केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी अश्विनी वैष्णव जी, राजीव चंद्रशेखर जी, GPAI के Outgoing Chair, जापान के मिनिस्टर हिरोशी योशिदा जी, Member countries के अन्य Ministers, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।
Global Partnership on Artificial Intelligence समिट में, मैं आप सभी का स्वागत करता हूं। मुझे खुशी है कि अगले साल भारत इस समिट की अध्यक्षता करने जा रहा है। ये समिट एक ऐसे समय हो रही है, जब AI को लेकर पूरी दुनिया में बहुत बड़ी डिबेट छिड़ी हुई है। इस डिबेट से पॉजिटिव और नेगेटिव, हर प्रकार के aspects सामने आ रहे हैं। इसलिए इस समिट से जुड़े प्रत्येक देश पर बहुत बड़ा दायित्व है। बीते दिनों में मुझे अनेक Political and industry leaders से मिलने का अवसर मिला है। मैंने उनसे मुलाकात में भी इस समिट की चर्चा की है। AI के प्रभाव से वर्तमान और आने वाली पीढियां, कोई भी छूटी नहीं हैं। हमें बहुत सतर्कता के साथ, बहुत सावधानी के साथ आगे बढ़ना है। और इसलिए मैं समझता हूं इस समिट से निकले विचार, इस समिट से निकले सुझाव, पूरी मानवता की जो मूलभूत मूल्य है उसकी रक्षा और उसको दिशा देने का काम करेंगे।
Friends,
आज भारत AI talent और AI से जुड़े new ideas का सबसे प्रमुख प्लेयर है। भारत के युवा टेक एक्सपर्ट्स, रिसर्चर्स, AI’s limits को एक्सप्लोर कर रहे हैं। भारत में हम एक बहुत ही जोश से भरी हुई AI innovation spirit देख रहे हैं। यहां आने से पहले मुझे AI expo में जाने का अवसर मिला। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कैसे जीवन बदल सकती है, ये हम इस expo में देख सकते हैं। YUVA AI initiative के तहत चुने गए युवाओं के ideas को देखकर मुझे ज्यादा खुशी होना वो स्वाभाविक भी था। ये युवा, टेक्नॉलॉजी के द्वारा सामाजिक बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं। भारत में AI से जुड़े सॉल्यूशन्स की चर्चा तो अब गांव-गांव तक पहुंच रही है। हाल ही में हमने agriculture में AI chat-bot को लॉन्च किया। इससे किसानों को अपने application status, payment details और गवर्नमेंट स्कीम्स से जुड़े अपडेट्स जानने में मदद मिलेगी। हम AI की मदद से भारत में अपने हेल्थ सेक्टर को भी पूरी तरह से ट्रांस्फॉर्म करने की दिशा में काम कर रहे हैं। Sustainable development Goals को हासिल करने में भी AI अहम भूमिका निभा सकती है।
Friends,
भारत में हमारा विकास मंत्र है- सबका साथ, सबका विकास। हमने ‘AI for all’ की भावना से प्रेरित होकर सरकार की नीतियां और प्रोग्राम तैयार किए हैं। हमारा प्रयास है कि हम social development और inclusive growth के लिए AI की क्षमताओं का पूरा फायदा उठा सकें। भारत, AI के responsible और ethical use के लिए भी पूरी तरह कमिटेड है। हमने “National Program on Artificial Intelligence” शुरू किया है। हम भारत में AI मिशन भी लॉन्च करने जा रहे हैं। इस मिशन का लक्ष्य, भारत में AI compute power की पर्याप्त क्षमता स्थापित करना है। इससे भारत के start-ups और innovators को और बेहतर सुविधायें मिलेंगी। इस मिशन के तहत agriculture, health-care, education जैसे सेक्टर्स में AI applications को प्रमोट किया जाएगा। हम अपने Industrial training Institutes के माध्यम से AI skills को टीयर-2 और टीयर-3 शहरों तक पहुंचा रहे हैं। हमारे पास “National AI Portal” है, जो देश में Artificial Intelligence initiatives को बढ़ावा देता है। आपने ‘एरावत’ initiative के बारे में भी सुना होगा। इस कॉमन platform का उपयोग, बहुत जल्द सभी रिसर्च लैब इंडस्ट्री और स्टार्ट-अप्स कर सकेंगे।
Friends,
AI के साथ हम एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं। Artificial Intelligence का विस्तार टेक्नोलॉजी के एक टूल से भी कहीं ज्यादा है। AI हमारे नए भविष्य को गढ़ने का सबसे बड़ा आधार बन रही है। AI की एक बहुत बड़ी ताकत है, लोगों को Connect करने की उसकी क्षमता। AI के सही इस्तेमाल से सिर्फ देश की आर्थिक प्रगति ही सुनिश्चित नहीं होती बल्कि ये समानता और सामाजिक न्याय को भी पक्का करता है। इसलिए AI को अपने भविष्य के लिए अलग प्रकार के AI की भी जरूरत पड़ेगी। यानि, AI को All Inclusive बनाना पड़ेगा, All Ideas को अपनाना पड़ेगा। AI की development journey जितनी ज्यादा inclusive होगी, उसके परिणाम भी उतने ही ज्यादा inclusive आएंगे।
हमने देखा है कि पिछली शताब्दी में टेक्नॉलॉजी तक Unequal access की वजह से समाज में मौजूद असमानताएं और बढ़ गई थीं। अब इस तरह की गलती से हमें पूरी मानवता को बचाना है। हम जानते हैं कि टेक्नॉलॉजी के साथ जब Democratic values जुड़ जाती हैं तो वो inclusion की दिशा में multiplier के तौर पर काम करती है। इसलिए Artificial intelligence के भविष्य की दिशा भी human values पर, Democratic values पर पूरी तरह निर्भर करेगी। Artificial intelligence हमारी efficiency को बढ़ाने में मदद कर सकता है। लेकिन ये हम पर है कि हम emotions की भी जगह बनाए रखें। Artificial intelligence हमारी effectiveness को बढ़ा सकती है, लेकिन ये हम पर है कि हम अपने ethics को भी बनाएं रखें। इस दिशा में ये मंच, विभिन्न देशों के बीच सहयोग बढ़ाने में मदद कर सकता है।
Friends,
किसी भी सिस्टम को sustainable बनने के लिए, उसे Transformative, Transparent और Trusted बनाना पड़ता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि AI transformative तो है ही। लेकिन ये हम पर है कि हम इसे ज्यादा से ज्यादा transparent बनाएं। अगर हम इस्तेमाल हो रहे डेटा और algorithms को, transparent और free from bias बना सके तो ये एक अच्छी शुरुआत होगी। हमें दुनियाभर के लोगों को ये यकीन दिलाना होगा कि AI उनके लाभ के लिए है, उनके भले के लिए है। हमें दुनिया के विभिन्न देशों को ये भी विश्वास दिलाना होगा कि इस टेक्नॉलॉजी की विकास यात्रा में किसी को भी पीछे नहीं छोड़ा जाएगा। AI पर trust तब बढ़ेगा जब AI से जुड़े ethical, economic और social concerns पर ध्यान दिया जाए। उदाहरण के लिए, अगर up-skilling और re-skilling, AI के growth curve का हिस्सा बन जाए, तो युवा ये भरोसा कर पाएंगे कि AI उनके भविष्य की बेहतरी के लिए है। अगर डेटा की सुरक्षा पर ध्यान दिया जाए, तो लोग यकीन कर पाएंगे कि AI उनकी प्राइवेसी में दखल दिए बिना विकास को आगे बढ़ाएगा। अगर ग्लोबल साउथ को ये पता होगा कि AI के विकास में उनकी भी बड़ी भूमिका होगी तो वो इसे भविष्य के एक रास्ते के रुप में स्वीकार कर पाएंगे।
Friends,
AI के अनेक पॉजिटिव पहलू हैं, लेकिन इससे जुड़ी नेगेटिव बातें भी उतनी ही चिंता का विषय हैं। AI, 21वीं सदी में विकास का सबसे बड़ा Tool बन सकता है और 21वीं सदी को तबाह करने में भी सबसे बड़ी भूमिका निभा भी सकता है। Deep fake का चैलेंज आज पूरी दुनिया के सामने है। इसके अलावा साइबर सिक्योरिटी, डेटा थेफ्ट और आतंकियों के हाथ में AI tools के आने का भी बहुत बड़ा खतरा है। अगर आतंकी संगठनों के पास AI लैस हथियार पहुंच जाएं, तो उससे ग्लोबल सिक्योरिटी पर बहुत बड़ा असर होगा। हमें इस विषय पर चर्चा करके एक ठोस प्लान तक पहुंचने की जरूरत है, कि कैसे AI के गलत इस्तेमाल को रोका जाए। इसलिए ही, G20 प्रेसिडेंसी के दौरान, हमने Responsible Human-Centric AI governance का फ्रेमवर्क तैयार करने का प्रस्ताव रखा था। G20 New Delhi Declaration ने ‘AI Principles’ के प्रति सभी सदस्य देशों के कमिटमेंट की पुष्टि की है। सभी सदस्यों में AI के उपयोग से जुड़े खतरों को लेकर एक understanding थी। जिस तरह, हमारे पास विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों के लिए समझौते और protocols हैं, उसी तरह हमें AI के ethical use के लिए मिलकर global framework तैयार करना होगा। इसमें high-risk या Frontier AI tools की Testing और Deployment के लिए प्रोटोकॉल भी शामिल होगा। इसके लिए conviction, commitment, coordination और collaboration की सबसे अधिक ज़रूरत है। हमें मिलकर ऐसे कदम उठाने ही होंगे जिससे AI का responsible use सुनिश्चित हो सके। आज इस समिट के माध्यम से भारत, पूरे वैश्विक जगत का आह्वान करता है कि इस दिशा में हमें अब एक पल भी गंवाना नहीं है। इस साल में अब कुछ ही दिन बचे हैं, नया साल आने ही वाला है। हमें एक तय समय सीमा के भीतर global framework को पूरा करना ही होगा। मानवता की रक्षा के लिए ये किया जाना बहुत ही जरूरी है।
Friends,
AI सिर्फ एक नई टेक्नोलॉजी ही नहीं है, ये एक worldwide movement बन गई है। इसलिए हम सभी का मिलकर काम करना बहुत ही आवश्यक है। अगले दो दिन आप सभी बहुत से विषयों पर चर्चा करेंगे। मैं तो जब भी किसी AI एक्सपर्ट से मिलता हूं, तो अपने सवाल और सुझाव रोक नहीं पाता। आज आप एक्सपर्ट्स से बातें करते हुए भी कई बातें मेरे मन में आ रही हैं। हमें ये सोचना होगा कि AI generated information की credibility को कैसे बढ़ाया जा सकता है? ऐसे क्या data sets हो सकते हैं, जिनके उपयोग से हम AI tools को train और test कर सकें? किसी AI tool को मार्केट में रिलीज करने से पहले कितना test करना चाहिए, इस पर भी ज़रूर सोचना चाहिए। क्या हम कोई सॉफ्टवेयर वाटर-मार्क introduce कर सकते हैं, जो ये बताए कि ये information या product, AI generated है। इससे जो व्यक्ति AI generated information का इस्तेमाल करेगा, उसे उसकी limitations के बारे में पता रहेगा।
एक बात मैं भारत में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के दिग्गजों से भी कहूंगा। सरकारों के पास योजनाओं से जुड़ा विभिन्न तरह का डेटा होता है। इसका उपयोग evidence-based decision making में कैसे कर सकते हैं? क्या हम ऐसे डेटा का AI tools को train करने में उपयोग कर सकते हैं? क्या हम एक ऐसा audit mechanism स्थापित कर सकते हैं, जिसमें AI tools को उसकी क्षमता के आधार पर red, yellow या green में categorise किया जा सके? क्या हम एक institutional mechanism स्थापित कर सकते हैं, जो resilient employment को सुनिश्चित करे? क्या हम standardised Global AI education curriculum ला सकते हैं? क्या AI-driven future के लिए लोगों को तैयार करने के Standards तय कर सकते हैं? ऐसे अनेक सवालों पर सरकार से जुड़े लोग और आप सभी एक्सपर्ट्स ज़रूर विचार करें।
Friends,
आप जानते हैं कि भारत में सैकड़ों भाषाएं बोली जाती हैं, हजारों बोलियां हैं। Digital inclusion को बढ़ाने के लिए AI की मदद से स्थानीय भाषा में digital services कैसे उपलब्ध कराई जा सकती हैं, इस बारे में भी सोचें। जो भाषा अब नहीं बोली जाती, उसे AI की मदद से कैसे रीवाईव किया जा सकता है, इस पर भी काम करें। संस्कृत भाषा का knowledge base और literature बहुत समृद्ध है। उसे AI की मदद से कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है, इस पर भी सोचें। AI की मदद से वैदिक मैथेमेटिक्स के missing volumes को क्या फिर से जोड़ा जा सकता है, इस बारे में भी प्रयास किए जाने चाहिए।
Friends,
मुझे विश्वास है कि ये समिट, Ideas exchange करने का बेहतरीन अवसर उपलब्ध कराएगी। मैं चाहता हूं कि इस समिट में शामिल होने वाले हर delegate के लिए ये एक great learning experience साबित हो। अगले दो दिनों तक आप AI के विभिन्न पहलुओं पर गहनता से विचार-विमर्श करेंगे। मुझे आशा है कि हमारे पास specific outcomes होंगे। इन पर अमल करके हम एक responsible और sustainable future के निर्माण का रास्ता जरूर सशक्त करेंगे। आप सभी को मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं।
बहुत-बहुत धन्यवाद।
नमस्कार।
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DS/VJ/RK/AK
AI has the potential to revolutionise India's tech landscape. Speaking at the Global Partnership on Artificial Intelligence Summit. https://t.co/sHGXrBreLh
— Narendra Modi (@narendramodi) December 12, 2023
We are working to ensure ‘AI for All’ with a focus on responsible and ethical usage of AI. pic.twitter.com/s8nR3MLpHe
— Narendra Modi (@narendramodi) December 12, 2023
Leveraging AI for furthering economic progress and social justice… pic.twitter.com/cKxrwUD6md
— Narendra Modi (@narendramodi) December 12, 2023
We will have to work with other nations and leverage AI for a better planet. pic.twitter.com/62z4HlE1gK
— Narendra Modi (@narendramodi) December 12, 2023
ग्लोबल समिट में भारत की ओर से वैश्विक जगत को एक आह्वान… pic.twitter.com/KG8R6mZEBs
— Narendra Modi (@narendramodi) December 12, 2023
आज AI की मदद से यह प्रयास भी होना चाहिए कि संस्कृत भाषा और वैदिक मैथमेटिक्स जैसे विषयों को आम लोगों के लिए कैसे आसान बनाया जा सकता है। pic.twitter.com/nmXPDXu5pK
— Narendra Modi (@narendramodi) December 12, 2023
In India, we are witnessing an AI innovation spirit. pic.twitter.com/NNMmyK0Ftw
— PMO India (@PMOIndia) December 12, 2023
AI for social development and inclusive growth. pic.twitter.com/RqUAh5FVze
— PMO India (@PMOIndia) December 12, 2023
India is committed to responsible and ethical use of AI. pic.twitter.com/Yt9gvK2UP7
— PMO India (@PMOIndia) December 12, 2023
With AI we are entering a new era. pic.twitter.com/zrby0f2T3l
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AI is transformative. But it must be made as transparent as possible. pic.twitter.com/Q0VOPx6hU7
— PMO India (@PMOIndia) December 12, 2023
There are many positive aspects of AI, but the negative aspects related to it are also a matter of equal concern. pic.twitter.com/uZqsDOZNX1
— PMO India (@PMOIndia) December 12, 2023
We have to work together to prepare a global framework for the ethical use of AI. pic.twitter.com/oYtC2NgJpW
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