प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में लगभग 6,350 करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के 9 जिलों में 50 बिस्तरों वाले ‘क्रिटिकल केयर ब्लॉक’ की आधारशिला रखी और जांच की गई आबादी को 1 लाख सिकल सेल परामर्श कार्ड वितरित किए। इन रेल परियोजनाओं में छत्तीसगढ़ पूर्व रेल परियोजना चरण-I, चंपा से जमगा के बीच तीसरी रेल लाइन, पेंद्रा रोड से अनूपपुर के बीच तीसरी रेल लाइन और तलाईपल्ली कोयला खदान को एनटीपीसी लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन से जोड़ने वाली एमजीआर (मेरी-गो-राउंड) प्रणाली शामिल है।
सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा की कि छत्तीसगढ़ में 6,400 करोड़ रुपये से अधिक की रेलवे परियोजनाओं का अनावरण किया जा रहा है और इसी के साथ यह राज्य विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य की ऊर्जा उत्पादन क्षमता का विस्तार करने और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए आज विभिन्न नई परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं। उन्होंने इस अवसर पर सिकल सेल काउंसलिंग कार्ड के वितरण का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि पूरी दुनिया आधुनिक विकास और सामाजिक कल्याण की तेज़ रफ्तार के भारतीय मॉडल को न केवल देख रही है बल्कि सराहना भी कर रही है। प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व नेताओं की मेजबानी को याद करते हुए ज़िक्र किया कि वे भारत के विकास और सामाजिक कल्याण मॉडल से बेहद प्रभावित थे। उन्होंने कहा कि दुनिया की बड़ी बड़ी संस्थाएं भारत की सफलता से सीखने की बात कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने इस उपलब्धि का श्रेय देश के हर राज्य और हर क्षेत्र के विकास के प्रति सरकार की बराबर प्राथमिकता को दिया। प्रधानमंत्री ने आज की परियोजनाओं के लिए नागरिकों को बधाई देते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ और रायगढ़ का यह क्षेत्र भी इसका साक्षी है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि “छत्तीसगढ़ देश के विकास का एक पावर हाउस है” और कोई भी देश तभी आगे बढ़ता है जब उसके पावर हाउस पूरी ताकत से काम करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 9 वर्षों में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के बहुमुखी विकास के लिए लगातार काम किया है और उनके विज़न तथा नीतियों का परिणाम आज यहां देखा जा सकता है। उन्होंने उल्लेख किया कि केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में हर क्षेत्र में बड़ी-बड़ी योजनाएं संचालित की जा रही हैं और नई-नई परियोजनाओं का शिलान्यास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने विशाखापत्तनम से रायपुर आर्थिक गलियारे और रायपुर से धनबाद आर्थिक गलियारे की विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखने के लिए जुलाई में की गई अपनी रायपुर की यात्रा को याद किया। उन्होंने राज्य को प्रदान किए गए विभिन्न महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्गों का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि “आज छत्तीसगढ़ के रेलवे नेटवर्क के विकास में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है” और यह सुधरा हुआ रेल नेटवर्क बिलासपुर-मुंबई रेल लाइन के झारसुगुड़ा बिलासपुर खंड में भीड़ को कम करेगा। उन्होंने कहा, इसी तरह जो अन्य रेल लाइनें शुरू हो रही हैं और जो रेल कॉरिडोर बन रहे हैं, वे छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास को नई ऊंचाई देंगे। उन्होंने कहा कि इन मार्गों के पूरा होने पर न केवल छत्तीसगढ़ के लोगों को सुविधा मिलेगी बल्कि इस इलाके में रोजगार और आय के नए अवसर भी निर्मित होंगे।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कोयला खदानों से बिजली संयंत्रों तक कोयले के परिवहन की लागत और समय अब कम हो जाएंगे। प्रधानमंत्री ने बताया कि कम लागत पर ज्यादा से ज्यादा बिजली पैदा करने के लिए सरकार पिट हेड थर्मल पावर प्लांट भी बना रही है। उन्होंने तलाईपल्ली खदान को जोड़ने के लिए 65 किलोमीटर लंबी मैरी-गो-राउंड परियोजना के उद्घाटन का भी जिक्र किया और कहा कि देश में ऐसी परियोजनाओं की संख्या बढ़ेगी और आने वाले समय में छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों को इसका सबसे ज्यादा फायदा होने वाला है।
अमृत काल के अगले 25 वर्षों में भारत को एक विकसित राष्ट्र में परिवर्तित करने के अपने संकल्प पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने विकास के लिए प्रत्येक नागरिक की समान भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण के साथ-साथ देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की बात की और सूरजपुर जिले में बंद पड़ी कोयला खदान का जिक्र किया, जिसे इको-टूरिज्म के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि कोरवा में भी ऐसा ही इको पार्क विकसित करने का काम चल रहा है। इस क्षेत्र के जनजातीय वर्ग को मिलने वाले लाभों पर बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने खदानों से निकलने वाले पानी से हजारों लोगों को दी जा रही सिंचाई और पेयजल सुविधाओं पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि वन संपदा के जरिए समृद्धि के नए रास्ते खोलने के साथ-साथ, वनों और भूमि की रक्षा करना भी सरकार का संकल्प है। वनधन विकास योजना का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने इस बात पर बल दिया कि इस योजना से लाखों आदिवासी युवा लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने दुनिया द्वारा बाजरा वर्ष मनाए जाने का भी ज़िक्र किया और आने वाले वर्षों में श्रीअन्न या बाजरा बाजार की बढ़ती संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां देश की आदिवासी परंपरा को नई पहचान मिल रही है, वहीं दूसरी ओर प्रगति के नये रास्ते सृजित हो रहे हैं।
जनजातीय आबादी पर सिकल सेल एनीमिया के प्रभाव के संबंध में प्रधानमंत्री ने कहा कि सिकल सेल परामर्श कार्डों का वितरण आदिवासी समाज के लिए एक बड़ा कदम है क्योंकि जानकारी का प्रसार करने से इस रोग को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। अपने संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के संकल्प के साथ आगे बढ़ने की जरूरत पर बल दिया और विश्वास जताया कि छत्तीसगढ़ विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा।
इस अवसर पर अन्य लोगों के साथ-साथ केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह सरुता और छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री श्री टी एस सिंहदेव उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
रायगढ़ में इस सार्वजनिक कार्यक्रम में लगभग 6,350 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण रेल परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करने से, देश भर में कनेक्टिविटी में सुधार पर प्रधानमंत्री के आग्रह को बढ़ावा मिलेगा। इन परियोजनाओं में छत्तीसगढ़ पूर्व रेल परियोजना चरण-I, चंपा से जमगा के बीच तीसरी रेल लाइन, पेंद्रा रोड से अनूपपुर के बीच तीसरी रेल लाइन और तलाईपल्ली कोयला खदान को एनटीपीसी लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन से जोड़ने वाली एमजीआर (मेरी-गो-राउंड) प्रणाली शामिल है। यह रेल परियोजनाएं इस इलाके में यात्रियों की आवाजाही के साथ-साथ माल ढुलाई को सुगम बनाकर सामाजिक आर्थिक विकास को गति प्रदान करेंगी।
छत्तीसगढ़ पूर्व रेल परियोजना के चरण-I को महत्वाकांक्षी पीएम गतिशक्ति-मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत विकसित किया जा रहा है और इसमें खरसिया से धरमजयगढ़ तक 124.8 किलोमीटर की रेल लाइन शामिल है। इसमें गेर-पेलमा के लिए एक स्पर लाइन और छल, बरौद, दुर्गापुर और अन्य कोयला खदानों को जोड़ने वाली तीन फीडर लाइनें शामिल हैं। लगभग 3,055 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह रेल लाइन विद्युतीकृत ब्रॉड गेज लेवल क्रॉसिंग और यात्री सुविधाओं के साथ फ्री पार्ट डबल लाइन से सुसज्जित है। यह छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में स्थित मांड-रायगढ़ कोयला क्षेत्रों से कोयला परिवहन के लिए रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
पेंद्रा रोड से अनूपपुर के बीच तीसरी रेल लाइन 50 किमी लंबी है और लगभग 516 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई है। चांपा और जामगा रेल खंड के बीच 98 किलोमीटर लंबी तीसरी लाइन लगभग 796 करोड़ रुपये की लागत से बनी है। नई रेल लाइनों से इस इलाके में कनेक्टिविटी बेहतर होगी और पर्यटन तथा रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी।
65 किलोमीटर लंबी विद्युतीकृत एमजीआर (मैरी-गो-राउंड) प्रणाली एनटीपीसी की तलाईपल्ली कोयला खदान से छत्तीसगढ़ में 1600 मेगावाट के एनटीपीसी लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन तक कम लागत में उच्च श्रेणी का कोयला लाने का काम करेगी। इससे एनटीपीसी लारा से कम लागत के और विश्वसनीय बिजली उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी। 2070 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित एमजीआर प्रणाली, कोयला खदानों से बिजली स्टेशनों तक कोयला परिवहन में सुधार के लिए एक तकनीकी चमत्कार से कम नहीं है।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के 9 जिलों में 50 बिस्तरों वाले ‘क्रिटिकल केयर ब्लॉक’ का शिलान्यास भी किया। प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के अंतर्गत दुर्ग, कोंडागांव, राजनांदगांव, गरियाबंद, जशपुर, सूरजपुर, सरगुजा, बस्तर और रायगढ़ जिलों में नौ क्रिटिकल केयर ब्लॉक बनाए जाएंगे, जिनकी कुल लागत 210 करोड़ रुपये होगी।
जनजातीय आबादी के बीच विशेष रूप से होने वाले सिकल सेल रोग से उपजी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने जांची गई आबादी को एक लाख सिकल सेल परामर्श कार्ड वितरित किए। सिकल सेल परामर्श कार्ड का वितरण राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (एनएसएईएम) के अंतर्गत किया जा रहा है, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री द्वारा जुलाई 2023 में मध्य प्रदेश के शहडोल में किया गया था।
The railway and healthcare projects being launched in Chhattisgarh will give impetus to the state’s socioeconomic development. https://t.co/EE8eIg9HQN
— Narendra Modi (@narendramodi) September 14, 2023
आधुनिक विकास की तेज रफ्तार के साथ ही गरीब कल्याण में भी तेज रफ्तार का भारतीय मॉडल आज पूरी दुनिया देख रही है, उसकी सराहना कर रही है। pic.twitter.com/oWp5T1jSJS
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आज विकास में देश के हर राज्य को, हर इलाके को बराबर प्राथमिकता मिल रही है। pic.twitter.com/ShaA1zKOFf
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बीते 9 वर्षों में हमने छत्तीसगढ़ के बहुमुखी विकास के लिए निरंतर काम किया है। pic.twitter.com/3VrChiUn49
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एमजी/एमएस/जीबी/डीवी
The railway and healthcare projects being launched in Chhattisgarh will give impetus to the state's socioeconomic development. https://t.co/EE8eIg9HQN
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आधुनिक विकास की तेज रफ्तार के साथ ही गरीब कल्याण में भी तेज रफ्तार का भारतीय मॉडल आज पूरी दुनिया देख रही है, उसकी सराहना कर रही है। pic.twitter.com/oWp5T1jSJS
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आज विकास में देश के हर राज्य को, हर इलाके को बराबर प्राथमिकता मिल रही है। pic.twitter.com/ShaA1zKOFf
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बीते 9 वर्षों में हमने छत्तीसगढ़ के बहुमुखी विकास के लिए निरंतर काम किया है। pic.twitter.com/3VrChiUn49
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