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तीन वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के अवसर पर प्रधानमंत्री का संबोधन

तीन वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के अवसर पर प्रधानमंत्री का संबोधन


केंद्र सरकार में मेरे साथी मंत्री अश्विनी वैष्णव जी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल जी, तमिलनाडु के गवर्नर आरएन रवि, कर्नाटक के गर्वनर  थावर चंद गहलोत, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे अन्य साथी, राज्यों के डिप्टी सीएम, मंत्रिगण, सांसदगण… देश के अलग अलग हिस्सों से जुड़े अन्य जनप्रतिनिधिगण…देवियों और सज्जनों,

आज उत्तर से दक्षिण तक, देश की विकास यात्रा में एक और अध्याय जुड़ रहा है। आज से मदुरै-बेंगलुरू,चेन्नई-नागरकोविल, और मेरठ-लखनऊ के बीच वंदे भारत ट्रेनों की सेवा शुरू हो रही है। वेदं भारत ट्रेनों का ये विस्तार, ये आधुनिकता, ये रफ्तार…..हमारा देश ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की ओर कदम दर कदम बढ़ रहा है। आज जो तीन वंदे भारत ट्रेनें शुरू हुई हैं, इनसे देश के महत्वपूर्ण शहर और ऐतिहासिक जगहों को कनेक्टिविटी मिली है। Temple city मदुरै अब IT city बेंगलुरू से वंदे  भारत के द्वारा सीधे जुड़ गया है। त्योहारों या वीकेंड पर मदुरै और बेंगलुरू के बीच आवाजाही के लिए वंदे  भारत ट्रेन द्वारा काफी सुविधा होगी। साथ ही ये वंदे भारत ट्रेन तीर्थयात्रियों के लिए भी बहुत कारगर साबित होगी। चेन्नई से नागरकोविल रूट की वंदे भारत से भी छात्रों को, किसानों को और आईटी प्रोफेशनल्स को बहुत लाभ होगा। जिन जगहों तक वंदे भारत एक्सप्रेस की सुविधा पहुंच रही है, वहां पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। पर्यटकों की संख्या बढ़ने का मतलब है वहां कारोबारियों, दुकानदारों की आय में बढ़ोतरी हो रही है। हमारे यहां रोजगार के नए अवसर भी तैयार हो रहे हैं। इन ट्रेनों के लिए देशवासियों को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए दक्षिण के राज्यों का तेज विकास बहुत जरूरी है। दक्षिण भारत में अपार प्रतिभा है, अपार संसाधन और अपार अवसर की भूमि है । इसलिए, तमिलनाडु और कर्नाटका समेत पूरे दक्षिण का विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता है। बीते 10 वर्षों में इन राज्यों में रेलवे की विकास यात्रा इसका उदाहरण है। इस साल के बजट में हमने तमिलानाडु को 6 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का रेलवे बजट दिया है। ये बजट 2014 की तुलना में 7 time, 7 गुना से अधिक है। तमिलनाडु में 6 वंदे भारत ट्रेन्स पहले से ही चल रही हैं। इन दो ट्रेन्स के साथ ये संख्या अब 8 हो जाएगी। इसी तरह,कर्नाटका के लिए भी इस बार सात हजार करोड़ से ज्यादा का बजट आवंटित हुआ है। ये बजट भी 2014 की तुलना में 9 time, 9 गुना अधिक है। आज वंदे भारत ट्रेनों की 8 जोड़ियां पूरे कर्नाटका को जोड़ रही हैं।

साथियों, 

पहले के मुकाबले कई गुना ज्यादा बजट ने तमिलनाडु, कर्नाटका समेत दक्षिण भारत के राज्यों में रेल यातायात को और मजबूत किया है। इन राज्यों में रेलवे ट्रैक्स बेहतर हो रहे हैं, रेलवे ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन हो रहा है…अनेकों रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण हो रहा है। इससे लोगों की Ease of Living भी बढ़ी है और Ease of Doing business में भी मदद मिली है।

साथियों,

आज मेरठ-लखनऊ रूट पर वंदे भारत ट्रेन के जरिए यूपी और खासकर पश्चिमी यूपी के, वहां के लोगों को भी खुशखबरी मिली है। मेरठ और पश्चिमी यूपी क्रांति की धरती है। आज ये क्षेत्र विकास की नई क्रांति का साक्षी बन रहा है। मेरठ एक ओर RRTS के जरिए राजधानी दिल्ली से जुड़ रहा है, दूसरी ओर इस वंदे  भारत से प्रदेश की राजधानी लखनऊ की दूरी भी कम हो गई है। आधुनिक ट्रेनें, एक्स्प्रेसवेज़ का नेटवर्क, हवाई सेवाओं का विस्तार…. पीएम गतिशक्ति का विज़न कैसे देश के इनफ्रास्ट्रक्चर को बदलेगा, NCR इसका उदाहरण बन रहा है।

साथियों,

वंदे भारत आधुनिक होती भारतीय रेलवे का नया चेहरा है। आज हर शहर में, हर रूट पर वंदे भारत की मांग है। हाइस्पीड ट्रेनों के आने से लोगों में अपने व्यापार और रोजगार को, अपने सपनों को विस्तार देने का भरोसा जागता है। आज देशभर में 102 वंदे  भारत रेल सेवाएं संचालित हो रही हैं। अब तक 3 करोड़ से ज्यादा लोग इन ट्रेनों से यात्रा कर चुके हैं। ये संख्या वेदं भारत ट्रेनों की सफलता का सबूत तो है ही! ये आकांक्षी भारत की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतीक भी है।

साथियों,

आधुनिक रेल इनफ्रास्ट्रक्चर विकसित भारत के विज़न का एक मजबूत स्तम्भ है। रेल लाइनों का दोहरीकरण हो,  रेल लाइनों का इलेक्ट्रिफिकेशन हो,  नई ट्रेनों को चलाना हो, नए रूट्स का निर्माण हो, इन सभी पर तेजी से काम हो रहा है। इस साल के बजट में ढाई लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बजट रेलवे को दिया गया है। हम भारतीय रेल को उसकी पुरानी छवि से निकालने के लिए उसे हाइटेक सेवाओं से जोड़ रहे हैं। आज वंदे  भारत के साथ-साथ अमृत भारत ट्रेनों का भी विस्तार हो रहा है। बहुत जल्द वंदे भारत का स्लीपर वर्जन भी आने वाला है। महानगरों में लोगों को उनकी सुविधा के लिए,नमो भारत ट्रेन चलाई जा रही है। औऱ शहरों के भीतर traffic समस्या से निजात के लिए जल्द ही वंदे मेट्रो भी शुरू होने जा रही हैं।

साथियों, 

हमारे शहरों की पहचान उसके रेलवे स्टेशनों से होती रही है। अमृत भारत स्टेशन योजना से स्टेशन भी संवर रहे, शहरों को नई पहचान भी मिल रही है। आज देश के 1300 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों को रेनोवेट किया जा रहा है। आज देश में जगह-जगह एयरपोर्ट की तरह ही रेलवे स्टेशन भी बन रहे हैं। छोटे से छोटे स्टेशनों को भी अत्याधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। इससे Ease of Travel भी बढ़ रहा है।

साथियों,

जब रेलवेज, रोडवेज, वाटरवेज जैसे कनेक्टिविटी के इंफ्रास्ट्रक्चर सशक्त होते हैं तो देश सशक्त होता है। इससे देश के सामान्य नागरिक को लाभ होता है, देश के गरीब और मध्यम वर्ग को लाभ होता है। आज देश देख रहा है, कि जैसे-जैसे भारत में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है, गरीबों और मध्यम वर्ग सशक्त हो रहा है। उनके लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। इनफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार से गाँवों में भी नए अवसर पहुंचने लगे हैं। सस्ते डेटा और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से भी गांव में नई संभावनाएं बन रही हैं। जब अस्पताल, शौचालय, और रिकॉर्ड संख्या में पक्के मकानों का निर्माण होता है, तो सबसे गरीब को भी देश के विकास का लाभ मिलता है। जब कॉलेज, यूनिवर्सिटी और इंडस्ट्री जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ते हैं, तो इससे नौजवानों की प्रगति की संभावना भी बढ़ती है। ऐसे ही अनेक प्रयासों के कारण, बीते 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ सके हैं।

साथियों,

बीते वर्षों में रेलवे ने अपनी मेहनत से दशकों पुरानी समस्याओं के समाधान की उम्मीद जगाई है। लेकिन, अभी हमें इस दिशा में बहुत लंबा सफर तय करना है। हम तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक भारतीय रेल गरीब, मध्यम वर्ग, सभी के लिए सुखद यात्रा की गारंटी नहीं बन जाती। मुझे विश्वास है, देश में हो रहे इनफ्रास्ट्रक्चर का ये विकास गरीबी को समाप्त करने में बड़ी भूमिका निभाएगा। मैं एक बार फिर तमिलनाडु, कर्नाटका और उत्तर प्रदेश के लोगों को तीन नई वंदे भारत के लिए बधाई देता हूं। आप सबको बहुत–बहुत शुभकामनाएं,  बहुत-बहुत धन्यवाद।

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 MJPS/VJ/DK