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प्रधानमंत्री का सुशासन पर राष्ट्र के नाम संदेश


सुशासन किसी भी देश की प्रगति की कुंजी है। आम लोगों की बेहतरी और कल्याण के लिए काम करने वाली हमारी सरकार एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

“नागरिक-पहले” हमारा मंत्र, हमारा ध्येय और हमारा सिद्धांत है। सरकार को नागरिकों के करीब लाना मेरा सपना रहा है ताकि वे शासन की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बन सके। हमारी सरकार पिछले सात महीनों से इस लक्ष्य की दिशा में लगातार काम कर रही है। mygov.in (मेरी सरकार) और interact with PM (प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करें) का उद्देश्य इस भागीदारी को सार्थक बनाना है। इन पहलों पर जिस प्रकार से हमें अप्रत्याशित प्रतिक्रिया मिली है उससे हमारे ऊपर एक बड़ी जिम्मेदारी आ गई है और मेरे देशवासियों, मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम आपको निराश नहीं करेंगे।

सुशासन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम सरकार की प्रक्रियाओं को सरल बनाना है ताकि पूरी प्रणाली को पारदर्शी और तीव्र बनाया जा सके। हलफनामों और सत्यापनों की जगह स्व-सत्यापन की दिशा में कदम बढ़ाना नागरिकों और सरकार के बीच भरोसे के संबंध का एक और संकेतक है। पुराने और जटिल कानून जिनका अब कोई औचित्य नहीं रह गया है उन्हें खत्म करना हमारी प्राथमिकता में शामिल है। इन कानूनों को निरस्त किए जाने के अधिनियम की पहले ही पहचान कर ली गई है और दूसरे अन्य कानूनों की भी समीक्षा की जा रही है।

हमारी सरकार जन शिकायतों के निपटान को जिम्मेदार प्रशासन का एक महत्वपूर्ण घटक मानती है। मैंने सभी मंत्रालयों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया है कि जन शिकायतों के निपटान को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जाए।

सरकारी प्रक्रियाओं में बदलाव एक अन्य कदम है जिसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं। भारत सरकार के मंत्रालय और विभागों को उनके कार्यक्षेत्रों, उनकी आंतरिक प्रक्रियाओं पर गौर करने और उन्हें सरल व तर्कसंगत बनाने के लिए कार्य करने का निर्देश दिया गया है। हम एक सरल आंतरिक कार्य प्रक्रिया पर भी काम कर रहे हैं जिसे एक ई-लर्निंग मॉड्यूल के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा।

मेरा दृढ़ विश्वास है कि टेक्नोलॉजी सरकार और नागरिकों की बीच की खाई को भर सकती है और उसे अनिवार्य रूप से भरना भी चाहिए। टेक्नोलॉजी नागरिकों को अधिकार संपन्न बनाने का सशक्त उपकरण है और सरकार के लिए उत्तरदायित्वपूर्ण माध्यम है। मेरी सरकार इस माध्यम की बेशुमार क्षमता को पूरी तरह पहचानती है – डिजिटल इंडिया का लक्ष्य देश को डिजिटल रूप से अधिकार संपन्न समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूप में बदलना है। डिजिटल इंडिया का क्रियान्वयन कई चरणों में किए जाने का प्रस्ताव है। डिजिटल इंडिया का स्वरूप परिवर्तनीय है और इससे सरकारी सेवाएं नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से उपलब्ध कराई जा सकेगी। इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सरकारी सेवाएं प्रदान करने से जवाबदेही भी अधिक बढ़ेगी।

सुशासन के युग में प्रवेश अभी शुरु हुआ है और यह शुरुआत बहुत आशावान तरीके से हुई है। हमने एक उदार और जवाबदेह प्रशासन उपलब्ध कराने का वादा किया था और हम ऐसा करेंगे।

आज हमारे प्रिय नेता हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है इस अवसर पर हम इस देश के लोगों को एक पारदर्शी, प्रभावी और जवाबदेह सरकार उपलब्ध कराने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। आइए, एक साथ मिलकर सुशासन के लिए इस मिशन की शुरुआत करें।

जय हिंद!