कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को अब चार महीने से ज्यादा हो रहे हैं। इस दौरान तमाम देशों के 42 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। पौने तीन लाख से ज्यादा लोगों की दुखद मृत्यु हुई है। भारत में भी लोगों ने अपने स्वजन खोए हैं। मैं सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।
साथियों,
एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। सारी दुनिया, जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है। हमने ऐसा संकट न देखा है, न ही सुना है। निश्चित तौर पर मानव जाति के लिए ये सब कुछ अकल्पनीय है, ये Crisis अभूतपूर्व है।
लेकिन थकना, हारना, टूटना-बिखरना, मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए, ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए, अब हमें बचना भी है और आगे भी बढ़ना है। आज जब दुनिया संकट में है, तब हमें अपना संकल्प और मजबूत करना होगा। हमारा संकल्प इस संकट से भी विराट होगा।
साथियों,
हम पिछली शताब्दी से ही सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की है। हमें कोरोना से पहले की दुनिया को, वैश्विक व्यवस्थाओं को विस्तार से देखने-समझने का मौका मिला है। कोरोना संकट के बाद भी दुनिया में जो स्थितियां बन रही हैं, उसे भी हम निरंतर देख रहे हैं। जब हम इन दोनों कालखंडो को भारत के नजरिए से देखते हैं तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की हो, ये हमारा सपना नहीं, ये हम सभी की जिम्मेदारी है। लेकिन इसका मार्ग क्या हो? विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है- “आत्मनिर्भर भारत”। हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है- एष: पंथा: यानि यही रास्ता है- आत्मनिर्भर भारत।
साथियों,
एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं। इतनी बड़ी आपदा, भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है। मैं एक उदाहरण के साथ अपनी बात रखूंगा। जब कोरोना संकट शुरु हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं। ये हम इसलिए कर पाए, क्योंकि भारत ने आपदा को अवसर में बदल दिया। आपदा को अवसर में बदलने की भारत की ये दृष्टि, आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प के लिए उतनी ही प्रभावी सिद्ध होने वाली है।
साथियों,
आज विश्व में आत्मनिर्भर शब्द के मायने बदल गए हैं, Global World में आत्मनिर्भरता की Definition बदल गई है। अर्थकेंद्रित वैश्वीकरण बनाम मानव केंद्रित वैश्वीकरण की चर्चा जोरों पर है। विश्व के सामने भारत का मूलभूत चिंतन, आशा की किरण नजर आता है। भारत की संस्कृति, भारत के संस्कार, उस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं जिसकी आत्मा वसुधैव कुटुंबकम है। भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता।
भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख, सहयोग और शांति की चिंता होती है। जो संस्कृति जय जगत में विश्वास रखती हो, जो जीव मात्र का कल्याण चाहती हो, जो पूरे विश्व को परिवार मानती हो, जो अपनी आस्था में ‘माता भूमिः पुत्रो अहम् पृथिव्यः’ की सोच रखती हो जो पृथ्वी को मां मानती हो, वो संस्कृति, वो भारतभूमि, जब आत्मनिर्भर बनती है, तब उससे एक सुखी-समृद्ध विश्व की संभावना भी सुनिश्चित होती है।
भारत की प्रगति में तो हमेशा विश्व की प्रगति समाहित रही है। भारत के लक्ष्यों का प्रभाव, भारत के कार्यों का प्रभाव, विश्व कल्याण पर पड़ता है। जब भारत खुले में शौच से मुक्त होता है तो दुनिया की तस्वीर बदल जाती है। टीबी हो, कुपोषण हो, पोलियो हो, भारत के अभियानों का असर दुनिया पर पड़ता ही पड़ता है। इंटरनेशनल सोलर अलायंस, ग्लोबर वॉर्मिंग के खिलाफ भारत की सौगात है। इंटरनेशनल योगा दिवस की पहल, मानव जीवन को तनाव से मुक्ति दिलाने के लिए भारत का उपहार है। जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही दुनिया में आज भारत की दवाइयां एक नई आशा लेकर पहुंचती हैं। इन कदमों से दुनिया भर में भारत की भूरि-भूरि प्रशंसा होती है, तो हर भारतीय गर्व करता है। दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है, मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है। सवाल यह है – कि आखिर कैसे? इस सवाल का भी उत्तर है- 130 करोड़ देशवासियों का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प।
साथियों,
हमारा सदियों का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। भारत जब समृद्ध था, सोने की चिड़िया कहा जाता था, संपन्न था, तब सदा विश्व के कल्याण की राह पर ही चला। वक्त बदल गया, देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ गया, हम विकास के लिए तरसते रहे। आज भारत विकास की ओर सफलतापूर्वक कदम बढ़ा रहा है, तब भी विश्व कल्याण की राह पर अटल है। याद करिए, इस शताब्दी की शुरुआत के समय Y2K संकट आया था। भारत के टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स ने दुनिया को उस संकट से निकाला था। आज हमारे पास साधन हैं, हमारे पास सामर्थ्य है, हमारे पास दुनिया का सबसे बेहतरीन टैलेंट है, हम Best Products बनाएंगे, अपनी Quality और बेहतर करेंगे, सप्लाई चेन को और आधुनिक बनाएंगे, ये हम कर सकते हैं और हम जरूर करेंगे।
साथियों,
मैंने अपनी आंखों से कच्छ भूकंप के वो दिन देखे हैं। हर तरफ सिर्फ मलबा ही मलबा। सब कुछ ध्वस्त हो गया था। ऐसा लगता था मानो कच्छ, मौत की चादर ओढ़कर सो गया हो। उस परिस्थिति में कोई सोच भी नहीं सकता था कि कभी हालात बदल पाएंगे। लेकिन देखते ही देखते कच्छ उठ खड़ा हुआ, कच्छ चल पड़ा, कच्छ बढ़ चला। यही हम भारतीयों की संकल्पशक्ति है। हम ठान लें तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं, कोई राह मुश्किल नहीं। और आज तो चाह भी है, राह भी है। ये है भारत को आत्मनिर्भर बनाना। भारत की संकल्पशक्ति ऐसी है कि भारत आत्मनिर्भर बन सकता है।
साथियों,
आत्मनिर्भर भारत की ये भव्य इमारत, पाँच Pillars पर खड़ी होगी। पहला पिलर Economy एक ऐसी इकॉनॉमी जो Incremental change नहीं बल्कि Quantum Jump लाए । दूसरा पिलर Infrastructure एक ऐसा Infrastructure जो आधुनिक भारत की पहचान बने। तीसरा पिलर- हमारा System- एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति-नीति नहीं, बल्कि 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाली Technology Driven व्यवस्थाओं पर आधारित हो। चौथा पिलर- हमारी Demography- दुनिया की सबसे बड़ी Democracy में हमारी Vibrant Demography हमारी ताकत है, आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है। पाँचवाँ पिलर- Demand- हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई चेन का जो चक्र है, जो ताकत है, उसे पूरी क्षमता से इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है।
देश में डिमांड बढ़ाने के लिए, डिमांड को पूरा करने के लिए, हमारी सप्लाई चेन के हर स्टेक-होल्डर का सशक्त होना जरूरी है। हमारी सप्लाई चेन, हमारी आपूर्ति की उस व्यवस्था को हम मजबूत करेंगे जिसमें मेरे देश की मिट्टी की महक हो, हमारे मजदूरों के पसीने की खुशबू हो।
साथियों,
कोरोना संकट का सामना करते हुए, नए संकल्प के साथ मैं आज एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं। ये आर्थिक पैकेज, ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा।
साथियों,
हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं, जो रिजर्व बैंक के फैसले थे, और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है, उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है। ये पैकेज भारत की GDP का करीब-करीब 10 प्रतिशत है।
इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को, 20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा, सपोर्ट मिलेगा। 20 लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, 2020 में देश की विकास यात्रा को, आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए, इस पैकेज में Land, Labour, Liquidity और Laws, सभी पर बल दिया गया है।
ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग, हमारे MSME के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है। ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है। ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में अपना योगदान देता है। ये आर्थिक पैकेज भारतीय उद्योग जगत के लिए है जो भारत के आर्थिक सामर्थ्य को बुलंदी देने के लिए संकल्पित हैं। कल से शुरू करके, आने वाले कुछ दिनों तक, वित्त मंत्री जी द्वारा आपको ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ से प्रेरित इस आर्थिक पैकेज की विस्तार से जानकारी दी जाएगी।
साथियों,
आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए Bold Reforms की प्रतिबद्धता के साथ अब देश का आगे बढ़ना अनिवार्य है। आपने भी अनुभव किया है कि बीते 6 वर्षों में जो Reforms हुए, उनके कारण आज संकट के इस समय भी भारत की व्यवस्थाएं अधिक सक्षम, अधिक समर्थ नज़र आईं हैं। वरना कौन सोच सकता था कि भारत सरकार जो पैसा भेजेगी, वो पूरा का पूरा गरीब की जेब में, किसान की जेब में पहुंच पाएगा। लेकिन ये हुआ। वो भी तब हुआ जब तमाम सरकारी दफ्तर बंद थे, ट्रांसपोर्ट के साधन बंद थे। जनधन-आधार-मोबाइल- JAM की त्रिशक्ति से जुड़ा ये सिर्फ एक रीफॉर्म था, जिसका असर हमने अभी देखा। अब Reforms के उस दायरे को व्यापक करना है, नई ऊंचाई देनी है।
ये रिफॉर्मस खेती से जुड़ी पूरी सप्लाई चेन में होंगे, ताकि किसान भी सशक्त हो और भविष्य में कोरोना जैसे किसी दूसरे संकट में कृषि पर कम से कम असर हो। ये रिफॉर्म्स, Rational टैक्स सिस्टम, सरल और स्पष्ट नियम-कानून, उत्तम इंफ्रास्ट्रक्चर, समर्थ और सक्षम Human Resource, और मजबूत फाइनेंशियल सिस्टम के निर्माण के लिए होंगे। ये रिफॉर्म्स, बिजनेस को प्रोत्साहित करेंगे, निवेश को आकर्षित करेंगे और मेक इन इंडिया के हमारे संकल्प को सशक्त करेंगे।
साथियों,
आत्मनिर्भरता, आत्मबल और आत्मविश्वास से ही संभव है। आत्मनिर्भरता, ग्लोबल सप्लाई चेन में कड़ी स्पर्धा के लिए भी देश को तैयार करती है। और आज ये समय की मांग है कि भारत हर स्पर्धा में जीते, ग्लोबल सप्लाई चेन में बड़ी भूमिका निभाए। इसे समझते हुए, भी आर्थिक पैकेज में अनेक प्रावधान किए गए हैं। इससे हमारे सभी सेक्टर्स की Efficiency बढ़ेगी और Quality भी सुनिश्चित होगी।
साथियों,
ये संकट इतना बड़ा है, कि बड़ी से बड़ी व्यवस्थाएं हिल गई हैं। लेकिन इन्हीं परिस्थितियों में हमने, देश ने हमारे गरीब भाई-बहनों की संघर्ष-शक्ति, उनकी संयम-शक्ति का भी दर्शन किया है। खासकर हमारे जो रेहड़ी वाले भाई-बहन हैं, ठेला लगाने वाले हैं, पटरी पर सामान बेचने वाले हैं, जो हमारे श्रमिक साथी हैं, जो घरों में काम करने वाले भाई-बहन हैं, उन्होंने इस दौरान बहुत तपस्या की है, त्याग किया है। ऐसा कौन होगा जिसने उनकी अनुपस्थिति को महसूस नहीं किया।
अब हमारा कर्तव्य है उन्हें ताकतवर बनाने का, उनके आर्थिक हितों के लिए कुछ बड़े कदम उठाने का। इसे ध्यान में रखते हुए गरीब हो, श्रमिक हो, प्रवासी मजदूर हों, पशुपालक हों, हमारे मछुवारे साथी हों, संगठित क्षेत्र से हों या असंगठित क्षेत्र से, हर तबके के लिए आर्थिक पैकेज में कुछ महत्वपूर्ण फैसलों का ऐलान किया जाएगा।
साथियों,
कोरोना संकट ने हमें Local Manufacturing, Local Market, Local Supply Chain, का भी महत्व समझाया है। संकट के समय में, Local ने ही हमारी Demand पूरी की है, हमें इस Local ने ही बचाया है। Local सिर्फ जरूरत नहीं, बल्कि हमारी जिम्मेदारी है। समय ने हमें सिखाया है कि Local को हमें अपना जीवन मंत्र बनाना ही होगा।
आपको आज जो Global Brands लगते हैं वो भी कभी ऐसे ही बिल्कुल Local थे। लेकिन जब वहां के लोगों ने उनका इस्तेमाल शुरू किया, उनका प्रचार शुरू किया, उनकी ब्रांडिंग की, उन पर गर्व किया, तो वो Products, Local से Global बन गए। इसलिए, आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए वोकल बनना है, न सिर्फ लोकल Products खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है।
मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है। आपके प्रयासों ने, तो हर बार, आपके प्रति मेरी श्रद्धा को और बढ़ाया है। मैं गर्व के साथ एक बात महसूस करता हूं, याद करता हूं। जब मैंने आपसे, देश से खादी खरीदने का आग्रह किया था। ये भी कहा था कि देश के हैंडलूम वर्कर्स को सपोर्ट करें। आप देखिए, बहुत ही कम समय में खादी और हैंडलूम, दोनों की ही डिमांड और बिक्री रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। इतना ही नहीं, उसे आपने बड़ा ब्रांड भी बना दिया। बहुत छोटा सा प्रयास था, लेकिन परिणाम मिला, बहुत अच्छा परिणाम मिला।
साथियों,
सभी एक्सपर्ट्स बताते हैं, साइंटिस्ट बताते हैं कि कोरोना लंबे समय तक हमारे जीवन का हिस्सा बना रहेगा। लेकिन साथ ही, हम ऐसा भी नहीं होने दे सकते कि हमारी जिंदगी सिर्फ कोरोना के इर्द-गिर्द ही सिमटकर रह जाए। हम मास्क पहनेंगे, दो गज की दूरी का पालन करेंगे लेकिन अपने लक्ष्यों को दूर नहीं होने देंगे।
इसलिए, लॉकडाउन का चौथा चरण, लॉकडाउन 4, पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी भी आपको 18 मई से पहले दी जाएगी। मुझे पूरा भरोसा है कि नियमों का पालन करते हुए, हम कोरोना से लड़ेंगे भी और आगे भी बढ़ेंगे।
साथियों,
हमारे यहाँ कहा गया है- ‘सर्वम् आत्म वशं सुखम्’ अर्थात, जो हमारे वश में है, जो हमारे नियंत्रण में है वही सुख है। आत्मनिर्भरता हमें सुख और संतोष देने के साथ-साथ सशक्त भी करती है। 21वीं सदी, भारत की सदी बनाने का हमारा दायित्व, आत्मनिर्भर भारत के प्रण से ही पूरा होगा। इस दायित्व को 130 करोड़ देशवासियों की प्राणशक्ति से ही ऊर्जा मिलेगी। आत्मनिर्भर भारत का ये युग, हर भारतवासी के लिए नूतन प्रण भी होगा, नूतन पर्व भी होगा।
अब एक नई प्राणशक्ति, नई संकल्पशक्ति के साथ हमें आगे बढ़ना है। जब आचार-विचार कर्तव्य भाव से सराबोर हो, कर्मठता की पराकाष्ठा हो, कौशल्य की पूंजी हो, तो आत्मनिर्भर भारत बनने से कौन रोक सकता है? हम भारत को आत्म निर्भर भारत बना सकते हैं। हम भारत को आत्म निर्भर बनाकर रहेंगे। इस संकल्प के साथ, इस विश्वास के साथ, मैं आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।
आप अपने स्वास्थ्य का, अपने परिवार, अपने करीबियों का ध्यान रखिए।
बहुत-बहुत धन्यवाद !!!
सभी देशवासियों को आदर पूर्वक नमस्कार,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को अब
चार महीने से ज्यादा हो रहे हैं: PM @narendramodi
साथियों,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
एक वायरस ने दुनिया को
तहस-नहस कर दिया है।
विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं।
सारी दुनिया,
जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है: PM @narendramodi
लेकिन
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
थकना,
हारना,
टूटना-बिखरना,
मानव को मंजूर नहीं है।
सतर्क रहते हुए,
ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए,
अब हमें बचना
भी है और
आगे भी बढ़ना है: PM @narendramodi
जब हम इन दोनों कालखंडो को भारत के नजरिए से देखते हैं तो लगता है कि
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
21वीं सदी भारत की हो,
ये हमारा सपना नहीं,
ये हम सभी की जिम्मेदारी है: PM @narendramodi
विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है- "आत्मनिर्भर भारत": PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं।
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
इतनी बड़ी आपदा,
भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है,
एक संदेश लेकर आई है,
एक अवसर लेकर आई है: PM @narendramodi
जब कोरोना संकट शुरु हुआ,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी।
एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र
उत्पादन होता था।
आज स्थिति ये है कि भारत में ही
हर रोज
2 लाख PPE और
2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं: PM @narendramodi
विश्व के सामने भारत का मूलभूत चिंतन,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
आशा की किरण नजर आता है।
भारत की संस्कृति,
भारत के संस्कार,
उस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं
जिसकी आत्मा
वसुधैव कुटुंबकम है: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
तो आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता।
भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के
सुख,
सहयोग और
शांति
की चिंता होती है: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
जो पृथ्वी को मां मानती हो,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
वो संस्कृति,
वो भारतभूमि,
जब आत्मनिर्भर बनती है,
तब उससे एक
सुखी-समृद्ध विश्व की संभावना भी सुनिश्चित होती है: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
भारत की प्रगति में तो हमेशा विश्व की प्रगति समाहित रही है।
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
भारत के लक्ष्यों
का प्रभाव,
भारत के कार्यों का प्रभाव,
विश्व कल्याण पर पड़ता है: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
जब भारत खुले में शौच से मुक्त होता है तो दुनिया की तस्वीर बदल जाती है।
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
टीबी हो,
कुपोषण हो,
पोलियो हो,
भारत के अभियानों का असर दुनिया पर पड़ता ही पड़ता है: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
इंटरनेशनल सोलर अलायंस,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
ग्लोबर वॉर्मिंग
के खिलाफ भारत की सौगात है।
इंटरनेशनल योगा दिवस की पहल,
मानव जीवन को तनाव से मुक्ति दिलाने के लिए भारत का उपहार है: PM @narendramodi
जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही दुनिया में आज भारत की दवाइयां एक नई आशा लेकर पहुंचती हैं।
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
इन कदमों से
दुनिया भर में भारत की
भूरि-भूरि प्रशंसा होती है,
तो हर भारतीय गर्व करता है: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है, मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
दे सकता है।
सवाल यह है -
कि आखिर कैसे?
इस सवाल का भी उत्तर है-
130 करोड़ देशवासियों का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
आज हमारे पास साधन हैं,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
हमारे पास सामर्थ्य है,
हमारे पास दुनिया का सबसे बेहतरीन टैलेंट है,
हम Best Products बनाएंगे,
अपनी Quality और बेहतर करेंगे,
सप्लाई चेन को और आधुनिक बनाएंगे,
ये हम कर सकते हैं और हम जरूर करेंगे: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
यही हम भारतीयों की संकल्पशक्ति है।
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
हम ठान लें तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं,
कोई राह मुश्किल नहीं।
और आज तो चाह भी है,
राह भी है।
ये है भारत को आत्मनिर्भर बनाना: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
आत्मनिर्भर भारत की ये भव्य इमारत,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
पाँच Pillars पर खड़ी होगी।
पहला पिलर Economy
एक ऐसी इकॉनॉमी जो Incremental change
नहीं बल्कि Quantum Jump लाए
दूसरा पिलर Infrastructure
एक ऐसा Infrastructureजो आधुनिक भारत की पहचान बने: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
तीसरा पिलर-
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
हमारा System-
एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति-नीति नहीं,
बल्कि 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाली
Technology Driven व्यवस्थाओं पर आधारित हो: PM @narendramodi
#AatmanirbharBharat
चौथा पिलर-
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
हमारी Demography-
दुनिया की सबसे बड़ी Democracy में हमारी
Vibrant Demography
हमारी ताकत है,
आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
पाँचवाँ पिलर-
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
Demand-
हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई चेन का जो चक्र है,
जो ताकत है,
उसे पूरी क्षमता से इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है: PM @narendramodi
कोरोना संकट का सामना करते हुए, नए संकल्प के साथ मैं आज एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं।
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
ये आर्थिक पैकेज,
'आत्मनिर्भर
भारत अभियान'
की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
जो रिजर्व बैंक के फैसले थे,
और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है,
उसे जोड़ दें तो ये
करीब-करीब
20 लाख करोड़ रुपए का है।
ये पैकेज भारत की
GDP का
करीब-करीब
10 प्रतिशत है: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
इन सबके जरिए देश के विभिन्न वर्गों को,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
आर्थिक व्यवस्था की कड़ियों को,
20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा,
सपोर्ट मिलेगा।
20 लाख करोड़ रुपए का ये पैकेज, 2020 में देश की विकास यात्रा को,
आत्मनिर्भर भारत अभियान को
एक नई गति देगा: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
इस पैकेज में
Land,
Labour,
Liquidity
और
Laws,
सभी पर बल दिया गया है: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
ये आर्थिक पैकेज हमारे
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
कुटीर उद्योग,
गृह उद्योग,
हमारे लघु-मंझोले उद्योग,
हमारे MSME के लिए है,
जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है,
जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
देश के उस किसान के लिए है
जो हर स्थिति,
हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है।
ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है,
जो ईमानदारी से टैक्स देता है,
देश के विकास में अपना योगदान देता है: PM @narendramodi
आपने भी अनुभव किया है कि बीते
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
6 वर्षों में जो
Reforms हुए,
उनके कारण आज संकट के इस समय भी भारत की व्यवस्थाएं
अधिक सक्षम,
अधिक समर्थ
नज़र आईं हैं: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
अब Reforms के उस दायरे को व्यापक करना है,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
नई ऊंचाई देनी है।
ये रिफॉर्मस खेती से जुड़ी पूरी सप्लाई चेन में होंगे,
ताकि किसान भी सशक्त हो और भविष्य में कोरोना जैसे किसी दूसरे संकट में कृषि पर कम से कम असर हो: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
साथियों,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
आत्मनिर्भरता,
आत्मबल और
आत्मविश्वास
से ही संभव है।
आत्मनिर्भरता,
ग्लोबल सप्लाई चेन में कड़ी स्पर्धा के लिए भी देश
को तैयार करती है: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
ये संकट इतना बड़ा है,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
कि बड़ी से बड़ी व्यवस्थाएं हिल
गई हैं।
लेकिन इन्हीं परिस्थितियों में हमने,
देश ने हमारे गरीब
भाई-बहनों की संघर्ष-शक्ति,
उनकी संयम-शक्ति का भी दर्शन किया है: PM @narendramodi
आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए ‘वोकल’ बनना है,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
न सिर्फ
लोकल Products
खरीदने हैं,
बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है।
मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
लॉकडाउन का चौथा चरण, लॉकडाउन 4,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा।
राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4
से जुड़ी जानकारी भी आपको
18 मई से पहले
दी जाएगी: PM @narendramodi
आत्मनिर्भरता हमें सुख और संतोष देने के साथ-साथ सशक्त भी करती है।
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
21वीं सदी,
भारत की सदी बनाने का हमारा दायित्व,
आत्मनिर्भर भारत के प्रण से ही पूरा होगा।
इस दायित्व को
130 करोड़ देशवासियों की प्राणशक्ति से ही ऊर्जा मिलेगी: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat
आत्मनिर्भर भारत का ये युग,
— PMO India (@PMOIndia) May 12, 2020
हर भारतवासी के लिए
नूतन प्रण भी होगा,
नूतन पर्व भी होगा।
अब एक नई प्राणशक्ति,
नई संकल्पशक्ति के साथ हमें आगे बढ़ना है: PM @narendramodi #AatmanirbharBharat