Search

पीएमइंडियापीएमइंडिया

न्यूज अपडेट्स

प्रधानमंत्री द्वारा भारत आसियान शिखर सम्मेलन में दिया गया उद्घाटन वक्तव्य


s2014111258787 [ PM India 80KB ]

s2014111258788 [ PM India 111KB ]

s2014111258786 [ PM India 103KB ]

मुझे भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में शिरकत करने पर बेहद प्रसन्नता हो रही है।

खासतौर पर म्यांमार में यह अवसर मिलने से मैं खुद को सम्मानित महसूस कर रहा हूं। म्यांमार हमारा महत्वपूर्ण सहयोगी है और इसके साथ हमारे संबंध ऐतिहासिक रूप से बेहद मजबूत रहे हैं। भारत की पूरब की ओर यात्रा म्यांमार की पश्चिमी सीमा से शुरू होती है।

महानुभाव/महामहिम, मैं, अपने भव्य स्वागत और आवभगत के लिए आपका आभारी हूं तथा शानदार व्यवस्था करने के लिए आपको बधाई देता हूं। मैं आसियान और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए आपको शुभकामनाएं देता हूं।

मेरी सरकार के पहले छह महीनों में हमने, पूरब के देशों के साथ संबंधों को बड़ी संजीदगी के साथ बढ़ावा दिया है। इससे हमारी सरकार की ओर से इस क्षेत्र को दी जा रही प्राथमिकता जाहिर होती है।

हमने आप सभी के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा दिया है। साथ ही हमने आसियान के साथ संबंधों को भी समान महत्व दिया है।

आज वैश्विक राजनीति और आर्थिक मामलों में आसियान की अपनी खास पहचान और महत्व है। आज समूचा एशिया-प्रशांत क्षेत्र एकीकरण और सहयोग के लिए बेताब है।

इस बेहद महत्वपूर्ण लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हम आसियान की ओर देख रहे हैं। आसियान से हमें न सिर्फ प्रेरणा मिलती है बल्कि नेतृत्व भी। अपने नेतृत्‍व में उस दिशा में हमें ले जाने में आपको शानदार सफलता मिली है।

आसियान समुदाय भारत का पड़ोसी है। आसियान के सदस्य देशों के साथ प्राचीन समय से ही हमारे व्यापारिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, कला और परम्परागत संबंध रहे हैं। हमने एक-दूसरे को आपसी आदान-प्रदान से लाभान्वित किया है। इसने आधुनिक रिश्‍तों का मजबूत आधार तैयार किया है।

यही कारण है कि हमारे वैश्विक दृष्टिकोण में काफी समानता दिखाई देती है। हमारा आपसी विश्वास और भरोसा बेहद मजबूत है। हमारे संबंधों में कुछ भी तकलीफदेह नहीं है। हम समान नजरिए से दुनिया में उपलब्‍ध अवसरों और चुनौतियां को देखते हैं। आसियान और भारत के युवाओं में भारी जोश और उत्साह है तथा इनमें बुद्धिमता तथा प्राचीन सभ्यताओं की महती समझ है।

तेजी से विकसित हो रहे भारत और आसियान एक-दूसरे के महत्वपूर्ण सहयोगी हो सकते हैं। हम दोनों ही इस क्षेत्र में संतुलन, शान्ति और स्थायित्व बढ़ाने में और ज्‍़यादा सहयोग करने को उत्सुक हैं।

हम अपने सपनों को साकार करने में एक हद तक सफल रहे हैं। हमने मजबूत और व्यापक रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी है।

लेकिन हमारे बीच संबंधों में सहयोग की असीम संभावनाएं हैं।

भारत में आर्थिक विकास, औद्योगीकरण और व्यापार का एक नया युग प्रांरभ हो चुका है और परिणाम-स्वरूप भारत की ‘लुक ईस्ट पॉलिसी’ अब ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ में बदल चुकी है।

हम भारत के साथ मित्रता बढ़ाने में आपके उत्साह का सम्मान करते हैं। आज विश्व और इस क्षेत्र को भारत और आसियान के बीच मजबूत साझेदारी की जरूरत है।

इसी कारण हमारा विश्वास है कि भारत-आसियान भागीदारी की दिशा में हम अब एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं। मैं आपके विचारों से वाकिफ होने को उत्‍सुक हूं।

लेकिन अपनी बात समाप्त करने से पहले मैं भारत-आसियान संबंधों को मजबूत बनाने में मार्गदर्शन देने के लिए समन्‍वयक देश ब्रुनेई के महामहिम सुल्तान हसन-अल-बोलकिया को धन्यवाद देना चाहता हूं। मुझे विश्वास है कि अगले समन्‍वयक देश के रूप में वियतनाम इन संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में अपना पूरा सहयोग देगा।