प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे आयोजित खादी उत्सव में भाग लिया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल, सांसद श्री सी आर पाटिल, राज्य मंत्री श्री हर्ष सांघवी और श्री जगदीश पांचाल, अहमदाबाद के मेयर श्री किरीटभाई परमार और केवीआईसी के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार उपस्थित थे।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने चरखे के साथ अपने व्यक्तिगत संबंध को याद किया और अपने बचपन को याद किया जब उनकी मां चरखा चलाती थी। उन्होंने कहा, “साबरमती का तट आज धन्य हो गया है क्योंकि स्वतंत्रता के 75 वर्ष के अवसर पर 7,500 बहनों और बेटियों ने एक साथ चरखे पर सूत कातकर इतिहास रच दिया है।” उन्होंने कहा कि चरखे पर कताई किसी पूजा से कम नहीं है।
प्रधानमंत्री ने ‘अटल ब्रिज‘ की प्रौद्योगिकी और उत्कृष्ट डिजाइन का उल्लेख किया, जिसका आज उन्होंने उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह पुल श्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि है, जिन्हें गुजरात के लोग हमेशा प्यार और सम्मान देते थे। “अटल पुल न केवल साबरमती नदी के दो किनारों को जोड़ता है, बल्कि यह डिजाइन और नवाचार में भी अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा, इसके डिजाइन में गुजरात के प्रसिद्ध पतंग उत्सव को भी ध्यान में रखा गया है”। श्री मोदी ने भारत में हर घर तिरंगा अभियान के उत्साह का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यहां होने वाले उत्सव न केवल देशभक्ति की भावना को दर्शाते हैं बल्कि एक आधुनिक और विकसित भारत के संकल्प को भी दर्शाते हैं। उन्होंने कहा, “आपके हाथ, चरखे पर सूत कातते हुए भारत का ताना-बाना बुन रहे हैं”।
प्रधानमंत्री ने कहा, “इतिहास गवाह है कि खादी का एक धागा स्वतंत्रता आंदोलन की ताकत बन गया, इसने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया।” उन्होंने आगे कहा कि खादी का वही धागा विकसित भारत और एक आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने का प्रेरणा-स्रोत बन सकता है। उन्होंने कहा, “खादी जैसी पारंपरिक ताकत हमें नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है”। उन्होंने कहा कि यह खादी उत्सव स्वतंत्रता आंदोलन की भावना और इतिहास को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है और न्यू इंडिया के संकल्पों को हासिल करने के लिए एक प्रेरणा है।
उन्होंने अपने पंच-प्रणों को याद किया जो उन्होंने 15 अगस्त को लाल किले से घोषित किए थे। “इस पवित्र साबरमती के तट पर, मैं पंच-प्रणों को दोहराना चाहता हूं। पहला-देश के सामने महान लक्ष्य, एक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य। दूसरा- गुलामी की मानसिकता का पूर्ण परित्याग। तीसरा-अपनी विरासत पर गर्व करना, चौथा- राष्ट्र की एकता को बढ़ाने के लिए मजबूत प्रयास करना और पांचवां- नागरिक कर्तव्य। उन्होंने कहा कि आज का खादी उत्सव ‘पंच प्रणों‘ का एक सुंदर प्रतिबिंब है।
आजादी के बाद की अवधि में खादी की उपेक्षा की प्रधानमंत्री ने काफी देर तक चर्चा की। उन्होंने कहा, “स्वतंत्रता आंदोलन के समय जिस खादी को गांधी जी ने देश के स्वाभिमान का प्रतीक बनाया था, स्वतंत्रता के बाद उसी खादी को हीन भावना से भर दिया गया। इसके कारण खादी और उससे जुड़ा खादी ग्रामोद्योग पूरी तरह से नष्ट हो गया। खादी की यह स्थिति बेहद दर्दनाक थी, खासकर गुजरात के लिए।” वह इस बात से गौरवान्वित थे कि खादी को पुनर्जीवित करने का कार्य गुजरात की भूमि पर हुआ। प्रधानमंत्री ने सरकार की ‘राष्ट्र के लिए खादी, फैशन के लिए खादी’ के संकल्पों के साथ ‘बदलाव के लिए खादी’ के संकल्प को जोड़ने जोर दिया। उन्होंने कहा “हमने पूरे देश में गुजरात की सफलता के अनुभवों को फैलाना शुरू कर दिया।” देश भर में खादी से संबंधित समस्याओं का समाधान किया गया। हमने देशवासियों को खादी उत्पादों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रधानमंत्री ने खादी के पुनरुद्धार की प्रक्रिया में महिलाओं के योगदान को भी स्वीकार किया। उन्होंने कहा, “भारत के खादी उद्योग की बढ़ती ताकत में महिला शक्ति का भी बड़ा योगदान है। हमारी बहनों और बेटियों में उद्यमिता की भावना निहित है। इसका प्रमाण गुजरात में सखी मंडलों का विस्तार है।” उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में खादी की बिक्री में चार गुना वृद्धि हुई है और पहली बार खादी ग्रामोद्योग का कारोबार एक लाख करोड़ को पार कर गया। इस क्षेत्र ने 1.75 करोड़ नए रोजगार भी पैदा किए। उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना जैसी वित्तीय समावेशन योजनाएं उद्यमिता को बढ़ावा दे रही हैं।
खादी के लाभों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सस्टेनेबल क्लोदिंग, इकोफ्रेंडली क्लोदिंग का एक उदाहरण है और इसमें कार्बन फुटप्रिंट कम से कम होता है। ऐसे कई देश हैं जहां तापमान अधिक है, खादी स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, खादी वैश्विक स्तर पर एक बड़ी भूमिका निभा सकती है। उन्होंने इसे वैश्विक स्तर पर बुनियादी और टिकाऊ जीवन जीने की बढ़ती प्रवृत्ति के अनुरूप कहा।
प्रधानमंत्री ने देश की जनता से अपील की है कि वह आने वाले त्योहारों में खादी ग्रामोद्योग में बने उत्पादों को ही उपहार में दें। प्रधानमंत्री ने कहा, “ आप विभिन्न प्रकार के कपड़ों से बने परिधान ले सकते हैं लेकिन अगर आप उसमें खादी को स्थान देंगे, तो वोकल फॉर लोकल अभियान को गति मिलेगी।”
यह याद करते हुए कि पिछले दशकों में, भारत का अपना समृद्ध खिलौना उद्योग विदेशी खिलौनों की दौड़ में नष्ट हो रहा था, प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार के प्रयासों और खिलौना उद्योगों से जुड़े हमारे भाइयों और बहनों की कड़ी मेहनत से स्थिति अब बदलनी शुरू हो गई है नतीजतन, खिलौनों के आयात में भारी गिरावट आई है।
प्रधानमंत्री ने लोगों से दूरदर्शन पर ‘स्वराज‘ धारावाहिक देखने को भी कहा। यह धारावाहिक हमारे महान स्वाधीनता सेनानियों और उनके संघर्ष की कहानी विस्तार से बयां करता है। सभी परिवारों को यह श्रृंखला देखनी चाहिए ताकि उन्हें हमारी आजादी के लिए हमारे पूर्वजों के बलिदान की जानकारी मिल सके।
खादी उत्सव
प्रधानमंत्री का खादी को लोकप्रिय बनाने, खादी उत्पादों के बारे में जागरूकता पैदा करने और युवाओं के बीच खादी के उपयोग को बढ़ावा देने का निरंतर प्रयास रहा है। प्रधानमंत्री के प्रयासों के परिणामस्वरूप, 2014 से, भारत में खादी की बिक्री में चार गुना वृद्धि हुई है, जबकि गुजरात में खादी की बिक्री में जबरदस्त आठ गुना वृद्धि हुई है।
आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में आयोजित किए जा रहे अपने तरह के एक कार्यक्रम, खादी उत्सव का आयोजन स्वतंत्रता संग्राम के दौरान खादी और इसके महत्व को सम्मान देने के लिए किया जा रहा है। यह उत्सव अहमदाबाद के साबरमती नदी के किनारे आयोजित किया जा रहा है और इसमें गुजरात के विभिन्न जिलों की 7500 महिला कारीगर एक ही समय और एक ही स्थान पर चरखा कातती दिखाई देंगी। इस कार्यक्रम में 1920 के दशक से उपयोग किए जाने वाली विभिन्न पीढ़ियों के 22 चरखों को प्रदर्शित करके “चरखे के विकास” को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी भी दिखाई देगी। इसमें “यरवदा चरखे” जैसा चरखा भी शामिल होगा जो स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इस्तेमाल किए गए चरखों का प्रतीक है, साथ ही आज के नवीनतम नवाचारों और इस्तेमाल की जा रही प्रौद्योगिकी की झलक भी दिखाई देगी। पोंडुरु खादी के उत्पादन का एक लाइव प्रदर्शन भी किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने गुजरात राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के नये कार्यालय भवन और साबरमती नदी पर बने एक फुट-ओवर ब्रिज ‘अटल ब्रिज‘ का भी उद्घाटन किया ।
Celebrating the vibrant Khadi tradition of India! Joined ‘Khadi Utsav’ at Sabarmati Riverfront. https://t.co/uiRB4JfeOZ
— Narendra Modi (@narendramodi) August 27, 2022
साबरमती का ये किनारा आज धन्य हो गया है।
आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, 7,500 बहनों-बेटियों ने एक साथ चरखे पर सूत कातकर नया इतिहास रच दिया है: PM @narendramodi at ‘Khadi Utsav’
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
अटल ब्रिज, साबरमती नदी को, दो किनारों को ही आपस में नहीं जोड़ रहा बल्कि ये डिजाइन और इनोवेशन में भी अभूतपूर्व है।
इसकी डिजाइन में गुजरात के मशहूर पतंग महोत्सव का भी ध्यान रखा गया है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
इतिहास साक्षी है कि खादी का एक धागा, आजादी के आंदोलन की ताकत बन गया, उसने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया।
खादी का वही धागा, विकसित भारत के प्रण को पूरा करने का, आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने का प्रेरणा-स्रोत बन सकता है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
15 अगस्त को लाल किले से मैंने पंच-प्रणों की बात कही है।
साबरमती के तट पर, इस पुण्य जगह पर मैं पंच-प्रणों को फिर दोहराना चाहता हूं।
पहला- देश के सामने विराट लक्ष्य, विकसित भारत बनाने का लक्ष्य
दूसरा- गुलामी की मानसिकता का पूरी तरह त्याग: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
तीसरा- अपनी विरासत पर गर्व
चौथा- राष्ट्र की एकता बढ़ाने का पुरजोर प्रयास
पांचवा- नागरिक कर्तव्य: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
आजादी के आंदोलन के समय जिस खादी को गांधी जी ने देश का स्वाभिमान बनाया, उसी खादी को आजादी के बाद हीन भावना से भर दिया गया।
इस वजह से खादी और खादी से जुड़ा ग्रामोद्योग पूरी तरह तबाह हो गया।
खादी की ये स्थिति विशेष रूप से गुजरात के लिए बहुत ही पीड़ादायक थी: PM
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
हमने खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन में खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन का संकल्प जोड़ा।
हमने गुजरात की सफलता के अनुभवों का देशभर में विस्तार करना शुरु किया।
देशभर में खादी से जुड़ी जो समस्याएं थीं उनको दूर किया।
हमने देशवासियों को खादी के product खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया: PM
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
भारत के खादी उद्योग की बढ़ती ताकत के पीछे भी महिला शक्ति का बहुत बड़ा योगदान है।
उद्यमिता की भावना हमारी बहनों-बेटियों में कूट-कूट कर भरी है।
इसका प्रमाण गुजरात में सखी मंडलों का विस्तार भी है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
खादी sustainable clothing का उदाहरण है।
खादी eco-friendly clothing का उदाहरण है।
खादी से carbon footprint कम से कम होता है।
बहुत सारे देश हैं जहां तापमान ज्यादा रहता है, वहां खादी Health की दृष्टि से भी बहुत अहम है।
इसलिए खादी वैश्विक स्तर पर बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है: PM
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
मैं देशभर के लोगों से एक अपील भी करना चाहता हूं।
आने वाले त्योहारों में इस बार खादी ग्रामोद्योग में बना उत्पाद ही उपहार में दें।
आपके पास अलग-अलग तरह के फैब्रिक से बने कपड़े हो सकते हैं।
लेकिन उसमें आप खादी को भी जगह देंगे, तो वोकल फॉर लोकल अभियान को गति मिलेगी: PM
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
बीते दशकों में विदेशी खिलौनों की होड़ में, भारत की अपनी समृद्ध Toy Industry तबाह हो रही थी।
सरकार के प्रयास से, खिलौना उद्योगों से जुड़े हमारे भाई-बहनों के परिश्रम से अब स्थिति बदलने लगी है।
अब विदेश से मंगाए जाने वाले खिलौनों में भारी गिरावट आई है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
***
एमजी/एएम/केपी/एसके
Celebrating the vibrant Khadi tradition of India! Joined 'Khadi Utsav' at Sabarmati Riverfront. https://t.co/uiRB4JfeOZ
— Narendra Modi (@narendramodi) August 27, 2022
Every Indian has an emotional connect with the Charkha. It was a symbol of our freedom struggle and remains a symbol of hope and empowerment.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 27, 2022
Glimpses from today's Khadi Utsav. pic.twitter.com/9qF5I2VigL
आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 7500 बहनों-बेटियों ने खादी उत्सव में एक साथ चरखे पर सूत कातकर नया इतिहास रच दिया है। pic.twitter.com/o5mAy4N738
— Narendra Modi (@narendramodi) August 27, 2022
Khadi then- a symbol of our Independence movement under Gandhi Ji.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 27, 2022
Khadi now- a symbol of Aatmanirbhar Bharat. pic.twitter.com/hp4e3qs74F
From the banks of the Sabarmati we begin a movement to further popularise Khadi. pic.twitter.com/7sXhs0RE5n
— Narendra Modi (@narendramodi) August 27, 2022
साबरमती के तट से देशभर के लोगों से मैं एक अपील करना चाहता हूं… pic.twitter.com/Ew6dQTifnb
— Narendra Modi (@narendramodi) August 27, 2022
साबरमती का ये किनारा आज धन्य हो गया है।
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, 7,500 बहनों-बेटियों ने एक साथ चरखे पर सूत कातकर नया इतिहास रच दिया है: PM @narendramodi at 'Khadi Utsav'
अटल ब्रिज, साबरमती नदी को, दो किनारों को ही आपस में नहीं जोड़ रहा बल्कि ये डिजाइन और इनोवेशन में भी अभूतपूर्व है।
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
इसकी डिजाइन में गुजरात के मशहूर पतंग महोत्सव का भी ध्यान रखा गया है: PM @narendramodi
इतिहास साक्षी है कि खादी का एक धागा, आजादी के आंदोलन की ताकत बन गया, उसने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया।
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
खादी का वही धागा, विकसित भारत के प्रण को पूरा करने का, आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने का प्रेरणा-स्रोत बन सकता है: PM @narendramodi
15 अगस्त को लाल किले से मैंने पंच-प्रणों की बात कही है।
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
साबरमती के तट पर, इस पुण्य जगह पर मैं पंच-प्रणों को फिर दोहराना चाहता हूं।
पहला- देश के सामने विराट लक्ष्य, विकसित भारत बनाने का लक्ष्य
दूसरा- गुलामी की मानसिकता का पूरी तरह त्याग: PM @narendramodi
तीसरा- अपनी विरासत पर गर्व
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
चौथा- राष्ट्र की एकता बढ़ाने का पुरजोर प्रयास
पांचवा- नागरिक कर्तव्य: PM @narendramodi
आजादी के आंदोलन के समय जिस खादी को गांधी जी ने देश का स्वाभिमान बनाया, उसी खादी को आजादी के बाद हीन भावना से भर दिया गया।
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
इस वजह से खादी और खादी से जुड़ा ग्रामोद्योग पूरी तरह तबाह हो गया।
खादी की ये स्थिति विशेष रूप से गुजरात के लिए बहुत ही पीड़ादायक थी: PM
हमने खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन में खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन का संकल्प जोड़ा।
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
हमने गुजरात की सफलता के अनुभवों का देशभर में विस्तार करना शुरु किया।
देशभर में खादी से जुड़ी जो समस्याएं थीं उनको दूर किया।
हमने देशवासियों को खादी के product खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया: PM
भारत के खादी उद्योग की बढ़ती ताकत के पीछे भी महिला शक्ति का बहुत बड़ा योगदान है।
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
उद्यमिता की भावना हमारी बहनों-बेटियों में कूट-कूट कर भरी है।
इसका प्रमाण गुजरात में सखी मंडलों का विस्तार भी है: PM @narendramodi
खादी sustainable clothing का उदाहरण है।
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
खादी eco-friendly clothing का उदाहरण है।
खादी से carbon footprint कम से कम होता है।
बहुत सारे देश हैं जहां तापमान ज्यादा रहता है, वहां खादी Health की दृष्टि से भी बहुत अहम है।
इसलिए खादी वैश्विक स्तर पर बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है: PM
मैं देशभर के लोगों से एक अपील भी करना चाहता हूं।
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
आने वाले त्योहारों में इस बार खादी ग्रामोद्योग में बना उत्पाद ही उपहार में दें।
आपके पास अलग-अलग तरह के फैब्रिक से बने कपड़े हो सकते हैं।
लेकिन उसमें आप खादी को भी जगह देंगे, तो वोकल फॉर लोकल अभियान को गति मिलेगी: PM
बीते दशकों में विदेशी खिलौनों की होड़ में, भारत की अपनी समृद्ध Toy Industry तबाह हो रही थी।
— PMO India (@PMOIndia) August 27, 2022
सरकार के प्रयास से, खिलौना उद्योगों से जुड़े हमारे भाई-बहनों के परिश्रम से अब स्थिति बदलने लगी है।
अब विदेश से मंगाए जाने वाले खिलौनों में भारी गिरावट आई है: PM @narendramodi