प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज एक उच्च स्तरीय बैठक में, एलपीजी सब्सिडी के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण ‘पहल’ (प्रत्यक्ष हस्तांतरित लाभ) कार्यक्रम की समीक्षा की।
पहल के अंतर्गत 9.75 करोड़ से अधिक एलपीजी उपभोक्ताओंको लाभ पहुंचाया जा रहा है। यह कार्यक्रम संभवतः चीन, मैक्सिको और ब्राजील जैसे दुनिया के ऐसे सभी देशों के समान कार्यक्रमों की तुलना में सबसे बड़ा नकदी अंतरण कार्यक्रम है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री को पहल के बारे में जानकारी प्रस्तुत की।
पहल के अंतर्गत रसोई गैस के सिलिंडर पात्र उपभोक्ताओं को बाजार भाव पर बेचे जाते हैं, और उनकी सब्सिडी सीधे ग्राहकों के बैंक खाते में पहुंच जाती है। यह अंतरण आधार से सम्बद्ध खाते अथवा अन्य बैंक खाते के जरिए किया जाता है।
पहल का लक्ष्य डुप्लीकेट या जाली एलपीजी कनेक्शनों को समाप्त करना और सही लाभार्थी तक लाभ पहुंचाना है।
प्रधानमंत्री ने अल्पावधि में ही बड़ी संख्या में ग्राहकों के खातों को इस कार्यक्रम से जोड़ने पर संतोष व्यक्त किया और इस सफलता पर बधाई दी। अभी तक 9.75 करोड़ रसोई गैस उपभोक्ता कार्यक्रम के साथ जुड़ चुके हैं। 15 करोड़ के कुल ग्राहक आधार का यह 66 प्रतिशत है। 9.25 करोड़ ट्रांजेक्शन्स के जरिए 3654 करोड़ रुपये पहले ही एलपीजी ग्राहकों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित किए जा चुके हैं। संशोधित कार्यक्रम में विभिन्न व्यवस्थाओं को सुचारू बनाया गया है ताकि पंजीकरण आसान बनाया जा सके और ग्राहकों को अधिक सुविधाएं प्रदान की जा सकें। अभी तक मात्र 1.09 लाख शिकायतें मिली हैं, जो कुल लेनदेन का मात्र 0.1 प्रतिशत है।
54 जिलों से प्राप्त प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार सब्सिडी युक्त एलपीजी के विकास में काफी कमी आई है जबकि एलपीजी की वाणिज्यिक बिक्री में समनुरूप वृद्धि हुई है। इससे पता चलता है कि यह कार्यक्रम सब्सिडी में बचत लाने में कारगर होगा, जिसका इस्तेमाल अन्य उत्पादक प्रयोजनों के लिए किया जा सकेगा और साथ ही मौजूदा पात्र ग्राहकों में भी कोई कमी नहीं आएगी।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के बाद यह दूसरा कार्यक्रम है जिससे अर्थव्यवस्था को व्यापक लाभ पहुंचेगा। उन्होंने निर्देश दिया कि शेष एलपीजी उपभोक्ताओं को पहल के दायरे में लाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना का लाभ उठाते हुए बैंक खातों को आधार के साथ जोड़ कर इस कार्यक्रम में तेजी लाई जा सकती है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कार्यक्रम का प्रभाव विश्लेषण किया जाना चाहिए ताकि इसे व्यावसायिक तरीके से संचालित किया जा सके। प्रधानमंत्री ने स्टाफ और सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के प्रबंधन को बधाई भी दी।
From Jan Dhanto giving homes to the poor, highlighted our efforts to bring a positive difference in people’s lives. http://t.co/ZhH4HkcNTG
— NarendraModi(@narendramodi) February 1, 2015