प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गांधीनगर में डिजिटल इंडिया सप्ताह 2022 का उद्घाटन किया जिसका विषय ‘नव भारत प्रौद्योगिकी प्रेरणा’ है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने प्रौद्योगिकी की पहुंच बढ़ाने, जीवन को आसान बनाना सुनिश्चित करने के लिए सेवा वितरण को सुव्यवस्थित करने और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के मकसद से कई डिजिटल पहल भी शुरू कीं। उन्होंने चिप टू स्टार्टअप (सीटूएस) कार्यक्रम के तहत सहयोग किए जाने वाले 30 संस्थानों के पहले समूह की भी घोषणा की। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्रभाई पटेल, केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव और श्री राजीव चंद्रशेखर, राज्य के मंत्री, जन प्रतिनिधि, स्टार्टअप्स और क्षेत्र के अन्य हितधारक उपस्थित थे।
सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का कार्यक्रम 21वीं सदी में भारत के निरंतर आधुनिकीकरण की एक झलक प्रस्तुत करता है। डिजिटल इंडिया के माध्यम से भारत ने उदाहरण पेश किया है कि प्रौद्योगिकी का सही इस्तेमाल पूरी मानवता के लिए कितना क्रांतिकारी है। उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि आठ वर्ष पहले शुरू हुआ यह अभियान, बदलते हुए समय के साथ खुद को विस्तार देता रहा है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘समय के साथ जो देश आधुनिक तकनीक को नहीं अपनाता, समय उसे पीछे छोड़कर आगे निकल जाता है। तीसरी औद्योगिक क्रांति के समय भारत इसका भुक्तभोगी रहा है। लेकिन आज हम गर्व से कह सकते हैं कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति, इंडस्ट्री 4.0 में दुनिया को दिशा दे रहा है।’ इसमें भी एक तरह से पथ प्रदर्शक की भूमिका निभाने के लिए उन्होंने गुजरात की प्रशंसा की।
8-10 साल पहले के हालात याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि जन्म प्रमाणपत्र, बिल जमा करने, राशन, प्रवेश, रिजल्ट और बैंकों के लिए भी लाइन लगती थी, इतनी सारी लाइनों का समाधान भारत ने ऑनलाइन होकर कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज वरिष्ठ नागरिकों के जीवन प्रमाण पत्र, आरक्षण, बैंकिंग आदि सेवाएं डिजिटल होने से वे सुलभ, तेज और सस्ती हो गई हैं। इसी तरह, प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के तहत पिछले 8 वर्षों में 23 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा सीधे लाभार्थियों के खातों में भेजे गए। भ्रष्टाचार रोकने में डिजिटल इंडिया की भूमिका पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘इस प्रौद्योगिकी के कारण, देश के 2 लाख 23 हजार करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बच गए।’ उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया ने सरकार को नागरिकों के द्वार और फोन तक पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि 1.25 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर और ग्रामीण स्टोर अब ई-कॉमर्स को ग्रामीण भारत में लेकर जा रहे हैं। इसी प्रकार, ग्रामीण संपत्तियों के लिए संपत्ति के दस्तावेज भी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
महामारी के दौरान प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में डिजिटल इंडिया ने देश में जो सामर्थ्य पैदा किया, उसने कोरोना वैश्विक महामारी से मुकाबला करने में भारत की बहुत मदद की है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने एक क्लिक पर देश की करोड़ों महिलाओं, किसानों, मजदूरों के बैंक खातों में हजारों करोड़ रुपये भेजे। एक देश एक राशन कार्ड की मदद से हमने 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को मुफ्त राशन सुनिश्चित किया।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे कुशल कोविड टीकाकरण और कोविड राहत कार्यक्रम चलाया। हमारे कोविन प्लेटफॉर्म के माध्यम से लगभग 200 करोड़ वैक्सीन खुराकें दी गई हैं और प्रमाण पत्र दिए गए।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की फिनटेक पहल वास्तव में लोगों द्वारा, लोगों का, लोगों के लिए एक समाधान है। इसमें जो तकनीक है वह भारत की अपनी यानी भारत के द्वारा, देशवासियों ने इसे जीवन का हिस्सा बनाया यानी लोगों का और इसने देशवासियों के लेनदेन को आसान बनाया यानी लोगों के लिए। उन्होंने कहा कि दुनिया का 40 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन भारत में होता है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे डिजिटल समाधानों में स्केल है, ये सुरक्षित हैं और इनमें लोकतांत्रिक मूल्य हैं।’
प्रधानमंत्री ने बताया कि आने वाले 4-5 वर्षों में इंडस्ट्री 4.0 के लिए 14-15 लाख युवाओं के स्किलिंग, अपस्किल और रीस्किलिंग पर फोकस किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘अंतरिक्ष हो, मैपिंग, ड्रोन, गेमिंग और एनिमेशन हो, ऐसे कई सेक्टर हैं जो डिजिटल तकनीक के भविष्य को विस्तार देने जा रहे हैं, उन्हें नवाचार के लिए खोल दिया गया है। इंन-स्पेस और नई ड्रोन नीति जैसे प्रावधान इस दशक में आने वाले वर्षों में भारत की तकनीक क्षमता को नई ऊर्जा देंगे।’
प्रधानमंत्री ने बताया, ‘आज भारत अगले तीन से चार वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को 300 अरब डॉलर से ऊपर ले जाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। भारत अब चिप लेने वाले से चिप देने वाला बनना चाहता है। सेमीकंडक्टर का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत में निवेश तेजी से बढ़ रहा है।’
प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि डिजिटल इंडिया अभियान अपने आप में नए आयाम जोड़ता रहेगा और देश के नागरिकों की सेवा करता रहेगा।
शुरू की गई पहलों के बारे में जानकारी:
‘डिजिटल इंडिया भाषिणी‘ नागरिकों को उनकी अपनी भाषा में डिजिटल पहल से जोड़कर सशक्त बनाएगी। भाषिणी का लक्ष्य है कि सभी भारतीयों को इंटरनेट और डिजिटल सेवाएं उनकी भाषा में आसानी से उपलब्ध हो सकें और भारतीय भाषाओं में सामग्री की वृद्धि हो। आवाज आधारित पहुंच सहित भारतीय भाषाओं में इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुंच बनेगी और भारतीय भाषाओं में सामग्री के निर्माण में मदद करेगी। एआई-आधारित भाषा प्रौद्योगिकी समाधानों को तैयार करने में बहुभाषी डेटासेट का निर्माण होगा। भाषादान नामक एक क्राउडसोर्सिंग पहल के माध्यम से डिजिटल इंडिया भाषिणी डेटासेट को तैयार करने में बड़े पैमाने पर नागरिकों को भी जोड़ेगी। भाषिणी, भारतीय भाषाओं में डेटासेट और भाषा तकनीकी समाधान के लिये एआई तकनीकों का विकास करके सभी भारतीयों के लिये अधिक समावेशी भविष्य का निर्माण करेगी।
‘डिजिटल इंडिया जेनेसिस‘ (इनोवेटिव स्टार्टअप्स के लिए जेन-नेक्स्ट सपोर्ट) – भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों में खोजने, सहयोग, विकास करने और सफल स्टार्टअप बनाने के लिए एक राष्ट्रीय डीप-टेक स्टार्टअप कार्यक्रम है। इस योजना के लिए कुल 750 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
‘इंडियास्टैक डॉट ग्लोबल‘ – आधार, यूपीआई, डिजिलॉकर, कोविन टीकाकरण प्लेटफॉर्म, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम), दीक्षा प्लेटफॉर्म और आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन जैसी इंडिया स्टैक के तहत चल रहीं प्रमुख परियोजनाओं का वैश्विक भंडार है। वैश्विक सार्वजनिक डिजिटल भंडार की भारत की पेशकश जनसंख्या के पैमाने पर डिजिटल परिवर्तन परियोजनाओं के निर्माण में देश को अग्रणी के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा और यह अन्य देशों के लिए बहुत मददगार साबित होगा, जो ऐसी तकनीकी समाधानों की तलाश में हैं।
‘माईस्कीम‘ – सरकारी योजनाओं तक पहुंच की सुविधा प्रदान करने के लिए यह एक सेवा खोजने वाला प्लेटफॉर्म है। यह वन-स्टॉप सर्च और डिस्कवरी पोर्टल के तौर पर खुद को पेश करता है जहां यूजर्स उन योजनाओं को ढूंढ सकते हैं जिसके लिए वे पात्र हैं।
‘मेरी पहचान‘- नेशनल सिंगल साइन-ऑन (एनएसएसओ) एक उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण सेवा है, जिसमें निजी जानकारी का एक सेट, कई ऑनलाइन एप्लिकेशन या सेवाओं तक पहुंच प्रदान करता है।
सीटूएस कार्यक्रम का उद्देश्य स्नातक, परास्नातक और अनुसंधान के स्तरों पर सेमीकंडक्टर चिप्स के डिजाइन के क्षेत्र में विशेष जनशक्ति को प्रशिक्षित करना और देश में सेमीकंडक्टर डिजाइन में शामिल स्टार्टअप्स के विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करना है। यह संगठनात्मक स्तर पर परामर्श देने की पेशकश करता है और संस्थानों को डिजाइन के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराता है। यह सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में एक मजबूत डिजाइन इकोसिस्टम बनाने के लिए भारत सेमीकंडक्टर मिशन का हिस्सा है।
डिजिटल इंडिया वीक 2022 के तहत 4 से 6 जुलाई तक गांधीनगर में कई कार्यक्रम आयोजित होंगे। यह कार्यक्रम डिजिटल इंडिया की वर्षगांठ मनाएगा और प्रदर्शित करेगा कि कैसे आधार, यूपीआई, कोविन, डिजिलॉकर आदि सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म ने लोगों के जीवन को आसान बनाया है। यह पूरी दुनिया के सामने भारत के तकनीकी कौशल का प्रदर्शन करेगा, हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ सहयोग और व्यापार के अवसरों का पता लगाएगा और अगली पीढ़ी के लिए अवसरों के लिहाज से दशक की तकनीकी (टेकेड) प्रस्तुत करेगा। इसमें स्टार्टअप तथा सरकार, उद्योग व शिक्षा जगत के प्रतिनिधियों की भागीदारी होगी। 200 से अधिक स्टालों के साथ एक डिजिटल मेला भी आयोजित किया जा रहा है, जहां जीवन को आसान बनाने वाले डिजिटल समाधानों के साथ-साथ भारतीय यूनिकॉर्न और स्टार्टअप द्वारा विकसित किए गए समाधान को भी प्रदर्शित किया जायेगा। डिजिटल इंडिया वीक में 7 से 9 जुलाई तक वर्चुअल मोड में ‘इंडिया स्टैक नॉलेज एक्सचेंज’ भी आयोजित किया जाएगा।
Digital India has empowered people by making technology more accessible. Speaking at Digital India Week 2022 in Gandhinagar. #IndiasTechade https://t.co/4Fw4gAJYZz
— Narendra Modi (@narendramodi) July 4, 2022
टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल पूरी मानवता के लिए कितना क्रांतिकारी है, इसका उदाहरण भारत ने डिजिटल इंडिया अभियान के तौर पर पूरे विश्व के सामने रखा है।
मुझे खुशी है कि आठ वर्ष पहले शुरू हुआ ये अभियान, बदलते हुए समय के साथ खुद को विस्तार देता रहा है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
समय के साथ जो देश आधुनिक टेक्नोलॉजी को नहीं अपनाता, समय उसे पीछे छोड़कर आगे निकल जाता है।
तीसरी औद्योगिक क्रांति के समय भारत इसका भुक्तभोगी रहा है।
लेकिन आज हम ये गर्व से कह सकते हैं कि भारत चौथी औदयोगिक क्रांति, इंडस्ट्री 4.0 में दुनिया को दिशा दे रहा है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
सिर्फ 8-10 साल पहले की स्थितियों को याद कीजिए…
Birth certificate लेने के लिए लाइन,
बिल जमा करना है तो लाइन,
राशन के लिए लाइन,
एडमिशन के लिए लाइन,
रिजल्ट और सर्टिफिकेट के लिए लाइन,
बैंकों में लाइन,
इतनी सारी लाइनों का समाधान भारत ने Online होकर किया: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
DBT के माध्यम से बीते 8 साल में 23 लाख करोड़ रुपए से अधिक सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजे गए हैं।
इस टेक्नोलॉजी की वजह से देश के 2 लाख 23 हजार करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
बीते आठ वर्षों में डिजिटल इंडिया ने देश में जो सामर्थ्य पैदा किया है, उसने कोरोना वैश्विक महामारी से मुकाबला करने में भारत की बहुत मदद की है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
हमने देश की करोड़ों महिलाओं, किसानों, मज़दूरों, के बैंक अकाउंट में एक क्लिक पर हज़ारों करोड़ रुपए पहुंचाए।
वन नेशन-वन राशन कार्ड की मदद से हमने 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को मुफ्त राशन सुनिश्चित किया: PM
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
हमने दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे efficient covid vaccination और covid relief programme चलाया: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
हमने दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे efficient covid vaccination और covid relief programme चलाया: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
FinTech का प्रयास सही मायने में by the people, of the people, for the people समाधान है।
इसमें जो टेक्नॉलॉजी है वो भारत की अपनी है यानि by the people
देशवासियों ने इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाया यानि of the people
इसने देशवासियों के लेनदेन को आसान बनाया यानि for the people: PM
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
स्पेस हो, मैपिंग हो, ड्रोन हो, गेमिंग और एनीमेशन हो, ऐसे अनेक सेक्टर जो future digital tech को विस्तार देने वाले हैं, उनको इनोवेशन के लिए खोल दिया गया है
IN-SPACe और नई ड्रोन पॉलिसी जैसे प्रावधान आने वाले वर्षों में भारत के tech potential को इस दशक में नई ऊर्जा देगा: PM
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
आज भारत, अगले तीन-चार साल में electronics manufacturing को 300 बिलियन डॉलर से भी ऊपर ले जाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है।
भारत Chip Taker से Chip Maker बनना चाहता है।
Semiconductors का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत में तेजी से निवेश बढ़ रहा है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
***
एमजी/एएम/एएस/एसएस
Digital India has empowered people by making technology more accessible. Speaking at Digital India Week 2022 in Gandhinagar. #IndiasTechade https://t.co/4Fw4gAJYZz
— Narendra Modi (@narendramodi) July 4, 2022
टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल पूरी मानवता के लिए कितना क्रांतिकारी है, इसका उदाहरण भारत ने डिजिटल इंडिया अभियान के तौर पर पूरे विश्व के सामने रखा है।
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
मुझे खुशी है कि आठ वर्ष पहले शुरू हुआ ये अभियान, बदलते हुए समय के साथ खुद को विस्तार देता रहा है: PM @narendramodi
समय के साथ जो देश आधुनिक टेक्नोलॉजी को नहीं अपनाता, समय उसे पीछे छोड़कर आगे निकल जाता है।
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
तीसरी औद्योगिक क्रांति के समय भारत इसका भुक्तभोगी रहा है।
लेकिन आज हम ये गर्व से कह सकते हैं कि भारत चौथी औदयोगिक क्रांति, इंडस्ट्री 4.0 में दुनिया को दिशा दे रहा है: PM @narendramodi
सिर्फ 8-10 साल पहले की स्थितियों को याद कीजिए...
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
Birth certificate लेने के लिए लाइन,
बिल जमा करना है तो लाइन,
राशन के लिए लाइन,
एडमिशन के लिए लाइन,
रिजल्ट और सर्टिफिकेट के लिए लाइन,
बैंकों में लाइन,
इतनी सारी लाइनों का समाधान भारत ने Online होकर किया: PM @narendramodi
DBT के माध्यम से बीते 8 साल में 23 लाख करोड़ रुपए से अधिक सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजे गए हैं।
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
इस टेक्नोलॉजी की वजह से देश के 2 लाख 23 हजार करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं: PM @narendramodi
बीते आठ वर्षों में डिजिटल इंडिया ने देश में जो सामर्थ्य पैदा किया है, उसने कोरोना वैश्विक महामारी से मुकाबला करने में भारत की बहुत मदद की है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
हमने दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे efficient covid vaccination और covid relief programme चलाया: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
FinTech का प्रयास सही मायने में by the people, of the people, for the people समाधान है।
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
इसमें जो टेक्नॉलॉजी है वो भारत की अपनी है यानि by the people
देशवासियों ने इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाया यानि of the people
इसने देशवासियों के लेनदेन को आसान बनाया यानि for the people: PM
स्पेस हो, मैपिंग हो, ड्रोन हो, गेमिंग और एनीमेशन हो, ऐसे अनेक सेक्टर जो future digital tech को विस्तार देने वाले हैं, उनको इनोवेशन के लिए खोल दिया गया है
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
IN-SPACe और नई ड्रोन पॉलिसी जैसे प्रावधान आने वाले वर्षों में भारत के tech potential को इस दशक में नई ऊर्जा देगा: PM
आज भारत, अगले तीन-चार साल में electronics manufacturing को 300 बिलियन डॉलर से भी ऊपर ले जाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है।
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2022
भारत Chip Taker से Chip Maker बनना चाहता है।
Semiconductors का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत में तेजी से निवेश बढ़ रहा है: PM @narendramodi
डिजिटल इंडिया ने पिछले 7 वर्षों में देशवासियों के सपनों की उड़ान को नए पंख दिए हैं। एक सशक्त, समृद्ध और सुरक्षित न्यू इंडिया के निर्माण को इसने तेज गति देने का काम किया है। pic.twitter.com/r3U5KJOHiw
— Narendra Modi (@narendramodi) July 4, 2022
From long lines to online…the last 8 years have witnessed effective usage of technology to boost ‘Ease of Living.’ pic.twitter.com/4IG4gzk4qT
— Narendra Modi (@narendramodi) July 4, 2022
India’s digital infrastructure is rapidly improving. From education to healthcare, it has positively impacted lives across sectors. pic.twitter.com/d7NuDkWwrh
— Narendra Modi (@narendramodi) July 4, 2022
Technology has played a vital role in fighting the once in a century COVID-19 pandemic. Thanks to technology, the pace of India’s vaccination received a great impetus. pic.twitter.com/cQvKqV1hgC
— Narendra Modi (@narendramodi) July 4, 2022