1. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भूटान के प्रधानमंत्री डॉ. लोटे शेरिंग के निमंत्रण पर 17-18 अगस्त, 2019 तक भूटान की राजकीय यात्रा की। मई 2019 में दूसरी बार प्रधानमंत्री का पद ग्रहण करने के बाद यह प्रधानमंत्री श्री मोदी की पहली द्विपक्षीय यात्राओं में से एक है।
2. पारो हवाई अड्डे आगमन पर प्रधानमंत्री डॉ. शेरिंग, उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने उनका औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर के साथ स्वागत किया।
3. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भूटान नरेश महामहिम जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक से मुलाकात की। नरेश और महारानी ने भूटान की यात्रा पर आए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सम्मान में दोपहर भोज का आयोजन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान नरेश और महारानी को अपनी सुविधानुसार शीघ्र ही भारत की यात्रा का निमंत्रण दिया।
4. प्रधानमंत्री श्री मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री डॉ. शेरिंग ने तय मुद्दों के साथ-साथ शिष्टमंडल स्तर की वार्ताओँ में मुलाकात की। डॉ. शेरिंग ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के सम्मान में राजकीय भोज का भी आयोजन किया।
5. भूटान राष्ट्रीय असेंबली में नेता प्रतिपक्ष डॉ. पेमा जियामत्शो ने भी प्रधानमंत्री श्रीमोदी से मुलाकात की।
6. प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 30 मई, 2019 को उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री श्री शेरिंग को धन्यवाद दिया और इस अवसर पर हुए विचार-विमर्श का स्मरण किया। दोनों नेता इस बात पर सहमत थे कि भूटान और भारत के बीच नियमित उच्च स्तरीय संबंधों की परंपरा विशेष और गौरवान्वित मैत्री की महत्वपूर्ण कसौटी है।
7. वार्ता के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों केसभी पहलुओं की व्यापक समीक्षा की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय समझौतों की उत्कृष्ट स्थिति के बारे में संतोष जाहिर किया जो आपसी विश्वास सम्मान और साझा ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, विकासजन्य तथा जन-जन संबंधों द्वारा मजबूत हो रहे हैं। इस संदर्भ में दोनों पक्षों ने संबंधों को पोषित करने में भारत और भूटान के क्रमागत नेतृत्व और भूटान के दूरदर्शी सम्राटों द्वारा निभाई गई भूमिका की प्रशंसा की। दोनों देशों के संबंध घनिष्ठ पड़ोसियों के बीच मैत्री और सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण है।
8. दोनों पक्षों ने अपने सुरक्षा हितों की पुष्टि की और एक-दूसरे की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर घनिष्ठ तालमेल बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
9. प्रधानमंत्री श्री मोदी ने दोहराया कि भूटान सरकार और भूटान के लोगों की प्राथमिकताओं और इच्छाओं के अनुसार भारत सरकार भूटान की आर्थिक और बुनियादी ढांचा संबंधी प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भूटान को मध्यम आय देश की श्रेणी में ले जाने के लिए भूटान की जनता और राज्य को बधाई दी है। उन्होंने भूटान के लोगों को भूटान की ‘ग्रॉस नेशनल हेप्पीनेस’के विशिष्ट विकास दर्शन के अनुरूप अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और मूल्यवान पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
10. प्रधानमंत्री डॉ. शेरिंग ने दिसंबर 2018 की अपनी भारत यात्रा को याद किया। नवम्बर 2018 में कार्यभार संभालने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा थी। उन्होंने भूटान की 12वीं पंचवर्षीय योजना को समर्थन देने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने पिछले कई दशकों से भूटान के विकास में भारत के योगदान की सराहना की।
11. दोनों पक्षों ने आपसी लाभदायक द्विपक्षीय सहयोग के अति महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में पनबिजली विकास के महत्व पर जोर दिया। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने अभी हाल में निर्मित 720 मेगावाट मांगदेछू पनबिजली संयंत्र का औपचारिक उद्घाटन किया। उन्होंने इस परियोजना के समय पर पूरा हो जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा समर्पण और कुशलता के लिए परियोजना प्राधिकरण एवं प्रबंधन को बधाई दी। दोनों पक्षों ने अनुभव किया कि इस परियोजना के चालू हो जाने से भूटान में बिजली की पैदावार क्षमता 2000 मेगावाट से पार हो गई है। दोनों नेताओं ने यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने के प्रति संतोष व्यक्त किया और पुनातसांगछू-1, पुनातसांगछू-2 और खोलोंगछू जैसी अन्य परियोजनाओं को जल्द पूरा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों पक्षों ने सनकोश जलाशय पनबिजली परियोजना पर जारी द्विपक्षीय बातचीत की समीक्षा भी की। इस परियोजना से दोनों देशों को होने वाले लाभ के मद्देनजर दोनों पक्षों ने परियोजना के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए सहमति जताई, ताकि निर्माण की शुरूआत जल्द से जल्द हो सके। दोनों प्रधानमंत्रियों ने पनबिजली क्षेत्र में भारत-भूटान के आपसी सहयोग के पांच दशकों की याद में भूटान का डाक टिकट संयुक्त रूप से जारी किया।
12. दोनों प्रधानमंत्रियों ने भूटान में औपचारिक रूप से भारतीय रुपे कार्ड के इस्तेमाल की सुविधा शुरू की, जिससे भूटान आने वाले भारतीय यात्रियों को बहुत फायदा होगा और उन्हें नकदी लाने की जरूरत में कमी आएगी। इसके अलावा इस सुविधा से भूटान की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं और मजबूत होंगी। दोनों पक्षों ने इस परियोजना के नये चरण पर तेजी से काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की, जिसके तहत भूटान के बैंकों द्वारा रुपे कार्ड जारी करना शामिल है। इससे भारत आने वाले भूटानी यात्रियों को फायदा होगा और रुपे कार्ड दोनों देशों में समान रूप से प्रचलन में आ जाएगा। रुपे कार्ड जारी होने के साथ भूटान में भारत के ‘भीम’ ऐप के इस्तेमाल का अध्ययन करने पर भी सहमति हुई, ताकि दोनों देशों के बीच नकद विहीन भुगतान को प्रोत्साहन मिल सके।
13. दोनों प्रधानमंत्रियों ने थिम्पू में दक्षिण-एशियाई उपग्रह के लिए ग्राउंड अर्थ स्टेशन का उद्घाटन किया, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के समर्थन से निर्मित किया गया है। प्रधानमंत्री डॉ. शेरिंग ने 2017 में दक्षिण एशिया उपग्रह (एसएएस) को लॉन्च करने के संबंध में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण की सराहना की। यह उपग्रह दक्षिण एशिया क्षेत्र के देशों के लिए उपहार है, जिसने भूटान को कम खर्च पर भूटान प्रसारण सेवा को सुगम बनाने में सहायता की है। इसके अलावा इस सुविधा से भूटान राज्य की परिसीमाओं के अंदर आपदा प्रबंधन क्षमताओं में भी इजाफा हुआ है।
14. भूटान के सामाजिक-आर्थिक विकास के मद्देनजर एसएएस के सकारात्मक प्रभाव के सिलसिले में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भूटान की आवश्यकताओं के अनुरूप एक अतिरिक्त ट्रांसपोंडर पर बढ़ी हुई बैंडविथ उपहार स्वरूप भूटानवासियों को प्रदान करने का प्रस्ताव किया है। प्रधानमंत्री डॉ. शेरिंग ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया। यह प्रस्ताव भूटान और उसके निवासियों के लाभ के लिए अंतरिक्ष संसाधनों के इस्तेमाल संबंधी भूटान नरेश के दृष्टिकोण के अनुरूप है। इस कदम से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय जु़ड़ेगा और उसकी पहुंच अंतरिक्ष तक हो जाएगी।
15. दोनों राजनेताओं ने भूटान के लिए एक छोटा उपग्रह संयुक्त रूप से विकसित करने के लिए आपस में गठबंधन करने पर भी सहमति जताई। उन्होंने निर्देश दिया कि इस परियोजना के कार्यान्वयन के साथ-साथ अन्य संबंधित कार्यों को पूरा करने के लिए एक संयुक्त कार्यदल (जेडब्ल्यूजी) का गठन किया जाए। सुदूर संवेदी और भू-स्थानिक डेटा का उपयोग कर प्राकृतिक संसाधनों और आपदा प्रबंधन हेतु भूटान के लिए एक जियो-पोर्टल या भू-पोर्टल प्रणाली को विकसित करना भी इसमें शामिल है।
16. दोनों पक्षों ने डिजिटल एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में किसी भी देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में तेजी लाने की व्यापक क्षमता होने की बात को ध्यान में रखते हुए इन क्षेत्रों में आपसी सहयोग को और बढ़ाने की आवश्यकता पर सहमति जताई।
17. दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत के राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क और भूटान के शोध एवं शिक्षा नेटवर्क के बीच इंटर-कनेक्शन या पारस्परिक संबंध का भी उद्घाटन किया। दोनों पक्षों ने यह बात रेखांकित की कि इस जुड़ाव से एक सूचना हाईवे सृजित होगा जिससे दोनों देशों के विश्वविद्यालयों एवं विद्यार्थियों के बीच पारस्परिक संवाद को काफी बढ़ावा मिलेगा।
18. यात्रा के दौरान निम्नलिखित सहमति पत्रों /समझौतों का आदान-प्रदान हुआ :
I. दक्षिण एशियाई उपग्रह के उपयोग के लिए सैटकॉम नेटवर्क की स्थापना पर सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और आरजीओबी के टेलीकॉम तथा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के बीच एमओयू।
II. राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (एनकेएन) और भूटान के ड्रक रिसर्च एंड एजुकेशन नेटवर्क (ड्रकरेन) के बीच समकक्ष व्यवस्था के लिए एमओयू।
III. विमान हादसों की जांच के लिए भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) और भूटान की हवाई दुर्घटना जांच यूनिट (एएआईयू) के बीच एमओयू।
iv – vii) रॉयल यूनिवर्सिटी ऑफ भूटान और कानपुर, दिल्ली एवं मुम्बई आईआईटी तथा एनआईटी सिल्चर के बीच ‘स्टेम’ सहयोग और शैक्षणिक आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए चार एमओयू।
viii) कानूनी शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्रों में दोनों पक्षों के बीच संबंधों को बढ़ाने के लिए नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरू और जिग्मेसिंग्ये वांगचुक स्कूल ऑफ लॉ, थिम्पू के बीच एमओयू।
ix) न्यायिक शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग और आपसी आदान-प्रदान के लिए भूटान राष्ट्रीय विधि संस्थान और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के बीच एमओयू।
x) पीटीसी इंडिया लिमिटेड और ड्रक ग्रीन पावर कॉरपोरेशन, भूटान के मैंगडेछू पनबिजली परियोजना के लिए विद्युत खरीद समझौता।
19. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रॉयल यूनिवर्सिटी ऑफ भूटान में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान भूटान के युवाओं को संबोधित किया। उन्होंने द्विपक्षीय रिश्तों के जन-केन्द्रित स्वरूप के साथ-साथ दोनों देशों के बीच गहन आध्यात्मिक तथा बौद्ध धर्म संबंधी जुड़ाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत-भूटान संबंधों को नए मुकाम पर ले जाने के लिए दोनों देशों के युवाओं द्वारा शिक्षा और उच्च-प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में साझेदारी करने के महत्व पर विशेष बल दिया। उन्होंने इस बात की सराहना की कि भूटान में विकास, पर्यावरण एवं संस्कृति के बीच कोई टकराव नहीं, बल्कि सामंजस्य है। इस सामंजस्य के साथ-साथ ‘प्रसन्नता’पर विशेष बल भूटान की ओर से मानवता को दिए जाने वाला उत्कृष्ट संदेश है। उन्होंने अंतरिक्ष और डिजिटल एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहभागिता के नए अध्यायों को रेखांकित किया और इसके साथ ही युवाओं को नवाचार तथा सतत विकास के लिए इनका व्यापक उपयोग करने को कहा। प्रधानमंत्री डॉ. शेरिंग और भूटान की नेशनल एसेम्बली तथा नेशनल काउंसिल के माननीय सदस्यों ने भी इस अवसर पर अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।
20. प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भूटानी नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार लाने के प्रति प्रधानमंत्री डॉ. शेरिंग की निजी प्रतिबद्धता की सराहना की। इस संदर्भ में, दोनों पक्षों ने संज्ञान लिया कि भारत से एक विशेषज्ञ दल ने भूटान में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त नए बहु विषयक अस्पताल की योजना के लिए तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने हेतु हाल ही में भूटान का दौरा किया था।
21. दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने पर सहमति प्रकट की। भूटान सरकार ने द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री डॉ. शेरिंग की दिसंबर, 2018 की भारत यात्रा के दौरान भारत सरकार की ओर से की गई 4 बिलियन रूपये की व्यापार सहायता की पेशकश की सराहना की तथा भारत सरकार द्वारा 800 मिलियन रूपये का पहला भाग जारी किए जाने पर उसका आभार प्रकट किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्रधानमंत्री डॉ. शेरिंग को भरोसा दिलाया कि सार्क मुद्रा अदला-बदली प्रारूप के अंतर्गत मुद्रा की अदला-बदली की सीमा बढ़ाने संबंधी भूटान के अनुरोध पर सकारात्मक रूप से विचार किया जाएगा। अंतरिम उपाय के तौर पर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अतिरिक्त अदला-बदली व्यवस्था के अंतर्गत अतिरिक्त 100 मिलियन डॉलर की मुद्रा अदला-बदली की पेशकश की।
22. भूटान सरकार के अनुरोध पर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भूटान को उपलब्ध कराई जाने वाली सस्ती एलपीजी की मात्रा मौजूदा 700 एमटी से बढ़ाकर 1,000 एमटी प्रतिमाह किये जाने की घोषणा की, ताकि भूटान सरकार बढ़ती घरेलू जरूरतों को पूरा कर सके तथा उसे ग्रामीण क्षेत्रों में एलपीजी की पैठ बढ़ाने में सहायता मिल सके।
23. प्रधानमंत्री श्री मोदी ने थिम्पू में ऐतिहासिक सिमटोखा जोंग में प्रार्थना की, जहां भूटान के संस्थापक श्रद्धेय झाबद्रुंग न्गावांग नामग्याल की प्रतिमा है, जो भारत द्वारा भूटान को प्रदान की गई है। हमारे करीबी सांस्कृतिक और सभ्यतागत् संबंधों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ऋण की अवधि को अतिरिक्त 5 साल के लिए बढ़ाने की घोषणा की। उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले भूटानी छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्तियों की संख्या 2 से बढ़ाकर 5 करने की भी घोषणा की।
24. दोनों पक्षों ने भारत और भूटान के बीच युवाओं के आदान-प्रदान पर व्यापक बल देते हुए सहयोग के परंपरागत क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत बनाने तथा साथ ही साथ नए उभरते क्षेत्रों में सहयोग को व्यापक बनाने की प्रतिबद्धता प्रकट की।
25. प्रधानमंत्री श्री मोदी की यात्रा के दौरान विचार-विमर्शों में उत्साह और सौहार्द परस्पर विश्वास, सहयोग और आपसी सम्मान को परिलक्षित करता है, जो भूटान और भारत के बीच विलक्षण और विशेष मैत्री की विशेषता रहा है।
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— Narendra Modi (@narendramodi) August 17, 2019