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प्रधानमंत्री ने केरल का दौरा किया, राष्‍ट्रीय राजमार्ग संख्‍या-66 पर कोल्‍लम बाइपास राष्‍ट्र को समर्पित किया

प्रधानमंत्री ने केरल का दौरा किया, राष्‍ट्रीय राजमार्ग संख्‍या-66 पर कोल्‍लम बाइपास राष्‍ट्र को समर्पित किया

प्रधानमंत्री ने केरल का दौरा किया, राष्‍ट्रीय राजमार्ग संख्‍या-66 पर कोल्‍लम बाइपास राष्‍ट्र को समर्पित किया

प्रधानमंत्री ने केरल का दौरा किया, राष्‍ट्रीय राजमार्ग संख्‍या-66 पर कोल्‍लम बाइपास राष्‍ट्र को समर्पित किया


बुनियादी ढांचे का विकास सरकार की प्राथमिकता है : प्रधानमंत्री 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज केरल में कोल्‍लम का दौरा किया। उन्‍होंने वहां राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 66 पर 13 किलोमीटर लम्‍बा,  2-लेन का कोल्ल्म बाइपास राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर केरल के राज्यपाल न्यायमूर्ति श्री पी. सदाशिवम, केरल के मुख्‍यमंत्री श्री पिनाराई विजयन, केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री के.जे. अल्फोंस सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

कोल्‍लम के असरामम मैदान में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि बुनियादी ढांचे का विकास उनकी सरकार की प्राथमिकता रही है और कोल्‍लम बाइपास उसी का एक उदाहरण है।

उन्‍होंने इस बात को रेखांकित किया कि इस परियोजना को जनवरी 2015 में मंजूरी दी गई थी और अब यह उपयोग के लिए उपलब्‍ध है। प्रधानमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार आम आदमी के जीवन को सुगम बनाने के लिए सबका साथ, सबका विकास में यकीन रखती है और उन्‍होंने इस परियोजना को पूरा करने में केरल सरकार के योगदान और  सहयोग की सराहना की।

कोल्‍लम बाइपास से अलप्पुझा और तिरुवनंतपुरम के यात्रा समय में कटौती होगी तथा कोल्‍लम शहर के आस-पास यातायात की आवाजाही सुगम होगी।

केरल से संबंधित परियोजनाओं का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि  भारतमाला के अंतर्गत मुंबई-कन्‍याकुमारी गलियारे के लिए विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सभी परियोजनाएं समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि इस आश्‍य से प्रगति के द्वारा,  12 लाख करोड़ रूपये मूल्‍य की 250 से ज्‍यादा परियोजनाओं की समीक्षा की गई है।

सड़क संपर्क की दिशा में हुई प्रगति पर रोशनी डालते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि पिछली सरकार की तुलना में राष्‍ट्रीय राजमार्गों, ग्रामीण सड़कों के निर्माण की गति लगभग दोगुनी हो चुकी है। 90 प्रतिशत से ज्‍यादा ग्रामीण बस्तियों को जोड़ा जा चुका है जबकि पिछली सरकार में केवल 56 प्रतिशत ग्रामीण बस्तियों को ही जोड़ा गया था। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि सरकार जल्‍द ही शत-प्रतिशत ग्रामीण सड़क संपर्क का लक्ष्‍य प्राप्‍त कर लेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय वायु संपर्क और रेलवे लाइनों के विस्‍तार में उल्‍लेखनीय सुधार हुआ है जिसके परिणामस्‍वरूप रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘’जब हम सड़कों और पुलों का निर्माण करते हैं, तो हम केवल कस्‍बों और गांवों को ही नहीं जोड़ते। हम महत्‍वाकांक्षाओं और उपलब्धियों, आशावाद को अवसरों तथा आशा और प्रसन्‍नता के साथ भी जोड़ते हैं।‘’

आयुष्‍मान भारत के बारे में उन्‍होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत 8 लाख मरीजों को लाभ पहुंचा है, जबकि सरकार अब तक इस योजना के लिए 1100 करोड़ रूपये से अधिक धनराशि मंजूर कर चुकी है। उन्‍होंने केरल सरकार से आयुष्‍मान भारत योजना के कार्यान्‍वयन में तेजी लाने का अनुरोध किया, ताकि केरलवासी उसका लाभ उठा सकें।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि पर्यटन केरल के आर्थिक विकास की विशिष्‍टता है और यह राज्‍य की अर्थव्‍यवस्‍था में प्रमुख योगदान करता है। उन्‍होंने कहा कि केरल की पर्यटन संभावनाओं की पहचान करते हुए सरकार ने स्‍वदेश दर्शन और प्रसाद योजनाओं के अंतर्गत राज्‍य में 550 करोड़ रूपये मूल्‍य की सात परियोजनाएं मंजूर की हैं।

पर्यटन क्षेत्र के महत्‍व के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में हुई उल्‍लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला। भारत ने 2016 में पर्यटन क्षेत्र में 14 प्रतिशत से ज्‍यादा प्रगति की, जबकि इसकी वैश्विक औसत 7 प्रतिशत रही। उन्‍होंने कहा कि विश्‍व यात्रा एवं पर्यटन परिषद की 2018 की रिपोर्ट में भारत इस समय पावर रैंकिंग में तीसरे स्‍थान पर है। भारत में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्‍या में 42 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। 2013 में 70 लाख विदेशी पर्यटक भारत आए थे ज‍बकि 2017 में इनकी संख्‍या बढ़कर 1 करोड़ हो गई। भारत द्वारा पर्यटन के कारण अर्जित की जाने वाली विदेशी मुद्रा में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह 2013 में 18 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2017 में 27 बिलियन डॉलर हो गई। उन्‍होंने कहा कि ई-वीजा शुरू किया जाना भारतीय पर्यटन के लिए बहुत परिवर्तनकारी रहा जो अब तक 166 देशों के नागरिकों को उपलब्‍ध है।