कई उपाय सुझाये जिसे महापौर अपने शहरों के कायाकल्प के लिए शुरू कर सकते हैं
” आधुनिकीकरण के इस दौर में हमारे इन शहरों की प्राचीनता की भी अहमियत है”
“हमारा शहर स्वच्छ रहे और स्वस्थ भी रहे, ये हमारा प्रयास होना चाहिए”
“नदियों को शहरी जीवन के केंद्र में वापस लाया जाना चाहिए। इससे आपके शहरों को एक नया जीवन मिलेगा”
“हमारे शहर हमारी अर्थव्यवस्था की प्रेरक शक्ति हैं। हमें शहर को वाइब्रेंट इकोनॉमी का हब बनाना चाहिए”
” हमारे विकास के मॉडल में एमएसएमई को कैसे बल मिले, इस पर विचार करने की जरूरत है”
“महामारी ने स्ट्रीट वेंडर्स के महत्व को दिखाया है। रेहड़ी-पटरी वाले हमारी अपनी ही यात्रा के अंग है, इनकी मुसीबतों को हम हर पल देखेंगे”
“मैं काशी के बारे में आपके सुझावों के लिए आभारी रहूंगा और मैं आपका पहला छात्र बनूंगा”
“सरदार पटेल अहमदाबाद के महापौर थे और देश उन्हें आज भी याद करता है”
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी भी उपस्थित थे।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने प्राचीन शहर वाराणसी में हाल के घटनाक्रमों के बारे में चर्चा की। उन्होंने अपने वक्तव्य को दोहराया कि काशी का विकास पूरे देश का रोडमैप हो सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में ज़्यादातर शहर पारंपरिक शहर ही हैं, पारंपरिक तरीके से ही विकसित हुए हैं। आधुनिकीकरण के इस दौर में हमारे इन शहरों की प्राचीनता की भी उतनी ही अहमियत है। उन्होंने कहा कि ये शहर हमें विरासत और स्थानीय कौशल को संरक्षित करना सिखा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि मौजूदा संरचनाओं को नष्ट करना कोई समाधान नहीं है, बल्कि कायाकल्प और संरक्षण पर जोर दिया जाना चाहिए। इसे आधुनिक समय की आवश्यकताओं के अनुरूप किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने स्वच्छता के लिए शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का आह्वान किया और उत्सुकता व्यक्त करते हुए कहा कि क्या उन शहरों को मान्यता देने के लिए नई श्रेणियां हो सकती हैं जो सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले शहरों के साथ-साथ स्वच्छता हासिल करने के लिए सबसे अच्छा प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने स्वच्छता के साथ-साथ शहरों के सौंदर्यीकरण पर भी जोर दिया। उन्होंने महापौर से इस संबंध में अपने शहरों में वार्डों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करने को कहा।
उन्होंने महापौरों से स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित ‘रंगोली’ प्रतियोगिताएं, स्वतंत्रता संग्राम पर गीत प्रतियोगिता और लोरी (लोरी) प्रतियोगिता जैसे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ से संबंधित कार्यक्रम चलाने के लिए भी कहा, जिस पर प्रधानमंत्री अपने भाषणों और मन की बात में जोर देते रहे हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि महापौरों को समय निकालकर शहरों का जन्मदिन मनाना चाहिए। नदियों वाले शहरों को नदी उत्सव मनाना चाहिए। उन्होंने नदियों की महिमा को फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि लोग उन पर गर्व करें और उन्हें स्वच्छ रखें। प्रधानमंत्री ने कहा, “नदियों को शहरी जीवन के केंद्र में वापस लाया जाना चाहिए। इससे आपके शहरों को एक नया जीवन मिलेगा।” उन्होंने महापौरों से सिंगल यूज प्लास्टिक के खात्मे के खिलाफ अभियान को फिर से शुरू करने को कहा। उन्होंने महापौरों से कचरे से धन बनाने के तरीके तलाशने को कहा। उन्होंने कहा, “हमारा शहर स्वच्छ रहे और स्वस्थ भी रहे, ये हमारा प्रयास होना चाहिए।”
प्रधानमंत्री ने महापौरों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उनके शहरों की स्ट्रीट लाइटों और घरों में एलईडी बल्बों का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने इसे एक मिशन मोड में लेने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि हमें हमेशा मौजूदा योजनाओं को नए उपयोग के लिए इस्तेमाल करने और उन्हें आगे ले जाने के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने महापौरों से शहर की एनसीसी इकाइयों से संपर्क करने और शहरों की मूर्तियों को साफ करने के उद्देश्य से समूह बनाने तथा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की भावना से नायकों पर केंद्रित भाषण आयोजित करने करने के लिए कहा। इसी तरह, महापौर अपने शहर में एक जगह का चयन कर सकते हैं और पीपीपी मोड के माध्यम से आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान एक स्मारक बना सकते हैं। प्रधानमंत्री ने ‘एक जिला एक उत्पाद’ कार्यक्रम का जिक्र करते हुए महापौरों से शहर में किसी विशिष्ट उत्पाद या स्थान द्वारा प्रचारित अपने शहरों की एक विशिष्ट पहचान के लिए जोर देने को कहा। प्रधानमंत्री ने उनसे शहरी जीवन के विभिन्न पहलुओं के संबंध में जनहितैषी सोच विकसित करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि हमें सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने महापौरों से सुगम्य भारत अभियान-सुलभ भारत अभियान के अनुसार यह ध्यान रखने के लिए कहा कि उनके शहर में हर सुविधा दिव्यांगों के अनुकूल हो। उन्होंने कहा कि “हमारे शहर हमारी अर्थव्यवस्था की प्रेरक शक्ति हैं। हमें शहर को वाइब्रेंट इकोनॉमी का हब बनाना चाहिए।” उन्होंने उनसे एक समग्र प्रणाली बनाने के लिए कहा जहां आर्थिक गतिविधियों को आमंत्रित करने के साथ-साथ उन्हें बढ़ावा देने वाली एक इको-सिस्टम बनाने के लिए सभी सुविधाएं एक साथ विकसित की गई हों।
प्रधानमंत्री ने हमारे विकास मॉडल में एमएसएमई को मजबूत करने की आवश्यकता को दोहराया। प्रधानमंत्री ने कहा, “रेहड़ी-पटरी वाले हमारी अपनी ही यात्रा के अंग है, इनकी मुसीबतों को हम हर पल देखेंगे। उनके लिए हम पीएम स्वनिधि योजना लाए हैं। यह योजना बहुत ही उत्तम है। आप अपने नगर में उनकी लिस्ट बनाइए और उनको मोबाइल फोन से लेन-देन सिखा दीजिए। इससे बेहतर शर्तों पर बैंक वित्त की सुविधा होगी।” उन्होंने कहा कि महामारी ने स्ट्रीट वेंडर्स के महत्व को दिखाया है।
प्रधानमंत्री ने महापौरों से काशी के विकास के लिए अपने अनुभवों से सुझाव देने के अनुरोध के साथ अपने भाषण का समापन किया। “मैं आपके सुझावों के लिए आभारी रहूंगा और मैं आपका पहला छात्र बनूंगा।” प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल अहमदाबाद के महापौर थे और देश उन्हें आज भी याद करता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “महापौर का पद एक सार्थक राजनीतिक करियर के लिए एक ठोस आधार हो सकता है, जहां आप इस देश के लोगों की सेवा कर सकते हैं।”
हमारे देश में ज़्यादातर शहर पारंपरिक शहर ही हैं, पारंपरिक तरीके से ही विकसित हुए हैं।
आधुनिकीकरण के इस दौर में हमारे इन शहरों की प्राचीनता भी उतनी ही अहमियत है: PM @narendramodi
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हमारा शहर स्वच्छ रहे और स्वस्थ भी रहे, ये हमारा प्रयास होना चाहिए: PM @narendramodi
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हमें शहर को vibrant economy का hub बनाना चाहिए: PM @narendramodi
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हमारे विकास के मॉडल में MSME को कैसे बल मिले, इस पर विचार करने की जरूरत है: PM @narendramodi
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रेहड़ी-पटरी वाले हमारी अपनी ही यात्रा के अंग है, इनकी मुसीबतों को हम हर पल देखेंगे।
उनके लिए हम पीएम स्वनिधि योजना लाए हैं। यह योजना बहुत ही उत्तम है।
आप अपने नगर में उनकी लिस्ट बनाइए और उनको मोबाइल फोन से लेन-देन सिखा दीजिए: PM @narendramodi
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हमारे देश में ज़्यादातर शहर पारंपरिक शहर ही हैं, पारंपरिक तरीके से ही विकसित हुए हैं।
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आधुनिकीकरण के इस दौर में हमारे इन शहरों की प्राचीनता भी उतनी ही अहमियत है: PM @narendramodi
हमारा शहर स्वच्छ रहे और स्वस्थ भी रहे, ये हमारा प्रयास होना चाहिए: PM @narendramodi
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हमें शहर को vibrant economy का hub बनाना चाहिए: PM @narendramodi
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हमारे विकास के मॉडल में MSME को कैसे बल मिले, इस पर विचार करने की जरूरत है: PM @narendramodi
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रेहड़ी-पटरी वाले हमारी अपनी ही यात्रा के अंग है, इनकी मुसीबतों को हम हर पल देखेंगे।
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उनके लिए हम पीएम स्वनिधि योजना लाए हैं। यह योजना बहुत ही उत्तम है।
आप अपने नगर में उनकी लिस्ट बनाइए और उनको मोबाइल फोन से लेन-देन सिखा दीजिए: PM @narendramodi
मेरा मेयरों से आग्रह है कि आप स्वच्छता को सिर्फ सालभर के एक कार्यक्रम के रूप में न लें। क्या आप हर महीने वार्डों के बीच स्वच्छता की स्पर्धा ऑर्गेनाइज करके यह देख सकते हैं कि कौन सा वार्ड सबसे ज्यादा सुंदर है? pic.twitter.com/GfUrh1uxEg
— Narendra Modi (@narendramodi) December 17, 2021
आजादी के अमृत महोत्सव के निमित्त हमारे शहरों में भी कई स्पर्धाएं करवाई जा सकती हैं। ये आजादी के आंदोलन से जुड़ी रंगोली या फिर गीत लिखने की स्पर्धा हो सकती है। हमारी माताएं-बहनें आजादी के 100 साल के सपनों से जुड़ी नई लोरियां भी बना सकती हैं। pic.twitter.com/7IxAoPZ1pI
— Narendra Modi (@narendramodi) December 17, 2021
जिन शहरों में नदी है, क्या हम वहां हर वर्ष सात दिन के लिए नदी-उत्सव मना सकते हैं, जिसमें पूरे शहर के लोग शामिल हों। इससे आपके शहर में एक नई जान आ जाएगी, नया उत्साह आ जाएगा। pic.twitter.com/0NxjQlT8pz
— Narendra Modi (@narendramodi) December 17, 2021
कोरोना काल ने हमें समझाया है कि जिनके भरोसे हमारी रोजाना की जिंदगी चलती है, वे रेहड़ी-पटरी वाले कितने मूल्यवान हैं। उनके लिए ही पीएम स्वनिधि योजना लाई गई है। हमारा दायित्व बनता है कि उन्हें डिजिटली ट्रेंड करें, ताकि उनका जीवन अधिक से अधिक आसान बन सके। pic.twitter.com/EfFqS6IAyR
— Narendra Modi (@narendramodi) December 17, 2021
उत्तर प्रदेश में एक बहुत अच्छा कार्यक्रम चल रहा है- वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट। इसका इतना असर हुआ है कि आपको पता चल जाएगा कि किस जिले की पहचान किस चीज के लिए है। क्या उसी प्रकार आपका शहर यह तय कर सकता है कि वो कौन सी बात है, जो उसकी पहचान बने। pic.twitter.com/cNUxgmWi5V
— Narendra Modi (@narendramodi) December 17, 2021