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प्रधानमंत्री की ब्रिटेन एवं टर्की की आगामी यात्रा


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 12 नवम्बर, 2015 से 16 नवम्बर, 2015 तक ब्रिटेन एवं टर्की की यात्रा करेंगे।

प्रधानमंत्री ने फेसबुक पर अनेक पोस्ट्स में कहा :

12 नवम्बर को मैं ब्रिटेन की अपनी यात्रा की शुरूआत करूंगा। मेरी यात्रा का उद्देश्य एक पारंपरिक मित्र के साथ सहयोग को मजबूत बनाना है, जो न केवल भारत का एक बड़ा आर्थिक साझेदार है बल्कि विश्व की बड़ी आर्थिक हस्तियों में से एक है। भारत और ब्रिटेन दोनों देशों में जीवंत लोकतंत्र हैं, जो अपनी विविधता एवं बहुसांस्कृतिक समाजों पर गर्व करते हैं।

ब्रिटेन बेहद तेजी से बढ़ता जी-7 का एक देश है और वहां एक मजबूत वित्तीय सेवा क्षेत्र स्थित है। ब्रिटेन अपने अन्वेषणात्मक उत्साह एवं रचनात्मक उद्योगों के लिए जाना जाता है। आपको यह जानने में दिलचस्पी होगी कि ब्रिटेन की भारत में सबसे बड़ी राजनयिक उपस्थिति है और यह हमारे देश में विदेशी निवेश का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत है। भारत भी ब्रिटेन में एफडीआई (परियोजनाओं की संख्या के लिहाज से) का तीसरा सबसे बड़ा स्रोत है। मैं, हमारे आर्थिक और व्यापारिक संबंधों के और बेहतर होने की बेशुमार संभावनाएं देखता हूं और यह हमारे दोनों देशों के लिए लाभदायक रहेगा।

द्विपक्षीय सहयोग के लिए महत्व का एक अन्य क्षेत्र प्रतिरक्षा है। हम पारंपरिक रूप से रक्षा एवं सुरक्षा मुद्दों पर व्यापक तरीके से एक दूसरे को सहयोग देते रहे हैं और यह यात्रा मजबूत संबंधों का निर्माण करेगी। रक्षा विनिर्माण मेरी बातचीतों का एक प्रमुख फोकस होगा। स्वच्छ ऊर्जा पर विचार-विमर्श किये जाएंगे और मैं भारत के 1.25 अरब लोगों के लिए स्वच्छ ऊर्जा को अधिक किफायती एवं सुविधाजनक बनाने के हमारे प्रयासों में प्रगति हासिल करना चाहूंगा। साथ ही, मैं विज्ञान, प्रोद्योगिकी एवं शिक्षा के क्षेत्रों में भी द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम करूंगा। ब्रिटेन भारतीय छात्रों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बना हुआ है।

ब्रिटेन की मेरी यात्रा लगभग एक दशक में पहली प्रधानमंत्री स्तरीय यात्रा होगी। मुझे प्रधानमंत्री श्री डेविड कैमरून से विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मिलने का अवसर प्राप्त हुआ था और हमारी मुलाकातें उत्पादक रही हैं। प्रधानमंत्री श्री डेविड कैमरून भारत के एक अच्छे मित्र हैं और हम भारतवासियों को प्रधानमंत्री के रूप में उनके पहले कार्यकाल के दौरान तीन बार उनका स्वागत करने का अवसर प्राप्त हुआ था।

मुझे भरोसा है कि ब्रिटेन की मेरी यात्रा हमारे संबंधों को और मजबूत बनाएगी और हम साझा हितों के कई क्षेत्रों में व्यापक रूप से सहयोग करेंगे।

ब्रिटेन में, मैं कई सारे कार्यक्रमों में हिस्सा लूंगा। मुझे बकिंघम पैलेस में ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-2 द्वारा दिए गए भोज के दौरान उनके साथ मिलने का सम्मान प्राप्त होगा। प्रधानमंत्री श्री डेविड कैमरून के साथ व्यापक वार्ताएं होंगी। हम लंदन में मिलेंगे और उसके बाद चेकर्स में हमारी मुलाकात होगी। हम साझा हितों के कई सारे मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

और अधिक आर्थिक सहयोग के अवसरों की तलाश के लिए मैं लंदन में एक गोलमेज बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ मुलाकात करूंगा। मैं हमेशा ऐसे विचार-विमर्शों में भाग लेना चाहता हूं क्योंकि इससे निवेशकों से बेबाक बातचीत होती है तथा रचनात्मक सुझाव प्राप्त होते हैं। व्यवसायिक समुदाय को मेरा संदेश स्पष्ट है- आईए, भारत द्वारा प्रस्तुत किये जा रहे अवसरों का उपयोग कीजिए और भारत में निवेश कीजिए।

मैं भाषण देने के लिए ब्रिटेन की संसद का भ्रमण करूंगा। मैं इस अवसर के लिए हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर को धन्यवाद देता हूं क्योंकि ब्रिटेन की संसद का अभी सत्र नहीं चल रहा है।

मैं गिल्डहॉल के द ओल्ड लाइब्रेरी के एक समारोह में सिटी ऑफ लंदन को संबोधित करूंगा। मैं सोलिहल में जगुआर लैंड रोअर फैक्ट्री की यात्रा भी करूंगा। लंदन में, मैं महात्मा गांधी की प्रतिमा को श्रद्धांजलि भी दूंगा जो समस्त विश्व के लिए प्रेरणा के एक बड़े स्रोत हैं।

प्रत्येक द्विपक्षीय संबंध के बढ़ने के लिए लोगों के बीच रिश्ते काफी महत्वपूर्ण होते हैं।

ब्रिटेन में 15 लाख भारतवंशी रहते हैं जिन्होंने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में समाज को काफी योगदान दिया है। लाखों पेशेवर और छात्र ब्रिटेन में काम कर रहे हैं और पढ़ रहे हैं। हम भारतीय प्रवासियों एवं भारत के लोगों के बीच संबंधों को घनिष्ट बनाना चाहते हैं।

13 नवम्बर को मैं, वेम्बली स्टेडियम में हमारे भारतवंशी समुदाय को संबोधित करूंगा। मैंने पहले ही आपसे मोबाइल एप्प के जरिये अपने सुझावों और विचारों को साझा करने का आग्रह किया है। मैं आपमें से कुछ लोगों से मुलाकात करूंगा जो अपने विचारों को साझा करेंगे और समारोह में भाग लेंगे।

लंदन का भारत के स्वतंत्रता के साथ बहुत मजबूत रिश्ता है। हमारे कई नेता लंदन में रहे, वहां काम किया या वहां पढ़ाई की। ऐसे ही एक बड़े नेता डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर थे। यह बेहद प्रसन्नता और गर्व की बात है कि मैं उस स्थान की यात्रा करूंगा जहां डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर लंदन में अपने प्रवास के दिनों में रहे थे।

अभी हाल में महाराष्ट्र सरकार ने इस जगह को अधिग्रहित कर लिया है और इसे एक संग्राहलय में परिवर्तित कर दिया जाएगा जहां लोग यात्रा करेंगे और श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

14 नवम्बर को मैं एक बड़े विद्वान, दार्शनिक एवं राजनेता बासवेश्वर की प्रतिमा का अनावरण करूंगा जिन्होंने हमारी संस्कृति और परंपरा में काफी योगदान दिया।

जी-20 सम्मेलन के लिए टर्की की मेरी यात्रा 14 नवम्बर से शुरू होगी।

यह सम्मेलन ऐसे महत्वपूर्ण समय पर आयोजित किया जा रहा है जब संयुक्त राष्ट्र में टिकाऊ विकास लक्ष्य एजेंडा को तुरंत लागू किया गया है तथा पेरिस में 30 नवम्बर से 1 दिसंबर तक सीओपी-21 में जलवायु परिवर्तन पर विचार-विमर्श बस शुरू ही होने वाला है।

सम्मेलन के दौरान, हम ब्रिस्बेन सम्मेलन में लिए गए फैसलों पर समीक्षा करेंगे और जलवायु परिवर्तन, शरणार्थियों, वैश्विक अर्थव्यवस्था की सुस्त वृद्धि, विकास एवं रोजगार के लिए नीतियां, निवेश रणनीतियां, व्यापार, ऊर्जा एवं वित्तीय क्षेत्र गतिशीलता के मुद्दों को उठाएंगे।

पिछले वर्ष की ही तरह, भारत का फोकस कालेधन के प्रकोप को कम करने, कर चोरी तथा अधिक पारदर्शिता लाने पर बना रहेगा।

सम्मेलन के दौरान विश्व के नेताओं के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी जो हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने में मदद करेंगी।