करने की अपनी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद करने के बारे में भी चर्चा की। उन्हें ई-नाम की सुविधा का लाभ मिल रहा है। उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने का वादा किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के किसान का आत्मविश्वास देश का सबसे बड़ा सामर्थ्य है।
तमिलनाडु के एफपीओ ने बताया कि नाबार्ड के समर्थन से, उन्होंने बेहतर मूल्य प्राप्त करने के लिए एफपीओ का गठन किया और एफपीओ पूरी तरह से महिलाओं के स्वामित्व में संचालित है। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि क्षेत्र में मौसम की स्थिति के कारण ज्वार का उत्पादन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति की सफलता उनकी अदम्य इच्छा शक्ति का संकेत है। उन्होंने किसानों से बाजरे की खेती का लाभ लेने को कहा।
गुजरात के एफपीओ ने प्राकृतिक खेती और गोवंश आधारित खेती के माध्यम से लागत घटाने और मिट्टी पर तनाव को कम करने के बारे में चर्चा की। इस अवधारणा से क्षेत्र के जनजातीय समुदाय भी लाभान्वित हो रहे हैं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने माता वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ के पीड़ित लोगों के लिए अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “मैं माता वैष्णो देवी परिसर में हुए दुखद हादसे पर शोक व्यक्त करता हूं। जिन लोगों ने भगदड़ में, अपनों को खोया है, जो लोग घायल हुए हैं, मेरी संवेदनाएं उनके साथ हैं।” प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार, जम्मू-कश्मीर प्रशासन के लगातार संपर्क में है। लेफ्टिनेंट गवर्नर श्री मनोज सिन्हा जी से भी उनकी बात हुई है। राहत के काम का, घायलों के उपचार का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब हम नए वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, तब बीते साल के अपने प्रयासों से प्रेरणा लेकर हमें नए संकल्पों की तरफ बढ़ना है। प्रधानमंत्री ने महामारी से लड़ने, टीकाकरण और कठिन समय में कमजोर वर्गों के लिए व्यवस्था करने में राष्ट्र के प्रयासों को याद किया। कमजोर वर्गों को राशन उपलब्ध कराने पर देश 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार अपने चिकित्सा संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए अथक प्रयास कर रही है। उन्होंने चिकित्सा संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार की दिशा में नए ऑक्सीजन प्लांट, नए मेडिकल कॉलेज, वेलनेस सेंटर, आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन और आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन जैसे प्रयासों को गिनाया।
देश ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है। बहुत से लोग देश के लिए अपना जीवन खपा रहे हैं, देश को बना रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे काम पहले भी करते थे, लेकिन उन्हें पहचान देने का काम अभी हुआ है। उन्होंने कहा, “इस साल हम अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करेंगे। यह समय देश के संकल्पों की एक नई जीवंत यात्रा शुरू करने का है, नए हौसले से आगे बढ़ने का है।” सामूहिक प्रयास की शक्ति के बारे में विस्तार से बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “जब 130 करोड़ भारतीय एक कदम मिलकर उठाते हैं, तो यह सिर्फ एक कदम नहीं बल्कि 130 करोड़ कदम होता है।”
अर्थव्यवस्था के बारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि कई मापदंडों पर भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड – पूर्व काल की तुलना में बेहतर दिख रही है। उन्होंने कहा कि “आज हमारी अर्थव्यवस्था की विकास दर आठ प्रतिशत से भी ज्यादा है। भारत में रिकॉर्ड विदेशी निवेश आया है। हमारा विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है। जीएसटी संग्रह में भी पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त हुए हैं। हमने निर्यात और विशेषकर कृषि के मामले में भी हमने नए प्रतिमान स्थापित किए हैं।” उन्होंने कहा कि 2021 में 70 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन – देन यूपीआई से किया गया। आज भारत में 50 हजार से ज्यादा स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं। इनमें से 10 हजार स्टार्ट-अप तो पिछले छह महीने में बने हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021 भारत की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करने का वर्ष भी था। काशी विश्वनाथ धाम और केदारनाथ धाम का सौंदर्यीकरण एवं विकास, आदि शंकराचार्य की समाधि का जीर्णोद्धार, देवी अन्नपूर्णा की चोरी हुई मूर्ति का जीर्णोद्धार, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और धोलावीरा एवं दुर्गा पूजा उत्सव के लिए विश्व विरासत का दर्जा प्राप्त करने जैसी पहल भारत की विरासत को मजबूत कर रही हैं और पर्यटन एवं तीर्थयात्रा से जुड़ी संभावनाओं को बढ़ा रही हैं।
वर्ष 2021 मातृ-शक्ति के लिए भी आशावाद का वर्ष था। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के दरवाजे खोलने के साथ-साथ लड़कियों के लिए सैनिक स्कूल खोले गए। पिछले वर्ष , लड़कियों की शादी की उम्र को लड़कों के बराबर बढ़ाकर 21 करने के प्रयास शुरू किए गए। भारतीय खिलाड़ियों ने भी 2021 में देश का नाम रोशन किया। प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि भारत देश के खेल से संबंधित बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व निवेश कर रहा है।
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ विश्व का नेतृत्व करते हुए भारत ने 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का भी लक्ष्य दुनिया के सामने रखा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में कई कीर्तिमान को समय से पहले पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज भारत हाइड्रोजन मिशन पर काम कर रहा है, इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में बढ़त ले रहा है। प्रधानमंत्री ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान देश में बुनियादी ढांचे के निर्माण को गति को एक नई धार देने वाला है। उन्होंने कहा, “मेक इन इंडिया को नए आयाम देते हुए देश ने चिप निर्माण, सेमीकंडक्टर जैसे नए क्षेत्रों के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं को लागू किया है।”
प्रधानमंत्री ने आज के भारत के मनोभाव के बारे में संक्षेप में बताते हुए कहा कि “’राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ राष्ट्र के लिए निरंतर प्रयास, आज हर भारतीय का मनोभाव बन रहा है। और इसीलिए ही, आज हमारे प्रयासों में एकजुटता है, हमारे संकल्पों में सिद्धि की अधीरता है। आज हमारी नीतियों में निरंतरता है, हमारे निर्णयों में दूरदर्शिता है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि भारत के किसानों के लिए एक बड़ा सहारा है। उन्होंने कहा कि अगर आज जारी किस्त को भी शामिल कर लें, तो 1.80 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे किसानों के खाते में भेजी जा चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एफपीओ के माध्यम से छोटे किसान सामूहिक शक्ति की ताकत को महसूस कर रहे हैं। उन्होंने छोटे किसानों के लिए एफपीओ के पांच लाभों के बारे में बताया। इन लाभों में मोलभाव की बढ़ी हुई शक्ति, बड़े स्तर पर व्यापार, नवाचार, जोखिम प्रबंधन और बाजार के हिसाब से बदलने की क्षमता शामिल है। एफपीओ के लाभों को ध्यान में रखते हुए सरकार उन्हें हर स्तर पर बढ़ावा दे रही है। इन एफपीओ को 15 लाख रुपये तक की मदद दी जा रही है। इसी वजह से, पूरे देश में जैविक एफपीओ, तिलहन एफपीओ, बांस क्लस्टर और शहद एफपीओ जैसे एफपीओ सामने आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज हमारे किसान ‘एक जिला, एक उत्पाद’ जैसी योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं और देश एवं वैश्विक स्तर के बाजार उनके लिए खुल रहे हैं।” उन्होंने कहा कि 11 हजार करोड़ रुपये के बजट वाले नेशनल पाम ऑयल मिशन जैसी योजनाओं से आयात पर निर्भरता कम हो रही है।
प्रधानमंत्री ने हाल के वर्षों में कृषि क्षेत्र में हासिल किए गए मील के पत्थर के बारे में बात की। खाद्यान्न उत्पादन 300 मिलियन टन तक पहुंच गया। इसी तरह, बागवानी और फूलों की खेती का उत्पादन 330 मिलियन टन तक पहुंच गया। दुग्ध उत्पादन भी पिछले 6-7 वर्षों में लगभग 45 प्रतिशत बढ़ा। लगभग 60 लाख हेक्टेयर भूमि को सूक्ष्म सिंचाई (माइक्रो इरीगेशन) के अंतर्गत लाया गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मुआवजे के रूप में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी गई, जबकि प्राप्त प्रीमियम सिर्फ 21 हजार करोड़ रुपये का ही था। महज सात वर्षों में इथेनॉल का उत्पादन 40 करोड़ लीटर से बढ़कर 340 करोड़ लीटर हो गया। प्रधानमंत्री ने बायो-गैस को बढ़ावा देने के लिए गोवर्धन योजना के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गोबर का मूल्य होगा, तो दूध नहीं देने वाले पशु किसानों पर बोझ नहीं होंगे। सरकार ने कामधेनु आयोग की स्थापना की है और डेयरी क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रही है।
प्रधानमंत्री ने एक बार फिर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि रसायन मुक्त खेती मिट्टी के स्वास्थ्य की रक्षा करने का एक प्रमुख तरीका है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने प्रत्येक किसान को प्राकृतिक खेती की प्रक्रियाओं और लाभों से अवगत कराने के लिए कहा। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण का समापन करते हुए किसानों से खेती में निरंतर नवाचार करते रहने और स्वच्छता जैसे आंदोलन का समर्थन करने का आह्वान किया।
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एमजी/एएम/एसकेएस/आरपी/डीवी
Releasing the 10th instalment under PM-KISAN scheme. https://t.co/KP8nOxD1Bb
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मैं माता वैष्णो देवी परिसर में हुए दुखद हादसे पर शोक व्यक्त करता हूं।
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जिन लोगों ने भगदड़ में, अपनों को खोया है, जो लोग घायल हुए हैं, मेरी संवेदनाएं उनके साथ हैं: PM @narendramodi
केंद्र सरकार, जम्मू-कश्मीर प्रशासन के लगातार संपर्क में है। मेरी लेफ्टिनेंट गवर्नर @manojsinha_ जी से भी बात हुई है।
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राहत के काम का, घायलों के उपचार का पूरा ध्यान रखा जा रहा है: PM @narendramodi
आज जब हम नव वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, तब बीते साल के अपने प्रयासों से प्रेरणा लेकर हमें नए संकल्पों की तरफ बढ़ना है।
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इस साल हम अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करेंगे।
ये समय देश के संकल्पों की एक नई जीवंत यात्रा शुरू करने का है, नए हौसले से आगे बढ़ने का है: PM @narendramodi
कितने ही लोग देश के लिए अपना जीवन खपा रहे हैं, देश को बना रहे हैं।
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ये काम पहले भी करते थे, लेकिन इन्हें पहचान देने का काम अभी हुआ है।
हर भारतीय की शक्ति आज सामूहिक रूप में परिवर्तित होकर देश के विकास को नई गति और नई ऊर्जा दे रही है: PM @narendramodi
आज हमारी अर्थव्यवस्था की विकास दर 8% से भी ज्यादा है।
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भारत में रिकॉर्ड विदेशी निवेश आया है।
हमारा विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है।
GST कलेक्शन में भी पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त हुए हैं।
निर्यात और विशेषकर कृषि के मामले में भी हमने नए प्रतिमान स्थापित किए हैं: PM
2021 में भारत ने करीब-करीब 70 लाख करोड़ रुपए का लेन-देन सिर्फ UPI से किया है।
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आज भारत में 50 हजार से ज्यादा स्टार्ट-अप्स काम कर रहे हैं। इनमें से 10 हजार से ज्यादा स्टार्ट्स अप्स तो पिछले 6 महीने में बने हैं: PM @narendramodi
2021 में भारत ने अपने सैनिक स्कूलों को बेटियों के लिए खोल दिया।
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2021 में भारत ने नेशनल डिफेंस एकेडमी के द्वार भी महिलाओं के लिए खोल दिए हैं।
2021 में भारत ने बेटियों की शादी की उम्र को 18 से बढ़ाकर 21 साल यानि बेटों के बराबर करने का भी प्रयास शुरू किया: PM @narendramodi
क्लाइमेट चेंज के खिलाफ विश्व का नेतृत्व करते हुए भारत ने 2070 तक नेट जीरो कार्बन एमिशन का भी लक्ष्य दुनिया के सामने रखा है।
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आज भारत हाइड्रोजन मिशन पर काम कर रहा है, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में lead ले रहा है: PM @narendramodi
पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान देश में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण की गति को नई धार देने वाला है।
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मेक इन इंडिया को नए आयाम देते हुए देश ने चिप निर्माण, सेमीकंडक्टर जैसे नए सेक्टर के लिए महत्वकांक्षी योजनाएं लागू की है: PM @narendramodi
‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ राष्ट्र के लिए निरंतर प्रयास, आज हर भारतीय का मनोभाव बन रहा है।
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और इसलिए ही,
आज हमारे प्रयासों में एकजुटता है, हमारे संकल्पों में सिद्धि की अधीरता है।
आज हमारी नीतियों में निरंतरता है, हमारे निर्णयों में दूरदर्शिता है: PM @narendramodi
देश के छोटे किसानों के बढ़ते हुए सामर्थ्य को संगठित रूप देने में हमारे किसान उत्पाद संगठनों- FPO’s की बड़ी भूमिका है।
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जो छोटा किसान पहले अलग-थलग रहता था, उसके पास अब FPO के रूप में पाँच बड़ी शक्तियाँ हैं।
पहली शक्ति है- बेहतर बार्गेनिंग, यानी मोलभाव की शक्ति: PM @narendramodi
FPOs से जो दूसरी शक्ति किसानों को मिली है, वो है- बड़े स्तर पर व्यापार की।
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एक FPO के रूप में किसान संगठित होकर काम करते हैं, लिहाजा उनके लिए संभावनाएं भी बड़ी होती हैं: PM @narendramodi
तीसरी ताकत है- इनोवेशन की।
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एक साथ कई किसान मिलते हैं, तो उनके अनुभव भी साथ में जुड़ते हैं। जानकारी बढ़ती है। नए नए इनोवेशन्स के लिए रास्ता खुलता है: PM @narendramodi
FPO में चौथी शक्ति है- रिस्क मैनेजमेंट की।
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एक साथ मिलकर आप चुनौतियों का बेहतर आकलन भी कर सकते हैं, उससे निपटने के रास्ते भी बना सकते हैं।
और पांचवीं शक्ति है- बाज़ार के हिसाब से बदलने की क्षमता: PM @narendramodi
हमारी धरती को बंजर होने के बचाने का एक बड़ा तरीका है- केमिकल मुक्त खेती।
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इसलिए बीते वर्ष में देश ने एक और दूरदर्शी प्रयास शुरू किया है।
ये प्रयास है- नैचुरल फ़ार्मिंग यानि प्राकृतिक खेती का: PM @narendramodi
हरिद्वार के जसवीर सिंह जी का एफपीओ ऑर्गेनिक फार्मिंग करने वालों के लिए एक मिसाल है। उनसे जानने को मिला कि संगठन से जुड़े किसानों ने किस प्रकार जीवामृत से ऑर्गेनिक फार्मिंग को आगे बढ़ाया। pic.twitter.com/s19r2bFuEx
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रविंदर सिंह जी ने पराली प्रबंधन के लिए जो कार्य किया, वो देशभर के किसानों को प्रेरित करने वाला है। वे एफपीओ के जरिए न केवल किसानों को आधुनिक मशीन मुहैया कराते हैं, बल्कि उन्हें पराली प्रबंधन की ट्रेनिंग भी देते हैं। pic.twitter.com/wjmYB1Uvma
— Narendra Modi (@narendramodi) January 1, 2022
भरतपुर के इंद्रपाल सिंह जी ने जिस प्रकार छोटे-छोटे मधुमक्खी पालकों को आपस में जोड़ा और उन्हें सशक्त बनाया, वो हर किसी का उत्साह बढ़ाने वाला है। उन्होंने ये भी बताया कि अगले पांच सालों में अपने एफपीओ के जरिए वे क्या कुछ करने वाले हैं। pic.twitter.com/5r6J9mGHD3
— Narendra Modi (@narendramodi) January 1, 2022
धर्मचंद्र जी का आत्मविश्वास नए वर्ष में अन्नदाताओं को नई ऊर्जा देने वाला है। उन्होंने अपने परिश्रम से न केवल सैकड़ों किसानों को जोड़ा, बल्कि अपनी संस्था के टर्नओवर के साथ-साथ किसान भाई-बहनों की आय बढ़ाने का भी कार्य किया। pic.twitter.com/G76IOpLfzr
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Memorable interaction with a FPO based in Tamil Nadu, which is furthering prosperity and women empowerment. pic.twitter.com/fhhdVfJ4mM
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साबरकांठा के दीक्षित पटेल जी ने बताया कि नेचुरल फार्मिंग करने से किस प्रकार उनके एफपीओ से जुड़े किसानों का न केवल खर्च कम हुआ है, बल्कि उनकी आमदनी में भी वृद्धि हुई है। pic.twitter.com/zcRVMkuvzq
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बीते साल के अपने प्रयासों से प्रेरणा लेकर हमें नव वर्ष में नए संकल्पों की तरफ बढ़ना है। ये समय देश के संकल्पों की एक नई जीवंत यात्रा शुरू करने का है, नए हौसले से आगे बढ़ने का है। pic.twitter.com/FgR1MinJKB
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देश के लिए अच्छा करने वाले जब एकजुट होते हैं, बिखरे हुए मोतियों की माला बनती है, तो भारत माता दैदीप्यमान हो जाती है। हर भारतीय की शक्ति आज सामूहिक रूप में परिवर्तित होकर देश के विकास को नई गति और नई ऊर्जा दे रही है। pic.twitter.com/Z7T8Pxv891
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आज हमारा देश अपनी विविधता और विशालता के अनुरूप हर क्षेत्र में विकास का विशाल कार्तिमान बना रहा है। pic.twitter.com/O0iCjClS7r
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देश के छोटे किसानों के बढ़ते सामर्थ्य को संगठित रूप देने में हमारे किसान उत्पाद संगठन यानि FPO की बड़ी भूमिका है।
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जो छोटा किसान पहले अलग-थलग रहता था, उसके पास अब FPO के रूप में पांच बड़ी शक्तियां हैं… pic.twitter.com/kfCwDRKUNi