प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में जेपी मोर्गन इंटरनेशनल काउंसिल के सदस्यों से मुलाकात की। भारत में 2007 के बाद पहली बार इंटरनेशनल काउंसिल के सदस्यों से मुलाकात की गई।
इंटरनेशनल काउंसिल में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री जॉन होवार्ड, अमरीका के पूर्व मंत्री हेनरी किसिंजर और कोंडोलीजा राइस, पूर्व रक्षा सचिव रॉबर्ट गेट्स जैसे वैश्विक राजनेताओं के साथ-साथ जेमी डीमॉन (जेपी मोर्गन चेस), रतन टाटा (टाटा ग्रुप) जैसी वैश्विक व्यापार की हस्तियां और नेस्ले, अलीबाबा, अल्फा, इबरडोला, क्राफ्ट हिंज आदि जैसी वैश्विक कंपनियों के अग्रणी प्रतिनिधि शामिल हैं।
भारत में इस ग्रुप का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत को 2024 तक 5 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनाने के अपने दृष्टिकोण के बारे में चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्वस्तरीय भौतिक सुविधाओं का विकास करना और किफायती स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना सरकार के लिए कुछ अन्य नीतिगत प्राथमिकताएं हैं।
सरकार के लिए नीति निर्माण में लोगों की भागीदारी एक पथप्रदर्शक सिद्धांत है। विदेश नीति के मुद्दे पर, एक निष्पक्ष और समतामूलक बहुपक्षीय विश्वव्यवस्था कायम करने के उद्देश्य से, भारत अपने रणनीतिक साझेदारों और निकटवर्ती पड़ोसियों के साथ मिलकर निरंतर काम कर रहा है।
Very good interaction with the JP Morgan International Council, an illustrious gathering of top policy makers, thinkers, statesmen and stateswomen, captains of industry, innovators among others. Spoke about India’s efforts in health, education and becoming a $5 Trillion economy. pic.twitter.com/vf0bA1C4kS
— Narendra Modi (@narendramodi) October 22, 2019