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पेरिस में भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का संबोधन

पेरिस में भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का संबोधन


भारत माता की जय, भारत माता की जय

नमस्‍कार, बोनजोर

वणक्कम, सत श्री अकाल,

केम छो!

आज का ये नजारा, ये दृश्य अपने-आप में अद्भुत है। ये उत्साह अभूतपूर्व है, और ये स्नेह आत्मीयता की अविरल धारा है। ये स्‍वागत उल्लास से भर देने वाला है। देश से दूर जब मैं भारत माता की जय का आह्वान सुनता हूं, कहीं से आवाज आती है नमस्कार तो ऐसा लगता है जैसे घर आ गया हूं। और हम भारतीय जहां भी जाते हैं, एक मिनी इंडिया जरूर बना देते हैं। और मुझे आज बताया गया कि आज इस समारोह में बहुत लोग ऐसे हैं, जो ग्यारह-ग्यारह, बारह-बारह घंटे सफर करके यहां पहुंचे हैं। इससे बड़ा प्‍यार क्‍या हो सकता है जी!

और हम जानते हैं कि टेक्‍नोलॉजी के इस जमाने में किसी के लिए भी घर बैठ करके मोबाइल फोन पर लाइव टेलीकास्ट सुनना कोई मुश्किल काम नहीं है। लेकिन इसके बावजूद भी इतनी बड़ी तादाद में, इतने दूर से लोगों का आना, समय निकाल करके आना, और मेरे लिए तो ये बहुत बड़ा सौभाग्य का अवसर है कि मुझे आप सबके दर्शन करने का अवसर मिला है। मैं आप सभी का यहां आने के लिए हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

मैं इससे पहले भी कई बार फ्रांस आ चुका हूं। लेकिन इस बार मेरा फ्रांस आना और भी विशेष है। कल फ्रांस का National Day है। मैं फ्रांस की जनता को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और इस महत्वपूर्ण अवसर पर मुझे आमंत्रित करने के लिए मैं फ्रांस के लोगों का हृदय से धन्यवाद करता हूं।

आज दिन में प्राइम मिनिस्‍टर एलिज़ाबेथ बोर्न मुझे एयरपोर्ट पर रिसीव करने आई थीं। और कल मैं अपने मित्र प्रेसिडेंट मैक्रॉन के साथ National Day परेड का हिस्सा बनूंगा। ये आत्मीयता सिर्फ दो देशों के नेताओं के बीच नहीं है, बल्कि ये भारत-फ्रांस की अटूट दोस्ती का प्रतिबिंब है, reflection है। फ्रांस का National Anthem कहता है मार्शों-मार्शों…यानी Let’s March- Let’s March. हमारे यहां भी वैदिक काल से जो मंत्र हमें प्रेरणा देता रहा है वो है चरैवेति-चरैवेति यानी चलते रहिए-चलते रहिए, Let’s March-Let’s March. और यही भावना कल हमे नेशनल डे परेड में भी दिखाई देने वाली है। जल-थल-नभ में भारत की रक्षा करने वाली तीनों सेनाओं के जवान कल परेड में हिस्सा लेने वाले हैं। और ये जो संघ है ना, कुछ विशेष संघ है। संघ भी है, अलग-अलग रंग भी हैं और चारों तरफ उमंग भी है, ये वाकई अद्भुत है। भारत-फ्रांस की इस strategic partnership के 25 साल के उत्सव का इससे बेहतर तरीका और क्या हो सकता है।

साथियों,

आज दुनिया नए world order की तरफ बढ़ रही है। भारत का सामर्थ्य और भारत की भूमिका बहुत तेजी से बदल रही है। भारत इस समय जी-20 का प्रेसीडेंट है। पहली बार किसी देश की प्रेसीडेंसी में ऐसा हो रहा है जब उस देश के कोने-कोने में 200 से ज्यादा बैठकें हो रही हैं। पूरा जी-20 समूह भारत के सामर्थ्य को देख रहा है, उससे मंत्रमुग्ध है। क्लाइमेट चेंज हो, ग्लोबल सप्‍लाई चेन हो, आतंकवाद हो, कट्टरवाद हो-हर चुनौती से निपटने में भारत का अनुभव, भारत का प्रयास दुनिया के लिए मददगार साबित हो रहा है।

भारत कहता है ‘एकम् सत् विप्रा बहुधा वदन्ति’ यानी सत्य एक ही है, उसको व्यक्त करने के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं। भारत कहता है- ‘आत्मवत् सर्वभूतेषु’ यानी जो करुणा, जो आत्मीयता हम अपने लिए दिखाते हैं, वही हमें दूसरों को भी दिखानी चाहिए। भारत कहता है- ‘संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्’ यानी हम सब एक साथ चलें, एक साथ बोलें, हमारे मन एक हों और भारत कहता है ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ यानी पूरा विश्व एक परिवार है। इसी भावना को लेकर हम एक बेहतर समाज, एक बेहतर दुनिया का निर्माण कर सकते हैं। इसी भावना के साथ भारत और फ्रांस 21वीं सदी की अनेक चुनौतियों से निपट रहे हैं।

इसलिए इस अहम समय में फ्रांस-भारत के बीच की strategic partnership का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है। और आप जानते हैं कि भारत-फ्रांस की इस पार्टनरशिप को कौन लगातार मजबूत कर रहा है, कौन इसे मजबूत कर रहा है…कौन कर रहा है…कौन कर रहा है? कौन दोनों देशों के संबंधों को नया आयाम दे रहा है? आपका जवाब सही नहीं है। ये मोदी नहीं कर रहा है, ये सब आप लोग कर रहे हैं। हमारा people to people connect दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी विश्वास इस साझेदारी का सबसे मजबूत आधार है।

यहां नमस्ते फ्रांस फेस्टिवल होता है तो भारत में लोग Bonsu India इंडिया का आनंद उठाते हैं। हम दोनों देशों की हेरिटेज हो या हिस्ट्री, आर्ट हो या aesthetics, craft हो या creativity. cuisine हो या कल्चर, फैशन हो या फिल्‍म, ये सब हमें जोड़ते हैं। ये सब हमें साथ लाते हैं। फ्रांस के फुटबॉल प्लेयर, फुटबॉलर, उनकी popularity तो आप इंडिया आ करके देखिए। किलियन एम्बाप्पे के जितने फ्रेंड्स फ्रांस में नहीं होंगे उससे ज्यादा वो भारत के युवाओं में सुपर हिट है।

साथियों,

मेरा खुद का व्यक्तिगत रूप से फ्रांस के प्रति लगाव बहुत पुराना रहा है और मैं उसे कभी भूल नहीं सकता। करीब-करीब 40 साल पहले गुजरात में अहमदाबाद में फ्रांस के एक कल्चरल सेंटर एलायंस फ्रांसे की शुरुआत हुई थी और भारत में फ्रांस के उस कल्चरल सेंटर का पहला मेंबर आज आपसे बात कर रहा है। और मजा इस बात का है कि कुछ साल पहले फ़्रांस सरकार ने पुराने रिकॉर्ड में से मेरा वहां का आईकार्ड, वो निकालकर उसका xerox मुझे दिया था। और वो उपहार मेरे लिए आज भी अनमोल है।

साथियों,

भारत और फ्रांस के ऐतिहासिक रिश्‍तों पर कहने के लिए मेरे पास इतना कुछ है, बहुत लंबा समय निकल जाएगा…फिर आपका क्या होगा? मैं जब 2015 में फ्रांस आया था नेव चापेल गया था। तब मैंने वहां प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए हजारों भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी थी। 100 साल पहले ये भारतीय सैनिक फ्रांस के गौरव की रक्षा करते हुए, अपना कर्तव्य निभाते हुए फ्रांस की धरती पर शहीद हुए थे। तब ये बड़ा इमोशनल पल था दोस्तों।

तब जिन रेजीमेंट से उन जवानों ने, उस रेजीमेंट के जवानों ने यहां युद्ध में हिस्सा लिया, उन्हीं में से एक पंजाब रेजीमेंट कल यहां नेशनल डे परेड में हिस्सा लेने जा रही है। 100 साल का ये इमोशनल कनेक्‍ट सर्वोच्च बलिदान देने की परम्परा किसी की भलाई के लिए ये कितनी बड़ी प्रेरणा है दोस्तो। कौन हिन्‍दुस्‍तानी होगा जिसको इस बात का गर्व ना हो। उस समय निभाए गए कर्तव्‍य को, समर्पण को इस धरती पर आज इतने गौरव से, सम्मान से याद किया जा रहा है… थैंक्यू फ्रांस!

मुझे विश्वास है आज आप भारत-फ्रांस के संबंधों को मजबूत बनाने के लिए जो कुछ कर रहे हैं, उस योगदान को…मैं आपको बता रहा हूं, आपके लिए कह रहा हूं…आज आप जो कर रहे हैं उस कर्तव्‍य भाव को इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।

साथियों,

फ्रांस का गौरव-गान करते हुए महात्‍मा गांधी ने कहा था Liberty, Equality and Fraternity दुनिया को इन तीन शब्दों की शक्ति समझाने वाला देश फ्रांस है। ये महात्‍मा गांधी ने कहा था। जिस समय विश्व के अधिकांश देश भारत को सिर्फ आधिपत्य जमाने की दृष्टि से देखते थे, तब नोबेल पुरस्कार विजेता रोमा रोला ने कहा था India is the mother of our civilization. भारत का हजारों वर्ष पुराना इतिहास, भारत का अनुभव विश्‍व कल्‍याण के लिए, भारत के प्रयासों का दायरा बहुत बड़ा है। भारत Mother of Democracy है और भारत Model of Diversity भी है। ये हमारी बहुत बड़ी शक्ति है, बहुत बड़ी ताकत है। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं, एक example देना चाहता हूं।

साथियों,

हमारे यहां कहावत है कि कोस-कोस पर बदले पानी, चार कोस पर वाणी। यानी हर कुछ दूरी पर भारत में पानी का स्वाद बदल जाता है और वाणी यानी language भी बदल जाती है। भारत में 100 से ज्यादा भाषाएं हैं, 1000 से ज्यादा बोलियां हैं। इन 100 से ज्यादा भाषाओं में हर रोज 32,000 अलग-अलग न्‍यूजपेपर छपा करते हैं। इन 100 से ज्यादा भाषाओं में 900 से ज्यादा न्‍यूज ब्रॉडकास्ट यानी चैनल्‍स पर, टीवी पर न्यूज ब्रॉडकास्ट होती है। इन 100 से ज्यादा भाषाओं में करीब-करीब 400 रेडियो चैनल्‍स ब्रॉडकास्ट करते हैं।

भारत में आज भी लिखने के लिए अनेक लिपियां हैं, scripts हैं। हमारे लिए ये गर्व की बात है कि भारत अपनी इस महान परम्‍परा को आज भी जीवंत बनाए हुए हैं। भारत के स्कूलों में, भारत के अलग-अलग कोनों में करीब-करीब 100 भाषाएं पढ़ाई जाती हैं। और बहुत से लोगों को ये पता नहीं होगा कि दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल भाषा है। और इससे बड़ा गर्व क्‍या हो सकता है कि दुनिया की सबसे पुरानी तमिल भाषा भारत की भाषा है, हम भारतीयों की भाषा है।

और साथियों,

भारतीय भाषाओं की इस diversity का आनंद अब दुनिया भी ले रही है। कुछ दिन पहले आपने देखा होगा टेनिस लिजेंड रोजर फेडरर को विम्बलडन ने थलाइवा कहा था। यही diversity हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। आज इसी ताकत के दम पर हर भारतीय अपने सपने पूरे कर रहा है, देश और दुनिया को आगे बढ़ा रहा है। आज कौन ये सुनकर गर्व से नहीं भर जाएगा कि भारत दस साल में दुनिया की 10वीं से पांचवीं बड़ी इकोनॉमी बन गया। और ये गर्व सिर्फ भारतीयों को ही नहीं हो रहा है, आज पूरी दुनिया ये विश्वास करने लगी है कि भारत को 05 ट्रिलियन डॉलर इकॉनोमी बनने में देर नहीं लगेगी।

आपने हाल में आई यूएन की एक रिपोर्ट भी जरूर देखी होगी। उस रिपोर्ट में यूएन कहता है सिर्फ 10-15 साल के भीतर ही भारत ने 415 मिलियन यानी लगभग 42 करोड़ देशवासियों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है। आप कल्पना कर सकते हैं 415 मिलियन यानी ये पूरे यूरोप की population से भी ज्यादा है। ये पूरे अमेरिका की population से भी ज्यादा है।

आईएमएफ की भी एक स्‍टडी कहती है कि भारत में extreme poverty अब खत्म होने के कगार पर है। भारत जब इतना बड़ा काम करता है, इसका फायदा सिर्फ हमें ही नहीं…सिर्फ भारत को ही फायदा होता है ऐसा नहीं…लेकिन पूरी मानवता को लाभ होता है। भारत के आगे बढ़ने से दुनिया के development parameters बदलते हैं, उनमें सुधार में एक उछाल आ जाता है। और दुनिया के दूसरे गरीब देशों को भी विश्वास आता है कि हां हालात बदल सकते हैं, गरीबी दूर हो सकती है।

साथियों,

फ्रांस की ये धरती इस बात की गवाह है कि किसी भी देश में परिवर्तन के पीछे परिश्रम होता है, उस देश के नागरिकों का पसीना होता है। भारत की धरती भी आज एक बड़े परिवर्तन का गवाह बन रही है। इस परिवर्तन की कमान भारत के नागरिकों के पास है, भारत की बहनों-बेटियों के पास है, भारत के युवाओं के पास है। आज पूरा विश्व भारत के प्रति नई उम्मीद, नई आशा से भरा हुआ है। ये आशा, ये उम्मीद ठोस नतीजों में बदल रही है और इसकी एक महत्वपूर्ण ताकत है भारत का Human Resource, ये Human Resource संकल्पों से भरा हुआ है। साहस करने की वृत्ति वाला है। ये भारत की Democratic Values के साथ मानवता के कल्याण के लिए मजबूती से कदम आगे बढ़ा रहा है।

साथियों,

आज का भारत अपनी वर्तमान चुनौतियों, दशकों से चली आ रही समस्याओं, उनका स्थायी समाधान कर रहा है। भारत ठान के बैठा है कि न कोई Opportunity गंवाएंगे और न ही एक पल का समय गंवाएंगे। हम पूरी ताकत से देश के भविष्य को उज्ज्वल बनाने, आने वाली पीढ़ियों को उज्ज्वल बनाने में जुटे हैं। और मेरे साथियों, मैं आपको कहना चाहता हूँ, मेरी तरफ से कहना चाहता हूँ, मैं भी संकल्प लेकर के निकला हूँ। शरीर का कण-कण और समय का पल-पल सिर्फ और सिर्फ आप लोगों के लिए है, देशवासियों के लिए है।

साथियों,

आज टेक्‍नोलॉजी के प्रभाव को हम पल-पल महसूस करते हैं। दुनिया Technology Driven है। आज भारत के 25 हजार से अधिक स्कूलों में 80 लाख से ज्यादा बच्‍चे अटल टिंकरिंग लैब्‍स में इनोवेशन की एबीसीडी सीख रहे हैं। हमने 21वीं सदी की आधुनिक जरूरतों को देखते हुए नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू की है। आज का भारत Women-led Development को आधार बनाकर के आगे चल रहा है। और ऐसा नहीं है कि भारत में सिर्फ एक Tribal Women, एक आदिवासी महिला, भारत के प्रेसिडेंट के रूप में हम सबका मार्गदर्शन कर रही है। हमारा नेतृत्व कर रही है। आज भारत में लड़कियां भी हर सेक्टर में लीडरशिप की भूमिका में दिख रही है। Higher Education में Girl’s Enrollment लगातार बढ़ रहा है और मुझे खुशी है कि यहां नेशनल डे परेड में हिस्सा लेने आए दस्‍ते में कई Women Officers हैं, Women Pilots शामिल हैं।

साथियों,

21वीं सदी की दुनिया टेक्‍नोलॉजी और टैलेंट के दम पर ही आगे बढ़ेगी। भारत और फ्रांस के बीच साझेदारी का ये बहुत बड़ा आधार है। हमारा स्पेस प्रोग्राम इसका प्रमाण है। Thumba में जब Sounding Rocket Station के निर्माण की बात आई तो फ्रांस ही था जो मदद के लिए आगे आया। उसके बाद से हम दोनों देशों ने स्पेस सेक्टर में बहुत लंबा सफर तय किया है। आज हम एक-दूसरे के Satellites लॉन्च कर रहे हैं और आपको खुशी होगी, अभी जब मैं आपसे बात कर रहा हूँ तो भारत में चंद्रयान-3 की, लॉन्चिंग के लिए Reverse Counting की गूंज सुनाई दे रही है। कुछ ही घंटों बाद भारत के श्रीहरिकोटा से ये ऐतिहासिक लॉन्च होने जा रहा है।

साथियों,

स्‍पेस की तरह ही ऐसे अनेक सेक्‍टर्स हैं जिसमें भारत और फ्रांस की पार्टनरशिप दुनिया को नई दिशा देने में मदद कर सकती है। International Solar Alliance दुनिया को बहुत कुछ देने का सामर्थ्य रखता है। अब ऐसी पार्टनरशिप हम Clean Energy, Critical and Strategic Technologies, Clean Transportation, Electronics and Communications, Circular Economy, Health and Nutrition, ऐसे कई सेक्टर में, हर सेक्टर में सशक्त करने का काम साथ मिलकर कर रहे हैं। बहुत कम लोगों को पता होगा, भारत और फ्रांस मिलकर बहुत लंबे समय से Archeological Missions पर भी काम कर रहे हैं और इसका विस्तार चंडीगढ़ से लेकर लद्दाख तक फैला हुआ है।

साथियों,

भारत-फ्रांस पार्टनरशिप को मजबूत करने वाला एक और सेक्टर है डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, ये इंडस्ट्री 4.0, उसका भी बहुत बड़ा आधार है। आज दुनिया का और आपको जरूर गर्व होगा ये सुनकर के, आज दुनिया का 46% Real Time Digital Transaction भारत में होता है। और मैं आपको भी चुनौती देता हूँ कि अगली बार आप भारत में आए तो जेब में एक भी पैसा लिए बिना निकलिए घर से, खाली जेब, सिर्फ मोबाइल फोन पर UPI App को download करके रख लीजिए। आप पूरा हिन्‍दुस्‍तान घूम करके आएंगे, एक नए पैसे कैश की जरूरत के बिना आप अपना गुजारा कर सकते हैं। आज भारत में बैंकिंग सर्विस 24×7 Anytime, Anywhere लोगों की फिंगर्टिप पर है। Direct Benefit Transfer governance का हिस्सा बन चुका है। भारत का UPI हो या कुछ दूसरे Digital Platforms, ये देश में बहुत बड़ा सोशल ट्रांसफॉर्मेशन लाए हैं। और मुझे खुशी है कि भारत फ्रांस इस दिशा में भी मिलकर काम करते हैं। फ्रांस में भारत के UPI के उपयोग को लेकर भी समझौता हो गया है। अब मैं तो समझौता करके चला जाऊंगा, आगे बढ़ाने का काम आपका है।

साथियों,

आने वाले दिनों में इसकी शुरुआत Eiffel Tower से की जाएगी, यानी अब भारतीय टूरिस्ट मोबाइल ऐप के जरिए Eiffel Tower में रुपये में भुगतान कर पाएगा। हां, मोदी है तो मुमकिन है, लेकिन आपकी आवाज ठीक नहीं कर सकता है।

साथियों,

अब से कुछ देर बाद यहां यानि कुछ हफ्ते-महीने लग सकते हैं, यहां Cergy Prefecture में भारत के महान संत तिरुवल्लुवर जी की प्रतिमा स्थापित की जा रही है और संत तिरुवल्लुवर जी ने कहा था Eendra Pozhudhin

Peridhuvakkum Thanmakanaich

Chaandron Enakketta Thaai

तमिल भाषी वाले मित्र तो समझ गए, लेकिन औरों को बताता हूँ। इसका अर्थ बहुत ही मार्मिक है और तिरुवल्लुवर जी ने सदियों पहले ये ज्ञान हमें दिया है। इसका मतलब है, जब एक माँ अपनी संतान की प्रशंसा एक विद्वान के रूप में सुनती है तो माँ को इतना आनंद होता है, माँ इतनी खुश होती है जितना उसके जन्म के समय भी नहीं हुई थी। यानि संतान के जन्म पर जितनी खुशी हुई, उससे ज्यादा खुशी अपनी संतान की सफलता पर होती है। माँ के लिए कहा है, और इसलिए जब आप विदेश में नाम कमाते हैं, जब दुनिया आपकी प्रशंसा करती है तो माँ भारती को भी वैसी ही खुशी होती है। विदेशी धरती पर माँ भारती को अपने हृदय में रखनी वाली, माँ भारती की हर संतान को मैं भारत का ब्रांड अम्बेसडर मानता हूँ।

आप भारत के राष्‍ट्रदूत हैं। मैं जानता हूँ कि भारतीय कहीं भी रहे, लेकिन अपना दिल भारत के लिए भी धड़कता है। मैं अभी स्‍पेस की चर्चा कर रहा था और चिल्ला रहे थे आप लोग, चंद्रयान, चंद्रयान, चंद्रयान मतलब, आप हैं यहां लेकिन दिल आपका चंद्रयान में लगा हुआ है। इसलिए ही फ्रांस सहित पूरी दुनिया में फैला हुआ हमारा जो Indian Diaspora है, उस Indian Diaspora ने Remittance का नया Record बना दिया है। आप लोगों ने नया रिकॉर्ड बनाया है। बताऊँ? बताऊँ आप लोगों को? आपको पता नहीं है न! कोई बात नहीं, आपके पराक्रम के गीत भी मैं गाता रहता हूँ।

भारत दुनिया का पहला देश है, जहां विदेश में रहने वाले भारतीय डायस्पोरा के माध्यम से Annual Remittance 100 बिलियन डॉलर को पार कर चुकी है और खुशी की बात है कि आपका ये योगदान निरंतर बढ़ रहा है। लेकिन मेरा आपसे एक और आग्रह है। मैं आपसे आग्रह तो कर सकता हूँ न? हां कहने में क्या जाता है। हां, मोदी थोड़ी पूछने आने वाला है। मेरा आपसे आग्रह है, आपको अब भारत में निवेश के लिए भी पूरे उत्साह से आगे आना होगा। भारत अब अगले 25 वर्षों में विकसित होने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। इसमें आपकी भूमिका भी बड़ी है। आप जिस भी सेक्टर में काम कर रहे हैं, उससे जुड़ी संभावनाओं को जरूर भारत में Explore करें। आज हर इंटरनेशनल एजेंसी कह रही है कि भारत आगे बढ़ रहा है, भारत bright spot है।

भारत में इंवेस्‍टमेंट की अभूतपूर्व opportunities बन रही है। आप भारत में इन्वेस्ट करिए और आज जो है, जब कह रहा हूँ न तो बाद में शिकायत मत करना कि मोदी ने ये तो बताया ही नहीं था। अभी अवसर है और मैंने तो लाल किले से कहा था, यही समय है, सही समय है और जो जल्दी पहुंचेगा वो ज्यादा लाभ उठाएगा। जो देर से आएगा, वो इंतजार करेगा। अब मौका लेना है, कितनी जल्‍दी लेना है, ये मैं आप पर छोड़ देता हूँ।

साथियों,

इसलिए आइए और भारत में निवेश करिए। भारत सरकार विदेशों में बसे यहां काम कर रहे भारतीयों की सुविधा और सुरक्षा, इसके लिए भी पूरी तरह committed है। जंग का मैदान हो या फिर प्राकृतिक आपदा, भारत अपने नागरिकों को संकट में देखकर सबसे पहले एक्शन में आता है। यूक्रेन हो या सूडान, यमन हो या अफगानिस्तान, इराक हो या नेपाल, हमने भारतीयों की सुरक्षा के लिए पूरी ताकत लगाई है। विदेश में रह रहा हर भारतीय हमारे लिए उतनी हीे प्राथमिकता है, जितना हिन्‍दुस्‍तान में रहने वाला मेरा देशवासी है। कुछ वर्ष पहले जब नीति आयोग बना तो हमने Indian Diaspora के सामर्थ्य और योगदान को उचित स्थान दिया है इसमें। मुझे कहते हुए खुशी है कि Réunion island में OCI Card को लेकर के जो दिक्‍कतें थीं, अब वो दूर हो गई हैं। अब वहां OCI Card issue होने लग गए हैं। अब हम कोशिश कर रहे हैं कि Martinique और Guadeloupe में भी इसका समाधान निकाला जाए।

साथियों,

फ्रांस सहित अनेक देशों में अनेक साथी ऐसे हैं, जो Academics से जुड़े हैं, रिसर्च से जुड़े हैं। टिचर्स हैं, प्रोफेर्सस हैं। मैं जब विदेश में ऐसे Academicians और Professionals से मिलता हूँ तो वो भी अक्सर कहते हैं कि उनके पास जो अनुभव है, ज्ञान है, experience है उसे भारत के साथ कैसे जोड़ सकते हैं और मैं आपको एक खुशखबरी देता हूँ, इनकी इस इच्छा को भी हमने मान रखा है। ऐसे साथियों के लिए भारत के institutions में पढ़ाना अब आसान किया गया है। पिछली बार जब मैं फ्रांस आया था, तब तय हुआ था कि फ्रांस में पढ़ने वाले भारतीय स्टूडेंट्स को दो साल का पोस्ट स्टडी वर्क वीजा दिया जाएगा। अब ये भी निर्णय लिया गया है कि फ्रांस में मास्टर्स करने वाले भारतीयों को पाँच साल का लाँग टर्म पोस्ट स्टडी वीजा दिया जाएगा। भारत सरकार ने फ्रांस सरकार की मदद से Marseille में नया Consulate खोलने का भी फैसला किया है। इससे भी आप सभी की सुविधा और बढ़ेगी।

साथियों,

मेरा फ्रांस के अपने दोस्तों से, यहां के नागरिकों से एक और आग्रह भी है। भारत इतना विशाल है, इतनी विविधताओं से भरा है कि हम भारतवासियों के लिए भी इसे पूरी तरह से देखने-समझने के लिए एक जन्म कम पड़ जाता है। ऐसे विशाल भारत को देखने के लिए आज दुनिया उत्सुक है। आपको अपने इंटरेस्ट का कुछ न कुछ भारत में अवश्य मिलेगा। भारत में टूरिज्म का विस्तार sightseeing से कहीं ज्यादा है। आप भारत की Diversity देखेंगे तो भारत के दीवाने हो जाएंगे। हिमालय की ऊंची-ऊंची पहाड़ियों से लेकर घने जंगलों तक, तपते रेगिस्तान से लेकर खूबसूरत समुद्र तटों तक, Adventure Spots से लेकर ध्यान और योग उसके केंद्रो तक, भारत के पास हर किसी के लिए कुछ न कुछ देने के लिए है। भारत की इस Diversity को feel करने के लिए, उसे समझने के लिए हमारे फ्रेंच दोस्‍तों को भारत लाना ये आप सबकी जिम्मेदारी है। आप जितनी ज्यादा मदद उनकी करोगे, वो ज्यादा आएंगे। मेरे भारत के आप मेरे भाई-बहन, मेरे Indian Diaspora इस काम को बखूबी कर सकते हैं। जिस तरह मोबाइल में या कंप्यूटर में एक्सेस कोड या पासवर्ड डालने के बाद एक नई दुनिया खुल जाती है, वैसे ही Indian Diaspora भारत का एक्सेस कोड है, पासवर्ड है। भारत में टूरिज्‍म बढ़े, इसे भी आप अपना मिशन बनाइए। भारत आने का मतलब है, हजारों साल की विरासत का अनुभव करना, इतिहास का अनुभव करना। आप भारत आएंगे तो भारत की विरासत के साथ-साथ ही विकास की भी गति देखेंगे।

साथियों,

हम संकल्प करें, हमारी पूरी क्षमता से, हमारे अनुभव से, हमारे संपर्कों से, संबंधों से, फ्रांस के नागरिकों को बहुत बड़ी मात्रा में भारत के साथ जोड़ें। आप जब आएं तो उनको भारत लेकर आएं। आप उनको भारत जानने के लिए प्रेरित करें। हमारा People to people contact बढ़ेगा तो सिर्फ टूरिज्‍म नहीं बढ़ता है, वो तो होता ही जाता है। लेकिन उससे जो अपनेपन का सामर्थ्य पैदा होता है न वो पीढ़ी दर पीढ़ी की एक अनमोल विरासत बन जाती है और मुझे विश्वास है दोस्तों आप कभी इसमें पीछे नहीं रहेंगे, आप इतनी बड़ी तादाद में आए, आप सबका दर्शन करने का मुझे अवसर मिला। मैं आपका हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूँ। बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ।

मेरे साथ बोलिए भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

धन्‍यवाद!