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नई दिल्ली में भारत-ब्रिटेन तकनीक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

नई दिल्ली में भारत-ब्रिटेन तकनीक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

नई दिल्ली में भारत-ब्रिटेन तकनीक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ


ब्रिटेन की प्रधानमंत्री माननीय थेरेसा मे,
मेरे सहयोगी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन,
सीआईआई के अध्यक्ष डॉ नौशाद फोर्ब्स,
शिक्षा जगत के गणमान्य सदस्यों,
प्रख्यात वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकीविदों,
ब्रिटेन और भारत के उद्योगजगत के अगुआ,

देवियो और सज्जनों,
1. मुझे भारत-ब्रिटेन तकनीक शिखर सम्मेलन 2016 को संबोधित करते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है।

2. भारत और ब्रिटेन की मित्रता को सुदृढ़ बनाने के लिए पिछले साल नवंबर में मेरी ब्रिटेन यात्रा के दौरान तकनीक शिखर सम्मेलन की परिकल्पना की गई थी। इसमें यह भी तय हुआ था कि 2016 को ‘शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के भारत-ब्रिटेन वर्ष’ के रूप में मनाया जाए।

3. यह सौभाग्य की बात है कि ब्रिटेन की प्रधानमंत्री माननीय थेरेसा मे इस अवसर पर हमारे बीच हैं। मैडम प्रधानमंत्री, मुझे इस बात की जानकारी है कि भारत हमेशा आपके दिल के करीब रहा है और आप भारत की एक बड़ी मित्र हैं। हाल ही में आपने भारतीय समुदाय के लोगों के साथ अपने घर पर दीवाली मनाई!

4. आज यहां आपकी उपस्थिति द्विपक्षीय संबंधों के लिए आपकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। यह हमारे लिए सम्मान की बात है कि आपने अपने निकटस्थ पड़ोसियों के बाद पहली द्विपक्षीय यात्रा के लिए भारत को चुना और हम यहां आपका गर्मजोशी से स्वागत करते हैं।

5. आज, दुनिया एक ऐसे मोड़ पर है जहां प्रौद्योगिकी उन्नति परिवर्तनकारी है। भारत और ब्रिटेन का इतिहास जुड़ा हुआ है। यह महत्वपूर्ण है कि दोनों देश 21वीं सदी की ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था को परिभाषित करने के लिए मिलकर काम करें।
6. मौजूदा वैश्विक वातावरण में दोनों देश कई आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जो सीधे व्यापार और वाणिज्य को प्रभावित करती हैं। लेकिन मुझे विश्वास है कि नए अवसर पैदा करने के लिए हम मिलकर हमारे विज्ञान की शक्ति और तकनीकी कौशल का लाभ उठा सकते हैं।

7. भारत अब निवेश के सबसे खुले माहौल के साथ तेजी से बढ़ रही एक बड़ी अर्थव्यवस्था है। हमारे अभिनव उद्यमी, प्रतिभाशाली कार्य बल और अनुसंधान एवं विकास क्षमता, बड़े बाजार, जनसांख्यिकीय लाभांश और बढ़ती आर्थिक प्रतिस्पर्धा के साथ मिलकर दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए विकास के नए स्रोत उपलब्ध कराती है।

8. इसी तरह, ब्रिटेन ने भी हाल के दिनों में तेजी से विकास किया है। उसने शैक्षिक अनुसंधान और तकनीकी नवाचार में तेजी दिखाई है।

9. हालांकि पिछले पांच साल से द्विपक्षीय व्यापार एक स्तर पर बना हुआ है और दोनों दिशाओं में हमारे निवेश को मजबूती मिली है। ब्रिटेन में भारत तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है और भारत में ब्रिटेन जी-20 का सबसे बड़ा निवेशक है। दोनों देश एक दूसरे की अर्थव्यवस्था में बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध कराते हैं।

10. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत-ब्रिटेन का वर्तमान सहयोग ‘उच्च गुणवत्ता’ और ‘उच्च प्रभाव’ वाले अनुसंधान की भागीदारी से प्रेरित है। मुझे इस बात का जिक्र करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि दो वर्ष से भी कम समय के दौरान न्यूटन-भाभा कार्यक्रम के तहत हमने व्यापक सहयोग शुरू किया है। इसमें सामाजिक चुनौतियों से पार पाने के उद्देश्य से बुनियादी विज्ञान से लेकर समाधान विज्ञान को कवर किया गया है।

11. हमारा वैज्ञानिक समुदाय साथ मिलकर संक्रामक रोगों के लिए नए टीकों पर काम कर रहा है। वह नई स्मार्ट सामग्री की खोज कर रहा है, स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन शमन के लिए समाधान उपलब्ध करा रहा है। साथ ही कृषि और खाद्य सुरक्षा सहित फसलों की उत्पादकता में सुधार कर रहा है।

12. हम 10 लाख पाउंड के संयुक्त निवेश के साथ सौर ऊर्जा पर भारत-ब्रिटेन स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित करने के लिए सहमत हो गए हैं। 15 लाख पाउंड के संयुक्त निवेश के साथ एक नई एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोधक पहल भी शुरू की जा रही है।
13. मुझे लगता है कि भारत और ब्रिटेन निवारक स्वास्थ्य देखभाल को एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए भारत के विशाल पारंपरिक ज्ञान का आधुनिक वैज्ञानिक जांच के साथ मिलकर दोहन करने में भागीदारी कर सकते हैं। यह हमारे सामने आने वाली आधुनिक जीवन शैली से जुड़ी बीमारियों का सामना करने में मददगार साबित हो सकती है।

14. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) का प्लेटफार्म वैश्विक नवाचार एवं प्रौद्योगिकी गठबंधन यानी गीता इनोवेट (नए) ब्रिटेन के साथ सस्ती स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, विनिर्माण और आईसीटी में उद्योगों पर आधारित अनुसंधान एवं विकास प्रोजेक्टों का समर्थन करता है।

15. वैज्ञानिक ज्ञान को प्रौद्योगिकी आधारित उद्यमों में परिवर्तित करने के लिए ये सेक्टर भारत और ब्रिटेन के व्यापार के लिए नई संभावनाओं का रास्ता खोलता है। मैं यहां सभी प्रतिभागियों से इन रोमांचक द्विपक्षीय कार्यक्रमों में अपना योगदान देने और कुछ अतिरिक्त जोड़ने (वैल्यू एड) का आह्वान करता हूं। इसका उद्देश्य नवाचार और तकनीक आधारित उद्यमिता को बढ़ावा देना है।

16. मुझे पूरा विश्वास है कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार भारी विकास वाले क्षेत्र हैं और हमारे संबंधों में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। टेक शिखर सम्मेलन का उद्देश्य आपसी लाभ के लिए हमारे साझा तकनीकी कौशल और वैज्ञानिक ज्ञान पर आधारित हमारी सामरिक भागीदारी को मजबूत बनाना है।

17. मैंने हमेशा कहा है कि विज्ञान सार्वभौमिक है लेकिन तकनीक स्थानीय होनी चाहिए। यह इस संदर्भ में है कि ऐसे सम्मेलन एक दूसरे की आवश्यकताओं को समझने और उस समझ पर हमारे भविष्य के संबंधों को बनाने का एक अवसर होते हैं।

18. मेरी सरकार के फ्लैगशिप विकास मिशन का संमिलन, हमारी तकनीकी उपलब्धियां और आकांक्षाएं हैं। हमारे मजबूत द्विपक्षीय संबंध भारतीय और ब्रिटिश उद्योगों के लिए बड़ी संख्या में विकास के नए मार्ग प्रशस्त करती हैं।

19. भारत और ब्रिटेन के लिए ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम में सहयोग करने, सूचना का दायरा बढ़ाने और लोगों पर केंद्रित ई-गवर्नेंस का विस्तार करने का एक अवसर है।
20. भारत में जल्द ही 154% के शहरी दूरसंचार घनत्व के साथ एक अरब से ज्यादा फोन कनेक्शन हो जाएंगे। हमारे यहां 350 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता है। हम देश भर में लगभग 100,000 गांवों के अंतिम छोर तक को कनेक्टिविटी में ला रहे हैं। इस तरह का तेज विकास ब्रिटिश और भारतीय कंपनियों के लिए नए डिजिटल राजमार्गों और नए बाजार का अवसर प्रदान करता है।

21. भारत के तेजी से विकसित होते वित्तीय सेवा क्षेत्र में एक प्राकृतिक सहयोग उभर रहा है। ‘फिंटेक’ भारत के लिए अगले बड़े परिवर्तन के रूप में उभर रहा है। जबकि हम 220 मिलियन परिवारों को ‘जन धन योजना’ के तहत लाए हैं। मोबाइल प्रौद्योगिकी और विशिष्ट पहचान कार्ड के साथ मिलकर यह वित्तीय समावेशन योजना दुनिया का सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम बनाती है।

22. इस मिशन में वित्तीय प्रौद्योगिकी और अंतरराष्ट्रीय वित्त में ब्रिटेन के नेतृत्व के साथ हमारे उद्यमों द्वारा संभावनाशील अवसरों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

23. हमें ‘मेक इन इंडिया’ के द्विपक्षीय सहयोग के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र होने की उम्मीद है। उन्नत विनिर्माण इस कार्यक्रम के तहत एक विशेष प्रयास है। रक्षा विनिर्माण, एयरोस्पेस और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक प्रमुख देश होने के नाते ब्रिटेन को हमारी उदार एफडीआई नीतियों से फायदा हो सकता है।

24. हमारे ‘स्मार्ट सिटी’ मिशन का उद्देश्य तेजी से शहरीकृत हो रहे माहौल में एकीकृत डिजिटल प्रौद्योगिकी को लाना है। मुझे खुशी है कि पुणे, अमरावती और इंदौर की परियोजनाओं में ब्रिटेन ने पहले ही काफी रुचि दिखाई है। मैं समझता हूं कि ब्रिटिश कंपनियों ने पहले से ही नौ अरब पौंड मूल्य के सौदों पर हस्ताक्षर किए हैं। मैं और अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करता हूं।

25. ‘स्टार्टअप इंडिया’ कार्यक्रम का उद्देश्य हमारे तकनीक की समझ रखने वाले युवाओं के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी को उद्यमिता में बदलना है। आज भारत और ब्रिटेन नवीन आविष्कारों तथा निवेशकों के एक रोमांचक पारिस्थितिकी तंत्र के साथ दुनिया के शीर्ष तीन सबसे बड़े स्टार्टअप केंद्रों में शामिल हैं।

26. हम मिलकर सफल तकनीकों के साथ नए व्यावसायिक अनुप्रयोगों के लिए एक जीवंत और संपन्न वातावरण बना सकते हैं।
27. इस सम्मेलन के लिए चुने गए उन्नत विनिर्माण, जैव चिकित्सा उपकरण, डिजाइन, नवाचार और उद्यमिता जैसे थीम हमारे व्यापार संबंधों में व्यापार सहयोग के लिए नए अवसर बनाते हैं।

28. मुझे विश्वास है कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए संयुक्त प्रौद्योगिकी विकास का मार्ग प्रशस्त करने की खातिर भारत और ब्रिटेन उच्च गुणवत्ता वाले मौलिक अनुसंधान के एक पारिस्थितिकी तंत्र को समर्थन देना और उसे पोषित करना जारी रखेंगे।

29. मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि भारत-ब्रिटेन तकनीक शिखर सम्मेलन उच्च शिक्षा पर केंद्रित है। शिक्षा हमारे छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है और एक साझा भविष्य में हमारी मित्रता को परिभाषित करेगा। इसलिए हमें शिक्षा एवं अनुसंधान के अवसरों में अधिक से अधिक गतिशीलता और युवा लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना चाहिए।

30. मैं सहभागी देश के रूप में ब्रिटेन के साथ इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और भारतीय उद्योग परिसंघ को बधाई देता हूं। मुझे विश्वास है कि तकनीक शिखर सम्मेलन भारत-ब्रिटेन संबंधों के अगले चरण की नींव रखेगा। यह वैज्ञानिक ज्ञान और तकनीकी कौशल पर आधारित एक साझा यात्रा पर ले जाएगा।

31. मैं ब्रिटेन और भारत के उन सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद देता हूं जिनका योगदान और उपस्थिति इस बैठक को सफल बनाने में महत्वपूर्ण रही है। मैं एक बार फिर इस अवसर की शोभा बढ़ाने और भारत-ब्रिटेन के बीच नई भागीदारी के निर्माण में अपना दृष्टिकोण एवं परिकल्पना साझा करने के लिए प्रधानमंत्री थेरेसा मे को धन्यवाद देना चाहूंगा।