प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आसियान-भारत शिखर सम्मेलन से हटकर 3 नवंबर, 2019 को म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सूची के साथ बैठक की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सितम्बर, 2017 की अपनी म्यांमार यात्रा और सुश्री सूची ने जनवरी, 2018 में आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन के दौरान अपनी भारत यात्रा को याद करते हुए दोनों देशों के बीच साझेदारी में हुई महत्वपूर्ण प्रगति पर संतोष प्रकट किया।
प्रधानमंत्री ने लुक ईस्ट नीति और पड़ोसी पहले की नीति के तहत भारत द्वारा म्यांमार को साझेदार देश के रूप में दी जाने वाली प्राथमिकता पर बल दिया। इस दिशा में उन्होंने म्यांमार के रास्ते दक्षिण-पूर्व एशिया तक सड़क, बंदरगाह और अवसंरचना निर्माण के माध्यम से भारत के वास्तविक संपर्क में सुधार लाने की भारत की निरंतर प्रतिबद्धता पर महत्व दिया। उन्होंने कहा कि भारत, म्यांमार की पुलिस, सेना और लोक सेवकों साथ-ही-साथ छात्रों और नागरिकों की क्षमता में विस्तार के प्रति ठोस सहायता देना जारी रखेगा। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति प्रकट की कि जनता के बीच आपसी संपर्क से उनकी साझेदारी का आधार व्यापक बनेगा। उन्होंने दोनों देशों के बीच वायु संपर्क के विस्तार तथा म्यांमार में भारत के बढ़ते कारोबारी हितों का स्वागत किया। इन कारोबारी हितों में नवंबर, 2019 के आखिर में भारत सरकार द्वारा यांगुन में सीएलएमवी देशों (कंबोडिया, लाओस, म्यांमार और वियतनाम) के व्यापारिक आयोजन की मेजबानी की योजना शामिल है।
स्टेट काउंसलर सुश्री सूची ने भारत के साथ साझेदारी तथा म्यांमार में लोकतंत्र को व्यापक बनाने और विकास कार्यों के विस्तार में भारत द्वारा लगातार दी जा रही सहायता को अपनी सरकार द्वारा दी जाने वाली अहमियत के बारे में बताया।
दोनों नेताओं ने इस बात पर भी सहमति प्रकट की कि स्थिर और सुरक्षित सीमा दोनों देशों की साझेदारी के निरंतर विस्तार के लिए महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि विद्रोही गुटों को भारत-म्यांमार सीमा के पार गतिविधियां चलाने का अवसर नहीं मिल पाना सुनिश्चित करने के लिए म्यांमार की ओर से दिए जाने वाले सहयोग को भारत बहुत महत्व देता है।
म्यांमार के रखाइन प्रांत में 250 प्रीफेब्रीकेटेड मकानों का निर्माण करने संबंधी प्रथम भारतीय परियोजना पूर्ण हो जाने के पश्चात वहां की स्थिति के संबंध में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत उस प्रांत में और अधिक सामाजिक-आर्थिक परियोजनाएं संचालित करने की दिशा में तत्पर है। ये मकान इस साल जुलाई में म्यांमार सरकार के सुपुर्द किए गए थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि बांग्लादेश से विस्थापितों की रखाइन स्थित अपने घरों में त्वरित, सुरक्षित और निरंतर वापसी क्षेत्र, विस्थापितों और तीनों पड़ोसी देशों-भारत, बांग्लादेश और म्यांमार के हित में है।
दोनों नेताओं ने आने वाले साल में दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय संपर्क बनाए रखने, सहयोग के समस्त क्षेत्रों में मजबूत संबंधों को दोनों देशों के बुनियादी हितों के रूप में मान्यता दिए जाने पर सहमति प्रकट की।
PM @narendramodi met Daw Aung San Suu Kyi in Bangkok earlier today. During their talks, they reviewed the full range of ties between India and Myanmar. pic.twitter.com/wRsnvMOlFe
— PMO India (@PMOIndia) November 3, 2019
Productive interaction with Myanmar’s State Counsellor, Daw Aung San Suu Kyi. We had in-depth deliberations on adding further momentum to India-Myanmar friendship.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 3, 2019
Myanmar is at the core of our Act East policy. Stronger bilateral ties augur well for the people of our nations. pic.twitter.com/HFfqWY3lmT