प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज ‘तिरूक्कुरल’ का गुजराती अनुवाद जारी किया। तिरूक्कुरल तमिल की शास्त्रीय साहित्य कृतियों में एक अहम स्थान रखता है।
तिरूवल्लुवर दिवस पर प्रधानमंत्री ने महान कवि और दार्शनिक को श्रद्धांजलि भी दी। प्रधानमंत्री ने कहा’ मैं महान कवि तिरूवल्लुवर को नमन करता हूं। उनके विचार और लेखन ने सदियों से मानवता पर गहरा प्रभाव डाला है।’
तिरूक्कुरल में जाहिर किये गये विचार वैश्विक हैं और लगभग दो सहस्राब्दियों के बाद भी प्रासंगिक हैं। इस पूरी पुस्तक में किसी राष्ट्र, नेता, समाज, भाषा, धर्म या जाति का जिक्र नहीं है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीनस्थ केन्द्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान ने तिरूक्कुरल का सभी भारतीय भाषाओं में अनुवाद कराने के कार्य को एक मिशन के रूप में लिया है। संस्थान इस पुस्तक का ई-संस्करण भी जल्द ही जारी करेगा।
इस पुस्तक का गुजराती अनुवाद गुजरात में जन्मी डॉ.पी.सी कोकिला ने किया है। डॉ. कोकिला हिन्दी की प्रोफेसर हैं और तमिलनाडु की निवासी हैं।
इस मौके पर मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी मौजूद थी। डॉ.पी.सी.कोकिला और केन्द्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान की निदेशक श्रीमती वी.जी.भूमा भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।
I bow to the great Thiruvalluvar. Simple & vast in scope, his thoughts & writings have been a strong influence on humanity for centuries.
— NarendraModi(@narendramodi) January 16, 2015
Will release a Gujarati translation of Thiruvalluvar’s iconic work, Thirukkurallater today. — NarendraModi(@narendramodi) January 16, 2015