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प्रधानमंत्री ने और बसवा जयंती 2017 के उद्घाटन तथा बसवा समिति के स्वर्ण जयंती उत्सव को संबोधित किया

प्रधानमंत्री ने और बसवा जयंती 2017 के उद्घाटन तथा बसवा समिति के स्वर्ण जयंती उत्सव को संबोधित किया


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में बसवान्ना के पवित्र वचनों के 23 भाषाओं में अनुवाद का लोकार्पण किया और बसवा जयंती 2017 के उद्घाटन तथा बसवा समिति के स्वर्ण जयंती उत्सव को संबोधित किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा, भारत का इतिहास सिर्फ पराजय, गरीबी और गुलामी का इतिहास नहीं है। भारत ने सुशासन, अहिंसा और सत्याग्रह का संदेश दिया है।

भगवान बसवेश्वर को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, बसवेश्वर ने कई शताब्दी पहले एक लोकतांत्रिक व्यवस्था का सृजन किया। उन्होंने कहा कि हमारी धरती को अनेक महान व्यक्तियों का आशीष मिला जिन्होंने हमारे समाज को बदल दिया। उन्होंने कहा कि जब भी आवश्यकता हुई सुधार हमेशा ही हमारे समाज के भीतर से आया। उन्होंने उम्मीद जताई कि तीन तलाक के कारण कुछ मुस्लिम महिलाओं पर जो बीत रही है उसे खत्म करने के लिए खुद मुस्लिम समुदाय के भीतर से सुधार की पहल होगी। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अनुरोध किया कि वे इस मुद्दे को राजनीतिक चश्मे से न देखें।

भगवान बसवेश्वर के वचनों को सुशासन का आधार बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास के फल जैसे आवास, बिजली और सड़कों को बिना किसी भेदभाव के सभी तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा, यही ‘सबका साथ-सबका विकास’ का मूल सार है।

प्रधानमंत्री ने लंदन में नवंबर 2015 के उस अवसर को याद किया, जब उन्होंने भगवान बसवेश्वर की प्रतिमा का अनावरण किया था।

इस कार्यक्रम के बाद, प्रधानमंत्री ने दर्शकों के बीच जाकर महान कन्नड़ विद्वान स्वर्गीय श्री एम.एम. कलबुर्गी के परिवार के सदस्यों से बात की।