· हमें श्रमिकों की नजर से ही श्रम मुद्दों को देखना चाहिए।
· श्रमेव जयते पहल से विश्वास बढ़ेगा, युवाओं की काबिलियत बढ़ेगी और व्यवसाय करना आसान होगा।
· सरकार को अपने नागरिकों पर अवश्य भरोसा करना चाहिए, स्व-प्रमाणन की इजाजत देना इस दिशा में एक कदम है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज श्रमिकों की नजर से श्रम मुद्दों को समझने की पुरजोर वकालत की, ताकि उन्हें संजीदगी के साथ सुलझाया जा सके। नई दिल्ली में पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते कार्यक्रम में पांच नई पहलों की शुरुआत के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह का सम्मानजनक नजरिया अपनाने से ‘श्रम योगी’ (श्रमिक) पहले ‘राष्ट्र योगी’ और फिर ‘राष्ट्र निर्माता’ बन जायेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र के विकास में ‘श्रमेव जयते’ की उतनी ही अहमियत है जितनी ‘सत्यमेव जयते’ की है।
श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार को अपने नागरिकों पर अवश्य भरोसा करना चाहिए और दस्तावेजों के स्व-प्रमाणन की इजाजत देकर इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि श्रमेव जयते कार्यक्रम के तहत आज जिन विभिन्न पहलों की शुरुआत की गई है, वे भी इस दिशा में अहम कदम हैं।
प्रधानमंत्री ने एक साथ अनेक योजनाओं का शुभारंभ करने के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की है, जिनके अंतर्गत श्रमिकों के साथ-साथ नियोजकों के हितों का भी ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि श्रम सुविधा पोर्टल ने महज एक ऑनलाइन फॉर्म के जरिये 16 श्रम कानूनों का अनुपालन आसान कर दिया है।
उन्होंने कहा कि निरीक्षण के लिए यूनिटों का अनियमित चयन करने की पारदर्शी ‘श्रम निरीक्षण योजना’ से इंसपेक्टर राज की बुराइयों से निजात मिलेगी और इसके साथ ही कानूनों का बेहतर ढंग से पालन भी सुनिश्चित होगा।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में 27,000 करोड़ रुपये की विशाल राशि बगैर दावे के पड़ी है। उन्होंने कहा कि यह रकम भारत के गरीब श्रमिकों के पसीने की कमाई है। उन्होंने यह भी कहा कि यूनिवर्सल एकाउंट नम्बर के जरिये कर्मचारी भविष्य निधि में सुनिश्चित की गई पोर्टेबिलिटी से इस तरह की रकम के फंस जाने और वास्तविक लाभार्थियों तक उसके न पहुंच पाने की समस्या से निजात मिल जायेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यावसायिक प्रशिक्षण के राष्ट्रीय ब्रांड अम्बेसडर नियुक्त करने की पहल से आईटीआई विद्यार्थियों का गौरव और विश्वास बढ़ेगा। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर चुनिंदा ब्रांड अम्बेसडरों को सम्मानित भी किया। प्रशिक्षु प्रोत्साहन योजना और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए पुनर्गठित राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) के कारगर क्रियान्वयन का भी आज शुभारंभ किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘श्रमेव जयते’ कार्यक्रम दरअसल ‘मेक इन इंडिया’ विजन का ही एक अहम हिस्सा है, क्योंकि इससे बड़ी संख्या में युवाओं का कौशल विकास करने का रास्ता साफ होगा और इसके साथ ही भारत को आने वाले वर्षों में काबिल कर्मचारियों की वैश्विक जरूरत को पूरा करने का अवसर भी मिलेगा।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, श्री कलराज मिश्र, श्री अनंत गीते तथा डॉ. हर्षवर्धन और केन्द्रीय श्रम राज्य मंत्री श्री विष्णु देव साय भी उपस्थित थे।
The power that Satyamev Jayate has, the same power Shramev Jayate has for the development of our nation: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 16, 2014
Inspector Raj…we heard this since our childhood & we thought it is for policemen only but then we realised its a lot more:PM @narendramodi — PMO India (@PMOIndia) October 16, 2014
Ease of business is important. It is essential for success of ‘Make in India’ : Shri @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) October 16, 2014
We have to see labour issues from the eyes of the Shramik. We can’t see it from the eyes of the industrialists: PM @narendramodi — PMO India (@PMOIndia) October 16, 2014