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तीसरे भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्‍मेलन के समापन पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

तीसरे भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्‍मेलन के समापन पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

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तीसरे भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्‍मेलन के समापन पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

तीसरे भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्‍मेलन के समापन पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ


महामहिम, महानुभावों मेरे साथ सह-अध्‍यक्षता कर रहे राष्‍ट्रपति मुगाबे, यह सही मायनों में ऐतिहासिक दिन रहा। हमें पूरे अफ्रीका की बात सुनने का अवसर मिला।

हमारे पहले दो शिखर सम्‍मेलन बांजुल फॉर्मूला के आधार पर कुछ देशों तक सीमित थे। आज हमें इस बात का गर्व है कि सभी 54 देश इसमें भाग ले रहे हैं।

आपकी प्रतिक्रिया इस बात की स्‍पष्‍ट पुष्टि है कि यह भारत और अफ्रीका के मिलने का सही प्रारूप है।

अपने विचार साझा करने के लिए मैं आप सभी का आभार प्रकट करता हूं।

आपके मित्रों के विवेक से ज्‍यादा आपको कोई नहीं सिखा सकता।

भारत में हम सभी अपने देश और अफ्रीका के प्रति आपकी महत्‍वाकांक्षाओं, विश्‍व के लिए आपके विजन, भारत के लिए आपकी भावनाओं, हमारी भागीदारी से आपकी अपेक्षाओं से प्रेरित हैं।

आपकी मैत्री और विश्‍वास हमारे लिए बहुत गौरव और ताकत का स्रोत है।

आपकी बात सुनकर यह विश्‍वास और मजबूत हुआ है कि भारत और अफ्रीका के बीच यह भागीदारी सहज है, क्‍योंकि नियतियां एक-दूसरे से निकटता से परस्‍पर सम्‍बद्ध हैं और हमारी महत्‍वाकांक्षाएं एवं चुनौतियां भी मिलती-जुलती हैं।

समावेशी वृद्धि, सशक्‍त नागरिकों और सतत विकास, एक एकीकृत एवं सांस्‍कृतिक रूप से जीवंत अफ्रीका और उचित वैश्विक स्‍थान और विश्‍व के लिए मजबूत भागीदार शांतिपूर्ण एवं सुरक्षित अफ्रीका, पर आधारित समृद्ध अफ्रीका के आपके विजन को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए हम आपके साथ काम करेंगे।

हम अपनी सहभागिता को और ज्‍यादा प्रभावी कैसे बना सकते हैं, इस बारे में आपकी बातों को मैंने गौर से सुना।

आपकी प्रतिक्रिया और सुझाव ऋण व्‍यवस्‍था की पुनर्संरचना में बहुत मददगार साबित होंगे। हम आपकी विशेष परिस्थितियों को ध्‍यान में रखेंगे और हम उनके उपयोग में ज्‍यादा तेज गति और पारदर्शिता सुनिश्चित करेंगे।

अफ्रीका में संस्‍थाओं की स्‍थापना करने की प्रक्रिया में हमने सीखा है। इससे हमें इन परियोजनाओं को ज्‍यादा प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी।

हम अपने छात्रवृत्ति कार्यक्रम को मिली प्रतिक्रिया से बहुत प्रोत्‍साहित हैं। हम इसमें और सुधार लाएंगे और भारत में रहने, पढ़ने और प्रशिक्षण के लिए ज्‍यादा सहयोगपूर्ण वातावरण तैयार करेंगे।

मैंने जाना कि प्रौद्योगिकी संबंधी भागीदारी को आप कितनी अहमियत देते हैं। भारत में, हम अफ्रीका के दूर-दराज के इलाकों के कमजोर से कमजोर लोगों के जीवन को परिवर्तित करने के लिए प्रौद्योगिकी पर ज्‍यादा ध्‍यान देंगे।

हम भारत और अफ्रीका के बीच में व्‍यापार और निवेश का प्रवाह बढ़ाने को सर्वोच्‍च प्राथमिकता देंगे। हम अपने व्‍यापार को ज्‍यादा संतुलित बनाएंगे। हम भारतीय बाजारों तक अफ्रीका की पहुंच को सुगम बनाएंगे। हम 34 देशों को सीमा शुल्‍क मुक्‍त पहुंच पूर्ण एवं कारगर रूप से कार्यान्वित करना सुनिश्चित करेंगे।

कई देशों के साथ हमारा बेहतरीन रक्षा और सुरक्षा सहयोग है। हमने यह सहयोग द्विपक्षीय रूप से और बहुपक्षीय एवं क्षेत्रीय व्यवस्थाओं के माध्यम से किया है। निकट रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग, विशेषकर क्षमता विकास, भारत-अफ्रीकी सहभागिता का प्रमुख आधार होगा।

हम आतंकवाद के विरुद्ध अपना सहयोग बढ़ाएंगे और इसके खिलाफ समान ध्येय बनाने के लिए पूरे विश्व को एकजुट करेंगे।

महामहिम, हम विचार और कार्रवाई, मंशा और कार्यान्वयन के बीच की परछाई के प्रति सचेत हैं।

इस प्रकार, कार्यान्वयन भी परियोजनाओं को शुरू करने के समान ही महत्वपूर्ण होगा। हम अपनी निगरानी व्यवस्था को मजबूत बनाएंगे। इसमें अफ्रीकी संघ के साथ मिलकर संयुक्त निगरानी व्यवस्था बनाना शामिल होगा।

महामहिम, हमारी एकजुटता और एकता ज्यादा समावेशी, निष्पक्ष और लोकतांत्रिक विश्व व्यवस्था के ध्येय के लिए प्रमुख बल होगी। हम उसका मार्ग निर्धारण करने के निर्णायक दौर में हैं।

संयुक्त राष्ट्र में सुधारों की मांग, वैश्विक व्यापार में अपने साझा लक्ष्यों की प्राप्ती के लिए, विकास एजेंडा 2030 के लिए वैश्विक भागीदारी तैयार करने के लिए और जलवायु परिवर्तन पर होने वाली पेरिस बैठक से हमारी अपेक्षाओं का अनुसरण करने के लिए हमें अपना सहयोग और सहकार्य और गहन बनाना होगा।

हमारे विजन और महत्वकांक्षाओं से आकार लेने वाला विश्व हम में से हरेक को कामयाबी पाने का बेहतर अवसर प्रदान करेगा।

आज हमने इस शिखर सम्मेलन के घोषणा पत्र और महत्वपूर्ण सहयोग के प्रारूप को स्वीकार किया है।

लेकिन, संख्या और दस्तावेजों से ज्यादा, सबसे बड़ा परिणाम हमारी नवीकृत मैत्री, सशक्त भागीदारी और व्यापक एकजुटता है।

महामहिम, हमारे शिखर सम्मेलन के आकार और हमारी सहभागिता के महत्वकांक्षी लक्ष्यों को देखते हुए, हम सब इस बात पर सहमत हुए हैं कि यह शिखर सम्मेलन हर पांच साल में होना चाहिए।

हालांकि, अफ्रीका हमेशा हमारे ध्यान का केंद्र बना रहेगा। अफ्रीका के साथ हमारे संबंध गहन और नियमित रहेंगे। मैं आप लोगों के यहां द्विपक्षीय यात्राओं पर आने की आशा करता हूं और मुझे आने वाले वर्षों में अफ्रीका के सभी क्षेत्रों के दौरे पर जाने की प्रतीक्षा रहेगी।

अन्त में, मैं आपका, आपके शिष्टमंडलों और अफ्रीका से आए अन्य विशिष्ट आगंतुकों का आभार व्यक्त करता हूं। आशा है कि आपने अपने प्रवास का आनंद उठाया होगा। दिल्ली में खुशगवार मौसम लाने के लिए आपका शुक्रिया। मुझे आशा है कि पेरिस में सीओपी-21 और सौर गठबंधन के दौरान आपसे भेंट होगी।

इस शिखर सम्मेलन को अपार सफलता दिलाने के लिए मैं अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों, अपने अधिकारियों और दिल्ली शहर का आभार व्यक्त करता हूं।

आज के ढलते दिन के साथ, हमारी भागीदारी को आपसे नई ऊर्जा और उद्देश्य प्राप्त हुआ है और दुनिया को इसके भविष्य पर नया विश्वास कायम होगा।

धन्यवाद। बहुत बहुत धन्यवाद।