प्रधानमंत्री मोदी ने केवडिया में प्रौद्योगिकी प्रदर्शन कार्यस्थल का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर केवडिया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की प्रतिमा पर लोगों को राष्ट्रीय एकता दिवस की शपथ दिलाई।
31 अक्टूबर को वर्ष 2014 से राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है और समाज के हर वर्ग के लोग देश भर में “एकता दौड़” में भागीदारी निभाते हैं।
देश भर से आए ध्वज धारकों औऱ गुजरात छात्र कैडेट कोर ने प्रधानमंत्री के समक्ष “एक भारत श्रेष्ठ भारत” पर ड्रिल प्रस्तुत किया। इसके साथ ही एनएस
जी, सीआईएसएफ, एनडीआरएफ, सीआरपीएफ, गुजरात और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों ने भी प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष अपने-अपने प्रदर्शन किए।
प्रधानमंत्री मोदी ने इसके बाद केवडिया में प्रौद्योगिकी प्रदर्शन कार्यस्थल का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने पुलिस बलों द्वारा लगाए गए स्टॉलो का दौरा भी किया, जिसमें विमानन सुरक्षा,पुलिस बलों का आधुनिकीकरण सहित कई विषयों पर आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया गया था।
PM: अब से कुछ देर पहले ही राष्ट्रीय एकता का संदेश दोहराने के लिए राष्ट्रीय एकता दौड़ संपन्न हुई है।देश के अलग-अलग शहरों में, गावों में, अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों ने इसमें हिस्सा लिया है। pic.twitter.com/J1qMwsSItX
— PMO India (@PMOIndia) October 31, 2019
PM: यहां राष्ट्रीय एकता परेड का भी आयोजन किया गया है।इन भव्य आयोजनों में हिस्सा लेने वाले हर देशवासी का मैं अभिनंदन करता हूं। pic.twitter.com/h3QsMQJ0wR
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PM: पूरी दुनिया में अलग-अलग देश, अलग-अलग पंथों, अलग-अलग विचारधाराओं, भाषाओं, रंग-रूप के आधार पर बने।एकरूपता, उन देशों की विशेषता रही, पहचान रही।
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लेकिन भारत की विशेषता है विविधता में एकता। pic.twitter.com/HFu5yYVkYQ
PM: विविधता में एकता हमारा गर्व है, हमारा गौरव है, हमारी पहचान है।
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हमारे यहाँ विविधता को, diversity को सेलिब्रेट किया जाता है।हमें विविधता में विरोधाभास नहीं दिखता बल्कि उसमें अंतर्निहित एकता का सामर्थ्य दिखता है। pic.twitter.com/j8s8rdsXck
PM: विविधता का सेलिब्रेशन, विविधता का उत्सव उसमें छुपी एकता का स्पर्श कराता है, उसे बाहर ला देता है।
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जब हम देश की अलग - अलग भाषाओं और सैकड़ों बोलियों पर गर्व करते हैं तो भाव का बंधन बन जाता है। pic.twitter.com/V9pdRkhsl9
PM: जब हम विभिन्न पंथों-संप्रदायों की परंपराओं, आस्थाओं का सम्मान करते हैं तो सदभाव-स्नेहभाव में और वृद्धि हो जाती है।इसलिये हमें हर पल, विविधता के हर अवसर को सेलिब्रेट करना है।
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और यही Nation Building है। pic.twitter.com/PkOI2ZTiMS
PM: ये वो ताकत है जो पूरी दुनिया में किसी और देश में नहीं मिलेगी।
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यहां दक्षिण से निकले आदि शंकराचार्य, उत्तर में मठों की स्थापना करते हैं।
यहां बंगाल से निकले स्वामी विवेकानंद को देश के दक्षिणी छोर कन्याकुमारी में नया ज्ञान प्राप्त होता है।
PM: यहां पटना में प्रकट हुए गुरू गोबिंद सिंह, पंजाब में जाकर, देश की रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापना करते हैं
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यहां रामेश्वरम में पैदा हुए एपीजे अब्दुल कलाम, दिल्ली में देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होते हैं।
PM: जब विदेशी धरती पर मेडल जीतने के बाद तिरंगा लहराता है, तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, महाराष्ट्र से लेकर मणिपुर तक, एक साथ रोमांचित हो उठता है, सबकी भवनाएं उभार पर आ जाती हैं। pic.twitter.com/vvpHfnvRty
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PM: जब सरदार पटेल, पाँच सौ से ज्यादा रिसायतों के एकीकरण के भगीरथ कार्य के लिए निकले थे, तो यही वो चुंबकीय शक्ति थी, जिसमें ज्यादातर राजे-रजवाड़े खिंचे चले आए थे।
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PM: आज विश्व मंच पर हमारा प्रभाव और सदभाव, दोनों बढ़ रहा है, तो उसका कारण हमारी एकता है। आज पूरी दुनिया, भारत की बात गंभीरता से सुनती है, तो उसका कारण हमारी एकता है। आज भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत है, तो उसका कारण, हमारी एकता है।
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