केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में संघ लोक सेवा आयोग और भूटान के शाही सिविल सेवा आयोग के बीच समझौता ज्ञापन का अनुमोदन कर दिया है।
समझौता ज्ञापन का प्रयोजन आरसीएससी और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के बीच मौजूदा संबंधों को और सुदृढ़ बनाना है। इसमें अनुभवों और विशेषज्ञता का परस्पर आदान-प्रदान करने का भी प्रावधान है। इसके अंतर्गत निम्नांकित क्षेत्रों में सहयोग किया जायेगा : –
क) सिविल सेवा मामलों में अनुभव और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान। इसके अंतर्गत भर्ती एवं चयन, ज्ञानवान व्यक्तियों की सेवाओं और अधिकारियों एवं कर्मचारियों के व्यावसायिक कौशल में वृद्धि जैसे मामलों में सहयोग शामिल है।
ख) सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के इस्तेमाल में विशेषज्ञता का आदान-प्रदान, कंप्यूटर आधारित भर्ती परीक्षाएं, तेजी से परीक्षण के लिए एकल विंडो चयन प्रणाली आदि।
ग) प्रत्यायोजित अधिकारों के अंतर्गत विभिन्न पदों पर भर्ती में विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रक्रियाओं और प्रविधियों की जांच के लिए अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों में अनुभवों का आदान-प्रदान।
घ) रिकॉर्डों, भंडारों का डिजिटीकरण और ऐतिहासिक रिकॉर्डों को प्रदर्शित करना।
पृष्ठ भूमि
अतीत में यूपीएससी ने कनाडा और भूटान के लोक सेवा आयोगों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए थे।