प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मेहसाणा के निकट मोढेरा में 3900 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने मोढेरा गांव को भारत का पहला 24×7 सौर ऊर्जा संचालित गांव भी घोषित किया।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन मोढेरा, मेहसाणा और पूरे उत्तर गुजरात के विकास के क्षेत्र में नई ऊर्जा की उत्पत्ति का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बिजली और पानी से लेकर रेलवे और रोडवेज, डेयरी से लेकर कौशल विकास और स्वास्थ्य तक कई परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया किया गया है। इनका लाभ बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि ये परियोजनाएं इस क्षेत्र में रोजगार का स्रोत बन जाएंगी, और पशुपालन के क्षेत्र में किसानों और लोगों की आय बढ़ाने में मदद करेंगी, साथ ही राज्य में विरासत पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने देश को शरद पूर्णिमा और वाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने हमें भगवान राम के ‘समरस’ जीवन के दर्शन करवाए, हमें समानता का संदेश दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले मोढेरा सूर्य मंदिर के लिए जाना जाता था लेकिन अब सूर्य मंदिर ने सौर ग्राम को प्रेरित किया है और इसने दुनिया के पर्यावरण और ऊर्जा मानचित्र पर जगह बनाई है। उन्होंने कहा कि जिस मोढेरा को सदियों पहले मिट्टी में मिलाने के लिए आक्रांता ने क्या कुछ नहीं किया था। जिस मोढेरा पर भांति भांति के अनगिनत अत्याचार किए गए थे। वह अब पौराणिकता के साथ साथ आधुनिकता का भी मिसाल बन रहा है। उन्होंने कहा, “मोढेरा हमेशा दुनिया में कहीं भी सौर ऊर्जा के बारे में किसी भी चर्चा में शामिल होगा।” प्रधानमंत्री ने सौर ऊर्जा और बिजली कवरेज के क्षेत्र में सफलताओं का श्रेय केंद्र और राज्य की सरकारों में गुजरात के लोगों के विश्वास को दिया। उन्होंने कहा कि समर्पण और दूरगामी सोच और स्पष्ट इरादे से कुछ भी असंभव नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा मोढेरा में घरों की रोशनी, खेती की जरूरतों के साथ-साथ वाहनों को भी बिजली देगी। श्री मोदी ने कहा, “21वीं सदी के आत्मनिर्भर भारत के लिए हमें अपनी ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए ऐसे प्रयासों को बढ़ाना होगा।” प्रधानमंत्री ने कहा कि वह उस दिशा में काम कर रहे हैं, जहां लोग बिजली के उत्पादक और उपभोक्ता खुद हैं। उन्होंने कहा, “अपनी जरूरत की बिजली का इस्तेमाल करें और अतिरिक्त बिजली सरकार को बेच दें।” इससे बिजली के बिल से भी छुटकारा मिलेगा और अतिरिक्त आमदनी भी होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि नियम हुआ करता था कि सरकार बिजली का उत्पादन करती थी और जनता उनसे इसे खरीदती थी, लेकिन आज केंद्र सरकार उन नीतियों की दिशा में काम कर रही है जो लोगों को अपने घरों में सौर पैनल स्थापित करके बिजली का उत्पादन करने की अनुमति देती हैं और किसान अपने खेतों में सिंचाई के लिए सोलर पंप भी लगा रहे हैं।
कठिन समय को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि बिजली के अभाव से बालिकाओं की शिक्षा बहुत प्रभावित हुई। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि मेहसाणा के लोग गणित और विज्ञान में स्वाभाविक रूप से अच्छे हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर आप अमरीका जाएंगे तो वहां गणित के क्षेत्र में उत्तरी गुजरात का चमत्कार देखने को मिलेगा। यदि आप पूरे कच्छ में जाते हैं, तो आपको मेहसाणा जिले के शिक्षक दिखाई देंगे।” उन्होंने कहा, “बिजली की कमी के कारण वे उन ऊंचाइयों तक नहीं पहुंच पाए, जहां तक पहुंचने की उनकी क्षमता थी।” प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि गुजरात ने पिछले दो दशकों में सरकार में दिखाए गए विश्वास के कारण भारत में अपनी छाप छोड़ी है ।
प्रधानमंत्री ने उस समय को याद किया जब वे मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात का नेतृत्व कर रहे थे। श्री मोदी ने कहा कि राज्य के बजट का एक बड़ा हिस्सा पानी के लिए आवंटित करना पड़ता था, क्योंकि गुजरात दस में से सात वर्षों के लिए अकाल से प्रभावित था। उन्होंने कहा, “और इसीलिए हम गुजरात में जल संकट पर केंद्रित पंचामृत योजना लेकर आए।” प्रधानमंत्री ने हर गांव को चौबीस घंटे बिजली देने के लिए उंझा में शुरू हुई ज्योतिग्राम योजना की सफलता को याद किया, जिस काम को पूरा करने के लिए सरकार ने एक हजार दिन का समय दिया था। सुजलाम सुफलाम योजना के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने उस भूमि के किसानों के प्रति बहुत आभार व्यक्त किया, जिन्होंने आज उत्तरी गुजरात के खेतों की सिंचाई करने वाली सुजलाम सुफलाम नहर के लिए अपनी जमीन दे दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जल संबंधी योजनाओं के उद्घाटन से परिवारों, माताओं और बहनों के स्वास्थ्य को लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दो दशकों में, सरकार ने कनेक्टिविटी पर जोर दिया है, और डबल इंजन सरकार के साथ, नरेन्द्र और भूपेंद्र एक हो गए हैं। श्री मोदी ने बताया कि 1930 में अंग्रेजों ने महेसाणा-अंबाजी-तरंगा-अबुरोड रेलवे लाइन के विकास का रोडमैप बनाया था, लेकिन बाद की सरकारों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा, “हमने सब कुछ किया, सभी योजनाएं बनाईं, और आप उस वित्तीय समृद्धि की कल्पना कर सकते हैं जो यह लाने जा रही है।”
प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की, जो रियायती दर पर दवाएं प्रदान करता है। श्री मोदी ने सभी से इन जन औषधि केंद्रों से अपनी दवाएं खरीदने का भी आग्रह किया। जन औषधि केंद्रों पर जेनेरिक दवाओं की कीमत 100-200 रुपये है, जो पहले 1000 रुपये में मिलती थी। पर्यटन के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्योग बड़ी संख्या में लोगों के लिए रोजगार का स्रोत है। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “वडनगर में की गई खुदाई को देखिए! यहां हजारों साल पुराने अवशेष मिले हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दो दशकों में, गुजरात के मंदिरों और शक्तिपीठों का जीर्णोद्धार करने के लिए गंभीर प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा, “सोमनाथ, चोटिला और पावागढ़ की स्थिति में सुधार इसके उदाहरण हैं।” उन्होंने कहा, “पावागढ़ ने 500 साल तक अपना झंडा नहीं फहराया, मैं आया और 500 साल बाद झंडा फहराया।”
संबोधन के समापन में, प्रधानमंत्री ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र के बारे में चर्चा की, जो डबल इंजन सरकार की नींव है। प्रधानमंत्री ने अंत में कहा,”जैसे सूरज की रोशनी भेदभाव नहीं करती, विकास की रोशनी भी हर घर और झोपड़ी में पहुंचती है।“
इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल, सांसद श्री सी. आर. पाटिल, श्री भरतसिंह डाभी, श्रीमती शारदाबेन पटेल और श्री जुगलजी लोखंडवाला सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित की जा रही परियोजनाओं में अहमदाबाद-मेहसाणा गेज परिवर्तन परियोजना के साबरमती-जगुदान खंड का गेज परिवर्तन; ओएनजीसी की नंदसन भूवैज्ञानिक तेल उत्पादन परियोजना; सुजलाम सुफलाम नहर खेरावा से शिंगोडा झील तक; धरोई बांध आधारित वडनगर खेरालू और धरोई समूह सुधार योजना; बेचाराजी मोढेरा-चनास्मा राज्य राजमार्ग के एक खंड को चार लेन का बनाने की परियोजना; उंझा-दसज उपेरा लाडोल (भांखर एप्रोच रोड) के एक खंड का विस्तार करने की परियोजना; क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र का नया भवन, सरदार पटेल लोक प्रशासन संस्थान (एसपीआईपीए), मेहसाणा; और मोढेरा में सूर्य मंदिर में प्रोजेक्शन मैपिंग, आदि शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने कई परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी, जिनमें पाटन से गोजरिया तक एनएच-68 के एक खंड को चार लेन का बनाना; मेहसाणा जिले के जोताना तालुका के चलसन गांव में एक जल उपचार संयंत्र; दूधसागर डेयरी में एक नया स्वचालित मिल्क पाउडर प्लांट और यूएचटी मिल्क कार्टन प्लांट; जनरल अस्पताल मेहसाणा का पुनर्विकास और पुनर्निर्माण; और मेहसाणा और उत्तरी गुजरात के अन्य जिलों के लिए पुनर्विकसित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस), आदि शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने मोढेरा गांव को भारत का पहला 24×7 सौर ऊर्जा संचालित गांव घोषित किया। अपनी तरह की यह पहली परियोजना सूर्य-मंदिर वाले शहर मोढेरा के सौर विद्युतीकरण के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करती है। इसमें ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्लांट और आवासीय और सरकारी भवनों पर 1300 से अधिक रूफटॉप सोलर सिस्टम विकसित करना शामिल है, जो सभी बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) के साथ एकीकृत हैं। यह परियोजना इस बात को दर्शाएगी कि कैसे भारत की अक्षय ऊर्जा कौशल जमीनी स्तर पर लोगों को सशक्त बना सकती है।
Big day for Modhera as it takes a giant leap towards harnessing solar power. https://t.co/2GCyM5vAzd
— Narendra Modi (@narendramodi) October 9, 2022
PM @narendramodi extends Valmiki Jayanti greetings to the nation. pic.twitter.com/cEysnUoxGl
— PMO India (@PMOIndia) October 9, 2022
Modhera is setting an example for the world. pic.twitter.com/3333oN3CcU
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एमजी/ एएम/ एसकेएस
Big day for Modhera as it takes a giant leap towards harnessing solar power. https://t.co/2GCyM5vAzd
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Modhera is setting an example for the world. pic.twitter.com/3333oN3CcU
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દાયકાઓ પહેલા મહેસાણાની શું હાલત હતી તે આપણે સૌ જાણીએ છીએ. વીજળી અને પાણીની કટોકટી હતી. કાયદો અને વ્યવસ્થાની સ્થિતિ પણ ખરાબ હતી. સારી તકની શોધમાં લોકો આ વિસ્તાર છોડી સ્થળાંતર કરતા.
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છેલ્લા બે દાયકામાં પરિસ્થિતિ બદલાઈ ગઈ છે! pic.twitter.com/yCXkJHFXUx
આજે શરૂ કરાયેલા વિકાસ કાર્યોથી આ વિસ્તારમાં પ્રવાસન પ્રવૃત્તિને વેગ મળશે જેનાથી સ્થાનિક અર્થતંત્રને ફાયદો થશે. pic.twitter.com/PXHATb9fHo
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ગુજરાતનું ધ્યાન વિકાસના પંચામૃત પર કેન્દ્રિત છે…. pic.twitter.com/BaiAEhBTIs
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