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प्रधानमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया


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अरुणाचल को आज गति और ऊर्जा दोनों ही मिल रही हैं।

गरीबी के खिलाफ जंग में बिजली, शिक्षा सर्वश्रेष्‍ठ हथियार हैं।

हरमुति-नाहरलगुन रेल लाइन राष्‍ट्र को समर्पित की।

नाहरलगुन एवं नई दिल्‍ली के बीच एसी एक्‍सप्रेस, नाहरलगुन व गुवाहाटी के बीच इंटर-सिटी एक्‍सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

अरुणाचल महोत्‍सव 2015 का उद्घाटन किया।

राज्य के 29वें स्थापना दिवस पर स्मारिका जारी की।

इटानगर के लिए जलापूर्ति योजना का उद्घाटन किया।

132 केवी की पारेषण लाइन की आधारशिला रखी।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश को आज गति और ऊर्जा दोनों ही मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि केवल नारों के सहारे ही गरीबी का उन्मूलन नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज लांच की जा रही परियोजनाओं से कनेक्टिविटी बढ़ेगी और बिजली सुलभ होगी, जो आगे चलकर गरीबी के खिलाफ जंग में मह्त्वपूर्ण हथियार बन जाएंगी।

प्रधानमंत्री हरमुति-नाहरलगुन रेल लाइन राष्ट्र को समर्पित करने के बाद इटानगर में उपस्थित विशाल जन समुदाय को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने नाहरलगुन एवं नई दिल्ली के बीच एसी एक्सप्रेस और नाहरलगुन एवं गुवाहाटी के बीच इंटर-सिटी एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

प्रधानमंत्री ने अरुणाचल महोत्सव 2015 का उद्घाटन किया और अरुणाचल प्रदेश के 29वें स्थापना दिवस पर एक स्मारिका जारी की। उन्होंने इटानगर के लिए एक जलापूर्ति योजना का उद्घाटन किया और 132 केवी की पारेषण लाइन की आधारशिला रखी।

प्रधानमंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में अल्प विकास का सबसे बड़ा कारण कमजोर कनेक्टिविटी है। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं कनेक्टिविटी बेहतर करने में योगदान देंगी।

प्रधानमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश में निहित विशाल पनबिजली संभावनाओं का जिक्र किया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि नेपाल और भूटान अपनी अर्थव्यवस्था में व्यापक बदलाव के लिए किस तरह से पनबिजली का दोहन कर रहे हैं। उन्होंने मिसाल देते हुए यह भी कहा कि किस तरह से हिमाचल प्रदेश ने भारत में यही कारनामा कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश समूचे देश को बिजली मुहैया करा सकता है। उन्होंने इस राज्य की पनबिजली संभावनाओं का दोहन करने और इसके साथ ही पनबिजली परियोजनाओं के चलते विस्थापित होने वाले लोगों को समुचित मुआवजा देने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर में छह नए कृषि विश्वविद्यालय खोलने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विश्व भर में प्रसिद्ध जैविक खेती का एक प्रमुख केंद्र बन सकता है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में एफएम रेडियो सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मेक इन नॉर्थईस्ट’ को ‘मेक इन इंडिया’ का अभिन्न हिस्सा बनाने पर विचार किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारीगण पूर्वोत्तर राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि विकास की राह की बाधाएं दूर हो सकें।

अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जरनल निर्भय शर्मा (सेवानिवृत्त), अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री नबम तुकी, केंद्रीय रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु, केंद्रीय रेल राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजीजू भी इस अवसर पर उपस्थित थे।