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तीसरे कौटिल्य अर्थशास्त्र कॉन्क्लेव 2024 में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

तीसरे कौटिल्य अर्थशास्त्र कॉन्क्लेव 2024 में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी, Institute of Economic Growth के प्रेसिडेंट N K Singh जी, Conclave में देश-विदेश से आए अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों,

कौटिल्य कॉन्क्लेव का ये तीसरा एडिशन है। और मेरे लिए खुशी की बात है कि मुझे आप लोगों से मिलने का अवसर मिल रहा है। तीन दिनों तक यहां अनेक सेशन होने वाले हैं, इकॉनॉमी से जुड़े अलग-अलग मुद्दों को लेकर चर्चा होने वाली है, मुझे विश्वास है कि ये चर्चा, भारत की ग्रोथ को गति देने में मददगार सिद्ध होगी।

साथियों,
इस बार का ये कॉन्कलेव ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया के दो बड़े रीजन में युद्ध की स्थिति है। ये दोनों रीजन ग्लोबल इकॉनॉमी के लिए, खासतौर पर एनर्जी सिक्योरिटी के लिहाज़ से बहुत अहम हैं। इतनी बड़ी global uncertainty के बीच हम सभी यहां – The Indian Era यानि भारत के युग की चर्चा कर रहे हैं। ये दिखाता है कि आज भारत पर विश्वास कुछ अलग ही है…ये दिखाता है कि आज भारत का आत्मविश्वास कुछ विशेष है।

साथियों,
आज भारत, दुनिया की fastest growing major economy है। आज भारत, GDP के हिसाब से fifth largest economy है। हम ग्लोबल फिनटेक एडॉप्शन रेट के मामले में नंबर-वन हैं। आज हम, smartphone data consumption के मामले में नंबर-वन हैं। हम इंटरनेट यूजर्स के मामले में दुनिया में नंबर- दो हैं। दुनिया की करीब-करीब आधी रियल टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन आज भारत में हो रही है। आज भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप इकोसिस्टम है। रीन्युएबल एनर्ज़ी कैपेसिटी के मामले में भारत, नंबर- चार पर है। अगर मैन्युफेक्चरिंग की बात करें, तो भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा mobile manufacturer है। भारत two-wheelers और tractors का सबसे बड़ा manufacturer है। और इतना ही नहीं, भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा scientists और technicians का पूल भारत में है। यानि साइंस हो, टेक्नॉलॉजी हो, इनोवेशन हो, भारत clearly एक स्वीट स्पॉट पर उपस्थित है।

साथियों,
रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र पर चलते हुए, हम लगातार निर्णय ले रहे हैं, देश को तेज गति से आगे बढ़ा रहे हैं। यही वो इंपेक्ट है, जिसके कारण भारत के लोगों ने 60 साल बाद, लगातार तीसरी बार किसी सरकार को चुना है। जब लोगों का जीवन बदलता है, तब लोगों में ये भरोसा आता है कि देश सही रास्ते पर चल रहा है। यही भावना, भारत की जनता के मैंडेट में दिखती है। 140 करोड़ देशवासियों का ये विश्वास इस सरकार की सबसे बड़ी पूंजी है। हमारा कमिटमेंट है कि भारत को विकसित बनाने के लिए लगातार structural reforms करते रहेंगे। हमारा ये कमिटमेंट आप हमारे थर्ड टर्म के पहले तीन महीनों के काम में भी देख सकते हैं। Bold policy changes…Jobs और स्किल्स को लेकर मज़बूत कमिटमेंट, sustainable growth और innovation पर फोकस, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, क्वालिटी ऑफ लाइफ, और तेज़ ग्रोथ की कंटीन्यूटी, ये हमारे पहले तीन महीनों की पॉलिसीज का रिफ्लेक्शन है। इस दौरान 15 ट्रिलियन रुपीज यानि 15 लाख करोड़ रुपए से अधिक के डिसीज़न्स लिए गए हैं। इन्हीं तीन महीनों में भारत में अनेक mega infrastructure projects पर काम शुरू हुआ है। हमने देश में 12 industrial nodes बनाने का भी निर्णय लिया है। हमने देश में 3 करोड़ नए घर बनाने को भी मंजूरी दी है।

साथियों,
भारत की ग्रोथ स्टोरी का एक और notable फैक्टर है और वो है इसकी inclusive spirit, पहले ये सोचा जाता था कि ग्रोथ होती है तो inequality, असमानता भी साथ ही बढ़ती है। लेकिन भारत में इसके विपरीत हो रहा है। भारत में ग्रोथ के साथ inclusion भी हो रहा है। इसी का परिणाम है पिछले 10 साल में Two Fifty million…यानि 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। भारत की तेज प्रगति के साथ हम ये भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि inequality कम हो विकास का लाभ सभी तक पहुंचे।

साथियों,
आज भारत की ग्रोथ को लेकर जो भी predictions हो रही हैं, उनका कॉन्फिडेंस भी बताता है कि भारत किस दिशा में है। ये आप पिछले कुछ हफ्तों और महीनों के आंकड़ों में भी देख सकते हैं। पिछले साल हमारी इकॉनॉमी ने हर prediction से बाहर कहीं बेहतर किया है। वर्ल्ड बैंक हो, IMF हो, मूडीज़ हो, सभी ने भारत से जुड़े फोरकास्ट को upgrade किया है। ये सारे संस्थान कह रहे हैं कि global uncertainty के बावजूद भारत सेवन प्लस रेट के साथ ग्रो करता है । वैसे हम भारतीयों को पूरा कॉन्फिडेंस है कि हम इससे भी कहीं better perform करेंगे।

Friends,
भारत के इस कॉन्फिडेंस के पीछे कुछ ठोस कारण हैं। मैन्युफेक्चरिंग हो या फिर सर्विस सेक्टर आज दुनिया भारत को इन्वेस्टमेंट के लिए पसंदीदा जगह मान रही है। ये कोई co-incidence नहीं है, बल्कि ये बीते 10 साल में हुए बड़े रिफॉर्म्स का ही नतीजा है। इन रिफॉर्म्स ने भारत के macroeconomic fundamentals को ट्रांसफॉर्म कर दिया है। जैसे एक उदाहरण भारत के बैंकिंग रिफॉर्म्स का है। हमारे बैंकिंग रिफॉर्म्स ने बैंकों की financial conditions को तो मज़बूत किया ही है, उनकी lending capacity को भी बढ़ाया है। इसी तरह, GST ने अलग-अलग सेंट्रल और स्टेट Indirect taxes को integrate किया है। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड यानि IBC ने responsibility, recovery और resolution का नया क्रेडिट कल्चर डेवलप किया है। भारत ने माइनिंग, डिफेंस, स्पेस जैसे अनेक सेक्टर्स को प्राइवेट प्लेयर्स के लिए, हमारे young entrepreneurs के लिए खोला है। हमने FDI policy को liberalise किया, ताकि दुनियाभर के इन्वेस्टर्स के लिए यहां ज्यादा से ज्यादा अवसर बन सकें। हम अपनी logistics cost और time को कम करने के लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस कर रहे हैं। हमने बीते दशक में Infrastructure पर investments को अभूतपूर्व स्केल पर बढ़ाया है।

साथियों,
भारत ने Process Reforms को सरकार की Continuous Activities का हिस्सा बनाया है। हमने 40 हजार से ज्यादा Compliances को खत्म किया, Companies Act को Decriminalize किया। ऐसे दर्जनों provisions थे, जिनके कारण पहले बिजनेस मुश्किल था, हमने उनमें बदलाव किया। कंपनी स्टार्ट करने, बंद करने, क्लियरेंस को आसान बनाने के लिए नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया गया। अब हम राज्य स्तर पर प्रोसेस रिफॉर्म को गति देने के लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।

साथियों,
भारत में मैन्युफेक्चरिंग को गति देने के लिए हम Production linked Incentives लेकर आए हैं। इसका इंपेक्ट आज बहुत सारे सेक्टर्स में दिख रहा है। अगर मैं बीते 3 साल में ही PLI के impact की बात करुं, तो करीब 1.25 ट्रिलियन यानि सवा लाख करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट आया है। इससे करीब Eleven Trillion यानि 11 लाख करोड़ रुपए का प्रोडक्शन और सेल्स हुई है। स्पेस और डिफेंस सेक्टर में भी आज भारत की ग्रोथ शानदार है। इन दोनों सेक्टर्स को open किए अभी ज्यादा टाइम नहीं हुआ है। स्पेस सेक्टर में 200 से ज्यादा स्टार्ट अप्स आ चुके हैं। आज हमारी टोटल डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग का 20 परसेंट कंट्रीब्यूशन हमारी प्राइवेट डिफेंस कंपनियों का है।

साथियों,
इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की ग्रोथ स्टोरी तो और भी अद्भुत है। 10 साल पहले तक भारत ज्यादातर मोबाइल फोन का बड़ा इंपोर्टर था। आज Three Hundred thirty million यानि 33 करोड़ से ज्यादा मोबाइल फोन भारत में बन रहे हैं। यानि आप कोई भी सेक्टर देख लें, आज भारत में Investors के लिए investments और investment पर ज्यादा रिटर्न के बेहतरीन मौके हैं।

साथियों,
आज भारत का फोकस AI और सेमीकंडक्टर जैसी critical technologies पर भी है। इनमें हम काफी ज्यादा इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं। हमारे AI mission से AI के क्षेत्र में research और skills, दोनों में वृद्धि होगी। India semiconductor mission के कारण 1.5 ट्रिलियन रुपए यानि डेढ़ लाख करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट हो रहा है। बहुत जल्द ही भारत के 5 सेमीकंडक्टर प्लांट्स, दुनिया के कोने-कोने में मेड इन इंडिया चिप्स पहुंचाने लगेंगे।

Friends,
आप सभी जानते ही हैं कि भारत affordable intellectual power का सबसे बड़ा सोर्स है। इसकी गवाही, दुनियाभर की कंपनियों के 1700 से अधिक global capability centres हैं, जो आज भारत में काम कर रहे हैं। इनमें 2 मिलियन यानि 20 लाख से ज्यादा भारतीय नौजवान दुनिया को highly skilled services दे रहे हैं। आज भारत अपने इस demographic dividend पर अभूतपूर्व रूप से फोकस कर रहा है। और इसके लिए Education, Innovation, Skills और Research पर खास ध्यान दिया जा रहा है। हमने न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी बनाकर इस क्षेत्र में बहुत बड़ा रिफॉर्म किया है। बीते 10 साल में हर हफ्ते एक नई यूनिवर्सिटी और हर दिन दो नए कॉलेज खोले गए हैं। इन 10 सालों में हमारे यहां मेडिकल कॉलेजों की संख्या दो गुनी हो गई है।

औऱ साथियों,
Quantity ही नहीं बल्कि हम, quality education पर भी उतना ही बल दे रहे हैं। इसलिए ही बीते 10 साल में QS World University Rankings में भारतीय इंस्टीट्यूशन्स की संख्या तीन गुना से ज्यादा हो चुकी है। इस साल के बजट में हमने करोड़ों युवाओं की स्किलिंग और इंटर्नशिप के लिए स्पेशल पैकेज अनाउंस किया है। पीएम इंटर्नशिप स्कीम के तहत पहले दिन ही 111 कंपनियों ने पोर्टल पर रजिस्टर किया है। इस स्कीम के तहत हम एक करोड़ युवाओं को बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप में मदद कर रहे हैं।

साथियों,
बीते 10 सालों में भारत का रिसर्च आउटपुट और पेटेंट्स भी तेजी से बढ़े हैं। 10 साल से भी कम समय में, भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स की रैंकिग में Eighty First (81) से Thirty Ninth (39) स्थान तक पहुंचा है। यहां से हमें और आगे जाना है। अपने रिसर्च इकोसिस्टम को मज़बूत करने के लिए भारत ने One Trillion रुपये का रिसर्च फंड भी बनाया है।

साथियों,
आज ग्रीन फ्यूचर, ग्रीन जॉब्स के मामले में भी भारत में और भारत से बहुत उम्मीदें हैं। और उतनी ही आपके लिए इस सेक्टर में opportunities भी हैं। आप सभी ने भारत की प्रेसीडेंसी में हुई G20 Summit को फॉलो किया है। इस समिट की अनेक success story में से एक, ग्रीन ट्रांज़िशन को लेकर नया उत्साह भी रहा। G-20 समिट के दौरान ही भारत की पहल पर ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस लॉन्च किया गया। G-20 के सदस्य देशों ने भारत के green hydrogen energy development को मज़बूती से समर्थन दिया। भारत में हमने इस दशक के अंत तक 5 Million टन Green Hydrogen के production का टारगेट रखा है। भारत में हम सोलर पावर प्रोडक्शन को भी माइक्रो लेवल पर ले जा रहे हैं। 

भारत सरकार ने PM सूर्यघर मुफ्त बिजली स्कीम शुरु की है। ये एक Rooftop Solar स्कीम है, लेकिन इसका स्केल बहुत बड़ा है। रूफटॉप सोलर सेटअप के लिए हम हर फैमिली को फंड कर रहे हैं, सोलर इंफ्रा install करने में भी सपोर्ट कर रहे हैं। अब तक 13 मिलियन यानि 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा Families इसमें रजिस्टर हो चुकी हैं। यानि इतने लोग सोलर पावर प्रोड्यूसर बन चुके हैं। इससे हर फैमिली को on an average, twenty five thousand रुपए की बचत होने वाली है। हर तीन किलोवॉट सोलर बिजली पैदा करने पर, 50-60 टन कार्बन डाई-ऑक्साइड का एमिशन भी रुकेगा। इस स्कीम से करीब 17 लाख Jobs पैदा होंगी, स्किल्ड युवाओं की भी एक बड़ी फौज तैयार होगी। यानि आपके लिए इस सेक्टर में भी इंवेस्टमेंट करने के लिए नए मौके बन रहे हैं।

साथियों,
आज Indian economy एक बहुत बड़े transformational change से गुजर रही है। मजबूत economic fundamentals के आधार पर Indian economy, sustained high growth के रास्ते पर है। भारत आज सिर्फ टॉप पर पहुंचने के लिए ही तैयारी नहीं कर रहा है, बल्कि टॉप पर बने रहने के लिए मेहनत कर रहा है। हर सेक्टर में आज दुनिया की अपार opportunities हैं। मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में आपकी चर्चा से अनेक valuable inputs आएंगे। मैं इस प्रयास को  बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ। और मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि ये हमारे लिए debating club नहीं है। यहाँ जो चर्चाएँ होती हैं, जो बातें उभर करके आती हैं, Do’s and Don’ts के लिए उसमें से जो हमारे लिए उपयोगी होते हैं, हम इसको religiously सरकार के सिस्टम में फॉलो करते हैं। हम इसको हमारी पॉलिसी का हिस्सा बनाते हैं, वो हमारे governance का हिस्सा बनाते हैं, और इसलिए  आप जो समय दे करके ये जो मंथन में जुड़ते हैं, वो अमृत हैं। हमारे देश में हम हमारे भविष्य को और अधिक उज्ज्वल बनाने के लिए काम में लेते हैं, और इसलिए आपका योगदान हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आपका एक-एक शब्द हमारे लिए मूल्यवान है। आपके विचार आपका अनुभव ये हमारी पूंजी है। मैं फिर एक बार आप सबके इस योगदान के लिए आपका धन्यवाद करता हूँ, मैं इस प्रयास के लिए एन के सिंह और उनकी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।  बहुत-बहुत शुभकामनाएँ, धन्यवाद !

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