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प्रधानमंत्री कल डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम स्मारक का उद्घाटन करेंगे


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कल पी करूमबु, रामेश्वरम में 11:30 पर पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम स्मारक का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और निर्मित किए गए स्‍मारक पर राष्‍ट्रीय ध्‍वज का ध्‍वजारोहण करेंगे।

प्रधानमंत्री डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम की एक प्रतिमा का अनावरण करेंगे और उस पर पुष्पांजलि भी अर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के परिवार के सदस्यों के साथ मुलाकात भी करेंगे।

इसके बाद प्रधानमंत्री “कलाम संदेश वाहिनी” एक प्रदर्शनी बस को हरी झंडी दिखाएंगे जो कि देश के विभिन्न राज्यों में यात्रा करेगी और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम की जन्म जयंती पर दिनांक 15 अक्टूबर को राष्ट्रपति भवन पहुंचेगी।

इसके पश्चात प्रधानमंत्री सार्वजनिक सभा के लिए मंडपम जाएंगे। प्रधानमंत्री नीली क्रांति योजना के अंतर्गत लॉन्ग लाइनर जालदार जहाजों के लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र भी वितरित करेंगे। वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अयोध्या से रामेश्वरम के लिए एक नई एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे। प्रधानमंत्री हरित रामेश्वर परियोजना की रूपरेखा भी जारी करेंगे। वह एनएच 87 पर 9.5 किलोमीटर के लिंक रोड का राष्ट्र को समर्पित करने के लिए अनावरण करेंगे जोकि मुकुन्दरायार छतिराम और अरीचलमलाई के बीच है। प्रधानमंत्री एक जनसभा को संबोधित करके यात्रा को समाप्त करेंगे।

कलाम स्मारक की पृष्ठभूमि

इस स्मारक का निर्माण डीआरडीओ द्वारा पूरे एक वर्ष में कर लिया गया है। वास्तुशिल्पीय रूप से, इसने अनेक राष्ट्रीय स्मारकों से प्रेरणा ग्रहण की है। इसका अग्र प्रवेश इंडिया गेट की तरह दिखाई देता है जबकि इसके दो गुंबद राष्ट्रपति भवन की तर्ज पर तैयार किए गए हैं।

इस स्मारक के चार मुख्य हॉल हैं। यह सभी चारों मुख्य हॉल डॉ. कलाम के जीवन और समय का चित्रण करते हैं और हॉल–1 में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बाल्यकाल और शिक्षा के चरणों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। हॉल-2 उनके द्वारा संसद और संयुक्त राष्ट्र में उनके अभिभाषण सहित राष्ट्रपति काल के समय पर केंद्रित है। हॉल-3 में उनके इसरो और डीआरडीओ के समय का चित्रण किया गया है जबकि हॉल-4 में शिलांग में उनके अंतिम क्षणों तक के राष्ट्रपति काल के बाद के क्षणों को प्रदर्शित किया गया है।

डॉ. कलाम की प्रसिद्ध रूद्रवीणा, एसयू-30 एमकेआई फ्लाइट में उनके द्वारा पहना गया जी-सूट और उनके द्वारा प्राप्त अनेक पुरस्कारों सहित उनकी निजी वस्तुओं को दर्शाने के लिए एक अलग से भाग तैयार किया गया है। भित्तिचित्र और चित्रकला के लिए बारह दीवारों का उपयोग किया गया है।

इस संपूर्ण क्षेत्र को डॉक्टर कलाम के व्यक्तित्व के शांतिमय और सौहार्दपूर्ण आयाम को प्रदर्शित करने के लिए सुंदर ढंग से बनाया और सजाया गया है।

इस स्मारक के लिए निर्माण सामग्री और अन्य सहायक वस्तुओं को भारत के अनेक हिस्सों से रामेश्वरम लाया गया है। शिल्प किए गए अग्रभाग के द्वार तंजावुर से, पत्थर के आवरण जैसलमेर और आगरा से, पत्थर के स्तंभ बेंगलुरु से, मार्बल कर्नाटक से और भित्तिचित्र हैदराबाद, शांति निकेतन, कोलकाता और चेन्नई आदि जगह से लिए गए हैं।