1.कतर के अमीर महामहिम शेख तमीम बिन हमद अल थानी के निमंत्रण पर भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कतर की 4-5 जून, 2016 को दो दिवसीय यात्रा की।
2.महामहिम अमीर ने 5 जून को अमीरी दीवान में प्रधानमंत्री की आगवानी की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और समान हित के बहुपक्षीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। दोनों नेताओं की बातचीत सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण वातावरण में हुई।
3. प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान महामहिम शेख अब्दुल्ला बिन नासीर बिन खलीफा अल-थानी, प्रधानमंत्री तथा कतर राज्य के आंतरिक सुरक्षा मंत्री से भी मुलाकात की।4.आधिकारिक बैठकों के दौरान दोनों पक्षों ने भारत और कतर के बीच ऐतिहासिक संबंधों को याद किया और कहा कि दोनें देशों की जनता के बीच पारस्परिक लाभकारी तथा पारंपरिक घनिष्ठ संबंध अनेक पीढि़यों से हैं और यह संबंध समय की कसौटी पर खरा उतरा है।
5. दोनों पक्षों के नेताओं ने नियमित उच्च स्तरीय यात्राओं से बने वर्तमान द्विपक्षीय संबंधों पर संतोष व्यक्त किया। दोनों पक्षों ने प्रधानमंत्री मोदी की कतर यात्रा के दौरान हुए विभिन्न समझौतों/ सहमति ज्ञापनों का स्वागत किया। दोनों पक्षों ने स्वीकार किया कि ये समझौते तथा पहले हुए समझौतों से भारत और कतर के बीच सहयोग के ढांचे को मजबूत बनाएंगे।
6. दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश, ऊर्जा, रक्षा तथा मानव शक्ति के क्षेत्र में द्विपक्षीय संस्थागत व्यवस्थाओं के कामकाज की सराहना की। दोनों नेताओं ने इस बात पर बल दिया कि क्षेत्रवार संयुक्त कार्यसमूहों को नियमित बैठक करनी चाहिए ताकि दोनों देशों के बीच आगे संबंध और मजबूत हों। दोनों पक्षों ने सभी द्विपक्षीय विषयों की समीक्षा करने के साथ-साथ पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक विषयों की समीक्षा के लिए अंतर मंत्रालय उच्च स्तरीय संयुक्त समिति बनाने पर सहमति व्यक्त की।
7. वर्तमान सद्भाव को स्वीकार करते हुए दोनों नेताओं ने पारस्परिक हित के विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंध को और व्यापक तथा गहरा बनाने पर सहमति व्यक्त की। दोनों नेताओं ने भविष्य में उच्च स्तरीय राजनीतिक आदान-प्रदान, रक्षा तथा सुरक्षा सहयोग, व्यापार तथा आर्थिक संबंधों और जनता के बीच संपर्को को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। दोनों नेताओं ने क्षेत्र और विश्व में शांति, स्थिरता और सुरक्षा को प्रोत्साहित करने की अपनी जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए 21वीं शताब्दी के लिए दोनों देशों के बीच मजबूत साझेदारी कायम करने पर बल दिया।
8. दोनेां नेताओं ने नवंबर 2008 में हुए रक्षा सहयोग समझौते में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत बनाने की रूपरेखा को स्वीकार करते हुए संयुक्त अभ्यास तथा नौसेना, वायुसेना और थलसेना के प्रशिक्षण में वृद्धि सहित संबंधों को नई शक्ति प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की। कतर ने भारत में रक्षा उपकरणों के संयुक्त उत्पादन के लिए ‘मेक इन इंडिया’ के अंतर्गत पेश अवसरों में दिलचस्पी दिखाई।
9. भारतीय पक्ष ने क्रमश: फरवरी और मार्च 2016 में भारत में आयोजित अंतरराष्ट्रीय बेड़ा समीक्षा तथा डिफेक्सो में कतर की भागीदारी की प्रशंसा की। भारत कतर की भागीदारी आौर भारत के नौसेना और तटरक्षक प्रतिष्ठानों में कतर के शिष्टमंडल की यात्राओं की प्रशंसा की। कतर ने मार्च, 2016 में डिमडेक्स के दौरान स्वदेश में डिजाइन और निर्मित भारतीय नौसेना के निदेर्शित मिसाइल जंगीपोत प्रदर्शन के साथ उच्चस्तरीय भागीदारी के लिए भारत को धन्यवाद दिया। कतर ने भारतीय सेना और तटरक्षक के जहाजों की सद्भावना यात्रा की भी प्रशंसा की। कतर ने भारत और कतर में कतर के सशस्त्र बलों तथा तटरक्षक कर्मियों के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने की भारत की पेशकश की सराहना की।
10. दोनों पक्षों ने खाड़ी तथा हिन्द महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा मजबूत करने के लिए सहयेाग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। यह दोनों देशों की सुरक्षा और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
11. दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा की और सभी देशों और समाजों के लिए खतरा बने आतंकवाद को जड़ से मिटाने के लिए एक दूसरे से सहयोग करने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने कहा कि वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर आतंकवादी संगठनों के फैलाव से और आतंकवादी कार्रवाइयों में वृद्धि से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के माहौल को खतरा पैदा हुआ है और इससे सतत विकास सुनश्चित करने के प्रयास को धक्का लगा है।
12. दोनों नेताओं ने सभी तरह की हिंसा, आतंकवाद और चरमपंथ की निंदा की और कहा कि इसे किसी भी परिस्थिति में जायज नहीं ठहराया जा सकता। दोनों नेताओं ने कहा कि आतंकवाद को किसी धर्म, सभ्यता और नस्ली समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
13. दोनों नेताओं ने आतंकवाद के प्रायोजकों और समर्थकों को अलग-थलग करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद को समर्थन देने वाले और इसे नीतिके रूप में इस्तेमाल करने वाले सभी संगठनों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए।
14. दोनों पक्षों ने कहा कि वैश्विक आतंकवाद से निपटने में व्यापक दृष्टिकोण को आधार बनाया जाना चाहिए। इसमें हिंसक चरमपंथ का मुकाबला करना, अतिवाद से लड़ना और भर्ती के खिलाफ अभियान छेड़ना शामिल है। इस व्यापक दृष्टिकोण के तहत आतंकवादी गतिविधियों को बाधित करना, आतंकवाद के धनपोषण के सभी श्रोतों को रोकना, विदेशी आतंकी लड़ाकुओं के प्रवाह को रोकना, आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को ध्वस्त करना और इंटरनेट के जरिये आतंकी कुप्रचार का मुकाबला करना शामिल है।
15.दोनों पक्षों ने साइबर सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की। इन उपायों में आतंकवाद के लिए साइबर स्पेस के इस्तेमाल और अतिवाद को रोकना शामिल है। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के धार्मिक विद्वानों और बुद्धिजीवियों के आदान प्रदान और संवाद का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने सभी धर्मों में अंतर्निहित शांति, सहिष्णुता, समावेशिता तथा कल्याण की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मेलनों और गोष्ठियों के आयेाजनों का स्वागत किया।
16. दोनों नेताओं ने सुरक्षा क्षेत्र में जारी द्विपक्षीय सहयोग की सराहना करते हुए आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों, खुफिया सूचनाओं को साझा करने, श्रेष्ठ व्यवहारों को विकसित करने तथा टैक्नोलॉजी, क्षमता सृजन में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। दोनों नेताओं ने कानून को लागू करने, मनीलॉड्रिंग विरेाधी उपायों,मादक पदार्थों की तस्करी तथा अन्य पारदेशीय अपराधों के मामले में सहयेाग को मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की। दोनों पक्ष धन के अवैध हस्तांतरण के विरुद्ध कार्रवाई करने पर भी सहमत हुए। दोनों पक्षों ने मनीलॉड्रिंग, इससे संबंधित अपराध और आतंकवाद के धन पोषण के संबंध में गुप्त सूचनाओं के अदान-प्रदान में सहयोग पर हुए सहमति ज्ञापन समझौते पर हस्ताक्षर का स्वागत किया।
17. दोनों नेताओं ने कहा कि आतंकवाद का मकाबला करने के लिए वैश्विक सामुदाय द्वारा मजबूत सामूहिक कार्रवाई करना आवश्यक है। दोनों नेता आतंकवाद का मुकाबला करने में प्रासंगिक बहुपक्षीय संस्थानों के अंदर सहयेाग को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
18. दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को दोनों देशों के बीच स्थाई संपर्क बताया। दोनों देशों ने एक दूसरे को शीर्ष व्यापारिक साझेदार समझते हुए इन संबंधों को और मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की, विशेषकर व्यापार बास्केट को विविधता प्रदान करके। दोनों पक्षों ने एक दूसरे के व्यापार मेलों तथा प्रदर्शिनों में नियमित भागीदारी करने तथा व्यापार संवर्द्धन उपायों को प्रौतसाहित करने पर सहमति व्यक्त की। दोनों पक्षों ने एक दूसरे के बाजार में भारतीय और कतर की बढ़ती मौजूदगी पर संतोष व्यक्त किया। व्यापार से व्यापार और पर्यटन संपर्कों को बढ़ावा देने के लिए दोनों पक्ष दोनों देशों के व्यवसाइयों और पर्यटकों को तेजी से वीजा जारी करने के लिए उचित व्यवस्था करने पर सहमति व्यक्त की।
19.कतर ने फीफा 2022 विश्व कप के लिए की जा रही तैयारियों में बुनियादी ढाचा विकास परियोजनाओं में भारतीय कंपनियों की भागीदारी तथा ‘कतर के लिए वीजन 2030’ के अंतर्गत विकास योजनाओं में भारतीय भागीदारी का स्वागत किया।
20. प्रधानमंत्री मोदी ने कारोबारी सहजता के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदमों की जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने वर्तमान नियमों में सरलीकरण, उन्हें तर्कसंगत बनाने तथा रेल, रक्षा तथा बीमा सहित प्रमुख क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा में रियायत का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि 100 स्मार्ट सिटी, 50 शहरों के लिए मेट्रो परियोजना, 500 शहरों के लिए आधुनिक कचरा प्रबंधन प्रणाली, सबकी पहुंच लायक स्वास्थ्य सेवा, 2019 तक सभी के लिए स्वच्छता और 2022 तक प्रत्येक परिवार को छत प्रदान करने की भारत की योजना की जानकारी दी और कतर का भारत के विकास में सझेदार बनने के लिए आमंत्रित किया।
21. भारत के विकास में और तेजी लाने के प्रधानमंत्री मोदी के विजन की सराहना करते हुए महामहिम अमीर ने भारत की विकास यात्रा में विश्वास व्यक्त किया। विकास के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था पर सार्थक बल प्रदान करने की अपनी सुदृढ़ क्षमताव्यक्त करते हुए महामहिम अमीर ने ‘स्टार्टअप इंडिया’,’मेक इन इंडिया’, ‘स्मार्ट सिटी’ तथा ‘क्लिन इंडिया’ आदि सहित प्रधानमंत्री मोदी के नई कार्यक्रमों की सराहना की।
22. दोनों पक्षों ने उच्च वृद्धि दर तथा भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान क्षमता, भारत के विकास में साझेदार बनने के महत्व को स्वीकार करते हुए तथा कतर की महत्वूर्ण निवेश क्षमता को मानते हुए दोनों भारत में कतर के निवेश के विभिन्न अवसरों पर विचार-विमर्श किया। विशेषकर विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों तथा विभिन्न अवसंरचना क्षेत्रों के साथ-साथ भारतीय सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के विनिवेश कार्यक्रम के विषय में चर्चा की।
23. दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि दोनों देशों में बुनियादी संरचना परियोजनाओं में भागीदारी के स्तर को बढ़ाया जाए। दोनों पक्षों ने कतर निवेश प्राधिकरण और भारत सरकार द्वारा स्थापित भारतीय अवसंरचना तथा निवेश कोष के बीच सहयोग के महत्वों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने राष्ट्रीय अवसंरचना तथा निवेश कोष में कतर के संस्थागत निवेशकों की भागीदारी के लिए रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर का स्वागत किया।
24. दोनों पक्ष उपलब्ध निवेश अवसरों के बारे में सूचना के नियमित और समय से आदान प्रदान करने पर सहमत हुए। दोनों पक्षों ने कतर निवेश प्राधिकरण तथा प्रासंगिक भारतीय प्राधिकारों और सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की कंपनियों के बीच नियमित बैठकों के आयोजन की आवश्यकता को स्वीकार किया।
25. दोनों पक्षों ने ऊर्जाक्षेत्र में बढ़ रहे द्विपक्षीय व्यापार पर संतोष व्यक्त किया। कतर भारत को एलएनजी तथा एलपीजी सप्लाई करने वाला सबसे बड़ा देश है। भारतीय पक्ष ने भारत की ऊर्जा सुरक्षा में कतर के योगदान की सराहना की।
26. दोनों पक्षों ने ऊर्जा में सहयोग बढ़ाने के लिए फोकस करने पर सहमति व्यक्त की। इसमें प्रशिक्षण तथा मानव संसाधन विकास तथा अनुसंधान और विकास में सहयेाग तथा पेट्रो रसायन क्षेत्र में संयुक्त उद्यम प्रोत्साहन तथा भारत और अन्य देशों में संयुक्त खुदाई में सहयोग शामिल है।
27. भारतीय पक्ष ने कतर में पारस्परिक हित के अवसरो को जारी रखने में देश की ऊर्जा कंपनियों के हितों को रखा। इसमें संयुक्त रूप से नये क्षेत्रों का पता लगाने के साथ-साथ पहले से खोज की गई तेल और गैस परिसंपत्तियों में साझेदारी और कतर में वर्तमान प्राकृतिक गैस तथा कच्चा तेल संसाधन के दोहन के क्षेत्र में संयुक्त रूप से कार्य करना शामिल है ।
28. भारतीय पक्ष ने भारतीय खोज और उत्पादन क्षेत्र में निवेश के लिए नई हाइड्रोकार्बन खोज और लाइसेंस नीति तथा खोजी गई छोटी फील्ड नीति के अंतर्गत भारत की तेल खोज ब्लॉकों में बोली लगाकर कतर को निवेश के लिए आमंत्रित किया। 29. भारत ने कतर को भारत में बनाई जा रही सामरिक सुरक्षित भंडार सुविधा के दूसरे चरण में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।
30. दोनों नेताओं ने बैंकिंग, बीमा तथा पूंजी बाजार सहित वित्तीय सेवा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर भी विचार-विमर्श किया। दोनों देशों ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड तथा एक दूसरे के केंद्रीय बैंकों जैसे दोनों देशों के वित्तीय संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ाने का निर्णयलिया।
31. यह स्वीकार करते हुए की भारत स्पर्धी लागत पर विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधा प्रदान करता है। दोनों पक्ष स्वास्थ्य सेवा, स्वास्थ्य कर्मी अदान-प्रदान, स्वास्थ्य शिक्षा तथा फार्मास्युटिकल क्षेत्र सहित स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम करने पर सहमत हुए। दोनों नेताओं ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कतर राज्य की सरकार तथा भारत गणराज्य की सरकार के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर सहमति ज्ञापन हस्ताक्षर का स्वागत किया।
32. कतर ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठजोड़ बनाने में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। दोनों पक्षों ने विश्व में नई सौर टैक्नोलॉजी बढ़ाने में इस गठजोड़ के महत्व को स्वीकार किया।
33. दोनों नेताओं ने इस बता पर बल दिया कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर शानदार प्रतिक्रिया से यह झलकता है कि विश्व समुदाय संतुलित, स्वस्थ्य तथा विश्व के लिए टिकाऊ भविष्य के लिए एक साथ आना चाहता है। प्रधानमंत्री मोदी ने 21 जून 2015 को आयोजित प्रथम अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को समर्थन देने के लिए कतर को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर कतर पोस्ट द्वारा डाक टिकट जारी किया गया था।
34. दोनों नेताओं ने भारत और कतर की जनता को एक साथ लाने में सांस्कृतिक अदान-प्रदान की भूमिका पर चर्चा की। दोनों देश सांस्कृतिक समूहों तथा खेल टीमों के आदान –प्रदान सहित और सिनेमा के क्षेत्र में सहयोग के माध्यम से द्विपक्षीय सांस्कृति और खेल सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में कतर भारत सांस्कृतिक वर्ष आयोजित करने के निर्णय के लिए कतर के संग्रहालयों की सराहना की। दोनों नेताओं ने कस्टम मामलों में सहयोग और परस्पर सहायता के लिए समझौते पर हस्ताक्षर, पर्यटन सहयोग पर सहमति ज्ञापन और कतर राज्य की सरकार तथा भारत गणराज्य की सरकार के बीच युवा और खेल के क्षेत्र में सहमति ज्ञापन के लिए पहले कार्यकारी कार्यक्रम का स्वागत किया।
35. दोनों नेताओं ने माना की भारत कतर संबंधों के हृदय में जन-जन का संपर्क है तथा दोनों पक्ष इन संबंधों को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे। महामहिम अमीर ने कतर राज्य के विकास और प्रगति में भारतीय समुदाय की भूमिका और योगदान की सराहना की। कतर ने कतर में कुशल और अकुशल श्रमिक के हितों की रक्षा करने वाले श्रमिक कानूनों में सुधार के बरे में भारतीय पक्ष को जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय समुदाय की मेजबानी करने और उनके कल्याण और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कतर के नेतृत्व को धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं ने कौशल विकास तथा योग्यता मान्यता में सहयोग के लिए सहमति ज्ञापन का स्वागत किया।
36. दोनों नेताओं ने पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों पर विचारों का अदान-प्रदान किया। इसमें पश्चिम एशिया, मध्य पूर्व तथा दक्षिण एशिया की सुरक्षा स्थिति शामिल है। दोनों नेताओं ने सीरिया, इराक, लिबिया तथा यमन की सुरक्षा स्थिति पर चिंता व्यक्त की और संवाद तथा राजनीतिक बातचीत के माध्यम से समस्या के शांतिपूर्ण समाधान के महत्व को दोहराया।
37. संयुक्त राष्ट्र सुधारों के संदर्भ में एक कारगर बहुपक्षीय प्रणाली के महत्व पर बल दिया जो संयुक्त राष्ट्र संघ की समकालिन वास्तविकताओं को दिखाती हो। दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया। इन सुधारों में सुरक्षापरिषद में दोनों श्रेणियों की सदस्यता में विस्तार और परिषद को और अधिक प्रतिनिधिमूलक, विश्वस्नीय और कारगर बनाना शामिल है।
38. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने स्वागत और आतिथ्य के लिए महामहिम अमीर के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने पारस्परिक सुविधाजनक समय पर भारत की सरकारी यात्रा करने के लिए महामहिम अमीर को आमंत्रित किया। महामहिम अमीर ने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया।