प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज झारखंड के मुख्यमंत्री के साथ झारखंड के कई भागों में सूखे एवं जल संकट की स्थिति पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री श्री रधुबर दास उपस्थित थे। बैठक में भारत सरकार एवं झारखंड के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के तहत केंद्र के हिस्से के रूप में राज्य को 273 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। राज्य को 2016-17 के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) की पहली किस्त के रूप में 143.25 करोड़ रुपये की एक अतिरिक्त राशि जारी की गई है।
राज्य ने डीबीटी के जरिये एसडीआरएफ के तहत 12 लाख किसानों को 376 करोड़ रुपये की राशि संवितरित की है। डीबीटी के जरिये 53 करोड़ रुपये के बीमा दावों का भी निपटान किया गया।
झारखंड की योजना अगले दो वर्षों के दौरान अपने सिंचित क्षेत्र को दोगुना कर 19 प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक पहुंचा देने की है। राज्य आयोजना के तहत एक लाख कृषि तालाबों के निर्माण की योजना बनाई गई है और मनरेगा के तहत अतिरिक्त पांच लाख कृषि तालाबों का निर्माण किया जाएगा। राज्य सरकार जल निकायों में मतस्य पालन को बढ़ावा दे रही है।
प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन शुरू करने की अपील की और कहा कि एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस एवं स्काउट तथा गाईड्स जैसे युवा संगठनों को जल भंडारण संरचनाओं के निर्माण में शामिल किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए टेंडरों को अंतिम रूप दे दिया गया है। प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन की दिशा में प्रगति की नियमित निगरानी के महत्व पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने मृदा स्वास्थ्य कार्डों के लिए एक जन आंदोलन का निर्माण करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए ‘संघटन, गति और तंत्र’ सभी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मृदा परीक्षण को एक कौशल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए और मुद्रा के जरिये प्रयोगशालाओं के स्थापना के लिए ऋण दिए जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर देते हुए जियो-टैगिंग एवं हाथ में रखे जाने वाले उपकरणों से तस्वीरों को अपलोड किए जाने के द्वारा मनरेगा द्वारा सृजित परिसंपत्तियों की रिपोर्टिंग करने की अपील की। उन्होंने यूनिक नम्बरों एवं जियो-टैगिंग के द्वारा सभी जल निकायों की पहचान किए जाने की भी अपील की।
केंद्र और राज्य द्वारा एक साथ कार्य करने का संकल्प लिए जाने के साथ बैठक का समापन हुआ।
Had extensive discussions with Jharkhand CM Raghubar Das & officials on ways to mitigate the drought in the state. https://t.co/iqwXUmUCLe
— Narendra Modi (@narendramodi) May 14, 2016
Urged State Govt to initiate a mass movement for water conservation, rain water harvesting & ensuring maximum coverage for soil health cards
— Narendra Modi (@narendramodi) May 14, 2016